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कहानी...

कहानी .....
अरहान हैदराबाद पहुंच गया था । उसे पता था समीरा रेलवे स्टेशन पे ही होंगी ।वो रेलवे स्टेशन पहुंचा और समीरा को तलाश करने लगा। समीरा ने उसे देख लिया था ।इसलिए वो मुंबई जाने वाली ट्रेन में छुप गई ।अरहान उसे तलाश कर ही रहा था ।अचानक से अरहान कि नजर समीरा पे पड़ी लेकिन ट्रेन अब तक छूट गई थी ।वो रेल के पीछे भागा लेकिन कुछ कर नहीं पाया ।समीरा जा चुकी थी। अरहान वापस घर लौटा और वो देखता है के आलिया अपनी आखिरी सांसें ले रही थी । उसी वक़्त वहां पुलिस पहुंच गई और सारा इल्जाम अरहान पर आगाया और उसे जेल हो गई। अरहान का केस अदालत में पहुंच गया अरहान कुछ बोलने को तय्यार नहीं था ।उसे जेल में एक महीना पूरा हो चुका था । अरहान का केस सागर के पास था ।सागर एक वकील था। सागर की कोशिश के बाद अरहान ने उसे सब कुछ बताया।
5साल पहले....
में अपने परिवार के साथ अजमेर गया था।
अजमेर में एक दरगाह है जो ख्वाजा गरीब नवाज की है लोगों का मानना है यहां जो मांगो मिल जाता है ।लोग यहां अपनी किस्मत आजमाने आते है। अचानक से मैंने एक लड़की को देखा जो जोर जोर से रो रही थी मैंने उससे पूछा "तुम क्यों रो रही हो"उसने कुछ नहीं कहा और चली गई। वह जा चुकी थी लेकिन मेरे दिल से नहीं । उसका ख्याल मुझे परेशान कर रहा था ।मैने उसे धुंडने की कोशिश भी की लेकिन वो नहीं मिली । हम हैदराबाद के रहने वाले थे ।इसलिए हैदराबाद जाने वाली ट्रेन में बैठ गए ।अचानक से मैने देखा के एक लड़की बैठी हुई है करीब जाके देखा तो पता चला के ये वही लड़की है जो मुझे दरगाह में मिली थी। मैने उससे डरते हुए पूछा " तुम्हारा नाम क्या है ? उसने कुछ नहीं कहा ।मैने उसे भरोसा दिलाया के" में गलत आदमी नहीं हूं और में तुम्हारी मदद कर सकता हूं" उसने कहा "मेरा नाम आलिया है में हैदराबाद से हूं आज ही के दिन 5 अप्रैल को मैने अपनी मां को खोया था इसलिए दरगाह में रो रही थी "मैने पूछा "तुम्हारे साथ कोई नहीं है ? तुम्हारा भाई या कोई बहेन ? उसने कहा " मेरा इस दुनिया में कोई नहीं है में अपने एक दोस्त के घर रहती हूं " हम दोनों ने बहुत सारी बाते कि और हैदराबाद आ गया । मैने उसे अपना नंबर दिया और कहा " जब भी तुम्हे मेरी ज़रूरत हो तुम मुझे कॉल करना अपना ख्याल रखना "। और वो चली गई। कुछ दिन बाद उसका कॉल आया और उसने कहा के वो मुझसे मिलना चाहती है। और मैने भी हा केह दिया ।
