Nariyottam Naina - 9 books and stories free download online pdf in Hindi

नारीयोत्तम नैना - 9

नारीयोत्तम नैना

भाग-09

तनुश्री ने नैना को पांच शर्तें कह सुनाई जिसका अक्षरश: पालन करने पर विजयी होने वाली विजेता को जितेंद्र से शादी करने का सौभाग्य मिलेगा। तीन या अधिक शर्तें पुरी करने पर जीत मिलेगी। यदि अपवाद स्वरूप अधवा संयोग वश दोनों प्रेमीकाएं समान रूप से पांचों की पांच शर्ते पुरी करती है तब पुनः पांच नवीन शर्तें प्रतियोगिता हेतू रखी जायेगी। और ये तब तक होता रहेगा जब तक की एक प्रियतमा जीत नही जाती और दूसरी हार का मुंह देख नहीं लेती। पराजय स्वीकारने वाली प्रेमीका को दुसरी प्रेमिका के रास्ते से स्वतः ही हट जाना होगा। विजयी प्रेमीका को जितेंद्र का प्यार मिलेगा। हारने वाली को बिना किसी को कुछ बताये, चुपचाप शहर छोड़कर जाना होगा। इस चैलेंज की जानकारी दोनों के अलावा किसी तीसरे को नहीं होगी। जितेंद्र ठाकुर को भी नहीं।

तनु ने नैना को पांच शर्त कह सुनाई -

(1) निर्वस्त्र होकर अंग प्रदर्शन का वीडियों बनाकर एक-दुसरे सेन्ड करना होगा। दोनों इसे वायरल करने हेतु स्वतंत्र होंगे।

(2) किसी मनुष्य की हत्या करनी होगी।

(3) रेप के झूठे आरोप में किसी निर्दोष पुरूष को सज़ा दिलवानी होगी।

(4) विवाह से पुर्व किसी पुरुष मित्र से शारीरिक संबंध बनाकर कुंवारी मां बनना होगा। गर्भ धारण की सुचना सुनिश्चित होने पर गर्भपात करवाया जा सकता है।

पांचवी शर्त सुनकर नैना के होश ही उड़ गए। तनुश्री ने पांचवीं शर्त भी सुनाई ही दी-

"(5) जितेंद्र ठाकुर कि शादी एक वर्ष के लिए उस लड़की से करवानी होगी जिसे आप पसंद नहीं करती हो। विवाह के सफलतम एक वर्ष उपरांत उन दोनों का आपसी सहमती से तलाक करवाकर शर्त विजेता जितेंद्र ठाकुर से आजीवन समय के लिए शादी कर सकेगी।"

"तुम होश में तो हो? ये कैसी अजीब सी शर्तें रख रही हो। जाकर पहले अपना इलाज कराओ फिर आना मुझसे बात करने।" नैना चिखी।

"तुम तो कहती थी कि तुम जितेंद्र से बहुत प्यार करती हो। उसके लिए कुछ भी कर सकती हो? तनुश्री ने व्यंग कसा।

"हां मैं उनसे बहुत प्यार करती हूं। और मुझे उसके प्यार को प्रूफ करने की आवश्यकता नहीं है? खासकर तुम्हारे सामने तो बिल्कुल नहीं।" नैना वहां से जाने लगी।

"तुम्हें क्या लगा कि मैं तुम्हें इंग्लिश चैनल तैरकर पार करने को कहूंगी? या फिर माउंट एवरेस्ट पर्वत की चोटी पर जाने को करूंगी? ये सब तो कोई भी करवाने सकता है। मगर जो कोई नहीं कर सकता उसे करने में ही तो असली जीत है। और कहा भी जाता है न कि इश्क और जंग में सब जायज है।" तनुश्री ने कहा।

नैना कुछ देर बुत बनी खड़ी रही।

"या तो ये शर्त स्वीकार कर मेरे साथ शर्त पुरी करने के तैयार हो जाओ, शर्तें जीतों और जितेंद्र को अपना बना लो। या फिर अपनी हार स्वीकार कर जितेंद्र ठाकुर की जिंदगी से दफा हो जाओ। क्योंकि जितेंद्र ठाकुर से मैं भी बहुत प्यार करती हूं। और किसी भी कीमत पर उसे पाना चाहती हूं फिर ऐसे कैसे उसे मैं तुम्हें युं ही दे दूं।" तनुश्री बोल चूकी थी।

