Jaini aur sapno ka Rajkumar - 2 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | जैनी और सपनों का राजकुमार - 2

जैनी और सपनों का राजकुमार - 2

Episode-2

जैनी जैसे ही आंख खोली तो अंधेरा देख कर चिल्लाने लगी और रोने लगी ‌

ये कहा मैं आ गई किसने कैद किया है मुझे।।

कुछ देर बाद वो साहुकार आ गया और बोला ऐ लड़की क्या है तेरे पास कोई जादुई छड़ी जिससे इतना सुन्दर सिंहासन बना दिया।बोल वरना मार डालुगा।

जैनी सोचने लगी कि बहुत बड़ी मुश्किल में पड़ गई हुं। क्या करूं कैसे निकल जाऊं।

घर में नानी मां रोते रोते भगवान को बुलाने लगी।

और फिर अचानक उन्हें उस गुड्डे की याद आ गई। और फिर उस लकड़ी के गुड्डे को उठाया और कहा राजकुमार मेरी बच्ची मुसीबत में है उसे बचा ले।

तहेखाना में जैनी बहुत रोने लगी और सोचने लगी कि क्या करूं।

फिर जैनी ने मन में राजकुमार को याद किया और बोली मुझे यहां से आजाद करो।

कहते हुए सो गई।

साहुकार ने देखा कि एक बहुत बड़ा सा सिंहासन मेज सब रखा है और फिर साहुकार बहुत खुश हो गया और उसके मन में एक लालच आ गया और सोचने लगा कि अगर इस लड़की को मैं अपना गुलाम बना लूं तो मेरा सारा काम हो जाएगा। ये बोल कर हंसने लगा।

फिर इसी तरह बहुत दिन बीत गए महीने गुजर गए।

जैनी वहीं उसी तहेखाना में पड़ी रही,रोती रही, चिल्लाती रही पर कुछ नहीं कर पाईं।

उधर उसकी नानी मां रो रो कर परेशान हो रही थी ।

एक दिन नानी मां को याद आया कि उस लकड़ी के गुड्डे के बारे में जैनी हमेशा कुछ न कुछ बोला करती थी तो फिर उस गुड्डे के पास जाकर नानी मां ने कहा हे राजकुमार तुम मेरी पोती को बचा लो।

फिर नानी मां ने उस गुड्डे को लेकर घर से निकल पड़ी और फिर सीधे साहुकार के दरवाजे पर गई।

फिर नानी मां को महसूस हुआ कि वो गुड्डा दूसरी ओर इशारा कर रहा है।

फिर साहुकार के घर के पीछे वाले जगह पर पहुंच गई और फिर देखा तो दरवाजा एकदम से खुल गया।

धीरे धीरे नानी मां उस गुड्डे को लेकर अन्दर प्रवेश किया।

और फिर आगे बढ़ गई तो देखा कि एक तहेखान बना है फिर उसके अंदर प्रवेश कर गईं।

काफी अंधेरा होने के कारण कुछ ठीक से नहीं दिखाई दिया और एकाएक रोशनी हो गया।

नानी मां ने देखा कि उसकी जैनी जमीन पर लेटी थी।

नानी मां ने पुकारा जैनी उठ ना, मेरी बच्ची।।

जैनी ने आंखें खोली और बोली नानी मां तुम यहां।।

नानी मां ने कहा हां बेटा देख तेरा राजकुमार तुझे आजाद कराने आया है।

फिर किसी तरह से नानी मां ने जैनी को मुक्त कराया दरसअल उस बेजुबान गुड्डे ने ही अपनी चमत्कार से जैनी को उस जाल से बचाया।

और फिर किसी तरह घर वापस आ गए।

घर पहुंच कर जैनी को बिस्तर पर लिटा कर नानी मां ने जल्दी से गर्म पानी चुल्हे पर चढ़ाया और एक लेप तैयार किया ।

