ये कहानी सोनपुर नामक एक गांव की है। जब भी वहां शाम होती थी, तब शुरु होता था भूत वाली कार की कहानी, रानी नाम की एक लड़की अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरा कर के घर को लौटती है, रानी अपने गांव सोनपुर जाने केलिए बस पकर लेती है 🚎 बस खुली और चल परी सोनपुर की ओर, बहुत समय तक बस चलती रही 🚎🚎 रानी अपने चार बेस्ट फ्रेंड के साथ आ रही थी, उसमें तीन तो खुशबू, अलीशा, मोनिका थी और चौथा उसका बॉयफ्रेंड था lucky, Lucky रानी का कॉलेज फ्रेंड तो है ही लेकिन, वो एक जिम्मेदार लड़का भी है। बचपन में ही रानी और lucky की शादी तय हो गई थी।😍💕 Lucky और रानी एक दुसरे से बहुत प्यार करते थे। सभी बस में गप सप करते हुए जा ही रहे थे की अचानक से एक जोरदार आवाज के साथ धमाके हुई, सभी डर गए 😲🤔 ये क्या था? तभी बस रुक जाती है और बस की कॉन्टेक्टर बोलता है की जल्दी जल्दी उतरो सभी। बस की टायर आवाज की है लगता है बदलना होगा टायर। बस में बैठे सारे यात्री उतर जाते हैं, बस का कांटेक्टर बोलता है ये इलाका सही नहीं है आप सभी यात्री एकतरफ खरे रेहिये कोई भी इधर उधर नहीं जाइएगा। सभी एक तरफ साइड हो जाते है कॉन्टेक्टर् भी अपना काम करने में लग जाते हैं। तभी रानी की सहेली बोलती है क्यू ना थोड़ा आस पास की सैर किया जाए कॉलेज में तो घूमने का मौका नहीं मिलता था, लेकिन अब तो हम सभी आजाद है । चलो घूमते हैं। तो 5 यात्री बस कॉन्टेक्टर को बोलकर निकल परते है
कॉन्टेक्टर साहब के लाख समझाने के बावजूद, वे सभी नहीं मानते हैं। और रानी बोलती है यहां तो मेरा घर ही है मैं क्यूं डरूं हां 💪💪 फिर रानी, खुसबू अलीशा मोनिका और lucky निकल परते हैं।
अनलोगों को जंगलों में घूमने का शायद ज्यादा ही सौख था। क्यू कि सभी पूरे तैयारी के साथ आय थे कुछ के बैग में किताब के बदले रस्सी, टॉर्च, चाकू और। और भी हथियार जिससे जंगलों में जानवरों के हमले से खुद को बचाए जा सके, तो सभी बस से कुछ दूर तक चले जाते हैं। अचानक रानी को रोड के बगल मेंउन घनी जंगलों में कुछ दिखता है वो उसका पीछा करते करते अपने दोस्त की समूह से अलग हो जाती lucky रानी को खोजते खोजते वो भी अलग हो जाता है। अब खुशबू,अलीशा और मोनिका बचती है। ये तीनो डर जाते हैं। खुशबू को लगता है की ,lucky और रानी बस में होगी। तो तीनों ही बस की ओर बढ़ते हैं। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। बस तो कब का चली गई थी। और ये तीनों रस्ता भी भटक गए थे। अलीशा अपने हाथ घरी में समय देखती है तो ठीक 12बज चुके थे, अलीशा डर गई तीनों डर से बीच रोड पे आकर हेल्प हेल्प करके आवाज दे रही थी तभी एक कार आती है। तीनों उसमें बैठ जाते हैं। और बोलती है सोनपुर छोर पहुंचा दीजिए हम सभी रास्ता भटक गए हैं और बस छूट गई। तो उधर से कोई जवाब नहीं आता है। कार को चुप चाप आगे बढ़ाने लगती है। उस कार को एक लड़की चला रही थी। अलीशा पूछती है की दीदी ये बस कॉन्टेक्टर बता रहा था ये गांव बहुत ही खतरनाक है लेकिन हमे तो ऐसा कुछ भी नहीं दिखा। फिर भी उधर से कोई जवाब नहीं आता है। अब तीनों को डर लगने लगता है 😲🤯😳 फिर तीनों एक साथ बोलते हैं,कुछ तो बोलो दीदी। बस वो लड़की अपना सिर सीधे पीछे मोर देती है। कार आगे चला रही होती है और चेहरा इन तीनों की तरफ यह देख तीनों डरके मारे चिल्लाने लगते हैं बचाओ बचाओ.......