Dani ki kahani - 28 books and stories free download online pdf in Hindi

दानी की कहानी - 28

"अकल बड़ी या भैंस? इसका अर्थ मालूम है" दानी ने पूछा।

"जी, दानी इसका अर्थ तो बहुत आसान है।"

" ठीक है तो रोजी जी आप बता दीजिए।"

"अब अकल  का मतलब बुद्धि और भैंस वह जिसका हम दूध पीते हैं, चाय बनाते हैं।"

" बिल्कुल ठीक, हमारी रोजी़ तो बहुत होशियार हो गई है।" दानी ने खुश होकर कहा।

" दानी, अकल तो दिखाई नहीं देती ना इसलिए भैंस जब दिखाई देती है तो कितनी बड़ी होती है। इसका मतलब यही हुआ ना कि भैंस बड़ी है। "

" हत तेरे की मुझे तो लगा था मेरी रोजी बड़ी हो गई है इसलिए वह जानती है कौन बड़ा है कौन छोटा? । "

रोजी की बात पर दादी खूब हँसीं। उन्होंने रोज़ी से पूछा:

" तुम्हें इस बात का मतलब किसने बताया? "रोजी ने कहा :

" क्यों दानी, यह बात ठीक नहीं है क्या?" दादी फिर जोर से हंँसीं। अब उन्होंने मुन्ना भैया को बुलाया! मुन्ना भैया तो चौथी क्लास में पढ़ते थे और रोजी दूसरी में दादी ने सोचा चलो कोशिश करके देख लेते हैं मुन्ना को आता है या नहीं?

" क्यों भई रोज़ी बिटिया, पूछना चाहिए ना मुन्ना भैया से तुम्हारे? "

" क्यों नहीं, पूछना ही चाहिए ना दानी।" दानी ने बहुत प्यार से मुन्ना को बुलाया वैसे मुन्ना का नाम मयंक है पर दादी उसे हमेशा मुन्ना कहती हैं।

उसको लगता है दानी हर समय उसका ही एग्जाम लेती रहती हैं और किसी से तो कुछ नहीं पूछतीं।" रोज़ी ने मुन्ना भैया की शिकायत की।

उसने दानिश से यह बात कह दी दानी ने समझाते हुए कहा:

" बेटा! जो बुद्धिमान होता है वही तो परीक्षा के लिए तैयार रहता है। "

हाँ, ठीक ही तो कह रही हैं दानी। दोनों ने सोचा और कुछ सोचने लगे।

बेचारे दोनों बच्चे एक दूसरे की शक्ल देख रहे थे उन्हें कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था कि दानी की बात का क्या जवाब दें? रोजी ने तो अपनी बुद्धि से बात कह दी थी लेकिन रानी तो हँस पड़ी थीं। इसका मतलब था कि रोजी को इस मुहावरे का मतलब नहीं मालूम था। इसीलिए तो मुन्ना को बुलाया गया था। अब मुन्ना को भी समझ नहीं आ रहा था इसलिए दानी ने दोनों को प्यार से अपने पास बैठाया और कहा:

" ध्यान से सुनो, देखो! अकल तो हमारी बुद्धि में होती है और भैंस सामने दिखाई देती है, इसका मतलब यह नहीं कि जो चीज़ दिखाई देती है वही ठीक या बड़ी है। जिस बात से हम कुछ सोचते हैं या समस्या का हल निकालते हैं वही तो बड़ा होगा, ना किभैंस! अगर वह साइज में बड़ी या आकार में बड़ी है, इसका मतलब यह तो नहीं कि उसके पास बुद्धि है, वह किसी समस्या का समाधान कर सकती है। इसका अर्थ यह हुआ कि मनुष्य अपनी बुद्धि का प्रयोग करके किसी भी समस्या का हल ढूँढ सकता है इसलिए भैंस नहीं बुद्धि बड़ी हुई क्योंकि बुद्धि के इस्तेमाल से हम अपनी किसी परेशानी का हल ढूंढ सकते हैं। आई बात समझ में... "दानी ने पूछा और रोजी़ व मुन्ना भैया ने सर हिला कर बताया कि वे समझ गए  कि बुद्धि क्यों बड़ी होती है?" "अब हम अपनी बुद्धि का प्रयोग किया करेंगे और अपनी किसी भी समस्या का हल खुद ढूंढ लेंगे। धन्यवाद दानी।"

दानी ने प्यार से उनके सिर पर हाथ फिरा दिया।

डॉ. प्रणव भारती