सौ अंधेरों में भी रोशन हो,उस हकीकत की तलाश है।तेरी दहलीज पे छोड़ आए ,उस मोहब्बत की तलाश है। आलिया और में पहली बार हैदराबाद के चार मीनार पे मिले। तेज़ हवाएं चल रही थी और हल्की हल्की बारिश हो रही थी हम दोनों खामूष थे लेकिन हमारी खामूषी एक दूसरे से बहुत कुछ कह रही थी। मैंने उससे पूछा क्या हम दोस्त बन सकते हैं उसने मुझसे कहा" हम दोस्त ही है" फिर हमने ढेर सारी बातें की और गोलगप्पे भी खाए और फिर हम अपने अपने घर चले गए। वह दिन मेरे लिए बहुत खास था। फिर हम एक दूसरे से बार-बार मिलने लगे कभी रामोजी फिल्म सिटी तो कभी गार्डन तो कभी स्नो पार्क। एक दिन मैंने उसे कहा" क्या मैं तुमसे प्यार कर सकता हूं?" हमेशा की तरह उसने मुझसे कहा कि" हम एक दूसरे से प्यार करते हैं" में ये सुन के बहुत खुश था के आलिया भी मुझ से प्यार करती है ।कुछ दिन बाद मुझे दिल्ली जाना पाड़ा अपने पापा के अनाथालय को दोबारा शुरू करने के लिए जो 10 साल से बंद था ।पापा कहते थे के अनाथालय के ही किसी आदमी ने अनाथालय में खुद खुशी की थी ।इसलिए अनाथालय को बंद करा दिया गया ।इसे दोबारा शुरू करने के लिए आलिया और में दिल्ली पहुंचे ।लेकिन हमें अनाथालय को दोबारा शुरू करने की परमिशन नहीं मिली इसलिए हम वापस हैदराबाद आगाए। मेरा हार्डवेयर का बिजनेस था जिसमें मुझे लगातार घाटा हो रहा था और मेरा बिजनेस बंद होने वाला था । मेरा एक दोस्त था जो दुबई में नोकरी करता था। उसी ने मुझे दुबई आने के लिए कहा । मुझे भी दुबई जाना ठीक लगा।और कुछ दिन बाद ही में दुबई के लिए निकल गया ।आलिया को छोड़ कर जाना मेरे लिए आसान नहीं था लेकिन दुबई जाना मेरी मजबूरी थी । में दुबई पहुंच गया था और मुझे अच्छी नौकरी भी मिल गई थी ।धीरे धीरे मैने खुद का अलग से बिजनेस शुरू कर दिया और इसमें मुझे बहुत ज़्यादा फायदा भी हुआ। मेरा काम बहुत ज़्यादा बढ़ चुका था और मेरे लिए इसे संभालना मुश्किल हो रहा था मुझे ज़रूरत थी एक सहायक की जो मेरे बिजनेस में मेरी मदद करे। सहायक के इंटरव्यू शुरू हुए। और सहायक के लिए मैने समीरा को फाइनल किया।
समीरा ने ऑफिस में आने के बाद ही अपने काम को पूरी ज़िम्मेदारी से निभाया । समीरा दुबई की ही रहने वाली थी ।वो अपनी मां और भाई के साथ रहती थी ।समीरा का भाई आमिर एक वकील था। में दुबई में अकेला हो गया था क्यों कि ना तो आलिया मेरे साथ थी और ना ही मेरा परिवार । लेकिन समीरा के परिवार ने मुझे कभी इनकी कमी महसूस नहीं होने दी ।समीरा की मां मुझे बहुत पसंद करती थी ।और कहीं ना कहीं समीरा भी मुझे पसंद करने लगी थी ।समीरा और मेरी दोस्ती हो चुकी थी ।में अपना सारा वक़्त समीरा के साथ गुज़ारता था। मैने समीरा को आलिया के बारे में भी बताया था। समीरा मेरी अच्छी दोस्त थी हम एक दूसरे से कुछ नहीं छुपाते थे। कुछ दिन बाद समीरा को शादी के लिए एक रिश्ता आया ।समीरा की मां को वो अच्छा लगा और मुझे भी वो पसंद आया। समीरा का रिश्ता हो चुका था और शादी कि तारीख भी निकाल चुकी थी ।आखिर वो दिन आ ही गया जिस दिन समीरा की शादी होने वाली थी ।शादी की सारी तैयारी हो चुकी थी । समीरा की मां भी बहुत खुश थी । समीरा दुल्हन के लिबास में बहुत सुंदर लगा रही थी ।