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दानव द रिस्की लव - 10

…….Now on …….




विवेक : अदिति पहुंच गए हम तुम्हारे घर ....!

अदिति : हां... अंदर नही चलोगे....!

विवेक : sorry अदिति... मां बुला रही हैं... Argent..!

अदिति : कोई बात नही... तुम जाओ....!

इधर .....

तक्ष घबरा कर खड़ा हो जाता है....

उबांक : क्या हुआ दानव राज.... अचानक खड़े क्यूं हो गये...?

तक्ष : कोई आया है क्या …..?

उबांक : नही. ….क्या हुआ...?

तक्ष : कोई तो है.... जिसके आने से मुझे अपनी असफलता का एहसास हुआ हैं...!

उबांक : आप क्या कह रहे हैं.. दानव राज.....?

तक्ष : कोई है यहां पर जो मेरे काम में बाधा है... जा उबांक देख कौन है...?

*******

विवेक : ऐसे नही जाऊंगा...!

अदिति : फिर....!

विवेक अदिति के गाल पर kiss करता है..…

अदिति : विवेक...

विवेक : sweet heart... Bye ..और हां जल्दी change कर लो नही तो कल अच्छी अच्छी करोगी...(जबतक उबांक बाहर पहुंचता है , विवेक चला जाता है....)....!

अदिति : तुम भी..... ये विवेक भी न....!

अंदर जाती हैं....

बबिता : आप आज जल्दी आ गई......!

अदिति : हां ताई....

बबिता : आप भीगकर आई है क्या....?

अदिति : हां ताई सोचा आज बारिश में भीग लूं ...!

बबिता : आप भी न जल्दी कपड़े बदल लिजिए नही तो बीमार हो जाएंगी....!

अदिति : हां ताई ...आप coffee बना दो , मैं दस मिनट में change करके आती हूं....!

बबिता : ठीक है....!

अदिति के room में जाने के बाद तक्ष नीचे आता है.....

तक्ष : कोई आया है क्या....?

बबिता : अदिति दी आई है....!

तक्ष : और कोई भी आया है.....!

बबिता : नही और कोई नहीं आया.....!

बबिता चली जाती हैं....

उबांक : दानव राज... उस लड़की के अलावा कोई नहीं आया...!

तक्ष : मुझे गलत एहसास नही हुआ कोई तो आया था.....

तभी अदिति बाहर‌ आती है.....

तक्ष : आप आ गई....!

अदिति : हां आज क्लास जल्दी खत्म हो गई.... ताई.... तुमने खाना खा लिया था....!

तक्ष : हां .....!

बबिता : लिजिए आपकी coffee...!

अदिति : thanks.......ताई भाई आज late आएंगे....!

बबिता : ठीक है....आप सो जाना मैं उन्हें खाना दे दूंगी...!

अदिति : thanks ताई ....!

बबिता : रात में क्या बनाऊं.....!

अदिति : तक्ष तुम बताओ.....!

तक्ष : अब मैं क्या बताऊं... जो आप चाहो .....(मन में )..मैं ये शाकाहारी खा खाकर थक चुका हूं.....!

अदिति : ताई ..आज भरमा आलू बना दो.....!

बबिता : ठीक है....!
....Aditi's room....

अदिति अपने bed पर बैठी बस खोई हुई थी ….

अदिति : कल अचानक मैं बेहोश कैसे हो गई....... बेहोश तो हुई पर कमरे में कैसे आ गई.... ओह ! ये दो सवाल मेरा दिमाग खराब कर देंगे...... जब मैं पुराने किले पर गई तब भी धुंए के आने के बाद में बेहोश हुई थी... और कल भी..ओह !तक्ष से पुछु‌.....हां तक्ष से ही पुछती हूं...

अदिति तक्ष को बुलाती है.....तक्ष नीचे आता है....

तक्ष : क्या बात है ...आपने बुलाया....

अदिति : तक्ष तुमसे एक बात पुछनी है....!

तक्ष : हां ..जरुर..!

