Chhal - 23 in Hindi Moral Stories by Sarvesh Saxena books and stories PDF | छल - Story of love and betrayal - 23

छल - Story of love and betrayal - 23

इसके बाद कई दिन हो गए पर मैडम का फोन नहीं आया फिर करीब महीने दो महीने बाद मैडम का फोन आया कि उन्हें कुछ काम है तो मैं उनसे मिलने तुरंत आऊँ , मैं मैडम के घर गया तो वो बाहर ही खड़ी मेरा इंतजार कर रही थी, वो जल्दी से गाड़ी में बैठ गई और बोली,

"फटाफट सिटी मॉल चलो" |

मैंने गाड़ी स्टार्ट करते हुए कहा, "क्या हुआ मैडम? सब ठीक है ना?

वो मुस्कुरा कर बोली," हां, सब ठीक है "|

सिटी मॉल आते ही मैडम बिना कुछ कहे गाड़ी से उतर कर मॉल के अंदर चली गई, मैं समझ गया कुछ गड़बड़ है इसीलिए मैं भी उनके पीछे चला गया पर मॉल में इतनी भीड़ थी कि पता ही नहीं चला कि मैडम कहां गायब हो गई और फिर मैं वहीं टहलने लगा |

कुछ देर बाद देखा तो मैडम एक कोने में छुपी खड़ी थी, मैं चुपचाप उनको देखता रहा तो देखा कुछ दूर पर एक आदमी किसी औरत से बात कर रहा था, मैं समझ गया कि वह जरूर मैडम का पति होगा तभी वो औरत उठ कर चली गई, आदमी भी बाहर जाने लगा, मैडम भी भागी और मैं जल्दी से बाहर आकर अपनी टैक्सी में बैठ गया तो देखा वही आदमी अपनी कार में जाकर बैठ गया और तभी मैडम आकर मेरी टैक्सी में चुपचाप बैठ गई और बोली, वो नीली कार खड़ी है, उसका पीछा करना" और मैंने ऐसा ही किया |

काफी दूर तक पीछा करने के बाद उन साब ने गाड़ी एक मार्केट में साइड में लगा दी और फोन पर किसी से बात करने लगे, हम कुछ समझते इससे पहले ही वहां शोर मचने लगा, लोग जमा हो गए, मैं गाड़ी से बाहर देखने के लिए निकलने लगा तो मैडम ने मना कर दिया इसलिए मैं गाड़ी में ही बैठा रहा | वो साब गाड़ी से निकले और भीड़ में घुस गए, फिर भीड़ इतनी हो गई कि कुछ देखना मुश्किल हो गया | मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था | मैडम ने बोला मुझे घर छोड़ दो, इसके बाद में मैं मैडम को जल्दी-जल्दी मिलने लगा, सच पूछो तो मुझे उनसे मिलना अच्छा लगता था और वो भी मुझसे मिलकर खुश रहती थी |

काफी समय तक ऐसे ही चलता रहा | इसी बीच एक दिन मेरी बीवी को गलतफहमी हो गई और वह मुझसे बहुत लड़ी उसने न जाने कहां से मैडम का नंबर लेकर एक दिन उन्हें घर बुलाकर बहुत झगड़ा किया और बात बहुत ज्यादा बढ़ गई थी, तब उस दिन मैडम मुझे कभी न मिलने की बात कह कर चली गईं, मैंने अपनी घरवाली को बहुत समझाया पर हमारे बीच एक साल तक लड़ाई चली और फिर सब पहले सा हो गया

फिर करीब डेढ साल बाद एक रात ग्यारह बजे मुझे मैडम का फोन आया, वो रो रही थी और तुरंत मुझे अपने घर बुला रही थी, मैं उनके रोने की आवाज सुनकर हैरान रह गया, मैं तो उन्हें लगभग भूल ही चुका था |

मैं सीधा मैडम के पास गया वो तूफानी रात मुझे आज भी याद है, मैंने जैसे ही दरवाजा खोला मैडम भाग कर दरवाजे के पास आई और रोती हुई बोली, "मुझे कहीं छुपा दो चलके, वो मुझे मार देगा, चलो जल्दी भागो…" |


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