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जीवनधारा - 12

...शहर से बाहर थोड़ी दूर चलने के पश्चात रूपेश अपनी कार सड़क के एक किनारे रोकता है और ढाबेवाले के पास पहुंच जाता है । वहाँ, नंदिनी की तस्वीर उसकी तरफ बढ़ाते हुए रूपेश कुछ कहता, इससे पहले ही वह ढाबेवाला नंदिनी को पहचान लेता है और बताता है कि इसी बच्ची को तो उसने उस दिन देखा था ।

रूपेश ने पूछा कि वो किस तरफ गए तो ढाबेवाले ने बताया- “जिसके साथ नंदिनी आयी थी, वह पास के ही एक गांव में रहता है और अक्सर इस ढाबे पर चाय पीने आता है । एकदिन, फोन पर किसी से बातचीत करते समय मैंने उसके पास के गांव में रहने की बात सुनी थी” ।

ढाबेवाले का मोबाइल नंबर ले रूपेश और पूजा, दोनों उसके बताए गाँव की तरफ बढ़ जाते हैं ।

हाइवे से थोड़ी दूर कार भगाने के बाद रूपेश एक कच्ची सड़क की तरफ मुड़ता है और थोड़ा अंदर आकर ही उस गांव में पहुंच जाता है ।

गांव में कुछ लोगों से पूछताछ करने के बाद शंभू नाम का एक ग्रामीण उस बच्ची को पहचान जाता हैं और उन्हे बताता है कि कुछ दिन पहले जब यह बच्ची बीमार थी तो कोई आदमी उसी के डिस्पेंसरी पर इसका इलाज करने लाया था ।

रूपेश शंभू से नंदिनी को ढूँढने में उनकी मदद करने की अनुरोध करता हैं। तब, शंभू बताता है कि डिस्पेन्सरी के रजिस्टर से शायद उस बच्ची का पता और मोबाइल नंबर मिल जाए । फिर, डिस्पेंसरी आकर रजिस्टर चेक करता है, जिसमें नंदिनी का दर्ज किया हुआ नाम और पता मिल जाता है, जो इसी गाँव का था ।

शंभू उन्हे रजिस्टर में दर्ज पते पर लेकर जाता है । रूपेश शंभू को उस घर के भीतर जाकर नंदिनी का हालचाल लेने बोलता है, ताकि पता चल सके कि वह अंदर है कि नही । रूपेश और पूजा थोड़ी दूरी पर जाकर खड़े हो जाते हैं, जहां से वह घर में होने वाली हरकतों पर नजर रख सकें और कोई उन्हे देख भी न पाये ।

शम्भू उस घर पर जाकर दरवाजा खटखटाता है । अंदर से एक आदमी बाहर निकलता है। यह वही आदमी था, जो नंदिनी को लेकर डिस्पेंसरी आया था । इसलिए दोनो एक-दूसरे को पहचान जाते हैं । शंभू उससे नंदिनी की तबीयत पूछता है और जांच करने के बहाने घर के अंदर चला जाता है । थोड़ी देर के बाद वह बाहर लौटता है और बिना इधर-उधर देखे अपनी डिस्पेन्सरी की ओर रवाना हो जाता है । रूपेश और पूजा भी उसके पीछे-पीछे चल देते हैं।

डिस्पेन्सरी पहुँच वह बताता है कि नंदिनी उस घर के भीतर ही है । उसके अलावा घर में एक और आदमी है ।

पूजा इस बार कोई भी गलती नही करना चाहती थी। इसीलिए उसने पुलिसवाले को फोन कर सारी बातें बताई और जल्दी से उस गाँव में पहुँचने का निवेदन किया। थोड़ी ही देर में पुलिसवाले आ गए । सभी उस घर पर पहुंचे, जहां नंदिनी थी ।
लेकिन यह क्या ? उस घर पर तो ताला लटका था ।...