Pehchan - 8 books and stories free download online pdf in Hindi

पेहचान - 8

खाना खाने के बाद अभिमन्यु सोचा की उससे गलती हो गयी है, उसे sorry बोलना चाहिए,ये सोचते हुए वो पीहू के कमरे की तरफ गया ,पर पीहू वहाँ नहीं थी, वो पीहू को इधर उधर ढूंढते ढूंढते ,मन ही मन उसको गाली दे चुका था, भला ये केसी लड़की है पहले खाना खीलायी अब इतना मेहनत करवा रही है ,भला एसे कोन छुपता है .

छत के एक सिरे पर बैठी पीहू कुछ सोच रही थी, वो अपने सोच मे एसे डूब गयी थी की उसे ये खयाल ही नहीं रहा की उसके पीठ पे एक सांप चढ़ रहा है, वो सांप उसके गर्दन पर काटने ही वाला था की तभी किसीके हाथों ने उसे हटा दिया ,
पीहू को जैसे ही मेहसूस हुआ की किसीने उसे छुआ है वो एक दम से मुड़ी और एक जोरदार चाटा जड़ दी ।

चाटा इतना तेज था की उसकी आवाज चारो तरफ गूंज गयी तभी पीहू बोली तुम? ये कोई और नहीं बल्कि अभिमन्यु ही था ,अभिमन्यु अपने गाल को सहलाते हुए बोला hey psycho क्या है हाँ थप्पड़ क्यों मारी?

पीहू बोली अच्छा थप्पड़ नहीं मारूँ तो क्या आरती उतारूँ ,भला तुम्हारी हिम्मत केसे हुई मुझे बिना बोले हात लगाने की हाँ?

अभिमन्यु गुस्से से बोला पागल, अगर मे तुम्हे बोलने पूछने तक का इंतजार किया होता न ,वो सांप अब तक तुम्हे डस चुका होता , तुम तो भगवान को प्यारी बन चुकी होती थोड़ी न बचती जो मुझे अब थप्पड मारती!,

पीहू बोली wow सांप ,कहाँ है दिखाओ तो जरा ...

अभिमन्यु मन ही मन बोला सच मे ये लड़की पागल है, भला वो सांप है थोड़ी न कोई इंसान ,जो अब तक रुकता और जब उसकी बारी आती तो वो फन् निकालते हुए बोलता o hello cuty मैं यहाँ हूँ!

पीहू अभिमन्यु के सामने हात फेरते हुए बोली, नहीं है न सांप I know क्या करे तुम लड़को की आदत ही खराब है, पर तुम्हे क्या पता मुझे छेड़ना इतना आसान नहीं,छोड़ो मुझे नींद लग रही है, मे जा रही, सोने . don't disturb me ।

अभिमन्यु चिल्लाते हुए बोला ,अच्छा अगर तुम्हे लगता है की मैं गलत हूँ तो फिर चली जाओ न यहाँ से क्यों हो इस घर मे..........

पीहू वहाँ से जा चुकी थी ज
जैसे की उसे अभिमन्यु की बातों से कोई फरक ही नहीं पड़ता हो .....

अभिमन्यु खुदसे बोला wow क्या बात है अभिमन्यु सचमे तूने कोई महान काम किये होंगे जो इस लड़की से पाला पड़ा है. इसको तेरे घर मे rehna भी है और तेरी बुराई भी करनी है.

इन सब झगड़ों के बीच वो क्यों आया था वो भूल गया नीचे जाते जाते याद आया पर......उसने अपने मन को ये कह कर समझाया की बेटा अभिमन्यु सही हुआ जो तूने उसको sorry नहीं कहा, वो sorry के लायक ही नहीं है.

अगली सुबह पीहू उठकर अर्जुन के पास जाने के लिए तैयार हुई वो घर से निकल ही रही थी की ,पीछे से एक आवाज आई Finally घर छोड़के जा रही हो क्या?

पीहू पीछे मुड़ी और एक smile के साथ बोली नहीं घर छोड़के नहीं job पे जा रही हूँ । पहले ही मुझे रोककर मेरा वक़्त खा चुके अब मैं जा रही हूँ रात को आऊँगी तो बात करेंगे ठीक है bye बोलकर पीहू वहाँ से भागते हुए चली गयी

ये देख अभिमन्यु पीछे से बोला .......
वाह इस चुहिया को किस पागल ने नौकरी देदी, मैं भी देखता हूँ ये कितने दिन टिकति है केहते हुए वो भी अपने काम मे लग गया.

पीहू अर्जुन के घर पहुंची वहाँ से वो अर्जुन के साथ ही office के लिए निकली,पीहू हमेशा तो care free रेहती थी आज job time पे एक दम serious mood मे थी ,जब अर्जुन उसे एक नज़र देखा वो भी थोड़ा हैरान होगया और सोचने लगा क्या सचमे ये वही पीहू है जो दो दिन पहले उससे मिली थी ?
कुछ देर बाद दोनो office पहुँच गए पीहू भी साथ साथ चल रही थी ,वो चारो तरफ एसे देख रही थी मानो जैसे वो कोई zoo मैं आई है और चारो तरफ जानवर हो , उसको खयाल ही नहीं रहा ,जमीन पे गिरे पानी पे उसका पैर फिसला , वो धम से गिरी, सब उसपे हसने लगे

,अर्जुन ने पहले पीहू को नीचे से उठाया और गुस्से मे बोला what the hail क्या मैं तुम लोगों को पैसे इसलिए देता हूँ ताकि तुम एसी लापरवाही से काम करो फिर उसने अपने assistant की तरफ मुड़कर बोला कौन था आज cleaning मे ?उसको जल्दी से fire करो.