लेकिन बारात अब तक आयी नहीं थी हम लोगो ने बहुत इंतज़ार किया लेकिन बारात नहीं आयी। कुछ देर बाद समीरा के भाई को कॉल आया तो पता चला के उसका होने वाला पाती भाग गया है ।यह सुनकर समीरा की मां को हार्ट अटैक आ गया। में और आमिर उन्हें अस्पताल ले जाने लगे लेकिन समीरा की मां ने इंकार कर दिया और मुझसे कहा के में समीरा से शादी कर लो। समीरा बहुत रो रही थी और आमिर भी मुझसे बार बार यही कहा रहा था के समीरा से शादी कर लो में कुछ सोच नहीं पा रहा था के में क्या करू । मैने उसके मां की हालत देख कर हां कह दिया और फिर मेरी और समीरा की शादी उसकी मां के सामने हो गई ।और शादी के कुछ देर बाद ही समीरा की मां भगवान को प्यारी हो गई। वह दिन मेरी ज़िन्दगी का सबसे बूरा दिन था ।में नहीं जानता था के आगे चल कर समीरा ही मेरे परेशानी की वजह बानेंगी।
समीरा और में दुबई से वापस हैदराबाद लौटे और हैदराबाद आते ही ही हम दोनों मेरे घर गए ।मेरे मां और पापा को पता नहीं था के मैने शादी करली है । वो हमे देख कर बहुत नाराज़ हो गए और कुछ दिनों तक हमसे बात नहीं की लेकिन हमने मां और पापा को समझा दिया ।लेकिन सबसे मुश्किल था आलिया को समझना। एक दिन आलिया मेरे घर आयि तो उसे पता चला के मैने शादी करली है वह मुझसे बहुत नाराज़ हो गई और उसने मेरी कोई भी बात नहीं सुनी और वह अपने घर चली गई ।उस दिन आलिया बहुत दुखी थी ।मेरे मां और पापा को भी समीरा पसंद नहीं थी । मेरा घर अब घर नहीं जंग का मैदान बन गया था । और मेरे ज़िन्दगी में कोई खुशी बाकी नहीं रही थी। इसलिए कुछ सुकून पाने के लिए में आलिया से मिलने गया और मैने उसे समझाया के मैने ये शादी सिर्फ मजबूरी में कि है ।आलिया ने मुझे माफ़ कर दिया था। अब में समीरा से छुप के आलिया से मिलने लगा था । और धीरे धीरे समीरा की वजह से मेरे घर की खुशियां ख़तम होने लगी थी। और पापा भी बीमार रहने लगे थे।एक दिन पापा की मृत्यु हो गई । इससे पहले के समीरा की वजह से मेरा घर टूट जाता मैने तय किया के में आलिया से शादी करूगा। मां को भी आलिया पसंद थी। मैने आलिया से शादी करली और हम दोनों घर आ गए । समीरा ये देख के बहुत नाराज़ हुई लेकिन समीरा को ये भी पता था के में आलिया से प्यार करता हूं । अब समीरा आलिया और में एक ही घर में रहते थे । समीरा और आलिया एक दूसरे के दुश्मन बन गए थे। समीरा को मेरी और आलिया की खुशी देखी नहीं जाती थी वो आलिया से बहुत नफरत करती थी । इसलिए मैने आलिया के लिए दूसरा घर ले लिया। कुछ दिन बाद अचानक से मां की तबियत बिगड़ गई और जब तक हम अस्पताल पहुंचते तब तक मां की मृत्यु हो चुकी थी ।में बहुत दुखी था । आलिया ने मुझे संभाला । डॉक्टर से पूछने पर पता चला कि मेरी मां की मृत्यु सांस रुकने की वजह से हुई थी । कुछ दिन बाद 5 अप्रैल शाम के 7 बज रहे थे। आलिया को समीरा के खिलाफ कुछ सबूत मिले ।और आलिया ने मुझे बताया के मेरी मां की मृत्यु नहीं हत्त्या हुई थी और ये किसी और ने नहीं समीरा ने कि थी ।