😲😦 और वो लड़की गायब हो जाती है।और कार जाकर एक पेड़ से टकरा जाती है और तीनों की मौत हो जाती है। इधर lucky के बहुत खोजने के बाद उसे रानी मिलती है। Lucky और रानी तो मिल जाते हैं लेकिन अब वो अपने दोस्तों को खोजते खोजते वहीं उसी पेड़ के पास पहुंचते हैं। वहां कोई कार नहीं होता है सिर्फ तीनों की लाश पड़ी होती है। यह देख lucky और रानी बहुत रोते हैं।🥺😭🥺 सभी एक दुसरे को इसका जिम्मेदार मान रहे थे । रानी बोलती की ये सब मेरी वजह से हुआ है मै अगर साथ होती तो ये सब नहीं होता।😭😭😭🥺lucky खुद को दोषी ठहरा रहा था। की अगर मैं इन सबको नहीं छोड़ता तो शायद ये सब नहीं होता। 😭😭🥺🥺 दोनों बस रोए जा रहे थे रोए जा रहे थे....... तभी lucky बोलता है लेकीन इन सबको मारा किसने । रानी बोलती है हो न हो ये उसी भूत वाली कार का काम है। वो शाम होने के बाद ऐसे ही लोगों को जान लेती है। Lucky को विश्वाश नहीं होता है फीर रानी बोलती है पास में ही एक बाबा रहते हैं शायद वहां से कुछ पता चल सके। Lucky बोलता है ठीक है चालो ।। तभी रानी बोलती है कि एक दिक्कत है वो हमारे गांव के सबसे अंतिम मंदिर में रहते हैं। उसके लिये हमे किसी कार या बस की सहायता लेना होगा तो तभी एक हैरान करने वाली बात थी की फिर से वो कार अजाता है। लेकिन रानी और lucky चलाकी से वहां से भाग जाते हैं। Lucky बोलता है की अगर मौत को इयाद करने से वो आ सकती है तो नहीं
तो फीर बाबा क्यू नहीं आयेंगे दोनों भागते भागते बाबा को इयाद करते हैं।मन ही मन आवाज देते हैं बाबा बाबा बचाइए हमे मदद कीजिए,
तभी बाबा सामने प्रकट होते हैं। Lucky और रानी सारी बात बताते हैं। कैसे उसके दोस्त की जान ले ली। और अब उसके पीछे पड़ी है। तभी बाबा उस भूत वाली कार का रहस्य बताते हैं। की वो हर शाम से रात भर लोगों को लिफ्ट देती है।और ऐसे ही जान लेती है। इसका भी एक कारण है एक दिन वो भी मुसीबत में किसी से लिफ्ट मांगी थी लेकीन जिसने लिफ्ट दी उस कार का एक्सीडेंट हो गया था और तब से उसकी आत्मा उस कार में कैद है। अगर उससे छुटकारा पाना है तो उसे मुक्ती दिलानी होगी। फीर बाबा कुछ मंत्र का जाप करते हुए कुछ राख दिए और बोले तुम दोनो उसके कार में बैठना और उसके चेहरे पे ये राख छीट देना।वो तुम्हारा कुछ नहीं कर पाएगी फिर तुम दोनों कैसे भी उस कार को जला देना और कार के जलते ही उसे मुक्ती मिल जायेगी। रानी और lucky दोनो ने ठीक ऐसा ही किया जैसा कि बाबा बताए थे। वो दोनो कार में बैठते हैं और। पूछते हैं आप किधर जा रहे हैं। तब भी जवाब नहीं आता है। फिर रानी पूछती है। सोनपुर का अंतिम छोर कब आयेगा। तभी वो पहले जैसा पीछे मूर्ति है। बस दोनों बाबा की दी हुई भभुति उसके चेहरे पे मार देते हैं। जैसे ही वो मंत्र से जाप वाली राख परती है उसके चेहरे पे वो वहीं कैद हो जाती है कार भी रुक जाती है। दोनो मिलकर कार के तेल टंकी में आग लगा कर भाग जाते हैं और कार के साथ वो भी जल जाती है और इस तरह उसे मुक्ती मिल जाती है फीर ये दोनो अपने घर लौट जाते हैं।
To ye thi Bhoot wali car ka rahasya.
To doston kaisi lagi kahani.. agar pasand ayi to
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