Khaufnaak aawaje books and stories free download online pdf in Hindi

खौफ़नाक आवाज़े

कुछ ही दिन पहले की बात है। क़रीब एक-दो महीने पहले की। जब मेरा बहुत प्रिय मित्र रौनक और उसकी मासूका टीना, अपने किसी रिश्तेदार की बर्थ-डे पार्टी में से अपने घर वापस लौट रहे थे।
दरअसल, उन्हें पार्टी से लौटने में बहुत ज़्यादा समय हो गया था।
वो हुआ ऐसे कि, पार्टी में रौनक ने कुछ ज़्यादा ही शराब पी ली थी, जिसके कारण रौनक कार ड्राइव नही कर सकता था। 
इसलिए रौनक ने सोचा कि, थोड़ा रेस्ट कर लेता हूँ। तो शायद नशा थोड़ा कम हो जाए।...और फिर रौनक सो गया।
जब काफ़ी देर बाद रौनक की आँख खुली तो उसने पाया कि पार्टी तो अब ख़त्म हो चुकी है। और सभी लोग वहाँ से जा चुके हैं। वहॉं सिर्फ़ वही लोग बचे थे, जिन्होनें पार्टी रखी थी।
अब रौनक का नशा पूरी तरह से उतर चुका था। और उसे बड़ी ही शर्मिन्दगी महसूस हुई, कि उसने इतनी ज़्यादा शराब पी ली थी।
एक तो उसे देर हो चुकी थी, और दूसरा वो ये सोच रहा था कि ' ना जाने ये लोग क्या सोच रहे होंगे मुझे लेकर कि कैसा बेवड़ा इन्सान है ये व्यक्ति।'
इन्ही सब सोच के कारण वो रात में ही वहॉं से आने लगा। सभी लोगों ने उसे रुकने के लिए कहा। परन्तु उसने किसी की एक ना सुनी। और अपनी प्रेमिका टीना को लेकर देर रात में ही वहॉं से अपने घर आने के लिए चल पड़ा। जल्दी में वहॉं से निकलने के कारण रौनक और टीना दोनो ही अपना फ़ोन वहीं रखा भूल गये।
समय तो काफ़ी हो रहा था, क़रीब रात के डेढ़ या फिर दो बजे होंगे। लेकिन चाँदनी रात थी। तो ज़्यादा कुछ परेशानी वाली बात नही थी। 
रौनक और टीना दोनो ही बड़े मज़ाकिया ढंग के इन्सान हैं। तो वो उस समय भी आपस में मज़ाक कर रहे थे। और तरह-तरह की हरक़ते कर रहे थे।
उन्हें इस बात का ज़रा भी मालूम नही था कि उस चॉंदनी रात में उन दोनो को इतना भयानक दृश्य भी देखने को मिल सकता है।
वो चाँदनी रात, जो बिल्कुल ऐसे लग रही थी- जैसे सूर्य के प्रकाश से दिन। ..... अचानक इतनी काली और अंधेरी रात में तब्दील हो गयी थी- जैसे सारे संसार में अंधकार ही अंधकार हो। वो इतना घुप्प अंधेरा था कि, कार की इतनी ज़्यादा तेज़ रोशनी से भी उस अंधेरे में कुछ दिखाई नही पड रहा था।
रौनक को आगे-पीछे, आइड़-साइड़ कुछ भी दिखाई नही दे रहा था। वो कार सिर्फ़ अंदाज़े से चला रहा था।
कार मुश्क़िल से दस-बीस क़दम ही चली होगी कि, उन्हें अचानक सड़क पर किसी औरत का साया दिखाई दिया। रौनक ने उसे बचाने के लिए जैसे ही कार को साइड़ से निकालने की कोशिश की। तो वो औरत का साया एकदम उसकी गाड़ी के सामने वाले शीशे से आ टकराया। और डर की वज़ह से रौनक से कार को संभाला नही गया और कार एक पेड़ से जाकर टकरा गई।
कार पेड़ से टकराई तो चोट लगने से टीना बेहोश हो गई थी।
