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दिल के अलफाज

वन हार्ट -मिलियन थॉट्स

दिल में दफन है कई राज
अब जाहिर करने से डरता हूं
कोई किसी को बता न दे इस बात से डरता हूं
होते है दिल हर किसी के पास मगर
भावना के साथ खिलवाड़ हो जाने से डरता हूं
दिल तो है मेरा मगर किसी और का
ना हो जाए इस बात से डरता हूं
लगता है दिल नही रहा अब मेरा
हर दिन किसी और का ख्याल करता हु
किसी से मोहब्बत न हो जाए
वरना दिल टूटने से डरता हूं
दिल न होता तो अच्छा होता
कभी कभी धड़कने बंद हो जाने से डरता हूं
दिल है कोई खिलौना नही "" ऐझाझ ""
हर कोई खेल जाए उस बात से डरता हूं


2) कब अजनबी से अपने
बन गए पता ही नही चला
दोस्ती का वादा करके मोहब्बत
कर बैठे पता ही नही चला
तु से लेकर आप तक का सफर
कब हुवा पता ही नही चला
उससे बातों बातों में दिन से
शाम कब हो जाती है पता ही नही चला
उसका मेरा ख्याल रखना मुझे रोकना टोकना
कब इसकी ये अदा ओ पे दिल
आ गया पता ही नही चला
हाल मेरा उसके बिना ये हो
गया जैसे बिन पानी मछली
कब उसकी मुझे आदत हो गई पता ही नही चला
वो आती थी ख्वाबों में मगर
कब जिंदगी में आ गई पता ही नही चला

3)हम गुजरेंगे तेरी गलियों से
आहत भी ना होने देंगे
मोहब्बत करते है खुद से भी ज्यादा
आप पे जान भी कुर्बान कर देंगे
वफ़ा की उम्मीद रखते है आपसे
आप के बिना जिंदगी बेहाल कर लेंगे
हम गुजरेंगे तेरी गलियों से
आहत भी ना होने देंगे
मोहब्बत की है निभायेंगे जरुर
आप नही आए जिंदगी में
तो ये जिंदगी आप के बिना कैसे काट लेंगे
लगते है आप को याद कर के रोने
मगर आप के बिना जिंदगी में
खुद को ऐसे ही मार देंगे
हम गुजरेंगे तेरी गलियों से
आहत भी ना होने देंगे


4)
कहूं कैसे
इश्क है आप से कहूं कैसे
याद आती है आप की
आप के बिना रहूं कैसे
ख्वाबों की दुनिया में आती हो
जिंदगी में आप के बिना रहूं कैसे
हर पल तरसता है दिल मगर
आप आती हो चांद की चांदनी में
दिन भर तेरे इंतजार में रहूं कैसे
आप गई है जब से शहर छोड़ के
आप के बिना शहर में रहूं कैसे
नजरो से ही देख लेती हो तुम मुझे
में चांद को अपनी आंखो से देखू कैसे
खुदा से मांगता हु दुवा हर दम
खुदा से कहता हु उसके बिना रहूं कैसे

5) तुझे देखकर
जीते है हम तुझे देखकर
रहते है तेरे ख्यालों में हरदम तुझे देखकर
मरते है हम तेरी अदा पर
और जीते है हम तुझे देखकर
लबों पर आपका नाम लेते है
सांसे मचल जाती नाम सुनकर
हम तो तेरे शहर में आने लगे
मुसाफिर बनकर तुझे देखकर
तुजसे शिकवा भी बहोत है
मगर भूल जाता हूं तुझे देखकर
हारता रहता था हर बाजी
अब जितने लगा हु तुझे देखकर
बुरा वक्त भी था जिंदगी में
मगर चला गया तुझे देखकर
लिखी है गजल करने लगे रकीब तारीफे
मगर लिखी है तुझे देखकर
दिन तो काट लेते है तेरे बिना
रात काट लेता हु तेरे ख्वाब देखकर

6)चलता जा तू चलता जा
अपने कदम बढ़ाता जा
गिरता जा संभलता जा
मंजिल की और चलता जा
होगी हार हर कदम पर मगर
उम्मीद जीत की लगाकर चलता जा
मिलेगी मंजिल हौसला रखना होगा
खुद पे रख विश्वास और चलता जा
आएगी मुश्किलें कदम कदम पर
मगर हिम्मत करके चलता जा
तकलीफे बहोत होगी सफर में
मंजिल पाने के लिए चलता जा
हर कदम पर डगमगाएंगे पैर
मंजिल की पाने की ठान के चलता जा
जमीन को छोड़कर आसमान को छूना होगा
आशा रख मंजिल पाने की और चलता जा