में ये सुन कर हैरान था ।मुझे यकीन नहीं था के समीरा मेरी मां की जान ले सकती है । में समीरा के घर पहुंचा लेकिन समीरा वाहा नहीं थी। मुझे आलिया का कॉल आया और उसने मुझसे कहा के उसके पास समीरा के खिलाफ सबूत है ।उसी वक़्त में घर गाया। में वाहा पहोंचा तो आलिया को बंदूक की गोली लगी थी में ये देख बहुत डर गया मैने आलिया से पूछा के ये सब किसने किया आलिया ने मुझसे कहा " ये सब समीरा ने किया है क्यों की मेरे पास उसके खिलाफ सबूत थे" मैने उसे अस्पताल लेजाना चाहा लेकिन उसने कहा " में बच नहीं पाऊंगी लेकिन अगर तुम मुझे अस्पताल ले गए तो समीरा भाग जाएगी समीरा मेरी और तुम्हारी मा की कातिल है तुम उसे मत छोड़ना " आलिया की बात सुनके में समीरा के पीछे गया ।मुझे पता था वो रेलवे स्टेशन गई होंगी ।में हैदराबाद के रेलवे स्टेशन पहुंचा ।लेकिन तब तक मुंबई जाने वाली ट्रेन छूट चुकी थी ।में वापस घर आया तो देखा आलिया अपनी आखिरी सांसे ले रही थी। तभी पुलिस आ गई और मुझे गिरफ्तार कर लिया। ये थी मेरी कहानी । आलिया का खून मैने नहीं समीरा ने किया है।
अरहान ने सागर को सब कुछ सुना दिया था । सागर ने अरहान से कहा"मैं तुम्हें बचा लूंगा लेकिन हमारे पास इस बात का कोई सबूत नहीं है की आलिया का खून समीराा ने किया है" । सागर ने अरहान से कहा के वो समीरा को तलाश करेगा और सारे सबूत धुंड निकलेगा। कुछ दिन बाद अरहान को अदालत में पेश किया गया सारे सबूत और गवाह अरहान के खिलाफ थे और कोई भी सबूत समीरा के खिलाफ नहीं था। अदालत नेेे अरहान को आखिरी मौका दिया। और अरहान से कहा कि अगर वह सबूत नहीं ला पाया तो उसे उम्रकैद की सज़ा सुनाई जाएंगी और यह अदालत का आखिरी फैसला होंगा । अरहान हिम्मत हार चुका थ। अदालत की सुनवाई का आखिरी दिन आ गयाा अरहान को अदालत में पेश किया गया । सागर के पास अरहान की बेगुनाही का कोई सबूत नहीं था अरहान पूरी तरह से डर गया था। अदालत अपना फैसला सुनाने वाली थी। तेज हवाएं चल रही थी अदालत केेेेेे दरवाजे बंद चालू हो रहे थे अरहान का डर उसेेेेे अंदर ही अंदर खा रहा था। अचानक से एक आवाज आई"रुकिए जज साहब" ये आवाज़ किसी और कि नहीं समीरा की थी। समीरा ने कहा कि आलिया का खून अरहान ने नहीं किया है। अरहान उसे देख हैरान था ।जज ने समीरा से पूछा कि" तुम कौन हो और अरहान कि बेेेेेेेगुनही का तुम्हारे पाास क्या सबूूत है"समीरा ने कसम खाई के वो जो कहेेंगी सच कहेंंगी और सच के सिवा कुछ ना कहेंगी। फिर समीरा ने अदालत को सारा मामला सुनाया।
