Tere Ishq me - 6 books and stories free download online pdf in Hindi

तेरे इश्क में - 6

सुबह सुबह पंछीओ के कलरव से सारा रिसोर्ट गुंज रहा था । फूल की खुशबु चारो तरफ फैली हुई थी। लोन पर पानी के छंटकाव से भीनी भीनी सुगंध आ रही थी
तितलियाँ फूलो पर मंडरा रही थी। पूरा रिसोर्ट अपना आगवा सौंदर्य बिखर रहा था। धूप थी पर मीठी लग रही थी सर्दी के कारण।
श्री टहल रही थी ओर खूबसूरत नजारे का आनंद ले रही थी।
पीछे से आवाज आई, आपही श्री मैम हो?
श्री ने मुड़कर देखा तो रिसोर्ट का वैटर था उसने स्माईल देते हुए हा कहा।
वैटर ने कहा ये गिफ्ट एक सर ने आपको देने को कहा है।
श्री कोन थे वो सर?
नाम तो याद नही पर मेने आपके साथ उन्हे कई बार देखा हे मैम वैटर ने कहा।
श्री ने कहा ओके थैंक्स ओर उसने वो बॉक्स अपने हाथो मे ले लिया।
ओर वो वैटर वहा से चला गया

श्री अपने रुम के अंदर आई ओर वो गिफ्ट बॉक्स को देख ने लगी । उसने सोचा कही ये मयंक या मन की शरारत तो नही।
उस ने धीरे से उस बॉक्स को खोला ओर जेसे ही वो खुला उसमे से गुलाब की पंखुरीया उडी ओर पूरे बेड ओर श्री पर बिखर गई।
श्री ने बॉक्स मे देखा तो एक लेटर था और बहुत ही सुंदर गोल्डन ओर मरुन कलर की बनारसी सिल्क की सारी ओर जूलरी थी।
श्री ने लेटर हाथ मे लीया ओर पढना शुरू कीया:

डियर
श्री ई होप की तुम्हे ये तोहफ़ा पसंद आया हो।
मे ये तुम्हारी शादी की गिफ्ट के तौर पर लेके आया था , तब पता नही था की तुम अभी भी मेरी हो, पर ये शायद मे केह सकता हुं अब। यकीन तो है मुझे , पर आज शाम ये सारी पहेन लोगी तो यकीन गहरा हो जायेगा , ओर तुम्हे इ लव यू कहेने की जरूरत भी नही पडेगी। कल जो कहा था वो दिल से था।
अभी पापा को एयरपोर्ट लेने जा रहा हुं तो हम सीधा शाम को ही मीलेंगे।
मे इन्तज़ार करूंगा । ओर ज्यादा मत हसो तुम्हारे गाल दुख ने आ जाएंगे
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I LOVE YOU 💘

उसने लेटर को अपने हाथो मे लीया ओर चार पांच बार कीस कर दी।
फीर लेटर ओर सारी को अपने सीने से लगाके देर तक बैठी रही वो अपनी बाहो मे दर्श को फील कर रही थी।
वो लेटर पढके वो इतनी खुश थी के उसने जीया को कोल लगा दिया।
दो तीन बार फोन करने के बाद वो कोल रिसीव करती है ।
जीया - क्या हे यार सोने देना ।
श्री अभी भी सो रही है क्या?
हा कल रात देर तक जगी थी तो नींद पूरी नही हुई जीया ने कहा।
श्री ओय होय क्या बात है , क्या हुआ कल रात?
तेरी शादी हो जाने दे बाद मे बताती हु जीया ने कहा।
श्री ने कहा बाबा मजाक कर रही हुं एक बात बतानी थी और उसने रात को ओर सुबह दर्श ने जो कीया वो सब बता दिया ।
जीया ओ माय गोड यार तुने मुजे इतनी बडी खुश खबरी दी है ना मे बता नही सकती। मे अभी ही अनूज को बताती हुं ।
श्री नही यार मे सबके सामने उसे प्रपोज करना चाहती हुं तुम कीसी को भी मत बताना चल बाय। ओर वो फोन रख देती है। ओर
वो तैयार होकर उसके दोस्तो के पास आई।
निसी ने कहा यार ये श्री कुछ अलग दीख रही हे।
मयंक ने कहा मुझे तो कोई फर्क नजर नी आ रहा ।
तु भी इस गधी के साथ रहकर उसके जेसा बन गया हे।निसी ने मू बनाते हुए कहा। तब तक श्री वहा आ जाती है।

श्री क्या बात हो रही है ? हमै भी बताओ।
काया कुछ नही बस ये हम लोग सोचाकर रहे थे की तु दर्श को फिर प्रपोज कब करेगी?
ओओओओ आज शाम ही कर दु अगर तुम लोग चाहो तो श्री ने हसते हुए कहा।
तेरे बस की बात नही हे पहेले की बात ओर थी पर अब तुम मे वो दम नही रहा मन ने कहा ।

श्री क्या तु मुझे ‍ˈचैलिन्‍ज्‌ कर रहा हे? अगर मे ने ये कर दीया तो मुझे क्या देगा वो बोल।
मन सोच ते हुए हममममम तु जो भी चाहोगी वो।

श्री ओके तो तुम अपने ये लंबे बाल कटवा देना।
डन मन ने कहा।
मयंक काया निसी श्री की ओर देख ते ही रहै।
मयंक ने कहा सच कहा यार ये तो पहेले वाली शरारती बंदी बन गई है ।
मन के बाल सच मे गये। ओर वो तीनो हस ने लगे।

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दर्श अपनी फैमली को एयरपोर्ट से लेकर सीधा अनूज और जीया के पास जाता है, जीया और अनूज की ˈफै़मलि भी वहा थी। शाम को रिˈसे᠎̮प्‌श्‌न्‌ भी वही रखा हुआ था। उन लोगो को पीहू की ˈफै़मलि ने भी जोईन कीया। ।
क्रमश.............

मेरे तमाम प्यारे दोस्तो को ये बाताना चाहुंगी की आज वक्त बहुत ही कम मीला है , तो ज्यादा नही लीख पाई इस लिए दिल से माफी चाहती हुं ।
शुभ रात्रि 🙏🙏🌹