अदिति : तक्ष जब मैं पुराने किले पर गई थी... जब तुम्हें मैंने वहां से free करवाया था...

तक्ष : हां...

अदिति : तब वहां धुआं धुआं हुआ था और तब मैं बाहर जाते ही बेहोश हो गई थी... और कल भी धुआं धुआं हुआ और मैं बेहोश हो गई फिर जब मुझे होश आया तो मैं कमरे में थी... जबकि तुम भी जानते हो , मैं balcony में थी....

तक्ष : फिर....

अदिति : मुझे समझ नहीं आ रहा है ..मैं बेहोश कैसे हो गई और कमरे में कौन ले गया....?

तक्ष : मैं आपको बताना नही चाहता था... पर आप उलझन में है... तो सुनिए ....कल जब आप बेहोश हुई थी तब मैं ही आपको कमरे में छोड़कर आया था....

अदिति : लेकिन मैं बेहोश कैसे हो गई....?

तक्ष : उस ने अपनी तंत्र विद्या से मुझे ...बांध रखा है ...इसलिए जो भी रात को मेरे पास आता है... वो बेहोश हो जाता हैं....आपके भाई परेशान न हो जाए... इसलिए नही बताया था....!

अदिति : मतलब ....

तक्ष : ताकि कोई मेरी मदद न कर सके.....!

अदिति : अच्छा..... ओह ! चलो पता तो चल गया.... बस मुझे यही पुछना था.....!

तक्ष : ठीक है....!

तक्ष अपने कमरे में चला जाता है....

उबांक : क्या बात है दानव राज...!

तक्ष : मैं जितना इस लड़की को आसान समझ रहा था ..ये उतनी आसान नहीं है... सारी बातें इसके दिमाग में वापस आ रही हैं....!

उबांक : फिर क्या सोच रहे हैं....!

तक्ष : इसके दिमाग को अपने वश‌ में करूंगा.....!

अपनी शक्ति से एक छोटी सी गुलाबी रंग की बोतल लाता है...

उबांक : ये क्या है दानव राज...!

तक्ष : वशिकरण ...

उबांक : ये आप कैसे देंगे......

तक्ष : ये तुम दोगे ...उबांक.... हर दिन तुम उसके खाने में मिलाओगे....!

उबांक : कैसे दानव राज....?

तक्ष : अपने पंखो से एक बूंद मिला देना... उसे बहलाकर ..!

उबांक : जी.... मैं समझ गया...!

तक्ष : बस अब उसका पता चल जाए जिसने मुझे चेतावनी दी है..... मेरे रास्ते का काटा है वो....!

.…..in dinning table....

बबिता dinner के लिए बुला लेती है.....

तभी उबांक अदिति के खाने में ...वशिकरण दवाइ की बूंद मिला देता है....

अदिति खाना खाकर चली जाती हैं....

…..in aditi ' s room …….

अदिति विवेक के बारे में ही सोच रही थी.... तभी विवेक की call आती है.....

अदिति : बड़ी लम्बी उम्र है तुम्हारी.....अभी तुम्हें ही याद कर रही थी....!

विवेक : जभी मैं सोचूं मुझे हिचकी क्यूं आ रही हैं...

अदिति : अच्छा जी....हो गया तुम्हारा काम‌....!

विवेक : हां... मम्मा को Ngo से pickup करना था...!

अदिति : अच्छा .....!

विवेक : क्या कर रही हो ...?

अदिति : सोने जा रही थी....!

विवेक : अरे ! तुम अपने पापा के दोस्त के बेटे के बारे में बता रही थी....!

अदिति : तक्ष ... हां कल बताऊंगी....!

विवेक : तक्ष नाम है उसका...

अदिति : हां ...तक्ष नाम ही है ....सर क्यूं चकराने लगा.... विवेक कल बात करते है...

विवेक : मेरी sweet heart को नींद आ रही हैं....ok good night...see you tomorrow....!

अदिति : good night........शायद भीगने कि वजह से सर चकरा रहा होगा......

...…....Next Day ….....




……….to be continued …….