और फिर जैनी के सारे जख्मों पर मरहम पट्टी बांध दी।

और गर्म पानी से जैनी को अच्छी तरह से स्पाज करा दिया।

फिर गर्म गर्म सूप तैयार करके जैनी को खिलाया।

इसी तरह जैनी को ठीक होते होते महीने लग गए ।

फिर जैनी बिल्कुल ठीक हो गई और फिर उसने अपनी आपबीती सुनाई।

नानी मां ने कहा आज तेरा इस राजकुमार ने ही तुम्हें बचाया बेटी मैं ना समझ पाई की एक मां के प्यार में कितना ताकत और विश्वास होता है।

तुम जब अटठारह की हो जाओगी तो इस को माला पहना देना।

जैनी ने कहा हां नानी मां, मेरी मां भी ये चाहती है।

जैनी फिर से पहले की तरह लकड़ियां काट कर ले आती थी और रात को सबके सोते ही वो गुड्डा अपनी कलाकारी दिखा दिया करता था।

इसी तरह जैनी और उसकी नानी मां का घर चलने लगा था अब पहले से ज्यादा मुनाफा भी होने लगा था।

क्योंकि अब कुर्सी,टेबल, लकड़ियों का बरतन भी बड़ी सरलता से बना लेता था।

जैनी रोज की तरह उसे खाना खिलाया करती थी और फिर खुद भी खा लेती थी।

एक बार कश्मीर में एक राजा उदय भान के आने की घोषणा कर दी गई।

सुनने में आया कि वो वहां अपने लिए एक रानी की तलाश में आयेंगे।

राजा उदय भान बहुत ही अच्छे और नेक इंसान थे। उन्होंने ने एक शर्त रखी कि जो चीज पर वो हाथ रखेंगे उन्हीं से शादी करेंगे।

फिर क्या था ये बात हर घर घर में चर्चा का विषय बन गया था।

जैनी ने भी जब ये बात सुना तो उसने सारी बात नानी मां को बताया।

इसी तरह दिन बीतने लगे।पर अभी तक राजा की शादी नहीं हो पाई।

जैनी अपने सपनों के राजकुमार को भी ये सारी बात बताई और कहा कि मुझे एक डर सा लग रहा है कहीं कोई अनहोनी ना हो जाए अगर कुछ हो जाए तो मैं जीवित ना रहुंगी।

नानी मां को भी इस बात की चिन्ता थी, कि कहीं राजा ने सबसे पहले जैनी को स्पर्श किया तो क्या होगा?

रात को बेमन से खाना खा कर सो गई जैनी।

और फिर सपने में जैनी की मां ने उसको एक रास्ता बताया कि कैसे इस बेमेल विवाह से बच सकती है।

दूसरे दिन जैनी ने जल्दी से जाकर राजकुमार को सब कुछ बता दिया और फिर अपने काम पर लग गई।

इधर राजा उदय भान अपने घोड़े पर सवार होकर इधर-उधर देखने लगें। तभी उनकी नजर जैनी पर पड़ गई।

और राजा ने मन में सोचा कि मेरी मुराद पूरी हो गई अब मैं इस लड़की से  ही शादी करूंगा।

राजा वापस अपने महल में जाकर अपने सैनिकों को हिदायत दी कि पता करो कि वो सुन्दर लड़की कौन है?

फिर सभी सैनिक अपने अपने खोज पर निकल गए। और सब जगह खोजबीन शुरू कर दिया पर कुछ हासिल नहीं हो पाया।

वो सब थक कर चूर हो चुके थे पर राजा ने कहा था कि अगर कुछ पता नहीं कर पाएं तो वापस मत आना और अगर आएं तो आजीवन कारावास मिलेगा तो सभी सैनिक डर के मारे हिम्मत नहीं कर पा रहे थे वापस राज महल जाने का।

क्रमशः।

Rate & Review

Balkrishna patel

Balkrishna patel 2 years ago

Share