Gaon ki aur books and stories free download online pdf in Hindi

गॉव की ओर

झबबू और कालू आमने सामने की कालोनी मे रहते थे।दोनों कुक्ते दोस्त थे।रोज सुबह अपनी अपनी कॉलोनी से निकलकर वे सडक पर आ जाते ।सुबह सडक पर मार्निग वॉक करनेवालो का तॉता लग जाता।हर उम्र,हर वर्ग के लोग घूमने जाते थे।वे दोनों दोस्त भी रोज सुबह घूमने जाते थे।घूमते समय वे एक दूसरे को पूरे दिन का समाचार बताते।
आज भी झबबू सडक पर आकर खडा होगया था,लेकिन काफी देर तक इंतजार करने पर भी कालू नही आया,तो वह चिंतित होगया।कहीं उसकी तबियत तो खराब नहीं हो गई।उसे देखते केलिए वह कॉलोनी मे गया।उसने पूरी कॉलोनी छान मारी,लेकिन कालू कहीं नजर नहीआया।कहीं आज अकेला ही, तो घूमने नहीं चला गय।वह सडक पर भाग भाग कर कालू को देखने लगा।काफी दूर भागने के बाद, उसे कालू शहर के बाहर जाने वाली सडक पर नजर आया।झबबू दौडकर उसके पास जाकर बोला"कालू तुम कहॉ जा रहे हो?
"मैं गॉ्व जा रहा हूँ""
"गॉव?कालू की बात सुनकर झबबू आशचर्य से बोला।
"हॉ।मैं गॉव ही जा रहा हूँ"
"तुम शहर मे पैदा हुए।तुम्हारे मुह से कभी नहीं सुना कि गॉव मे तुम्हारा कोई नाते रिश्तेदार है।फिर तुम गॉव कंयो जा रहे हो?कालू की बात सुनकर झबबू नेपूछा था।
"तुम ठीक कह रहे हो।गॉव मे मेरा कोई नहीं है, लेकिन मैं गॉ्व ही जा रहा हूँ"कालू बोला"जिन्दगी के शेष दिन मैं गॉव मे ही गुजारुगा"
"लेकिन अचानक तुम्हारे मन मैं गॉव मे रहने का विचार कैसे आया?
"देश की राजधानी मे वाहन कितने बढ गये है।वाहनों से निकलने वाले धुएँ से वातावरण प्रदूषित हो गया है।हवा जहरीली हो गई है।धुएँ मे दम घुटता है।श्वास लेने मे दिक्कत होती है"कालू ने शहर से गॉव जाने का कारण बताया था।
"तुम्हारी सब बातें सही है।इस पर हमारे देश की सबसे बडी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने भी नोटिस लिया है।प्रदूषण दूर करने के लिए अदालत ने कई उपाय किए है।दिशा निर्देश दिए है।सरकार, अधिकारियों को भी फटकार लगाई है।"कालू की बात सुनकर झबबू बोला
"सुप्रीम कोर्ट अब सुप्रीम नहीं रही--
"कैसी बात कर रहे हो"झबबू, कालू की बात काटते हुए बोला"हमारे देश की सबसे बडी अदालत सुप्रीम कोर्ट ही है"
"सबसे बडी अदालत सुप्रीम कोर्ट है, लेकिन अब वह सुप्रीम नहीं रही।उसकी कौन सुनता है?सुप्रीम कोर्ट ने रात को आठ बजे से दस बजे तक कम आवाज वाले फटाके चलाने के निर्देश दिए थे।लेकिन कया हुआ, उसके निर्देश़ो का?कल दिवाली थी।अदालत के आदेश के बावजूद, पूरी रात लोग फटाके चलाते रहे।फटाकों के धुएं और कान फोडू कर्कश आवाज से मे पूरी रात परेशान रहा"झबबू की बात सुनकर कालू बोला था।
"तुम बात बिलकुल सही कह रहे हो,लेकिन गॉव मे शहर जैसा मजा कहाँ।"
"मतलब?कालू ने प्रश्न सूचक नजरों से झबबू की तरफ देखा था।
"यहां रोज किसी ने किसी कोठी के बाहर तरह तरह के स्वादिष्ट पकवान खाने को मिल जाते है।गॉव मे यह नसीब कहाँ?गॉव मे हो सकता है सूखी रोटी भी नसीब न हो"
"तुम ठीक कह रहे हो।हो सकता है,गॉव मे किसी दिन भूखा ही सोना पडे।"झबबू की बात सुनकर कालू बोला"लेकिन गॉव मे श्वांस लेने के लिए शुद्ध ताजी हवा तो मिलेगी"
"सही कह रहे हो।जब तुम चले जाओगे, तो मै अकेला यहां रहकर कया करुगाँ?मै भी तुम्हारे साथ चलता हूँ"
और दोनों दोस्त शेष जीवन गॉ्व मे बिताने के लिए चल पडे