Ab Nhi Sahugi - 9 books and stories free download online pdf in Hindi

अब नहीं सहुंगी...भाग 9

नूर ने ये सब जब सुना तो वो घर आई ओर उसने पूछा मां रात शैली किसके साथ घर आई थी सुधा ने कहा उसके सर उसे छोड़ कर गए रात ज़दा होगी थी ओर देखना लोग केैसी कैसी बाते बना रहे है नूर को कुछ अजीब सा लगा उसने सोचा वो शैली से बात करेगी । अब आगे..!

भाग 9
शैली जब शाम 6 बजे घर आई!
मां को बोला!
" मां एक कप चाय बना दो ,सिर में बहुत दर्द है!
सुधा ने कहा!
" तू लेट जा, में चाय लाती हूं !"
तबी नूर आई और बोली!
" मां में भी हूं मेरे लिए भी !
सुधा मुस्कुराते हुए बोली !
"हा बेटा तेरे लिए भी लाती हूं!
नूर शैली के रूम में गई !शैली आराम कर रही थी ! उसे देख नूर ने पूछा !
"क्या हुए तबियत तो ठीक है ना?
शैली ने कहा हा ! में ठीक हूं बस सिर में दर्द है !
नूर ने कहा !
"चल आ में चम्पी कर देती हूं तुम्हे अच्छा लगेगा!"
शैली ने मना करते हुए कहा!
" नहीं तू बस यह बैठ मेरे पास !
नूर ने सुना नहीं ओर उसके सिर पर तेल मालिश करते हुए बातो बातो में कहा!
" शैली तू कुछ दिन से मुझे ठीक नहीं लग रही! कोई प्रॉब्लम है तो बोलना हम मिल कर उसे सोल्व करेगे !
शैली मुस्कुराते हुआ बोली !
नहीं पागल तू मेरी ज़्यादा फिक्र करती है इसलिए तुझे ऐसा लगता है!
नूर ने कहा!
" पक्का बस यही बात है ? देख आज तक हम दोनों ने सारी बाते एक दूसरे से कभी नहीं छुपाई, अगर कोई ऐसी बात है जिसे तू अकेले ही झेल रही हैं तो ऐसा मत कर मुझे बोल !
शैली ने उसकी किसी बात पे रिएक्ट नहीं किया ! बस यही बोलती रही !
"ऐसा कुछ भी नहीं , सब ठीक है ! बस ऑफिस में काम ज़्यादा होता है तो थक जाती हूं , इसलिए तुझे भी नहीं मिलने आती!" नूर तुझे ऐसा ही लगता होगा ना की में तुझसे मिलने नहीं आती? तभी इतना सोच लिया पागल !
नूर बोली!
" नहीं शैली में समझती हूं तेरी मुश्किलों को, मुझे कोई शिकायत नहीं तुझसे !
सुधा चाय लेकर आई , कहा!
" लो अब जल्दी से दोनो चाय पी लो!"
नूर को शैली की बातो पे यकीन नहीं हुआ, उसे अभी ऐसा लग रहा था कि कुछ तो बात है जो शैली को अंदर से कमजोर कर रही है! जिससे वो टूटती जा रही हैं।
नूर ने कहा !
हार मानने वाली नही थी, उसने ठान लिया था !वो ये सब जान के ही रहेगी! शैली को ऐसे अकेला नहीं छोड़ सकती!
दोनो चाय पीते पीते बाते करती रही ! बातो बातों में नूर ने कहा !
"अच्छा शैली मेरा एक काम करेगी?
" हा बोलना क्या काम है ?"
नूर बोली!
" मुझे तेरे ऑफिस में जॉब दिलादे! हम दोनों साथ में ही काम करेगे!
शैली ने एक दम ही नूर को मना किया!
" नही तू उस ऑफिस में काम नहीं कर सकती!"
नूर ने उसे ओर उकसाते हुआ कहा!
" अच्छा बेटा , तू नहीं चाहती कि में भी तेरे जैसे बड़े ऑफिस में काम करू..? तेरे जैसे बड़े बड़े लोगो से मिलू ? तू.. ना बस अपना ही सोचती है !'
