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अचानक

अचानक .…

इतवार का दिन था, तडके सुबह ही मारिया जग गयी |

इसके लिये उसे अलार्म लगाना पडता था ..उसके बिना उसकी निंद खुलती कहां थी ?

हर इतवार सुबह चर्च जाकर प्रार्थना करना वो कभी भी नही टालती थी |

बहोत सुकून मिलता था उसको चर्च मे |

नहाकर उसने जीन्स और टोप पेहेन बाल एक पिन मे गुंथ लिये और व अपनी रुम से बाहर निकली|मम्मी मै चलती हुं, ग्यारह बजे तक आ जाउंगी, मेरे लिये नाश्ता बचाकर रखना|‘कोई बात नही बेटा ..आरामसे आ जाओ और नाश्ता तुमको छोडकर कही नही जायेगा ..”

मम्मी की तरफ देखकर मारिया हस दि और अपने चप्पल पेहेन कर निकाल गयी |मम्मी ने प्यार से बेटी की तरफ देखा ..उसके मनमे आया ..कितनी खुबसुरत ही मेरी बेटी हर वक्त मुझे उसीकी चिंता लगी रेहेती है..और क्यो ना हो एक ही तो बेटी है.उसके पिता को गुजरे कीतने साल हुवे तबसे मारिया ही उसकी “आख का तारा “थी |वैसे उसके पिताजी काफी पैसा छोड गये थे इसलिये गुजारीश की कोई चिंता नही थी |मारिया ने अब कॉलेज पास किया है तो कोई अच्छा सा लडका मिले तो उसकी शादी बना देंगे |जिझस से यही तो मांग रही हु |इन्ही खयालोके साथ मा काम मे जूट गयी |सचमे मारिया एक बहोत ही सुंदर और सुशील लडकी थी |अपने काम से काम रखने वाली, नेक और सत्शील |दो चार दोस्त और सहेलीया थी उसकी उनके साथ कभी गप शप, कभी घुमना होता था |उसे कॉम्पुटर मे बहोत “रुची “थी, आजकाल वो animation का नया कोर्स सिख रही थी |चार महिने का कोर्स था, उसके बाद शायद कही उस तरह का काम मिलने की भी संभावना थी |आजकल उसी क्लास मे जॉनी से उसकी मुलाकात हुई थी, जो उसके टीचर थे |थोडे दिनोके बाद मुलाकात दोस्ती की तरफ बढने लगी |पेहेले पेहेले वो उसको सर बुलाती थी मगर बादमे उसीने मारिया को समझाया की उसे जॉनी बुलाने मे कोई दिक्कत ना हो क्योकी अब तो वो अच्छे दोस्त बन चुके है|आज कल मारिया को समझ आ रहा था की जॉनी उसके लिये हर इतवार को प्रार्थना के लिये चर्च भी आ रहा था |बडा अच्छा लगता था मारीयाको क्योकी पेहेले तो वो प्रार्थना या चर्च मे नही आता था |लेकीन मारिया की वजह से उसकी मानो “सोच “बदल गयी थी |अभी भी मारिया चर्च पहुची तो जॉनी गेट पर खडा था |“ हाय मारिया गुड मोर्निंग ..कबसे खडा हु मै तुम्हारे इंतजार मे ““हा बाबा जानती हु मेरे लिये ही जल्दी उठकर आते हो, लेकीन तुम्हे पता है ना मुझे तय्यार होते थोडी देर लगती है|“तुम्हे तय्यार होने की जरुरत क्या है ?तुम खुद जीझस का “नायाब “तोहफा हो ““चलो अब मेरी तारीफ के पूल छोडो और अंदर चलो ..”