Udaan - 2 - 10 - Last part books and stories free download online pdf in Hindi

उड़ान - चेप्टर 2 - पार्ट 10 - अंतिम भाग

"शिव कुछ बताना है तुम्हे" काव्या ने बोला
"हां बोलो ना काव्या" शिव ने उत्सुकता से कहा
"विहान अरोड़ा के घर चले" काव्या ने बोला
"हां चलो" कह कर शिव ने कार दूसरी तरफ मोड़ दी।
कार विहान के बंगलों की तरफ चल पड़ी । वॉचमैन ने इशारा कर दिया और शिव ने कार पार्किंग में पार्क कर दी।
क्योंकि काव्या पहले ही आ चुकी थी तो वॉचमैन ने उसे रोका नहीं।
काव्या बिना अपॉइंटमेंट के अंदर चली गई। Welcome to RK Heaven उसे बड़े अक्षरों में लिखा नजर आया ।
विहान बाहर गार्डन में अपने पौधों को पानी पिला रहा था ।
"हेलो सर गुड मॉर्निंग" काव्या ने बोला
विहान ने मूड कर देखा तो सामने काव्या खड़ी थी । उसके हाथ से पानी का पाइप छूट कर नीचे गिर गया।
वह काव्या को एक टक देखने लगा। उसके चेहरा गंभीर हो गया था । आंखे मानो अभी रो देगी ।
काव्या जानना चाहती थी की रुद्र आज भी उससे प्यार करता है या नही क्योंकि उनका रिश्ता अतीत बन चुका था । काव्या कुछ बोलती उससे पहले ही एक लड़की आ कर विहान के गले से लग गई ।
काव्या के पैरो तले जमीं खिसक गई ।
उसे लगा जैसे इस बार भी उसने अपने प्यार को खो दिया ।
विहान ने मजबूती से उस लडकी को गले से लगा रखा था ।
काव्या इधर उधर ताकने लगी ।
विहान ने लडकी को अंदर जाने का बोल दिया और खुद काव्या के सामने सहज खड़ा हो गया ।
"हां बोलिए काव्या जी क्या बात है" विहान ने रोबीले अंदाज में कहा
"सर उस दिन आपका फोटो सेशन अधूरा रह गया था बस इसलिए वापस आना पड़ा.... अगर आप फ्री हो तो शोएब सर को बुला लेते है " काव्या ने भारी आवाज से बोला
वह चाहती थी की रुद्र से पूछ ले की क्या अब भी वह उसे चाहता है पर उसके घर में किसी और लड़की का होना ....जाहिर सी बात है उसने शादी कर ली है.... हां आखिर कब तक इंतजार करता 12 साल कम भी तो नहीं होते ना

काव्या मन ही मन सोचती और खुद ही जवाब दे देती।

"हां फ्री हूं पर आपको कुछ दिन कंटिन्यू आना पड़ेगा शायद आपकी बात हो गई हो शोएब से "
"हां सर उन्होंने बताया था की आपकी कंपनी के कुछ प्रोजेक्ट के लिए भी फोटोशूट करना है"
" Welldone बैठिए आप मैं तैयार हो कर आता हू"
इतना कह कर वो तैयार होने चला गया ।
शिव बिना कुछ बोले बस उनकी बाते ध्यान से सुन रहा था और अंदाजा लगाने की कोशिश कर रहा था की इनके बीच चल क्या रहा है।

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रूम में शोएब काव्या और शिव बैठे थे । कुछ देर बाद विहान अरोड़ा आ गए ।
काव्या अपने भावों को छिपा फोटो क्लिक करने लगी। वह चाहती थी की निशी ने जो बताया रुद्र को सब बता दे पर अब क्या फर्क पड़ता है अब तो रुद्र किसी और का हो चुका है ।
विहान की आंखों में नमी उसे साफ दिख रही थी पर वह अपने काम को पूरी शिद्दत से करती रही।
विहान की नज़रे उससे मिल जाती पर अगले पल वह खुद को संभाल लेता।
फोटोशूट के बाद काव्या शिव के साथ निकल गई घर की तरफ ।
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शिव विहान की आंखों से समझ गया था की कुछ रिश्ता तो है इनके बीच।
वो जिस अंदाज से काव्या को देख रहा था वो बहुत अलग था पर सुकून देने वाला था। शिव खुद काव्या को बहुत चाहता था पर फिर भी विहान का ऐसे काव्या को देखना उसे बहुत अच्छा लगा।
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अगले दिन काव्या विहान के ऑफिस में गई फोटो सिलेक्ट करने । उसने अपॉइंटमेंट नहीं लिया पर किसी ने उसे रोका भी नहीं। सीधे विहान के केबिन में पहुंच गई ।
जब अंदर गई तो वह कोई नही था। केबिन खाली पड़ा था । उसने शिव को फोन किया और बताया कि कोई नहीं है तभी उसकी नज़र केबिन के एक तरफ बने रेस्ट रूम पर गई जिस पर लिखा था नो एंट्री।
वह बिना कुछ सोचे उसके अंदर चली जाती है ।
धीरे से दरवाजा खोल के .....अंदर का नजारा देख उसकी आंखो से खुशी के आंसू बह निकले।।
पूरा रूम उसकी पेंटिंग से भरा हुआ था
रुद्र उसकी एक पेंटिंग से बाते कर रहा था ।
वह ठहर गई बिना शोर किया उसकी बाते सुनने लगी।