समीरा ने कहा "मैं अरहान की पहली पत्नी हूं। हम दोनों ने दुबई में शादी की थी फिर हम हैदराबाद वापस आ गए ।कुछ दिन बाद ही अरहान ने आलिया से दूसरी शादी कर ली मुझे इस बात का बहुत दुख हुआ लेकिन अरहान के प्यार की वजह से मैं चुप रही कुछ दिन बाद अरहान के पापा की मृत्यु हो गई मुझे आलिया पर शक होने लगा और मैंने उसके बारे में पता लगाना शुरु कर दिया मैं उसके बारे में कुछ पता लगाती उससे पहले ही अरहान की मां की मृत्यु हो गई और आलिया ने सारा इल्जाम मेरे ऊपर डाल दिया मुझे पता था अरहान मेरी बात का यकीन नहीं करेंगे इसलिए मैं सबूत ढूंढने के लिए वहां से भाग गई बाद में पता चला कि आलिया का खून हो चुका है फिर मैंने उसके बारे में सब कुछ पता लगाना शुरू कर दिया । और ये पता लगाने में उसके गांव पहुंच गई ।और वाहा मेरी मुलाकात रोशनी से हुई और उसने मुझे सब कुछ बता दिया। अरहान के पापा का अनाथालय था। और सादिया वहां खाना बनाया करती थी। 1 दिन अनाथालय के बच्चे अचानक से बीमार पड़ गए। जांच पड़ताल करने पर पता चला कि बच्चों के खाने में जहर था।अरहान के पापा ने सादिया को इसका जिम्मेदार बताया। और सादिया को पुलिस के हवाले कर दिया। 5अप्रैल का दिन था। सादिया पुलिस स्टेशन से भाग गई। और उसी अनाथालय में आकर खुदकुशी कर ली। और उस अनाथालय को बंद करा दिया गया। सादिया की एक बेटी थी जिसका नाम आलिया था।
आलिया को अपनी मां की मौत का बदला लेना था। कुछ सालो बाद उसने अपने एक दोस्त से शादी करली ।उसके दोस्त ने अरहान के परिवार से बदला लेने में उसकी मदद की । उसका दोस्त कोई और नहीं अरहान का वकील सागर है। वह अरहान से अजमेर में मिली। अरहान से प्यार का झूठा नाटक किया। और धीरे-धीरे अरहान के करीब आने लगी। और अरहान के दिल में अपनी जगह बना ली। और साथ ही उसके मां और पापा का भी दिल जीत लिया। लेकिन वह हैरान तो तब हो गई जब अरहान ने मुझसे शादी कर ली। उसे बहुत गुस्सा आया फिर उसने मेरे और अरहान के बीच नफरत पैदा करदी और कुछ दिन बाद उसने अरहान के पापा को भी मार दिया। और साथ ही अरहान को संभाला भी ।कुछ दिन बाद ही उसने अरहान से शादी करली और हमारे घर आगयी। फिर अरहान की मां को भी मार दिया और सारा इल्जाम मेरे ऊपर डाल दिया। आलिया का अग्ला शिकार अरहान था वो उसे मारने वाली थी उसे 5 अप्रैल का इंतज़ार था।लेकिन इससे पहले 5 अप्रैल आता आलिया को अरहान से प्यार हो गया ।और उसने अपना इरादा बदल दिया ।ये सब सागर को पता चला जो आलिया का पाती था ।सागर ने सोच लिया के अगर आलिया अरहान को नहीं मरेंगी तो वो खुद अरहान को मारेंगा। 5 अप्रैल शाम के 6 बज रहे थे । सागर अरहान को मारने निकाल गया था ।लेकिन वो अरहान को मारता इससे पहले मेरे भाई आमिर ने आलिया को मार दिया क्यूंकि वो नहीं चाहता था के मेरी ज़िन्दगी आलिया की वजह से खराब हो जाए। मेरे पास इसका सबूत भी है।
समीरा ने अदालत में सबूत पेश किए और अरहान बा इज्जत बरी हो गया। अरहान ने समीरा से माफी मांगी । अरहान और समीरा वाहा से चले गए ।और सागर पर भी कारवाई की गई। और आमिर को भी अदालत ने उमर कैद कि सज़ा सुनाई । अरहान और समीरा दोनों ने अपनी ज़िन्दगी की नई शुरुआत की।

_सोहेल अली