दोनो अंदर चले गये और चर्च के बेंच पर बैठ गये |चर्च मे बहोतही अच्छा लग रहा था | मोमबत्तीया जल रही थी |बडा ही सुकून था |मानो खुद येशू यही आसपास है|जैसे ही फादर चर्च के अंदर दाखील हो गये सब लोग उठ के खडे हुवे|फादर के आदेश के बाद सबने प्रेयर शुरू कर दि|मारिया ने भी आंखे बंद कर ली.... प्रेयर के लिये ||उसके पिताजी गुजर गये तो वो एकदम छोटी थी |उसको कुछ याद ही नही था ..तबसे वो येशु को अपना पिता मानती थी |अपने दिल की बाते उसीसे मनही मन शेअर करती थी |आज भी प्रार्थना के बाद वो मनही मन येशु से बतीयाने लगी |उसे जॉनी बहोत पसंद है ये इकरार भी करने लगी | अभीतक जॉनी ने उसे प्रपोज नही किया था |लेकीन वो जानती थी की वो दिन अब पास ही है..|जैसे प्रेयर खतम हुई, सब लोग बाहर निकलने लगे |बाहर आतेही जॉनी ने उसका हाथ थाम लिया और बोला, “मारिया चलो कही कॉफी पीने चलते है,मुझे बात करनी है तुम्हारे साथ,”“अरे अभी कैसे आ सकती हु ?मम्मी घरमे नाश्ते के लिये मेरा वेट कर रही हैपता है न तुम्हे वो मेरे बगैर नही खायेगी ““वो सब पता है मुझे लेकीन फिलहाल उसको फोन पर बताओ तुम नही आ रही क्योकी मेरा काम बहोत अर्जंट है”|मारिया जान गयी क्या बात होगी ..अचानक उसका दिल धडकने लगा |उसने माँ को फोन करके देरसे आनेके बारेमे बोल दिया |हॉटेल मे जैसे ही कॉफी और ब्रेकफास्ट आया ..खानेसे पेहेले जॉन ने उसका हाथ पकड लीया और अपने प्यार का इजहार किया |मारिया शरमा गयी, वैसे तो उसको पता था फिर भी ऐन मोके पर वो सहम सी गयी |फिर जॉनी ने बताया अब अगली बार जब गोवा जाउंगा तब घरवालो को बताकर उनकी सहमती जरूर लेगा |मै जानना चाहता हुं तुम्हारी राय ...क्या तुम्हे भी मेरा प्यार स्वीकार है?अब मारिया ने उसकी आखोमे आखे डालकर उसको बोल दिया की वो भी उसको पसंद करती है|दोनो बहोत ही खुश थे ..नाश्ता बिना खाये ही पेट भर गया |मारिया ने जॉनी को बताया की वो भी आज ही इस बारेमे मां को बतायेगी ..अब दोनो शामको मिलने का वादा करके एक दुसरे से विदा हो गये |जैसे ही मारिया घर पहुची माँ के सवाल जवाब शुरू हो गये |उसने माँ को सब बता दिया ..जो जो सुबह से हुआ था |माँ भी खूष हो गयी, बेटी की “पसंद “उसको भी पसंद आ गयी थी |मानो उसकी सब चिन्ताए मिट गयी ..जिझस की फोटो देखकर उसने क्रोस कर दिया |मारिया ने भी मन ही मन जिझस का शुक्रिया करके उसके सामने एक मोमबत्त्ती जलाई |दोपहर को माँ ने खाने मे फिश करी राईस बनाया था ..जो मारिया की खास पसंद थी |दोनो माँ बेटीने जमकर खाना खाया बादमे मारिया ने आईस क्रीम लाया था वो भी खाया |अब माँ आराम फर्माने लगी ..मारिया भी जॉनी से बाते करने के लिये अपने रूम मे चली गयी |पेट भर बाते करने के बाद उसके हाथ से फोन कब गिर गया और कब वो सो गयी उसे पता नही चला ..|जब उसकी आख खुल गयी ...उसे चक्कर से आने लगा था .और उलटी आ रही थी ..