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मुझसे दोस्ती करोगे - भाग 4

मिस्टर मल्होत्रा ने सोनिया को उठाया और उसे मारने लगे वह बहुत गुस्से में थे, सोनिया चिल्लाती रही कि उसे कुछ नहीं पता लेकिन पापा ने उसकी एक न सुनी | सोनिया फूट-फूट कर रोने लगी पति के तेज गुस्से के आगे मिसेज मल्होत्रा भी कुछ नहीं बोल पाई पर उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था  कि ऐसा काम उनकी यह छोटी सी बच्ची कैसे कर सकती है,

बेड के नीचे पड़ी वह गुड़िया मुस्कुरा रही थी जिसके मुंह पर खून लगा था और चेहरे पर एक शैतानी मुस्कुराहट थी |

कुछ देर बाद माला और मुन्नी काम पर आ गई, मिसेज मल्होत्रा ने माला को बीती रात की कहानी बताई तो माला भी घबरा गई कि सोनिया ने सारी मछलियां कैसे खा ली |

मुन्नी सोनिया के कमरे में गई तो सोनिया ने कहा, "सारी मछलियां इस गुड़िया ने खाई है" | मुन्नी ने बेड के नीचे से गुड़िया को उठाया तो गुड़िया ने मुन्नी और सोनिया से कहा, "मुझसे दोस्ती करोगी..?"

दोनों ने हां में सर हिलाया, गुड़िया मुस्कुराई, कुछ देर तक गुड़िया को देखने के बाद मुन्नी और सोनिया एक दूसरे को देख कर मुस्कुराने लगी जैसे उनमें कोई शैतानी ताकत समा गई है|

अब सोनिया बात बात पर गुस्सा जाती और जवाब देती, किसी डांट का कोई असर उस पर नहीं पड़ता, दिन-ब-दिन उसका व्यवहार बहुत बुरा होने लगा, उसके कमरे से आवाजे आती जिससे मिस्टर मल्होत्रा काफी परेशान थे, एक दिन खाना खाते समय सोनिया पापा से बहस करने लगी और उन्हें घूर घूर कर देखने लगी

मल्होत्रा ने कई बार उससे नज़रें नीची करने को कहा लेकिन वह नहीं मानी और मुस्कुराती रही, मिसेज मल्होत्रा को तो अब सोनिया से डर लगने लगा था इसलिए वह कुछ नहीं बोली । इस पर मल्होत्रा ने नाराज होकर सोनिया को खींचते हुए ले जाकर स्टोर में बंद कर दिया और बोले "पूरी रात अकेले कमरे में बंद रहेगी ना तो सारी अकल ठिकाने आ जाएगी, दिन पर दिन बदतमीज होती जा रही है" ये कहकर वो लेट गए और सब सो गए |

आधी रात में मिस्टर मल्होत्रा को ऐसा लगा जैसे सोनिया रो रही हो उन्होंने उठकर देखा  और उन्हे इस बात पर काफी पछतावा हुआ कि उन्हें इस कदर बेटी को स्टोर में बंद नहीं करना चाहिए, वो स्टोर खोलने गए और स्टोर खोल कर अंदर घुसे तो उनके सर पर किसी ने बड़ी जोर से डंडा मारा, उन्होंने जब पीछे मुड़कर देखा तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ की उनकी अपनी बेटी सोनिया ने उन्हें डंडा मारा, वो उनके सामने ही खड़ी उन्हें  घूर रही थी, तभी उसकी वह गुड़िया जोर जोर से हंसने लगी ।

मिस्टर मल्होत्रा इस गुड़िया को देखकर बिल्कुल ठंडे पड़ गए  उनकी माथे पर पसीने की बूंदें उभर आईं और दिल इतनी तेज तेजी से धड़कने लगा जैसे उन्होंने कोई गुड़िया नहीं शैतान देख लिया हो, वह फर्श पर गिर पड़े और हड बढ़ाते हुए बोले "यह यह यह  गुड़िया यहां कैसे आ गई यह नहीं हो सकता, यह बिल्कुल नहीं हो सकता"।

सोनिया ने मुस्कुराते हुए कहा "क्यों नहीं हो सकता पापा... बिल्कुल हो सकता है जो हो नहीं सकता था वह आप ने ही तो कर दिया तो फिर यह क्यों नहीं हो सकता, कुछ याद आया आपको या भूल गए"।

इन शब्दों को कहते हुए उसकी आवाज दो आवाजों में बदल गई और उस गुड़िया की आंखे अंगारों सी जलने लगीं, वह धीरे धीरे मल्होत्रा के पास आकर बोली "मुझसे दोस्ती करोगे हा हा हा हा हा"

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