रौनक ने टीना को होश में लाने के लिए पानी की बोतल का ढ़क्कन खोलकर उसमें से थोड़ा पानी हाथ में लेकर जैसे ही टीना के मुँह पर छींटे मारने के लिए आगे बढ़ा, तो उसने देखा कि उसके हाथ में जो पानी था उसका रंग बिल्कुल ख़ून की तरह लाल था। और वो बोतल जिसमें रौनक ने खुद अपने हाथों से पानी भरा था, अब उस बोतल का पानी... पानी नही, बल्कि ख़ून हो चुका खा।
रौनक बुरी तरह से घबरा गया।
अब रौनक को एक बिल्ली के बच्चे की रोने की आवाज़ सुनाई पडी। जो धीरे-धीरे तेज़ हो रही थी।
तेज़ होते-होते वो बिल्ली के बच्चे की आवाज़, एक औरत के रोने की आवाज़ में बदल गई।
और फिर कुछ ही देर बाद वो एक औरत के रोने की आवाज़, हज़ारों औरतों के रोने की आवाज़ में बदल गई।
ये सब देखकर और इन तरह-तरह की आवाज़ों के सुनकर रौनक बहुत ही ज़्यादा डर गया था।
वो आवाज़े प्रति सैकेंड इतनी भयानक और इतनी खौफ़नाक होती जा रही थी कि उन्हें सुनना मौत के बराबर था।
अब टीना होश में आ चुकी थी। लेकिन उसे ये 'भयानक आवाज़े' नही सुनाई नही दे रही थी।
जब उसने रौनक को इतना डरा हुआ और पसीनो से लथपथ देखा तो उसने घबराकर रौनक से पूछा कि, ' क्या हुआ तुम्हें, तुम ठीक तो हो ना।'
रौनक ने बडे ही अजीब तरह से टीना को देखा और पूछा कि ' तुम्हें सचमुच नही पता कि क्या हुआ है हमारे साथ.?'
टीना ने थोडा रुककर कहा, ' हाँ पता है मुझे कि हमारा ऐक्सिडेन्ट हो गया था। हमारी गाड़ी पेड़ से टकरा गई थी।...  लेकिन तुम इतने परेशान क्यों हो।'
रौनक ने फिर कहा ' ये जो इतनी तेज़ और भयानक आवाज़े हो रही हैं, तुम्हें ये सुनाई नही पड रही हैं.?'
टीना ने, ना में अपना सिर हिलाते हुए कहा ' तुम क्या कह रहे हो, मुझे तो कुछ भी समझ नही आ रहा है। कैसी आवाज़े..?'
रौनक टीना के इन शब्दों को सुनकर एक दम चौंक-भौंक सा हो गया।
उसने टीना को सिर से लेकर पैर तक देखा। तो रौनक को उसके गलें में क्रॉस(इसाई गॉड चिन्ह) लटकता दिखाई पडा। उसने टीना को बिना बताए उस क्रॉस को उसके गले से उतार दिया।
क्रॉस जैसे ही टीना के गले से दूर हुआ, तो टीना डर के कारण बहुत ज़ोर से चिल्लाई।
रौनक ने पूछा ' क्या हुआ तुम्हें?'
टीना ने बहुत ज़्यादा डरते हुए कहा कि, 'ये भयानक आवाज़े अब मुझे भी सुनाई दे रही है।'
 लेकिन रौनक को अब वो आवाज़े सुनाई नही दे रही थीं। क्योंकि अब टीना का वो क्रॉस रौनक के हाथ में था।
टीना ने रौनक से डर से रोते हुए कहा कि ' रौनक कुछ करो, मुझे बहुत डर लग रहा है।
रौनक खुद भी बहुत डरा हुआ था। लेकिन उसने टीना को संभाले रखा। और उसे शाँतवना देता रहा कि 'सब ठीक हो जाएगा'।
उस क्रॉस को जो रौनक ने टीना के गले से लिया था, उसे उन दोनो ने पकड़ लिया। और आपस में एक-दूसरे की बाहों में सिमट कर बैठ गये। और फिर बाइवल(इसाईयों की पुस्तक) की लाइनों को दौहराने लगे।
अब धीरे-धीरे वो 'भयानक आवाज़े' और वो घुप्प अंधेरा बाइवल की लाइनों के साथ ख़त्म होता चला गया। और हर रोज़ की भॉंति सूर्य के प्रकाश ने एक नया दिन तैयार किया। और उसी दिन में वो दोनो रौनक और उसकी प्रेमिका टीना अपने घर आ गये।
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 मंजीत सिंह गौहर