jin ki Mohbbat - 19 books and stories free download online pdf in Hindi

जिन की मोहब्बत... - 19

ओर तुझे पता है तेरी सहेली सबा के होने वाले पति का आज तक कुछ पता नहीं है ।
लेकिन उस गाड़ी वाला जो सबा के पति को लेकर गया था यहां से गाड़ी में ।
"कुछ दिन पहले वो खेतो में पागलों जैसे हालात में मिला उसके ज़ुबान पे एक बात थी ।
उसने ज़ीनत को छू लिया था वो जिन्नात उसे नहीं छोड़ेगा "सबने उसे पागल बोल कर भगा दिया वहां से..! अब आगे ।

भाग 19


"सबने उसे पागल बोल कर भगा दिया ,लेकिन उसकी इस बात को सुन कर मुझे डर था कि तुम किसी मुश्किल में ना हो ।
"फूप्पि मुझे अभी ये समझ नहीं आया कि मैं खुश हूं या मुश्किल में हूं ।
क्यू की आजकल कुछ बाते अजीब सी हो रही हैं जिसे में अनदेखा नहीं कर सकती ।
अब ज़ीनत ने कहा !
'में चलती हूं मुझे देर हो जायेगी घर पुहचने में ।
ज़ीनत अब्बू के घर से निकल कर फिर से आदिल के घर गई l आदिल की अम्मी ने कहा l
" आदिल जॉब पे है रात देर से अयेगा ।
ज़ीनत अपने दिल में कई सवाल लिए घर आ गई l लेकिन उसने आदिल से मिलने की एक ज़िद्द दिल में थी ।
शान ने ज़ीनत को घर में देखा तो उसके चेहरे पर जैसे चमक आ गई हो ज़ीनत के लिए मोहब्बत उसकी आंखो में दिखती है ।
ज़ीनत चुप-चाप अपने रूम में आ कर बैठ गई l वो बहुत फिक्रमंद लग गई थी ।
शान ज़ीनत के पास आकर बैठा l ज़ीनत का हाथ अपने हाथों में लेकर बोला ।
"ज़ीनत क्या हुआ..?
इतनी उदास क्यों हो..?
अब्बू से मिलने के बाद तुम्हे खुश होना चाहिए फिर इतने मासूम से चेहरे पर उदासी क्यू..?
ज़ीनत ने शान से नज़रे चुराते हुए कहा l
" नहीं तो में ठीक हूं बस वो अब्बू को अकेला देख कर मन उदास हो गया ।
ज़ीनत की बात में शान को कुछ बात छूूपने जैसा लगाl
शान ने फिर से पूछा l
"ज़ीनत तुम सच बोल रही होना ?"
ज़ीनत - हा बस यही बात है आप परेशान ना हो में ठीक हूं l मैं अम्मी को देख कर आती हूं ।
शान के सवालों से बचती हुई ज़ीनत सास के पास जा कर बैठ गई ।
शान को ज़ीनत की बेचेनी साफ नजर आ रही थी, लेकिन वो कुछ ना समझने का नाटक कर रहा था ।
शाम होने के बाद शान कहीं जाने लगा, तभी ज़ीनत ने पूछा l
" कहा जा रहे हो ?"
शान - कहीं नहीं बस यही टेहलने निकला था , बोलते हुए रूम में वापस आ गया ।
ज़ीनत जब रात में सो गई उसकी नींद लगी हुई थी तभी शान अपने रूम से दबे पांव बाहर निकल आया ।
तभी ज़ीनत ने आंख खोली ज़ीनत ने बाहर आकर देखा तो शान उसे कहीं जाता हुए नजर आया ।
ज़ीनत सोच में पड गई आखिर इतनी रात शान कहा जा रहा है ?"
ज़ीनत उसके पीछे चल पड़ी!
बहुत घबराही हुई थी, लेकिन उसका ये सब जानना जरूरी था ।
शान कुछ दूर पहूंचा l वहा कोई खड़ा दिखाई दियाl दूर से ज़ीनत को समझ नहीं आया वो को था ।
जिसे शान मिलने आया है कुछ ही पल में ज़ीनत ने देखा कि शान वहां नहीं है ।
वहा कोई काले लीवास में उस आदमी के सामने खड़ा हुआ है ।
ज़ीनत कुछ करीब जाकर देखना चाहती थी कि ये लोग कोन है? ओर शान कहा गया ?
ज़ीनत पास से जाकर देखना तो क्या देखती है वो काले लिवास वाला शक्स उस आदमी को बड़ी बेहरेहमी से मारने की कोशिश कर रहा है ।
लेकिन वो दूसरा शक्स अपनी जान बचाने की कोशिश करता है ।
रात के अंधेरे में चेहरे ठीक से दिखाई नहीं दे रहे थे l ज़ीनत बहुत डर चुकी थींl लेकिन वो समझ नहीं पाई हो क्या रहा है वहा ?
ज़ीनत वहीं खड़ी देखती रही ! देखते ही देखते काले लिवास वाले आदमी ने दूसरे शक्स को ज़मीन में सर के बाल दफना दिया ।
ओर कुछ ही पल में वो काले लिवास वाला आदमी दो कदम चलते ही चलते शान के लिवास ओर सूरत में तब्दिल हो गया ।
ज़ीनत ये सब देख कर जैसे पथर बन गई ! उसके शौहर के रूप में एक जिन्नात था ?

क्रमश: