light.... in English Short Stories by Motivation QT. books and stories PDF | रोशनी....

रोशनी....

2006 की ये कहानी है...
रोशनी.. नागपूर के पास एक छोटा सा टाऊन बुटी बोरी ...रौशनी एक सहकारी स्कूल में पढती थी छोटी सी फेमिली थी रौशनी की मेरी मुलाकात रोशनी से स्कूल के पास हुई थी जब मे उसे जानता नही था ताजूब तो देखो मुझे उसके बगल में रूम रेन्ट पर मिला मे रोशनी को रोज देखता था और वो भी येसा काफी दिन चला फिर एक दिन रोशनी ने मुझे स्कूल जाते वक्त हाय कहा मे कुछ नही समझा फिर वो येसा रोज करती थी मे फिर भी नही समझा फिर एक रोज मे उसके पिछे चला गया स्कूल मे फिर हम दोनो ने बात की उस टाईम मोबाइल नही चलता था फिर हमने खत भेजने लगे और कोई तरीका नही था प्यार तो कर लिया रोशनी ने बीना सोचे समझे रोशनी बडी जिद्दी थी एक बार मे उससे मिलने नही गया मे काम मे था जा नही पाया पागल ने अपना हाथ काट लिया जब मेने पुछा तो रोने लगी अाप आये क्यो नही मेने कितना इंतजार किया पता है आपको मेने बहुत समझाया फिर मानी मानी ऱोशनी मे काम करता हूँ टाइम नही मिल पाता समझा करो तब कही मानी वादा करो फिर ऐसा नही करोगी हा नही करूगी एक दिन मे अपने गॉव हा रहा था रोशनी इतना रोई मेरे साथ ही आयेगी बहुत मुश्किल से समझा पाया जल्दी आ जाऊगा फिर मे घर आ गया अपने ुपरमुझे भी उसके बीना अच्छा नही लग रहा था ये बात मेने अपनी छोटी बहन को बताई छोटी बहुत खुश हुई बोली भय्या रोशनी की फोटो दिखाओ फिर मेने दिखाई भय्या बहुत अच्छी है रोशनी छोटी ने अंगूटी दी ऱोशनी के लिए फिर मे आ गया बुटी बोरी जैसे पता चला उसे मे आ गया रात को रूम पे आ गई आते ही मेरे गले लग गई और रोने लग गई मेरा हाल भी कुछ येसा ही था फिर मेने उसे छोटी के बारे में बताया वो बहुत खुश हुई मेने उसे अघूटी दी पर अगले ही दिन रोशनी के घर वालो को पता चल गया रोशनी के मम्मी पापा मेरे पास आये मुझे डाटा और समझाया दुबारा कभी मत मिलना रोशनी से मे कहा भी पर वो नही माने हम दोनो का मिलना बंद हो गया और रोशनी की स्कूल भी काफी दिनो तक हम नही मिले मगर खत रोज आता था इस मामले में एक छोटी सी लडकी हमारी मदद करती थी खत लाना ले जाना वही करती थी रोशनी को मेने बोला था भाग चलते हैं पर वो टाल ती रही मोहब्बत इतनी भी आसान नहीं मे बहुत प्यार करता उससे फिर सुना उसकी मगनी होने वाली है फिर एक दिन उसकी शादी हो गई मे उसको पाने की बहुत कोशिस की पर मुमकिन नही हुआ मेने शादी के बाद भी बहुत इंतजार किया उसकी मोहब्बत के लिए मेने अपना घर छोड दिया आज तक अपने घर नही गया अपने परिवार को भी छोड दिया क्या मुंह ले कर जाता छोटी के सामने अफसोस बहुत होता है आज भी मजबुरी कभी कीसी की येसी ना हो मोहब्बत मे

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Vijay Sanga

Vijay Sanga 4 months ago

अच्छी कहानी है ,, पर ये कहानी सही तरीके से जमी नही है , आगे पीछे है , ऐसी कहानी chat gpt से मिलती है , आगे पीछे होती है

A.......G...

A.......G... 6 months ago

Shamji Ghetia

Shamji Ghetia 6 months ago

K

N¡k¡t@

N¡k¡t@ 7 months ago

Harsh Parmar

Harsh Parmar Matrubharti Verified 11 months ago