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J K Rowling

ये कहानी है एक लड़की की....जिसे लिखने का बहुत शौक़ था...
6 साल की उम्र में उसने एक खरगोस के उपर कहानी लिखी थी जिसे Pox की बीमारी थी। उसने वो कहानी अपनी माँ को सुनाई, उन्हें वो बहोत पसंद आई उन्हों ने उसकी बहुत प्रशंसा भी की,

वो एक अंतर्मुखी (introvert) थी, अपने Shy नेचर की वजह से उसके ज्यादा दोस्त भी नहीं थे,

वो हंमेशा बुक्स और फेन्टासी की दुनिया में जीती थी, और एक छोटी सी नोटबुक में अपने विचार लिखा करती थी,

15 साल की उम्र में उसकी दादी की मृत्यु हो गई, जिनसे वो बहोत प्यार करती थी, वो कहते है ना की....

" जिंदगी और बुरा वक्त कभी अकेले नहीं आते "

उसकी दादी के देहांत के बाद , ऊस लड़की और उसके पिता के रिस्ते में खटास आ गई, और उसकी माँ एक दिमागी Diseases की वजह से गंभीर रूप से बीमार हो गई,
उसकी माँ की हालत दिन-प्रतिदिन ख़राब होती जा रही थी, और कुछ दिनों बाद ही उनका निधन हो गया,

इस लड़की के लिए उसकी माँ का गुजर जाना, उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा शोक था, और वो डिप्रेशन मे चली गई,

वक्त गुजरा...⌚...हालात बदले,

और एक दिन न्यूज पेपर में, एक जोब का advertisement देखा, ये advertisement पोर्टुगल में एक इंग्लिश टिचर की पोजीशन के लिए था, उसे देख उसके अंदर एक उम्मीद की किरण जगी,

वो बहोत दिनों से नौकरी की तलाश में थी, और अपनी जिंदगी एक नए तरीके से शुरू करना चाहती थी, इसलिए उसने उस मौके को हाथ से नहीं जाने दिया । और पढा़ने के लिए वो पोर्टुगल चली गई,

एक दिन एक रेस्टरोंन्ट में उसकी मुलाकात एक TV जर्नलिस्ट से होती हैं, वो दोनों एक दुसरे से बात करते है, और उन्हें रियलाइस होता है की उनके शौक एक-दुसरे से काफी मिलते थे, उन दोनों को लेखक Austin Jane की बुक्स बहुत पसंद थी, उन्हें एक-दुसरे के साथ टाईम स्पेंड करना बहुत पसंद आया, और वो ऐसे ही रोज मिलने लगे।

एक साल बाद उनकी सादी हो गई, और जल्द ही उनकी एक बेटी भी हुई । उसकी जिंदगी थोडी संभली ही थी, की...फिरसे उनकी लाईफ में एक डार्क मोड आया,

