Ab nahi sahungi - 8 books and stories free download online pdf in Hindi

अब नहीं सहुंगी...भाग 8

अनुज ने शैली को फोन में एक वीडियो क्लिप दिखाई जिसे देख शैली के होश उड़ गए! क्लिप में उस रात के वो सीन थे जब जॉन शैली के साथ हवस का नंगा नाच खेल रहा था शैली ये सब देख के जैसे की तेसी रह गई!

 उसके मुंह में जैसे ज़ुबान ही नहीं थी! आंखो से बस झार-झार आंसू बहै जा रहे थे जिस्म जैसे ठंडा पड़ गया !

ओर हाथ पैर कांप ने लगे !चेयर पे बैठी की बैठी रही काफी देर तक  अनुज उसको धमकाता रहा !

"तू ने अगर मुंह खोला या जॉब छोड़ ने का सोचा भी तो तू कहीं की नहीं रहेगी! सोशल मीडिया पे डाल दुगा !अब तू सोच तूझे करना क्या है ?चुप चाप मेरी बात मानती जा..! नहीं तो वो सब होगा जिसका अंदाज़ा भी नहीं लगा सकती समझी?

 शैली जैसे बेजान लाश की तरह सारी बाते सुनती रही! और  करती भी क्या?

 इतना बड़ा धोका हुआ था उसके साथ! वो खुद को कैसे संभालती ?

उसे तो कुछ सूझ  ही नहीं थी !बस एक टूक नजर थी उसकी  (इस वक़्त जो शैली का हाल है वो हम महिलाएं बहुत अच्छी तरह समझ सकते है क्यूकि कहीं ना कहीं कोई महिला ऐसे लोगो में फस जाती है कुछ चुप रह कर सहती है कुछ इसका विरोध करती है) 

शैली उन महिलाओं में से एक है जिसमें डर ज्यादा ओर हौसला बिल्कुल नहीं था अब शैली कुछ देर बाद अपने होश में आई ! अनुज ने कहा !

अब क्या फैसला है मुझे बता के जाओ! मेरी बात मानना है या फेमस होना है? शैली ने हाथ जोड़कर कहा!

 अनुज सर मेरे साथ ऐसा क्यू किया अपने ?

अनुज बोला !

एक रात की बात थी! जॉन कि बात चुप चाप मान लेती तो में ये सब नहीं करता !लेकिन तू खुद को ज्यादा स्मार्ट समझती है! तेरे साथ ये करना पडा ,क्यू कि मेरा काम ऐसे ही बनता है! जिसकी जो डिमांड उसे पूरी करनी होती है ! ये बिजनेस है इसमें सब चलता है !हमें क्लाइंट की डिमांड पूरी करनी पड़ती है !अब तुम्हें सोचना है! तुम जॉब छोड़ना चाहती हो या मेरी बात मानोगि ?

शैली ने कहा!

 मैं यह सब नहीं कर सकती !मुझसे नहीं होगा!

 अनुज बोला !

जाओ जॉब छोड़ दो !अपनी बर्बादी का तमाशा देखो!

 तभी शैली ने कहा!

 प्लीज़ ऐसा मत करो, में आपकी बात मानने को तैयार हूं !

अनुज ने कहा!

 ओके अब घर जाओ ओर आराम करो क्यू की कल हमे एक मीटिंग अटेंड करने जाना है!

 शैली रोती हुई ऑफिस से बाहर आई! ओर सोचने लगी !अब मेरे पास कोई रास्ता नही है! ओर कुछ दूर चलने के बाद उसे एक ब्रिज दिखाई दिया !

एक पल में उसने सोच लिया की उसे अपनी जान देनी है आगे बढ कर उसने 

आत्मा आत्महत्या करना का सोचा! फिर उसे अपनी फैमिली का खयाल आया ! 

उसने सोचा!

 मेने अपनी जान दे दी तो उनको कोन सभालेगा! मेरे सिवा उनका का कोई नहीं !उनको इस तरह मरने के लिए नहीं छोड़ सकती !में तो बर्बाद हो ही चुकी हूं !उनको बर्बाद नहीं होने दे सकती! यही सब सोच के वो मर भी नहीं पाई ! ओर वहीं एक कोने में बैठ कर रोती रही! बस रोती रही!

 करती भी तो क्या उसके सिवा उसकी फैमिली का कोई ओर सहारा भी नहीं था! अब शैली ने मन बना लिया था कि अब चाहे अनुज सर कुछ भी करने का बोले उसे करना है! उसने खुद को उस नरक में झोंकने का सोच लिया!

 ओर अपने आंसू पोछते हुए घर आ गई! शैली ने हिम्मत रखते हुए कहा!

 मां चलो हटो आज खाना में बनाती हू! अपने आंसू ओर दर्द को जैसे पी रही थी! अंदर ही अंदर घुट रही थी! लेकिन किसी को अपनी तकलीफ़ का अंदाज़ा भी ना होने दिया!

 मां बाप के सामने खुश होने का नाटक करती रही! 

दूसरे दिन ऑफिस आई तो अनुज उसे बड़ी गोर से देख रहा था ,कि शैली आज अपने काम अच्छे से किए जा रही है ! उसकी कल जो हालत थी उसे देख के लगता नहीं था मेरी बात आसानी से मानेगी!

 मीटिंग का टाइम हो गया था शैली ने फ़ाइल उठातेे हुए कहा !

चलिए सर कहा जाना है ?अनुज बोला आज की मीटिंग कैंसिल होगी है वो बाद में कॉल कर के टाइम देते है! इतना सुनकर शैली को लगा अच्छा हुआ लेकिन अनुज के अंदर का जानवर आज शैली को देख जाग गया था ! 