तनुश्री ने नैना को विचारार्थ दो दिन का समय दिया। हिदायत भी दी की उसे यह सब किसी से शेयर नहीं करना है। नैना मनन कर रही थी। उसे तनुश्री की बातें रह-रहकर याद आ रही थी। खाना-पीना और सोना सब दुभर हो गया था उसका। यही हाल तनुश्री का भी था। उसने सरलता से वे शर्तें नैना से कह तो दी थी किन्तु उन्हें पुरी करने का दंभ भरने वाली तनुश्री भी आखिर थी तो एक लड़की ही न! वो भारतीय लड़की! जिसे यह सब सोचकर भी घबराहट होने लगती थी। तनुश्री हर तरह से स्वयं को समझा रही थी। बहुत जद्दोजहद के बाद आखिरकार दोनों ने यह शर्ते स्वीकार कर इन्हें पुर्ण करने का और विजयी होने का संकल्प ले ही लिया।

प्रतिस्पर्धा में प्रत्येक प्रतिभागी अति रोमांचित होकर जीत का उत्साह लिए निरंतर आगे बढ़ने का प्रयास करता रहता है। किन्तु तनुश्री और नैना के संबंध में यह प्रतियोगिता किसी भयावह खतरनाक खेल से कम नहीं था। यह शर्तें पूरी करने का संकल्प निश्चित रूप से दोनों के लिए महान कष्टकारी और कांटों भरा सफर था जिसमें आबरू के छलनी-छलनी हो जाने के साथ-साथ जान जाने का खतरा भी था। तमाम मुश्किलों को सहने की असीम शक्ति का परिचय देते हुये ये दोनों आधुनिक मीरा अपने कृष्ण को प्राप्त करने के लिए अपना सबकुछ समर्पण करने के लिए लालायित थी। पहले पायदान पर पहूंचते हुये तनुश्री का एमएमएस वीडियों नैना के मोबाइल पर चलचित्र की भांति चलित था। तनुश्री द्वारा स्वयं का निर्वस्त्र वीडियों नैना के मोबाइल पर आ चूका था। दबाव अब नैना पर था। बाथरूम में लगे शीशे को देखकर भी उसे डर लग रहा था। बाथरूम की दीवारें टकी-टकी लगायें नैना को घूर रहे थे। अपने बदन से एक-एक कपड़ा दूर करते हुये आज उसकी आंखे भर आई थी। मोबाइल पर वीडियों तैयार करना उसके लिए अब तक का सर्वाधिक दुःखदायी कार्य सिद्ध हो रहा था। स्मिता ने बाथरूम का द्वार खटखटा कर नैना को अपना पहला टास्क तुरंत पुर्ण कर बाहर निकलने पर विवश कर दिया। यह वीडियों तनुश्री के मोबाइल पर सेन्ड करना नैना के लिए और भी कठीन कार्य था। नैना का फोन पर दबाव और जितेंद्र ठाकुर के प्रति प्रिती सिध्द करने के प्रलोभन वश नैना ने तनुश्री को वह वीडियों सेन्ड कर ही दिया। तनुश्री और नैना ने पहला टास्क पुर्ण कर लिया था।

प्रेम में अन्धत्व को प्राप्त कर चूकी दोनों की जितेन्द्र के दीवानी ने तनुश्री और नैना को निर्धारित दूसरी शर्त को पुर्ण करने की और बढ़ा दिया।

"ये क्या तनु?" तनुश्री को उसके बेडरूम में देर रात छोड़ने आये जितेन्द्र ठाकुर ने कहा।

"क्यों क्या हुआ जितु? हम ये पहली बार तो नहीं कर रहे? हम दोनो कितनी ही बार पहले ये सब कर चूके है।" जितेंद्र के गले में बांहे डालकर तनुश्री ने पुछा।

"पहले की बात ओर थी तनु! अब में एमएलए हूं। समझा करो! छोड़ो मुझे। जाने दो।" तनु से स्वयं को मुक्त करा जितेन्द्र अपने घर लौट आया।