वो Domestic violence का शिकार थी और एक दिन उसके पति ने उसे घर से निकाल दिया, उसके पति के अलावा पोर्टुगल में उसका कोई नहीं था, उसका घर बिखर गया और नौकरी भी चली गई अब उसके पास कोई जोब नहीं थी, बेबस...वो उस देश को छोड़ कर अपनी बेटी को लेकर वापस अपने घर आ गई,
अपनी बेटी की देखभाल करने के लिए सिर्फ और सिर्फ गवरमेंट बेरोजगार के फायदे पर जी रही थी, ये उसकी जिंदगी का सबसे मुश्किल दौर था, वो इतनी ग़रीब थी की किराये के पैसे के लिए भी उसे अपने दोस्तों की मदद लेनी पड़ती थी, वो खुद भूखी रहती थी ताकी वो अपनी बेटी को खाना खिला सके, इन सभी परिस्थतियों के कारण वो खुदको कम्पलिट failure मानने लगी थी,
उसे ऐसा लगता था की उसकी परेशानीयां कभी खत्म ही नहीं होगी, उसके अंदर जीने की कोई उम्मीद नहीं थी और उसी वजह से उसने आत्महत्या करने की कोशिश की,
लेकीन उसकी बेटी ने उसे Inspired किया. और फाईनली उसने डिसाइड किया की वो वही करेंगी जो वो सबसे बेस्ट करती हैं,
उसने फेन्टासी नोवल्स लिखने का फैसला किया, जब भी वो लिखने के लिए अपने Desk पर बेठती थी तो वो सब कुछ भूल जाती थी, और ईसलिए उसने अपना दुःख भूलाने के लिए ज्यादा से ज्यादा लिखना शुरु कर दिया,
जब भी उसकी बेटी सो जाती थी, तो वो अक्सर एक काफे में जा कर अपनी बुक पर काम करती, हालाकी वो काफे का खाना नहीं मंगवा सकती थी, इसलिए वो अपने राईटींग सेशन के दौरान सिर्फ एक कोफी ओर्डर करती थी, ता की ऑनर उसे वहाँ से निकाल ना दे,
एसे ही किसी तरह उसने अपनी नॉवल के पहले 3 चेप्टर लिखे, उसने अपनी बुक एक पब्लिशर को भेजी, परंतु उसने उसे नकार दिया, फिर उसने एक दूसरे पब्लिशर को अप्रोच किया, लेकिन उसने भी उसकी बुक को रिजेक्ट कर दिया, उसके मेईल-बोक्स मे एक के बाद एक रिजेक्शन लेटर भरते गए, 12 पब्लिशर से उसकी बुक को रिजेक्ट किया गया और इस वजह से उसका आत्मविश्वास डगमगाने लगा,
लेकिन एक दिन Bloomsbury पब्लिसींग कम्पनी के एडिटर ने उनकी बुक को पढा़, एडिटर की 8 साल की बेटी भी वही थी और उसे बुक का ओपनिंग चेप्टर बहुत पसंद आया और वो पुरी स्टोरी पढ़ना चाहती थी, ये देख एडिटर ने बुक को पब्लिश करने के लिये हा कह दी, किन्तु एडिटर ने राईटर को समझाया की वो एक फुल टाईम जोब ढूँढना शुरू करदे, क्योकी वो बच्चों के लिए फेन्टासी नोवल्स लिख कर अपना घर नहीं चला पायेगी,
जून 1997 में 31 साल की उम्र में, उनकी पहली नॉवल बुक
"Harry Potter and the Philoshoper's Stone" की
1000 कॉपी पब्लिश हुइ, जब लोगों ने उसकी बुक को पढा़ तो उसकी डिमान्ड तेजी से बढ़ने लगी, 5 महीने बाद उनकी किताब ने अपना पहला पुरस्कार "The Nestle Smarties Book Prize" जीता...
जल्द ही "J. K. Rowling" एक बेरोजगार, डिप्रेश्ड, सिंगल, माँ से 'वन ओफ द बेस्ट सेलिंग ऑथर्स ऑफ ऑल टाइम' बन गई, उनकी पहली नॉवल-बुक "Harry Potter and the Philoshoer's Stone" अब तक की सबसे ज्यादा बीकने वाली किताबों मे से एक है, उनकी 7 बुक की सीरीज में दुनिया भर में 450 मिलियन से भी ज्यादा कॉपीज बीक चुकी हैं,
उनकी बुक पर बनी हुई फ़िल्म ने अब तक 7.7 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा कमाई की है, साल 2004 में "Forbes" मेगेजीन ने "J. K. Rowling" को पहली बिलियनर राईटर घोषित किया, यानी वो पहली ऐसी बिलियनर ऑथर है जिसने सिर्फ अपनी रायटींग से बिलियनर का स्टेट्स हासिल किया,
वो रातों रात सक्सेसफुल नहीं हुई, उन्हें बहुत दुर्भाग्य और रिजेक्शन का सामना करना पड़ा वो भी तब जब वो अपनी बेटी का खयाल अकेले रख रही थी और साथ ही साथ डिप्रेशन से भी लड़ रही थी, उनकी निष्फलता ने उसे मजबूत बनाया और उन्हें उनके Passion के करीब लाया।
इतने अमीर और लोकप्रिय होने का बावजूद वो कभी भी उस मुश्किल दौर को भूला नहीं पाई, उन्होंने ईतना दान-प्रदान किया की 2011 में उन्होंने अपना बिलियनर स्टेट्स भी खो दिया,
J. K. ROWLING की कहानी हमें यह सिखाती हैं कि कडी़ मेहनत का फल हमें जरूर मिलता हैं, अगर आपका कोई सपना हैं और आप बार बार उसमें रिजेक्शन फेस कर रहे हो तो कभी हार मत मानना,
" It is impossible to live without falling at something unless you live so cautiously that you might as well not live at all in which case you fail by default "
J. K. ROWLING

दोस्तों J. K. Rowling मेरी मनपसंद लेखिका है, उसके जिवन से प्रभावित हो कर मैंने यह स्टोरी लिखी हैं,

हो सकता है J. K. Rowling की कहानी पढ़के आपको भी उसके व्यक्तिगत जीवन से प्रेरणा मिल सके।

यह प्रेरणात्मक कहानी के लिए और मुझे दुसरी कहानीयाँ लिखने हेतु प्रेरित करने वास्ते आपके मूल्यवान Review -Comments - Rating जरूर करे,
यह कहानी पढ़ने के लिए
आपका दिल से धन्यवाद 🙏

When You Balance Yourself Like a Rock Stone, Nobody can Move You,
✍ Wr.Messi