अनुज बोला! आज हम लंच टाइम में बाहर जाने वाले है! किसी काम से ओर वो शैली को साथ ले गया होटल रूम में! शैली अब सब समझ गई थी लकिन अब उसके पास अनुज की बात मानना उनकी मजबूरी थी ! ओर होटल रूम में अनुज ने शैली के साथ बार बार सेक्स किया! ओर उसका तब भी दिल नहीं भरा तो बोला! 

शैली रोज़ मुझे ऐसे ही खुश करती रहना तुम्हारे लिए अच्छा रहेगा!

 शैली चुप कर के अपनी तबाही पे रोती रही !ओर वो जानवर अपनी जुठी मर्दानगी दिखता रहा ! कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा ! एक दिन उस ऑफिस में एक लड़की जॉब के लिए आई !

ये तो अच्छा था कि अनुज नहीं था उस दिन किसी काम से बाहर गया था! वो लड़की जो जॉब के लिए आई है शैली से मिली!

 शैली ने उसे पूछा आपको कौन यहां लाया है ?उसने बताया कि उसे कोई लाया नहीं वो खुद ही जॉब के लिए परेशान थी तो आ गई !शैली ने यहा वहा देखते हुए कहा यहां कोई जॉब नहीं है! अभी जब ज़रूरत होगी तो कॉल करती हूं !

क्यू की शैली नहीं चाहती थी कि मजबूरी का अब कोई ओर शिकार बने! उसने बहुत समझदारी से उस लड़की को वापस कर दिया था! इस बात की किसी को कोई भनक नहीं थी! कुछ देर में अनुज आया और कहा !

शाम 6 बजे मीटिंग है ! हमें जाना है! ओके  बोलते हुए शैली अपना काम करती रही!

 शाम को मीटिंग के लिए निकले ओर वहा काफी हाउस में मीटिंग चली! जिसके साथ मीटिंग थी वो बहुत ही हैंडसम लड़का था! ओर काफी समझदार भी लेकिन शैली को तो एक ही डर था कि कहीं ये भी वैसी ही डील ना समझ लें ! वो शैली के काम से काफी खुश था शैली ने अपनी presentation बहुत अच्छी तरीके से दी ,जिसे वो शैली से इंप्रेस हुआ! उसने अपना काम खत्म किया, ओर कहा !

अब हम चलते है बहुत जल्द मिलते है! शैली को देख कर मुस्कुराया ओर बोला!

 गुड जॉब मिस शैली उसे लग रहा था सब एक जैसे होते है लेकीन सुमित उन लोगों में से नहीं था!  वो अपने आस पास काम कर रहे लोगो को रिस्पेक्ट देना बाखूबी समझता था! ओर उनके काम की कद्र भी करता था !तभी अनुज बोला !

सुमित अरोरा ये सिर्फ ओर सिर्फ अपने काम पे नजर रखता है! लड़कियों पे नहीं अब ये लोग वहां से निकल गए! ओर अनुज ने कहीं साइड में गाड़ी रोकी!

शैली से कहा !

आज अपने घर कॉल कर के  बोलो! ऑफिस में काम ज्यादा है आज लेट आउंगी!

 शैली ने कहा! 

"प्लीज़ सर घर जाने दो मुझे! लेकिन अनुज उन लोगों में से था जिनके सिर पे हर टाइम हेवानियत सवार रहती है! वो नहीं माना !

 उसे अपने साथ लेकर चला गया! अपनी हवस मिटाने !

करीब रात 10 बजेवो शैली को घर छोड़ने आया!

 शैली जैसी मिडिल क्लास लोगो की कॉलोनी में बड़ी सी गाड़ी आ जाए तो शोर मच जाता है ! जब शैली गाड़ी से उतरी उस वक़्त उसके मोहल्ले के लोगो ने उसे देखा ! 

गाड़ी तो ठीक है लेकिन इतनी रात में शैली एक लड़के के साथ आई है ,तो मोहले में हलचल मच गई ! जैसे तैसे रात गुजर गई ! सुबह होते ही मोहले कि 4 , 6 महिलाएं शैली के घर के बाहर खड़ी बाते कर रही थी! उसी वक़्त शैली का वहां से निकलना  हुआ! शैली को सुना के बाते करने लगी! आजकल की लड़कियां जॉब के बहाने बड़े घर के लड़कों को फसाती है! ओर बड़ी बड़ी गाडियों में रात रात भर घूमती है ! किसे पता अंदर ही अंदर क्या क्या चलता होगा ? "छी" अपना मुंह काला करती फिरती है ! 

क्या ज़माना आ गया?"

 शैली ये सब सून के रोती हुई वह से चुप चाप निकल आई !क्यू की उसे भी इस बात का डर है !अगर घर में ये सब पता चल गया तो पिता जी ओर मां तो बे मौत मर जाएगे !शैली खुद में ही शर्मिंदा होते हुए निकल गई ! उसके जाते ही नूर ने ये सब जब सुना तो वो घर आई! ओर उसने पूछा !

मां रात शैली किसके साथ घर आई थी! सुधा ने कहा! उसके सर उसे छोड़ कर गए !

रात ज्यादा हो गई थी ,ओर देखा लोग केैसी कैसी बाते बना रहे है? नूर को कुछ अजीब सा लगा उसने सोचा वो शैली से बात करेगी ।



नूर शैली से बात कर पाएगी? शैली की लाइफ में चल क्या रहा है ?शैली नूर को सच बोलेगी ?


(क्रमशः)