तनुश्री यह जान चुकी थी की जितेंद्र ठाकुर का झुकाव नैना के प्रति बढ़ता जा रहा था। किन्तु फिर भी उसने आस का दामन नहीं छोड़ा था।

अपने मोबाइल फोन पर उसके और तनुश्री के निजी अंतरंग पलों के पुराने फोटो देखकर जितेंद्र ठाकुर आश्चर्य के साथ-साथ चिंता में पढ़ गया। उसे तनुश्री पर गुस्सा आ रहा था। तनुश्री ने जितेंद्र का फोन रीसिव नहीं किया। रात दो बजे वह अकेले ही तनुश्री के घर पहूंच गया। उसे इन फोटो को वायरल होने से बचाना भी तो था।

"ये क्या मजाक है तनु! तुमने तो मुझे कहा था कि मेरे और तुम्हारे सभी फोटो और वीडियों डीलिट कर दिये है? फिर ये सब क्या है?" अपने मोबाइल फोन को दिखाकर जितेंद्र बोला।

"ये जरूरत है माई डीयर जीतु! जब तुम्हें मेरी जरूरत थी तब तुमने न चाहते हुए भी मेरा शील भंग किया। मेरा सबकुछ छीन लिया। आज मुझे तुम्हारी जरूरत है तो तुम अपना एमएलए वाला एटीट्यूड दिखा रहे हो।" तनुश्री की बातों में बगावत की बुं आ रह थी।

"देखो! एक लड़की की ईज्जत ही उसका सबकुछ होता है। अपनी ईज्जत तुम्हारे हवाले मैंने सिर्फ इसलिए कि थी आज नहीं तो कल तुम्हारी और मेरी शादी होनी है। लेकिन जब से नैना तुम्हारे जीवन में आई है तुम्हारा मन मुझसे भर गया है। तुम्हारे और नैना के संबंध से मुझे कोई ऐतराज नहीं लेकिन मुझे भी तो अपनी अभिलाषा पुरी करने में अधिकार है और वो अधिकार मैं तुमसे लेकर रहूंगी।" तनुश्री स्पष्ट शब्दों में अपनी बात कह चूकी थी। तनुश्री के विद्रोही स्वर और वासना के वशीभूत आचरण के आगे जितेंद्र ठाकुर ने हथियार डाल दिए। आखिरकार उन दोनों का पुनर्मिलन हो ही गया। तनुश्री अपने उद्देश्य को पुरा करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही थी। जितेंद्र और तनुश्री के प्रेमालाप की न्यूज स्वयं तनुश्री के मुख से सुनकर नैना की मुश्किलें बढ़ गई थी। प्रमाण स्वरूप उस रात दोनों पुर्व प्रेमियों का तनुश्री के द्वारा चुपके से हिडन कैमरे से बनाया गया वीडियों देखकर नैना बैचेन हो उठी। तनुश्री का स्कोर दो अंक पर आ गया था जबकी नैना अभी एक ही अंक पर थी। जितेंद्र ठाकुर द्वारा नैना को घर पर जन्मदिन का बुके प्राप्त हुआ। स्वयं जितेंद्र ने नैना का जन्मदिन उसके फार्महाउस पर सेलीब्रेट करने के लिए नैना को तैयार कर लिया। आधुनिक भारतीय साड़ी में नैना का सौन्दर्य जितेंद्र पर कहर बनकर टूट रहा था। वह पुरी तरह नैना के गिरफ्त में था। नैना की हर अदा पर उसकी आहें निकल रही थी। वह बमुश्किल स्वयं को संयमित करने की निरंतर असफल कोशिश कर रहा था। पार्टी में कुछ चुनिंदा मित्र ही आमन्त्रित थे। तनुश्री ने जितेंद्र का मोहभंग कर उसके साथ नृत्य करने को आमंत्रित किया। तनुश्री के साथ नाचते हुये भी जितेंद्र का सारा ध्यान नैना पर था। नैना ने आगे बढ़कर जितेंद्र ठाकुर के सम्मुख अपना हाथ प्रस्तावित किया। तनुश्री को छोड़कर जितेंद्र नैना के साथ नृत्य करने में मग्न हो गया। नूतन यह सब देखकर बहुत खुश हो रही थी। उसकी हार्दिक इच्छा थी कि नैना और विधायक महोदय की शादी सम्पन्न हो जाये।