"पता है मुझे ....बहुत नाराज़ हो तुम मुझसे और तुम्हारा अचानक सामने आना मेरी दुनिया को पूरा रंगीन कर गया काव्या । कितना इंतजार किया मेने इस पल का ... कितनी बाते सोच रखी थी मैने इस मुलाकात के बारे में की जब तुमसे मिलूंगा तो तुम्हे sb बताऊंगा पर जब तुम सामने आई तो कुछ बोल ही नहीं पाया । क्या पता तुम आज भी मेरी हो या नही पर में सिर्फ तुम्हारा हूं काव्या । बहुत कुछ बताना चाहता हु तुम्हें......"
"तो बता दो" पीछे खड़ी काव्या ने बोला
मुड़ कर देखा तो काव्या खड़ी थी । उसे लगा जैसे वह कोई सपना देख रहा है पर काव्या आ कर उसकी बाहों में सिमट गई। वह यकीन नही कर पा रहा था की काव्या सच में उसके पास है ।
"रुद्र निशी ने मुझे सब कुछ बता दिया है .....तुम्हे कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है। "
रुद्र ने काव्या को बाहों में भर लिया
"तुम्हे हर बार ही सब पता चल जाता है तो क्यों नही समझ पाई आज तक....क्यों इतना वक्त लगा दिया मेरे पास लौटने के लिए काव्या....कितनी कोशिश की तुमसे मिलने की पर तुम कही नहीं मिली ....जानती हो तुम्हे खोने का डर मुझे हर रात मारता है पर दिल में उम्मीद रहती है की तुम जरूर आओगी....देखो आज तुम सच में मेरे साथ हो" बाहों की पकड़ मजबूत करते हुए रुद्र ने कहा।
"कैसे आती रुद्र जब मुझे सच पता नही था" रोते हुए काव्या ने कहा
"कौनसा सच"रुद्र ने पूछा
तब काव्या ने ट्रीप वाली बात निशी की सच्चाई बताई
रुद्र ने काव्या को कस के पकड़ लिया मानो अब वह उसे कही नही जाने देगा ।
उधर काव्या का फोन ऑन था जिस पर शिव उन दोनो की बाते सुन रहा था । वह बहुत खुश था की काव्या को अपना प्यार मिल गया। काव्या को खोने का दुख उसे था पर वह एक अच्छी दोस्त के रूप में हमेशा उसके साथ रहेगी ये खुशी उसे आज भी थी।
"तुमने अपना नाम विहान क्यों रख दिया रुद्र क्यों नहीं" काव्या ने पूछा
"मुझे लगा तुम मुझसे बहुत नफरत करती हो और रुद्र नाम से तो और ज्यादा नफरत करती होगी तो मेने छुपा दिया वो नाम ही" रुद्र ने मासूमियत से बोला तो काव्या को दुनिया भर का प्यार उमड़ आया उस पर।

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रुद्र और काव्या RK Heaven के सामने खड़े थे।
रुद्र ने आवाज लगाई " छोटी"
अंदर से वही लड़की बाहर आई जिसे वह रुद्र की पत्नी समझ बैठी थी ।
"काव्या पहचाना इसे ये अपनी छोटी"
रुद्र ने उत्सुकता से बोला
"अरे ये चाची वाली छोटी है क्या ...कितनी बड़ी हो गई न" बोल के काव्या ने उसे गले से लगा लिया।
"वेलकम टू RK Heaven काव्या दी"
काव्या अब RK का मतलब समझ पा रही थी और प्यार भरी आंखों से रुद्र को देख रही थी ।
रुद्र ने काव्या का हाथ बहुत मजबूती से पकड़ रखा था जैसे वो अब उसे कभी कही जाने नही देगा।
दोनो एक दूसरे की तरफ देखने लगे और फिज़्जाओ में गाना चल पड़ा ।
ये आंखे देख कर हम सारी दुनियां भूल जाते है.....

Happy ending 🙏🏻