Dard Dilo ke - 1 books and stories free download online pdf in Hindi

दर्द दिलों के - 1

आरवी अंधेरे कमरे में बैठी न जाने कहां खोई हुई है। उसकी आंखों से पानी की जगह मानो उसके सपने टूट कर बह रहे हो। तभी आवाज आती है.. आरवी दरवाजा खोलो। आरवी क्या हुआ यार .. आरवी तुम सुन रही हो .. अरे मैं हूं अरनव ।
आरवी अपने आसू पौंचती है और दरवाजा खोलती है..
अरनव: आरवी तुम ठीक हो ?
आरवी : हां ।
अरनव : कुछ हुआ है क्या?
आरवी : जो होना था वो तो हो गया अब कुछ फायदा है...
अरनव : यार तुम पहेलियां मत बुझाओ .. बोलो क्या हुआ है ..
आरवी : कुछ नही । मैं खाना लगा दूं।
अरनव : नही , मैं सोने जा रहा हूं तुम भी सो जाओ और अपना खयाल रखो ।
आरवी : तुम बदल गए हो। मुझे खुशी है इस बात की । हमारी किस्मत भी ....
अरनव: ( दुखी होते हुए) सो जाओ । Good night
आरवी : Good night
अरनव बेड पर जा कर लेट जाता है और आरवी भी वही दूर पड़े सोफे पे लेट जाती है और फिर अपने ख्यालों में खो जाती है और फिर उसकी आंखों में वही हताशा उभर आई है
(6 महीने पहले)

आरवी उठ जाओ बेटा । सूरज सिर पे आ गया है।आरवी उठ जाओ फिर लेट हो जाओगी।
बेटा उठ जाओ टाइम तो देख ईशा आती होगी ।
आरवी : ओहो ! मम्मी उठ गई बस। मुझसे ज्यादा तो आपको जल्दी होती है । बस 10 मिनट में तैयार होती हूं।
ईशा : आरवी आरवी जल्दी कर ।
आरवी : बस आ गई । अब चले ।
दोनो बस से जाते हुए
ईशा : आरवी तुझे पता है हमारे कॉलेज मैं यहां के एम एल ए का भाई पढ़ता है । सारे उसके बारे में बात करते है। सुना है काफी अमीर है । बड़ी बडी ओर महंगी cars से आता है।
आरवी : ओहो। ईशा बस भी कर । छोड़ उसको हमे उससे क्या लेना देना । पढ़ाई पे ध्यान दिया कर । हम लोग कितने लकी है न की इस कॉलेज में हमारी admisson हुई।
ईशा : ये कॉलेज के बाहर भीड़ क्यों लगी है ।
आरवी भीड़ को चीरते हुए आगे बढ़ती है तो वहां पर एक लड़का खड़ा होता है सबकी नजर उस पर होती है।
आरवी : ये कोन है ?
ईशा : वही जिसके बारे में बता रही थी।
आरवी देखती है की सारी लड़कियां लड़के उसे घेरे हुए खड़े होती है । सबकी आंखें उस पर होती है ।
दो लड़के जख्मी हालत में नीचे पड़े है उनके मुंह से खून निकल रहा है ।
आरवी ये देख कर डर जाती है ।
पीछे से आवाज आती है .. आरवी आरवी जान ..
आरवी पीछे घूमती है तो वहां पर तुषार खड़ा होता है ।
तुषार आरवी को हाथ पकड़ कर वहां से ले जाता है।
तुषार: तुम्हे वहां जाने की क्या जरूरत थी ।
आरवी तुषार को गले लगाती है और कहती है तुम ये बताओ तुम यहां कब आए ?
तुषार : surprise देना था तुम्हे l बताओ कैसा रहा surprise .
Aarvi : बहुत अच्छा ।
तुषार : I love you aarvi
आरवी: (सरमाते हुए) लव यू टू।
तुषार : शादी कब करोगी।
आरवी : अपने सपने पूरे करने के बाद।




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