केक काटकर भोजन पार्टी का सभी ने आनंद लिया। विधायक महोदय अपनी कार से नैना को घर छोड़ने निकल पड़े। कार में नूतन और तनुश्री भी बैठे थे। सिविल हाॅस्पीटल के पास से गुजरती कार को नैना ने रुकवा दिया। नैना के पास कार की पिछली सीट पर बैठी नूतन चीख पड़ी। जितेन्द्र और तनुश्री भी नैना को बेहोशी की हालत में देखकर आश्चर्यचकित हो गये। इससे भी अधिक आश्चर्य उन्हें हुआ नैना के पेट से बहती खुन की धार को देखकर हुआ। नैना ने अपने पेट में चाकू घोंप लिया था। जितेंद्र ठाकुर ने तुरंत अस्पताल में नैना को भर्ती करवाया। जहां नैना का ईलाज तुरंत शुरू हो गया। नैना की आत्महत्या करने की कोशिश जितेंद्र ठाकुर के लिए किसी पहेली से कम नहीं थी। पुलिस प्रकरण में नैना ने आत्महत्या का कारण महाविद्यालयीन वार्षिक परीक्षाफल आशानुरूप नहीं होना बताया। नैना ने अपराध किया था सो वह आत्महत्या करने के अपराध का दण्ड भुगतने को तैयार थी। त्वरित हास्पीटल का ट्रीटमेंट मिलने, पारिवारिक सहयोग और जितेंद्र के स्नेह की बदौलत नैना की जान बच गयी।

नैना ने कुछ ही दिनों में जितेंद्र ठाकुर को स्वयं के लिए प्रेम प्रस्ताव देने पर विवश कर दिया। नैना और जितेंद्र हास्पीटल में उस रात अकेले ही थे। जितेंद्र ठाकुर और नैना के करीब आ रहे थे। नैना ने पहली बार जितेंद्र का विरोध नहीं किया। उस रात दोनों दो बदन जान होने से खुद को रोक नहीं सके।

नैना का स्कोर तीन अंक हो चूका था। तनुश्री के भारी विरोध के बावजूद नैना ने उसे समझा दिया कि आत्महत्या करना भी हत्या का ही एक प्रकार है। अब तनुश्री ने नैना से यह नहीं कहा था कि किसी व्यक्ति विशेष की हत्या करनी है! सो उसने आत्महत्या के विकल्प का चयन कर तनुश्री को चौंका दिया।

किसी पुरुष से शारीरिक संबंध बनाकर कुंवारी मां बनना तनुश्री की तीसरी शर्त थी। किसी भी पुरूष का अर्थ यहां जितेंद्र ठाकुर क्यों हो सकते? यही सोचकर नैना ने विधायक महोदय से संग समागम करने में आपत्ति नहीं ली। कुछ ही दिनो में अल सुबह प्रेगा न्यूज कीट में दो लाल लकीरों का चित्र नैना द्वारा प्रेषित तनुश्री अपने मोबाइल में देखकर खिन्न हो गई। अपनी तार्किक क्षमता का बेजोड़ प्रस्तुतीकरण देकर नैना, तनुश्री से आगे निकल चुकी थी।

