Dard Dilo ke - 5 books and stories free download online pdf in Hindi दर्द दिलों के - 5 (2) 1.7k 3.4k आरवी शीशे के सामने बैठी हुई है और अपने ही ख्यालों में खोई हुई है। तभी ईशा वहां आती है और कहती है - आरवी बता न कोन से ईयरिंग पहनू। आरवी कोई जवाब नहीं देती है। ईशा उसके कंधे पर हाथ रखती है और कहती है - मैडम कहां खोई हुई हो ? आरवी चौंक के कहती है - कहीं नहीं। तू बता कब आई । ईशा कहती है - आरवी क्या हुआ ? तू ठीक है न। वैसे ठीक होगी भी कैसे तेरी जान तो कहीं और ही अटकी हुई है। क्यों सही कहा न ? आरवी उदास होकर कहती है - ऐसी बात नही है। मैं ठीक हूं । ईशा तभी मुस्करा के कहती है अच्छा ठीक है अब चले । लेट हो रहे है पार्टी के लिए । लेकिन पहले मैं तुझे काला टीका लगा देती हूं क्योंकि आज कुछ जायदा ही कहर ढा रही हैं। आरवी मुस्करा देती है और दोनों पार्टी में चले जाते है ..... ईशा are you sure यही पार्टी की जगह हैं। आरवी थोड़ी डरी हुई ईशा से पूछती है। अरे हां यार यही है मैंने दो दो बार चेक किया है तू tention मत ले। ईशा झट से उतर देती है। Ok but कुछ जायदा ही महंगी नी लग रही है। आरवी झिझक के कहती है.. Hmm वो तो है । ईशा भी आरवी की तरफ देखती है। तभी ईशान वहां आ जाता है और कहता है - आप दोनो को बाहर ही पार्टी करनी है कि अंदर भी जाना है। ईशा और आरवी उसे घूरते है और कहते है तुम तो अरनव के दोस्त हो न? ईशान भी मुस्करा के जवाब देता है जी हां पर अरनव के दोस्त के साथ मैं आप लोगो का senior भी हूं। अब चले अंदर बाकी बाते वहां कर लेना । Please.. ईशा और आरवी आपस में कुछ खुसर फुसर करते हैं और उससे कहते है की ठीक है हम चल रहे है पर अगर इस बार उसने कुछ किया तो हम पक्का उसकी शिकायत principal sir से कर देंगे । सीनियर है इसका मतलब ये नी की कुछ भी करेगा । और फिर दोनो अंदर चले जाते है। ईशान भी उनके पीछे पीछे अंदर चला जाता हैं।ईशा और आरवी क्लब की शानो शौकत देख कर हैरान हो जाते है । वहां सब enjoy कर रहे होते है। उन दोनो के लिए ये माहौल बहुत नया होता है वो दोनो ये सब कुछ देख कर बहुत खुश होती है। आरवी और ईशा एक जगह बैठ जाती है कि तभी ईशान वहां आ जाता है और कहता है क्या हुआ तुम दोनों यहां शांत क्यों बैठी हो? चलो जाओ तुम भी enjoy करो। तभी आरवी कहती है no thanks हम यही ठीक है और आपको हमारी इतनी फिक्र क्यों हो रही है? कोई planning है क्या तुम लोगो की ? अगर हैं न तो भूल जाओ वरना अच्छा नहीं होगा । Ok ईशान मुस्कुरा के कहता है - मैं मानता हूं कि मैं अरनव का दोस्त हूं और अरनव तुम्हें पसंद नहीं है। लेकिन ट्रस्ट करो वो दिल का बुरा नही है । उस दिन कुछ गलत फहमी हो गई थी । आरवी गुस्से से कहती है कोई गलतफहमी नहीं हुई थी । ईशान कहता है - ok ठीक है। अब गुस्सा मत करो । जा रहा हूं मैं । खुश । ईशान वहां से चला जाता है । दूसरी तरफ अरनव सनी को कहता है - वो आ गई है क्या ? सनी कहता है - आ गई है और जैसा तुमने कहा था वैसे सारी तैयारी भी कर ली है। Very good आज उसकी ऐसी insult करेंगे कि आज के बाद वो किसी के मामले में टांग नहीं अड़ाएगी । ‹ Previous Chapterदर्द दिलों के - 4 › Next Chapterदर्द दिलों के - 6 Download Our App More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Anki Follow Novel by Anki in Hindi Love Stories Total Episodes : 9 Share NEW REALESED Love Stories அருண் என் அனுபவங்கள் - 3 Ashok A Love Stories நினைக்காத நேரமேது - 28 EKAA SREE Love Stories நினைக்காத நேரமேது - 27 EKAA SREE Love Stories அருண் என் அனுபவங்கள் - 2 Ashok A Love Stories நினைக்காத நேரமேது - 26 EKAA SREE Love Stories அருண் என் அனுபவங்கள் - 1 Ashok A Love Stories நினைக்காத நேரமேது - 25 EKAA SREE Love Stories நினைக்காத நேரமேது - 24 EKAA SREE Love Stories நினைக்காத நேரமேது - 23 EKAA SREE Love Stories நினைக்காத நேரமேது - 22 EKAA SREE