वो जल्दी से बेसिन की तरफ भाग गयी |और उलटी करने लगी |अचानक ये देखकर माँ भी दौड के आ गयी उसके पीछे “क्या हुआ बेटी ..पेट अचानक खराब हो गया क्या ?“पता नही मम्मी मगर दोपहर का खाना सब बाहर आ गया |शायद फिश अच्छी नही होगी या उसपर आईक्रीम खाया इसलिये हुआ होगा |ठीक ही बेटा आराम करो मै तुझको दवा देती हुं ...थोडी कॉफी पी ले और आराम कर जा |मारिया अंदर जाकर फिरसे सो गयी |शाम को जॉनी से मिलना था मगर उसको इतना वीकनेस आया की उसने जॉनी को बोल दिया की वो नही आ पायेगी |जॉनी बोला,”डार्लिंग कोई बात नही आराम करो कल मिलते है|दो तीन दिन हुये फिर भी मारिया का विकनेस कम नही हो रहा था |खाना भी हजम नही हो रहा था ..क्लास जाना भी बंद था |बिस्तर से उठने की शक्ती नही रही थी |लगातार दो तीन दिन जॉनी भी आकर उसे मिलकर जाता था |बादमे एक दिन माँ उसे लेकर उनके फ्यामिली डॉक्टर के यहां चली गयी |उन्होने मारिया को चेक किया बोले “कोई वायरल इन्फेक्शन होगा “ठीक हो जायेगी, दवा ठीकसे दिलाना |दुसरे दिन से मारिया की हालत और भी बिगड गयी |अब तो उसको खाना क्या पानी भी नही हजम नही हो रहा था |डॉक्टर की दवाई तो जो की त्यो रह गयी|अब माँ की चिंता बढने लगी, उसने सोच लिया अब मारिया को किसी बडे अस्पताल मे ले जाना चाहीये|जॉनी भी तब तक साथ था मगर अचानक उसे भी पंद्रह दिनो के लिये काम के वास्ते दिल्ली जाना पडा |“मै वापस आऊंगा तब तक तु एकदम पेहेले जैसी चाहिये मुझे ..समझी ना ?”मारिया पर झूठ मुठ का गुस्सा दिखाकर जॉनी बोला |मारिया ने हसकर उसको ठीक होनेका प्रॉमिस किया |दुसरे दिन पडोस के लोगोको लेकर माँ उसे अस्पताल लेके गयी |और फिर मारिया के टेस्ट शुरू हो गये |तीन चार दिनो बाद रिपोर्ट आने वाले थे लेकीन मारिया की तबियत और भी बिगड रही थी |आखिर रिपोर्ट आ गये और जो कभी सोचा नही था वो हो गया |मारिया को ब्लड क्यान्सर था ..अब शायद वो चंद महिनो की मेहेमान थी |रिपोर्ट सुनकर माँ के पैरो तले मानो जमीन हि खिसक गयी |आखोके सामने अंधेरा सा छा गया |लेकीन अब इस कठीनाई का सामना तो करना होगा |पेहेले तो ये बात मारिया के कानो तक नही जानी चाहिये ..और दुसरी बात जितना भी उसकी जिंदगीका समय बचा है वो ख़ुशी ख़ुशी बीतना चाहिये |माँ ने अपने आसू निगल दिये ..मनही मन जिझस से शक्ती मांगने लगी सब सहन करने की ..|एक दो दिन बाद मारिया को सुप पिलाते समय वो बोली “बेटा अभी दो दिन बाद हम घर जायेंगे अब नयी दवाओके साथ तुम बिल्कुल ठीक हो जाओगी |मारिया ने एक सेकंद के लिये माँ की आखोमे देखा |“माँ कमसे कम अपनी बेटी के साथ तो झूठ मत बोलो |मुझे सब पता है और अब मेरी जिंदगी कितनी बची है..अब ये सब मुझे कैसे पता चला ये मत पुछ|ये सुनते ही माँ का बान्ध टूट गया वो मारिया के गले मिलकर रोने लगी “माँ अब रोना बंद करो जो है मुझे भुगतना होगा ..