Majhse dosti karonge - 9 books and stories free download online pdf in Hindi

मुझसे दोस्ती करोगे - भाग 9

मिस्टर मल्होत्रा अपने अतीत से जागे और बोले "मुझे माफ कर दो मुझसे गलती हो गई, प्लीज मुझे माफ कर दो", तो गुड़िया ने हंसते हुए कहा "तुझे माफी देने तो आई हूं मैं"l इस पर सोनिया ने कहा "पापा आप परेशान मत हो, मैं हूं ना... आपकी बेटी... लेकिन आपको एक समझौता करना पड़ेगा या तो आप मुझे चुन लीजिए या खुद को"l

इस पर मल्होत्रा ने डरते हुए कहा " म्म्म्म….म्म्म्म्म... मतलब"l
सोनिया ने कहा "हम दोनों में से कोई एक ही बच सकता है या तो मैं या तो आप…." ये सुनते ही मल्होत्रा घबरा गया और सोनिया ने अपना सिर दीवार पर पटकना शुरू कर दिया, उसका सिर लहूलुहान हो गया, जिसे देखकर मल्होत्रा ने कहा "नहीं…. नहीं... बेटी मुझे मार दो मुझे मार दो लेकिन तुम खुद को कुछ मत करो, तुम्हारी इसमें क्या गलती है"l

यह सुनकर सोनिया और वह गुड़िया तेज तेज से हंसने लगी और मल्होत्रा की चीख से पूरा घर गूंज उठा लेकिन मिसेज मल्होत्रा बेहोश सोई हुई थीं l

अगले दिन सुबह…

"मम्मी.. मम्मी..जल्दी आओ" सोनिया चिल्लाकर मम्मी को बुलाने लगी |

मिसेज मल्होत्रा ने आकर स्टोर में देखा तो चिल्ला कर बेहोश हो गई |

मिस्टर मल्होत्रा कुर्सी पर बैठे थे उनकी आंखें ऐसा लग रहा था किसी ने बहुत बेरहमी से नोच डाली हो और उनके मुंह में एक मोटा चूहा दबा था जैसे वह चूहे को खा रहे हो |

सोनिया मुस्कुराई और बोली, "देखो मम्मी, पापा ने चूहे खाए, चूहे खाए.. पापा कितने गंदे हैं, पापा कितने गंदे हैं" | वो बार बार यही दोहराती रही l

मिसेज मल्होत्रा को कुछ देर बाद होश आया तो सोनिया को देखकर दंग रह गई, वह बस यही कहते जा रही थी कि "पापा कितने गंदे पापा ने मोटे मोटे चूहे खाए, मैंने मछलियां नहीं खाई थी पापा चूहे खाते हैं" | कुछ ही देर में वहां पड़ोसियों की भीड़ जमा हो गई और मिस्टर मल्होत्रा की लाश को इस तरह देखकर हर कोई दंग रह गया, पुलिस अपनी छानबीन करके चली गई और घर में मातम छा गया |

अगले दिन माला घर में एक पहुंचे हुए बाबा को पूजा के लिए लेकर आई, बाबा ने घर की दहलीज पर कदम रखा तो उन्हें आभास हो गया कि इस घर पर कोई दुष्ट आत्मा का प्रकोप है, बाबा ने सबको कमरे से बाहर जाने के लिए कहा, बाबा ने कमरा बंद किया और मंत्र पढ़ना शुरू किया जिससे वह गुड़िया तड़पने लगी और बाबा के सामने आ गई | उसने बाबा पर कई बार हमला किया लेकिन बाबा बच गए, बाबा गुड़िया की आत्मा को वश में करने के लिए मंत्र पढ़ने लगे कि तभी आवाज आई, "बाबा ओ बाबा.." | बाबा ने आंखें खोली और मंत्र पढ़ना शुरू कर दिया सामने गुड़िया बैठी हंस रही थी और वह बोली, "बाबा.. घर में तुम्हारी लड़की अकेले हैं, उसे अकेला छोड़ कर नहीं आना चाहिए था, हा हा हा हा" l बाबा ने गुस्से में कहा " दुष्ट आत्मा तू मेरा कुछ नही बिगाड़ सकती, निकल जा इस घर से वरना तुझे जला कर भस्म कर दूंगा" तभी वह गुड़िया बाबा की बेटी की आवाज में चिल्लाने लगी, "बाबा… मुझे बचाओ बाबा… मुझे बचाओ.. मैं मर जाऊंगी, हा हा हा हा….." |