शैली बोली!
" नूर तू आजके बाद मेरे ऑफिस में जॉब करने की बात नहीं करेगी, जब में किसी दूसरी लड़की को उस ऑफिस में काम करने नहीं देना चाहती तो तू मेरी जान है ! पागल में तुझे कैसे जान बूझ कर उस नरक में झोंकु..?
इतना बोलते ही शैली चुप हो कर बैठ गई! और सेहम गई!
नूर अब कुछ बाते समझ गई थी! उसने शैली को दोनो हाथो से पड़क कर अपने सामने खड़ा किया!
ओर बोली!
" शैली तुझे मेरी कसम है! आज तुझे सच बताना होगा! आखिर ऐसा क्या हुआ है तेरे साथ जो तू किसी ओर लड़की के साथ होने नहीं दे सकती ?"
उसने कहा!
" नूर ऐसा कुछ नहीं हुआ ! बस में ऐसे ही बोल रही हूं!
नूर बोली!
" तू इतनी बदल गई है की मेरी दी गई कसम के बाद भी झूठ ही बोलेगी?
शैली एक बार सच बोल कर देख कैसे भी हो..! कुछ भी हो में तेरे साथ हमेशा हूं ..! तू बोल बस..! सच बोल..!
शैली अभी भी बाते बना रही थी! तभी नूर ने कहा!
" ठीक है तू सच मत बोल ! में खुद ही सच का पता लगा लूगी!
इतना बोल के नूर जाने लगी ! शैली ने उसे बहुत रोकना चाहा लेकिन वो नहीं मानी!
शैली बहुत परेशान थी कि नूर अब ऐसा क्या करने वाली है जिससे उसे सच पता चलेगा...?
शैली रात भर सो नहीं पाई थी ! फिक्र में नींद नहीं आई!
सुबह शैली ऑफिस के लिए निकली! जब ऑफिस आई अपने काम में बिज़ी थी ! कुछ टाइम बाद क्लार्क अंदर आया! ओर बोला!
"सर आप से मिलने कोई आया है !अनुज ने कहा अंदर भेज दो जैसे ही केबिन का दरवाज़ा खोला! शैली की आंखे फटी की फटी रहे गई! क्यू की शैली सोच भी नहीं सकती थी कि नूर इस हद तक जा सकती है सच जानने के लिए !
अब नूर केबिन में आ चुकी थी !ओर शैली उसे देख अपनी सीट से उठ खड़ी हुई ! लेकिन वो अनुज के सामने कुछ बोलना नहीं चाहती थी !
अनुज ने नूर को देखा तो वो उसकी सादगी का दीवाना हो गया! जैसे ही नूर ने कहा !
"हेलो सर आई एम नूर सिद्दीकी ..!
अनुज ने नूर को कहा!
" जैसा नाम वैसी ब्यूटी..! अनुज ने नूर को बैठने को कहा !
और कहा!
" बोलो !
नूर ने बोला!
"सर मुझे जॉब की तलाश है में बहुत परेशान हू !मेरी फैमिली को सपोर्ट करना है !बहुत मुश्किले है घर में !
अनुज सून कर खुश था कि उसे एक ओर शिकार मिल गया!
तभी शैली बोली !
"सर हमारे ऑफिस में कोई जगह नहीं है अभी इसे कैसे जॉब दे सकते है !
अनुज ने शैली की और गुस्से से देखा ! कहा !
"ऑफिस मेरा है में जिसे चाहूं कहा चाहूं रखु तुम कौन होती हो मुझे बताने वाली ?
शैली चुप रह गई !
नूर अनुज पर गुस्सा आ रह था कि वो शैली से इस तरह का सलूक करता है लेकिन नूर कुछ कर नहीं सकती थी!
तभी नूर ने कहा!
" सर अगर नहीं है कोई काम मेरे लिए तो कोई बात नहीं में कहीं ओर देखती हूं !
अनुज बोला!
" नहीं नहीं तुम्हे यही जॉब मिल जाएगी! अपना मोबाइल नम्बर लिखवादो !
"शैली इकना नम्बर नोट कर लो ! नूर आपको कल शाम कॉल कर के बुलता हूं !
"ओके!