इधर तनुश्री जानती थी कि वह जितेंद्र से शारीरिक संबंध बनाकर भी उसके बच्चे की मां नहीं बन सकती। इसका कारण था कि तनुश्री के विरोध के बावजूद भी तनुश्री से समागम से पुर्व जितेन्द्र ने प्रोटेक्शन युज किया था। जो उसकी पुरानी आदत थी। चौथी शर्त को पुरी करने में नैना अवश्य पराजित होगी इस बात का तनुश्री को यकीन था। जितेंद्र ठाकुर के विरूद्ध रेप का झुठा आरोप लगाने के विचार भर से नैना सिहर उठती थी। इतनी आगे निकलकर पीछे पलटना नैना को मंजूर नहीं था। अतः अपने मन को कठोर करते हुये नैना ने जितेंद्र ठाकुर के विरूद्ध बलात्कार की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज करवा दी। जितेन्द्र पुलिस को समझा समझाकर थक गया कि नैना के साथ उसने कोई बलात्कार नहीं किया। उन दोनों के बीच जो भी हुआ वह आपसी सहमती से संपन्न हुआ। मगर नैना की गर्भावस्था और डी•एन• एन टेस्ट में जितेंद्र ठाकुर के वीर्यं की पुष्टि के साथ ही नैना का बयान जितेंद्र ठाकुर के विरूद्ध था। रेप का मामला दर्ज होकर अदालत में जा चूका था। न्यायमूर्ति जस्टिस भुवनेश्वर स्वामी ने दोनों के विषय पर अपना निर्णय सुनाने में समय लिया। दोनों की पृथक-पृथक काउंसिल की। नैना और जितेंद्र के पारिवारिक सदस्य एक दुसरे के विरूद्ध हो गये थे। यशवंत ठाकुर अभी नैना के द्वारा उठाये गये इस कदम पर विश्वास नहीं कर पा रहे थे।मगर उन्हें जितेंद्र ठाकुर की नैना से समागम की अभिस्वीकृती ने ज्यादा कष्ट पहुंचाया था। तनुश्री और जितेंद्र के करीबी रिश्तें की भनक लगते ही यशवंत ठाकुर ने जितेंद्र ठाकुर को बहुत फटकार लगाई थी। जितेंद्र ने अपने पिता को वचन दिया था की वो विवाह पुर्व अब कभी किसी भी युवती के साथ संबंध नहीं बनायेगा। जितेंद्र का वचन तोड़कर नैना के साथ शारीरिक संबंध बनाकर उसे कुंवारी मां बनाने की बात ने उन्हें बहुत ठेस पहुंचायी। नैना ने लाख उसे बहकाया, उकसाया हो लेकिन उसने संयम से काम क्यों नहीं लिया। इन सब में नैना जितनी दोषी है उतना ही दोष इसमें जितेंद्र ठाकुर का भी है। सो सजा केवल नैना अकेली को ही क्यों मिले? दण्ड का भागी तो जितेंद्र भी है। इसीलिए यशवंत ठाकुर ने अदालत के कार्य में हस्तक्षेप करना आवश्यक नहीं समझा।

अदालत के निर्देश का दिन आ गया। न्यायमूर्ति ने जितेंद्र ठाकुर को नैना के साथ पारम्परिक रीति-रिवाज से पुरे समाज के सामने विवाह करने का निर्णय सुना दिया। इसके साथ ही जितेंद्र ठाकुर को बलात्कार पीड़ित महिलाओं के पुनर्वास के लिए कार्यरत महिला एवं बाल विकास विभाग को दस लाख रूपये का चंदा देना सुनिश्चित करने का आदेश सुनाया।

शादी की तैयारियां शुरू हो चूकी थी। तनुश्री के मन्तव पुर्ण होते नहीं दिख रहे थे। राधेश्याम भुल्लर ने राजेंद्र ठाकुर को देवास शहर से सांसद का टीकीट दिलवाने से साफ इंकार कर दिया था। क्योंकि उनकी बेटी तनुश्री भुल्लर की शादी जितेंद्र ठाकुर से करवाने में राजेंद्र ठाकुर असफल हो गया था। नैना की मृत्यु ही उसे अब सांसद का टीकीट दिलवा सकती थी। तनुश्री भी अपनी तीसरी शर्त को पुर्ण करने के लिए तैयार थी। उसने अपने निजी रिवाल्वर में गोलियां भर ली थी। वह आर-पार के मुड में आ चूकी थी। नैना की हत्या का करना उसने अपना लक्ष्य निर्धारित कर लिया था। राजेंद्र ठाकुर भी नैना के खुन का प्यासा हो चूका था। राजेंद्र ठाकुर की पत्नी ने चुपके से अपने पति के मंन्सुबे जान लिये थे। राजेंद्र ठाकुर के हितार्थ उसने जितेंद्र ठाकुर को यह सब बता दिया।

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