Pehchan - 3 in Hindi Fiction Stories by Preeti Pragnaya Swain books and stories PDF | पेहचान - 3

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पेहचान - 3

पीहू car के अंदर नहीं गयी तो अभिमन्यु गुस्से से बोला

Fine मत आओ और बड़बड़ाते हुए बोला भलाई का जमाना ही नहीं रहा खुद तो चोट खाई फिर हॉस्पिटल चलने मैं भी इतने नखरे

केहकर गाड़ी के अंदर बैठ गया और चला गया ,पर कुछ ही कदम आगे गया ही था फिर कुछ सोचा और गाड़ी पीछे लाकर बोला ................

चलो

पीहू नज़र अंदाज करते हुए दूसरी तरफ देखी ,तो अभिमन्यु बोला मेरी माँ उसको भी साथ लेकर चलो

पीहू खुश हो कर बैठ गयी,

गाड़ी चलने लगी अभिमन्यु पहले तो सोचा , हॉस्पिटल लेकर जायेगा पर उसके मन मे एक खयाल आया आज कल जैसे मेडियावाले उसके पीछे पड़े हैं, कुछ भी लिख देते हैं ।

वो तो येसे तमाशे रोज देखता है ,अब तो उसे आदत सी हो चुकी है पर ये तो अभी छोटी सी बच्ची है अगर इसको उसके साथ जोड़ा गया तो इसके लिए प्रॉब्लम होगी ,वो ये सब handle नहीं कर पायेगी, ये सोचते हुए वो उसे अपने घर ले गया.
करीब 20 min बाद गाड़ी एक आलिशान मकान के आगे रुकी अभिमन्यु ने कहा

उतरो

पीहू कुत्ते के साथ खेलने मे इतना busy थी की वो कुछ नहीं देखी पर जब वो अपना सर उठाई और हॉस्पिटल की जगह एक घर देखी वो गुस्से मे बोली

Wow क्या बात है, तुम लड़कों को तो मानना पड़ेगा लड़की देखी नहीं की चांस मारने आ जाते हो चाहे किसी भी उमर की हो या किसी भी कैटेगरी की ! छि !

ये कहते वक़्त नफ़रत और चिड़चिड़ा पन उसके चेहरे पे साफ झलक रही थी

अभिमन्यु एक दम से बोला

चुप एक दम चुप एक और word नहीं कुछ भी कहती हो ,बोलने से पहले एक बार मुझे देखलो क्या मैं तुम्हे इतना cheap लगता हूँ? की मैं एसे घटिया काम करूँगा और वैसे भी तुम्हे ये सब कहने मे शरम नहीं आती?

पीहू थोड़ा चिड़ते हुए बोली

O हैलो mr जो भी हो आप i dont care सिर्फ पैसे हो जाने से कोई अच्छा नहीं हो जाता okk, और हाँ वैसे भी सच बोलने मे ,ये पीहू न कभी सर्मिंदगी मेहसूस करती है न ही किसीसे डरती है,मैं इतनी भी गवार नहीं हूँ okk रोज अखबार में देखती हूँ एसे खबरों से भरी पड़ी होती है.

अभिमन्यु गुस्से से चीखते हुए बोला

ठीक है fine तुम यहीं रुको मैं आता हूँ

बोलकर अंदर गया और जल्दी से first aid box लेकर आया और बोला
दिखाओ

पीहू बोली क्या?

अभिमन्यु बोला तुम्हारे हात और घुटने ,मैं यहीं तुम्हारी dressing कर देता हूँ ,उसके बाद तुम यहाँ से चले जाना ठीक है,अब न तुम्हे यहाँ रुकना पड़ेगा और नहीं तुम मुझे लेकर एसी घटिया comment करोगी.

पीहू बोली
ठीक है
but फिर तुरंत कुछ सोचते हुए बोली

मैं तो चली जाऊंगी पर ये बच्चा क्या खायेगा तुम इसके लिए कुछ खाने को देदो

अभिमन्यु बोला wow कितनी बेशरम हो तुम हाँ पहले तो मुझे कुछ भी केहती हो , मेरे ना पसंद होने के बावजूद भी इस कुत्ते को यहाँ लेकर आई , अब मुझे उसको खाना देने के लिए बोल रही हो,

Pihu बोली अच्छा ठीक है

उसके लिए खाना मत दो सोचलो मुझे भूक लगी है , अभिमन्यु मन ही मन बोला wow दिखती तो है छोटी चुहिया जेसी पर नाक मे दम करके रखी है,पता नहीं इसके घर वाले इसे केसे झेलते होंगे? छोड़ बेटा keep calm थोड़े से वक़्त की तो बात है उसके बाद वो अपना जाने.

वो अंदर गया और थोड़े दूध लेकर आया.
पीहू कुत्ते को दूध दी फिर अपना हाथ आगे की अभिमन्यु जैसे ही दवाई लगाने के लिए cotton बढ़ाया ही था की पीहू जोरसे चिल्लाई
stop
अभिमन्यु बोला अब क्या हुआ?

पीहू बोली ये तो सबसे strong वाला solution है इससे बहुत जलता है

अभिमन्यु बोला अच्छा , तो तुम्हे मेडिसिन के बारे मैं knowledge है।

तभी पीहू रोते हुए दवाई न लगाने की जिद की

तो ....... अभिमन्यु को कुछ समझ मे नहीं आया ,भला वो इसे अब केसे handle करे वो सायद business डील handle कर सकता है पर एक छोटे सी बच्ची को मेडिसिन लगाने को केसे मनाये? वो परेशान होने लगा क्योंकि अब उसपे नशे का असर होने लगा था साथ मे कल उसको बहुत से काम करने थे पर ये लड़की है की उसे जाने ही नहीं दे रही थी.

तभी पीहू बोली

मुझे दो ,मे लगाती हूँ बोलकर खुद अभिमन्यु के हात से वो मेडिसिन लेकर लगाई, जलन तो हुई बस उसके मुँह से एक करहट की आवाज आई uff और बस खतम ये देख अभिमन्यु बोला ये पूरी की पूरी ड्रामेबाज है अभी तो इतना उछल रही थी की नहीं लगाना नहीं लगाना अब येसे फटाक से खुद से लगा ली।

उसने कहा, तुम मेडिसिन लगा ली और इस कुत्ते के बच्चे ने भी खाना खा लिया है। and in extra तुमने मेरा वक़्त और दिमाग दोनो खा लिए, तो बस अब जाओ और मुझे भी जाने दो बोलकर अभिमन्यु दरवाजा बंद कर दिया.