|इतनी छोटी बेटी का इतना धैर्य देखकर माँ चकित रह गयी |फिर एक दो दिनो बाद दोनो ने एक दुसरे को सांभाल लिया |इसी बीच जॉनी के फोन आते रहे लेकीन माँ ने अभी वो सोयी है..अभी डॉक्टर का राऊंड चल रहा ही केहेकर टाल दिया था |अब वो मारिया डिस्चार्ज लेके घर आ गयी |आते ही जिझस के पास मोमबत्ती लगाकर माँ, बेटी ने उसके पास धैर्य, शांती, और सहनशक्ती की मांग की |अब मारिया बोली “माँ मेरी इस बिमारी की बारे मे जॉनी को कुछ पता नही चलना नही चाहिये |उसके लिये क्या करना है ये तुम देखो, मगर अब उसका सामना मै नही कर सकुंगी |”माँ चुप रही क्या करती बेचारी ?आखिर वो दिन आ गया जिसका उन दोनो को सामना करना था सुबह ही जॉनी घरमे आकर दाखील हो गया |आतेही शुरू हुआ .”मम्मी कहा है मारिया ? मेरा फोन क्यो नही ले रही ?अब कैसी ही उसकी तबियत ?“अरे बेटा बैठो, कब आये दिल्ली से ? कॉफी बनाऊ या चाय ?”“मम्मी मुझे कुछ नही चाहीये I want to meet may dear MARIYA only …”बैठो बेटा एक खुशखबरी है अपनी मारिया की म्यारेज फिक्स हुई है..|क्या ?ममी आप क्या बात कर रही है??“हा चरज तो होगा तुमको मगर सब अचानक जल्दी जल्दी से हो गया ..लास्ट विक उसके भाईका दोस्त आया था अमरिका से उसे मारिया बहोत पसंद आ गयी |उसने प्रपोज किया तो मारिया भी मान गयी |आय टी इंडस्ट्री मे बडी पोस्ट है उसकी वहा और फ्यामिली भी अच्छी है हमारी पेहेचान वाली ““ये क्या बात हुई मम्मी, मैने उसको प्रपोज किया था और उसने हा भी बोल दिया था ..”जजबात मे आकर वो कुछ बोली होगी बादमे शायद गलत लगा होगा और शादीके फैसले जल्दबाजीमे थोडे किये जा सकते है?“नही मम्मी ऐसा नही हो सकता |वो ऐसे कैसे कर सकती है ?कहा है वो ..? मुझे मिलना है उसे अभी इसी वक्त ..”जॉनी बोला वो तो अपने होने वाले हजबंड के साथ शॉपिंग गयी है|“ठीक है मै बादमे बात करुंगा उससें और क्लीअर करुंगा सब “उसकी कोई जरुरत नही बेटा ...उसीने मेसेज दिया है वो अब तुम्हे नही मिलना चाहती अपनी नयी जिंदगीमे बहोत खुश है वो |उसे अब डीस्टर्ब मत करो |अब जॉनी के पास बोलने जैसे कुछ नही रहा ..गुस्सेसे तमतमाता वो बाहर चला गया धडाम से दरवाजा धडका दिया और निकल गया ..|इधर अंदर बेडरूम मे मारिया का रो रो के बुरा हाल हुआ था ..उसका मन करता था बाहर जाकर सच्ची बात बताये ...मगर वो जॉनी का दुख नही सह सकती थी |माँ अंदर आई और उसने मारिया को गले लगाया .. माँ बेटी फुट फुट कर रो पडीखिडकीसे दोनो देख रही थी ..जॉनी दूर दूर जा रहा था बहोत बहोत दूर ...|उसकी जिंदगी मे आये हुवे एक “अचानक “ पल ने सब बिगाड दिया था |

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