Ek bund Ishq - 4 books and stories free download online pdf in Hindi

एक बूंद इश्क - 4

४.खुशखबरी

अपर्णा होटल आकर सीधा ही अपनें रुम में आ गई। उसकी कुछ समझ नहीं आ रहा था कि उसे नौकरी मिलेगी या नहीं? यहां आने से पहले वो स्यॉर थी कि उसे नौकरी जरूर मिलेगी। लेकिन उसे तब ये कहा पता था कि उसका इंटरव्यू शिवा याने कि रूद्र लेनेवाला है। जिसके चलतें अपर्णा थोड़ी टेंशन में आ गई थी।
दोपहर के एक बजे उसने खाना अपनें कमरें में ही मंगवा लिया। फिर खाकर वह थोड़ी देर के लिए सो गई। थकान की वज़ह से उसे नींद तो आ गई। लेकिन नौकरी का ख्याल अभी भी उसके मन से जा नहीं रहा था। नींद में भी वह इंटरव्यू के वक्त जो हुआ वहीं सोच रहीं थी। गहरी नींद सो जाने के बाद वह अचानक ही चिल्लाकर उठ गई। उसके माथे पर पसीना आ गया और गला रुंध गया। सांस भी फूलने लगी थी। उसने जल्दी से पानी का गिलास उठाकर पानी पिया।
अपने मम्मी-पापा से अलग होने के बाद उसे बहुत बार ऐसे सपने आते थे। जिसमें वह अपने मम्मी-पापा को लड़ते हुए देखती थी। अपर्णा के जन्म के बाद से ही दोनों के बीच छोटी-छोटी बातों पर बहस हो जाती थी। जो बाद में बड़ी लड़ाई बनने लगी। जिसका छोटी सी अपर्णा के दिमाग पर बहुत गहरा असर हुआ था। उसका पूरा बचपन मम्मी-पापा के बिना ही बिता था। आखिर में दोनों के अलग हो जाने के बाद अपर्णा बिल्कुल टूट गई थी। लेकिन उसके चाचा-चाची ने उसे संभाल लिया। वक्त बीतता चला गया और चाचा-चाची के प्यार ने और दुनिया से मिले तानों ने अपर्णा को मजबूत बना दिया। धीरे-धीरे वह खुद को संभालना सीख गई। मगर आज़ भी उसे कभी-कभार आतें सपनों की वज़ह से अपने मम्मी-पापा की याद आ ही जाती।
अपर्णा को अब नींद तो आनेवाली थी नहीं। इसलिए वह उठकर बैठ गई। उसने घड़ी में देखा तो तीन बज गए थे। मुंबई आकर उसने घर पर किसी से बात नहीं की थी। इसलिए उसने चाची को फोन लगाया। चाची ने तुरंत ही फोन उठाकर कहा, "जे का बात हुई? तुम तो मुंबई जाकर हमें भूल ही गई।"
"ऐसा कुछ नहीं है चाची। आकर तुरंत इंटरव्यू के लिए चलीं गईं। वहां से आकर खाना खाया और थोड़ी देर आराम किया। लेकिन नींद नहीं आई तो आपको फोन लगाया।" अपर्णा ने कहा।
"आज़ फिर से वो सपना आया क्या?" अपर्णा की आखरी बात सुनकर चाची को तुरंत पता चल गया कि अपर्णा को फिर से सपना आया था।
अपर्णा ने चाची परेशान ना हों इसलिए कह दिया, "ऐसा कुछ नहीं है। मैंने तो मेरा इंटरव्यू सही से हो गया ये बताने के लिए फोन किया है।"
"जे तो अच्छी बात है। महादेव तुमरे सारे सपने पूरे करें।" चाची ने कहा।
"ठीक है चाची! तो अब हम फ़ोन रखते है।" कहकर अपर्णा ने फोन रख दिया। ज्यादा बात करके चाची को अपर्णा के उदास मन के बारे में पता चल जाए ऐसा अपर्णा नहीं चाहती थी।
अपर्णा चाची से बात करने के बाद अपनी बैग के पास आई और उसे खोलकर, उसमें से एक तस्वीर निकालकर खिड़की के पास आ गई। उसने उस तस्वीर को एक नज़र देखा फिर अपनें सीने से लगाकर, आंखें बंद किए खड़ी होकर कहने लगी, "मम्मी-पापा! सब को यहीं लगता है कि हम किसी से नहीं डरते। हम बहुत बहादुर है। लेकिन हकीकत तो कुछ और ही है। हमें भी डर लगता है जब हमें वो दिन याद आता है जब आप दोनों हमें छोड़कर चले गए थे। हम भी कमजोर पड़ जाते है जब हमें अहसास होता है कि हमारे मम्मी-पापा हमारे साथ नहीं है।" अपने मम्मी-पापा की तस्वीर से बात करते-करते अपर्णा की बंद आंखों से आंसू बहने लगे।
अपर्णा सब को जितनी बहादुर बताती थी। वाकई में वो उतनी ही बहादुर थी। लेकिन बस मम्मी-पापा की याद आने पर कमजोर पड़ जाती थी। अपर्णा चाहें लाख कह लें कि वह अकेले सब कुछ मेनेज कर सकती है। लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं था। दुनिया में हर बच्चों को अपनें मम्मी-पापा की जरूरत पड़ती है। वैसे ही अपर्णा को भी अपने मम्मी-पापा की जरूरत थी। उसे भी उनकी कमी महसूस होती थी।
अपर्णा काफ़ी वक्त तक अपने मम्मी-पापा की तस्वीर को अपने सीने से लगाए खड़ी रही। जब उसका फोन बजा तब जाकर उसको अहसास हुआ कि वो काफ़ी वक्त से ऐसे ही खड़ी है। उसने तस्वीर को बैग के ऊपर रखा और फोन हाथ में लिया। किसी अननोन नंबर पर से फ़ोन आ रहा था। उसने फोन उठाकर कान से लगाया और कहा, "हेल्लो!"
"जी मैम! मैं आर.आर.एंटरप्राइज से साक्षी बोल रही हूं। आपने आज़ जो इंटरव्यू दिया। उसमें आपका सिलेक्शन हो गया है। आप चाहें तो कल से ही जोइन कर सकती है।" साक्षी ने कहा।
"क्या? आप सच कह रही है? सच में मेरा सिलेक्शन हो गया?" अपर्णा ने खुश होकर एक बार फिर से कन्फर्म करने के लिए पूछा।
"जी मैम! हमारे रुद्र सर ने खुद मुझसे कहा कि अपर्णा भारद्वाज को फोन करके बता देना कि उनका सिलेक्शन हो गया है।" साक्षी ने कहा।
"थैंक्यू, थैंक्यू सो मच! आपको शायद पता नहीं लेकिन आपने मुझे बहुत खड़ी खुशखबरी दी है।" अपर्णा ने खुश होकर कहा।
"तो फिर आप कब से जोइन करना चाहेगी?" साक्षी ने पूछा।
"मुझे जोइन करने में दो दिन लग जाएंगे। मैं सिर्फ इंटरव्यू देने ही आई थी। इसलिए मुझे पहले बनारस जाना होगा। मैं दो दिन बाद जोइन कर लूंगी।" अपर्णा ने कहा और फोन डिस्कनेक्ट हो गया।

(क्रमशः)

_सुजल पटेल