नूर ने कहा!
ठीक है ! थैंक्यू सर!
बोल कर नूर वहां से निकल गई!
शैली वहां तो चुप रही लेकिन जब शाम ऑफिस से निकली तो सीधे नूर के घर गई!
ओर कहा!
तुझे कुछ समझ नहीं आता क्या ? जब मैने मना किया था तो तु मेरे ऑफिस क्यू आई ?
नूर ने शैली को ओर गुस्सा दिलाते हुए कहा !
"हा तू जलती है कि कहीं में तेरे ऑफिस में तेरी जगह ना ले लू ! तू बस अपने बारे में सोचती है कि मेरे आने से तुझे हटा ना दे पोस्ट से! क्यू की मेने देखा कि मेरे सामने तेरे सर ने तुझ पर कैसे गुस्सा किया ? बस तू इसलिए मुझे जॉब नहीं करने देना चाहती !
स्वार्थी है तू !
नूर चुप हो जा तू जानती क्या है! उस ऑफिस ओर ऑफिस के काम के बारे में !
मै नहीं चाहती जैसे में बर्बाद हुई वैसे कोई और हो! नूर में किसी ओर लड़की को उस नरक में नहीं झोक सकती!
सच सुनना है तूझे तो सून ..!
मै क्यू नहीं चाहती कि तू वहां जॉब करे! सून क्यू की वहां डील के बदले डील होती है!
वो डील किसी चीज की नहीं मुझ जैसी मजबुर लड़कियों की होती है ! नूर मेने अपना सब कुछ खो दिया है !
इज्जत आबरू सब कुछ ! अब में किसी के काबिल नहीं हूं ! में किसी को मुंह नहीं दिखा सकती!
कुछ नहीं बचा मेरे पास! उस हेवान ने मेरा जिस्म ऐसे नोंचा है जैसे भूखा भेड़िया मुझे नोच रहा था! दिल्ली में मेरी पहली डील हुई ! वो मुझे इसी लिए ले गया था वहां !उसने मेरे साथ पूरी तरह लूट लिया!
नूर ने कहा!
" तेरे साथ इतना सब हुआ तो तू आज तक वहां क्यो है? छोडा क्यो नही? क्यो सेह रही है ?
शैली ने बताया कि उस होटल रूम में जो कुछ मेरे साथ हुआ ,अनुज ने उसकी वीडियो बना रखी है!
में गई थी ऑफिस उसे बोलने, कि मैं अब काम नहीं कर सकती ! तब उसने मुझे वीडियो वो क्लिप दिखाई !
ओर कहा!
" जॉब छोड़ने का सोचा भी तो सोच लेना वो हाल करूंगा की कभी किसी को मुंह नहीं दिखा सकती!
में बहुत डर गई थी ! मैने अपनी जान देनी भी चाही! लेकिन में ऐसा नहीं कर सकती थी ,क्योकी मां बाबा गुनगुन को किसके सहारे छोड़ सकती थी? मेरे सिवा उनका कोई सहारा नहीं है ! उस रात मेरी गुड़िया जैसी बहन पूरी रात भूख की वजह से सो नहीं पाई ! पापा की दवाई के पैसे नहीं थे,, ऐसे हालत में मुझे ये रास्ता सही लगा! कम से कम मेरी ज़िन्दगी मेरे घर वालो के काम आई!
बस यही सब सोच कुछ नहीं केह सकती थी !
नूर ने अपने सीने से लगाया शैली को !
ओर कहा!
" मुझे माफ़ कर दे! में बस तुझसे सच सुनना चाहती थी! इसलिए तुझे बुरा भला बोला! तूने इतना सब अकेले कैसे सहा है ! तू तो कभी छोटी सी बात भी मुझे बोले बिना नहीं रहती थी? आज इतना सब तेरे साथ हो गया ओर तू सहती रही? शैली अब से तू अकेली नहीं है में तेरे साथ हूं...!


शैली की मजबूरी ओर सच्चाई जान कर नूर अब उसका साथ कैसे ओर किस तरह देगी ये जानने के लिए भाग...10 ज़रूर पढे ..!

क्रमशः

********सायरा खान*********