somewhere sunny, somewhere shade books and stories free download online pdf in Hindi

कहीं धूप, कहीं छाव

1.
तुमको देखा बंद आँखों से दीदार को मन तड़पता है
मेरे मन मंदिर के देवता तुझे देखने को मन तरसता है

स्वप्न सजाए पलकों ने सांसों ने अभिनंदन किया
अधरों का पा स्पंदन फिर जीने को मन करता है

दिल से दिल का रिश्ता ऐसा तू साथी तू हमसाया
हर सांस पुकारे आँखों में डूबने को मन मचलता है

दिल पर कब्जा तुम्हारा हर सांस करे तुम्हारा वंदन
बाँहें तुझे पुकारे दिल में बसाकर क्योंकर छलता है

'साहिबा' की हर सांसें हर रोम रोम पर अधिकार तुम्हारा
स्वप्नों में हो या हकीकत में तेरा ही एहसास जगता

2.
तुम बिन जीना मुश्किल तन्हा
दर्द जुदाई सही ना जाए
पीउ पीउ रटते रैना बीते
दिन बिताया ना जाए

नैन थक गये राह देखकर
विरह में व्याकुल है सांसें
धड़कन ठहरी जाए
प्यासी अधरें बुलाए

प्यास बुझा जा इन लबों की
मिलन को तरसा जाए
जुल्मी ने ऐसी मारी नैन कटारी
मुख से निकले हाय

सैंया पुकारे बैंया हमारे
चैन कहीं ना आए
आ जा बलमुआ अंग लगा जा
काहे मुझे तड़पाए

रो रो पुकारे तेरी दिलरुबा
कैसी अगन लगाए
रोम रोम तेरा नाम पुकारे
दुखवा कौन मिटाए।

3.
मेरे हाथों की लकीरों में
तुम्हारा नाम न सही
पर दिल की हर
धड़कन में नाम है तेरा
पूछना कभी अपने दिल से
क्या कहती है धड़कन तेरी
जुबां से ना बोलो तो आँखे
बोल देती है दिल की बात
दिल में कितना भी छिपा लो
धड़कते दिल से निकलती है
जो आवाज उसे छिपाना
मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है
वो जज्बात वो एहसास जो
सदियों से एक दूजे के दिल में
बसा है ना तुम झूठला सकते हो
ना मैं छिपा सकती हूँ
दुनियां वालें प्रेम करने वाले पर
पाबंदिया लगा सकते हैं
पर उसके अंदर की मोहब्बत
को मिटा नहीं सकते
ये अमर है मरकर भी नहीं मिटती
जन्म जन्मांतर तक ये प्यास
यूं ही बनी रहती है
जब तक ना हो मिलन तलाश
बनी रहती है।

4.
प्रेम के इस नदी में उतरती गई
इतना डूब गई मैं डूबती ही गई
सांस सांसों के बंधन से ऐसा बँधा
कितना भी लहर आया मैं तैरती रही

हवा के थपेड़ों से मैं जुझती रही
फिर भी अपने दम पर खड़ी ही रही
कई कांटा मेरे राहों में आए मगर
हर कांटों से मैं खुद को बचाती रही

प्यार में खुशियां कम गम ज्यादा मिले
पर उस खुशी के लिए मैं मिटती रही
प्रियतम को माना है अपना खुदा
खुदा को पाने को मैं मचलती रही

प्रीत का बंधन ऐसा बंधा सारे बंधन
मुझसे जुदा हो गए
ये अलौकिक बंधन है सबसे जुदा
इसपर ही तो मैं मरती रही

प्यार में मुझे जीना आ गया
प्रेम पर मुझे मरना आ गया
मोहब्बत निभाने के लिए ही
मुझे जमाने से लड़ना आ गया

पर जुदा ना हो मेरा प्यार कभी
ईश्वर से हमने मांगा आशीष
हाथ खुदा का हमारे सर पर रहे
मेरे प्रियतम हमेशा मेरे साथ रहे !

5.
थमी-थमी सी ये हवा ये मौसमे बहार है
ये वादियाँ गवाह है मुझे उसी से प्यार है

न रोकना न टोकना कदम अगर बहक गये
ज़रा सम्भालना हमें चढ़ा अभी खुमार है

दवा दुआ न काम के न नींद है न चैन है
अजीब दर्द रोग का बढ़े चले बुख़ार है

पहुँच चुका रूह तक हुई ख़बर मुझे नहीं
सभी पहर उसी के अब बहार ही बहार है

उमंग है हुलास भी निशान लाल गाल भी
खिला हुआ गुलाब आज शबनमी फुहार है

मची हुई खलबली लहर उठी शबो -सहर
मिले कहाँ वो हमनसीं न चैन है क़रार है

दिलों के बीच फासले मिटे तो अजब हुआ
नजर तलाशते अभी उसी का इंतज़ार है

सियासतें करें सभी फरक नहीं मुझे कभी
निसार ज़िंदगी सीमा न खुद पे इख़्तियार है