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Ajuu

हर कामयाब इंसान की एक कहानी होती है। जिसमे वो मुश्किलो से लड़ कर आगे बढ़ते है। ये भी एक ऐसी ही कहानी है।

"जिंदगी मे दूसरे लोग हमारा साथ दे सकते है लेकिन करना हमे होता है। Self"

ये बात उसी इंसान ने बोली थी जिनकी स्टोरी हम आपसे शेर कर रहे है। ये भी मुश्किलों और हालातो से लड़कर कामयाब बने है। और कैसे बने है ये जानने के लिए स्टोरी को पढ़ना पड़ेगा।


एक लड़का था। राजस्थान के अलवर सिटी मे रहता था। परिवार मे पापा और एक छोटा भाई ही था। लड़के का नाम अजु, अजु पठाई भी करता और साथ मे काम भी करता। जिसके पैसे मिलते, अजु १५ साल का था तब अपनी माँ को खो दिया था। माँ के चले जाने के बाद अजु के लिए उसके पापा ही सबकुछ है। पापा और मम्मी दोनों का प्यार पापा से मिलता।
अजु ने १२ क्लास तक अपने गाव मे पठाई की है। उसके बाद बेंगलोर मे Bsc. नर्सिंग मे एडमिशन लिया और वो बेंगलोर चला गया। बेंगलोर मे सब नारियेल के तेल से बना खाना खाते है। अजु को खाना और वहाँ की भाषा दोनों मे दिक्कत हो रही थी। तब अजु ने अपने पापा को कॉल करके बताया। पापा ने अजु को बोला तुम्हे रुकना है तो रुको वरना वापस आ जाओ। अजु के पास दो रास्ते थे "छोड़ना या करना" फिर अजु ने सोचा अगर वापस चला जाउगा तो फिर से क्या करुगा? इसलिए अजु बेग्लोर मे रुके, एक महीना सब संभाला धीरे धीरे वहा का खाना शुरू किया, वहा की भाषा सीखना शुरू किया। ऐसे ही हॉस्टल मे एक वर्ष तक रहे। फिर एक साल बाद रेट पे रूम ले लिया। खाना बनाना अजु आता था इसलिए खुद खाना बना लेते। और आराम से पढ़ाई करते, ऐसे ही चार साल की पढ़ाई पूरी की। १०१६ मे BSC. नर्सिंग पुरा हुआ। अब बारी आई जॉब की, जॉब के लिए कॉलेज की तरफ से बिहार जाना था। लेकिन बिहार के बारे मे उनके गाव की सोच अच्छी नही थी। लोग मना कर रहे थे, वहा अच्छा नही है, वहा के लोग अच्छे नहीं है। ये सारी बातों की वजह से अजु के पापा ने बिहार जाने से ईन्कार कर दिया। फिर अजु ने अपने पापा से बात की, उनको मनाया और बोले की बिहार हे तो इंडिया मे, एक बार जाके देखलु.....
फिर अजु बिहार गए वहा हॉस्पिटल मे जॉब के लिए सिलेक्सन हुआ। तब अजु की सैलरी १०,०००, इस १०,००० मे खाना_पीना, और रहना सब करना था। बचपन से हालत और मुश्किल से लड़ना सिखा है, अजु पीछे नही हटा और सोचा चलो कोई बात नही कर लुगा। बिहार मे रूम का रेट २,००० - ३०००, थे। ३-४ दिन तो अजु होटल मे रहे। हॉस्पिटल मे इनके साथ केरेला के लोग काम कर रहे थे। उनके साथ इनका COMMUNICATION अच्छा बन गया। वो सभी लोगो ने वहा एक फ्लैट ले रखा था वहा सात लोग रहते थे। तो उन लोगो ने अजु को अपने साथ रहने को बोला, फिर अजु वहा SIFT हो गया। अजु को खाना बनाना बहोत अच्छा आता है। अजु उन सभी को रोटी बनाके खिलाते और वो चावल बनाके खिलाते थे। अजु को चावल पसंद नहीं है पर वो खा लेते। ऐसे ही एक साल उसी हॉस्पिटल मे काम किया। नाइट ड्यूटी लगवाते और आराम से सब सिखते। उसके बाद हॉस्पिटल को बदल दिया। वहा इनको १२,०००₹ सैलरी हुई। उसके बाद छ महीने मे १८,००० सैलरी हुई। तीन साल काम किया। सब अच्छे से सिख लिया। उसके बाद हॉस्पिटल को छोङ दिया और पढाना शुरू किया। स्टूडेंट को होम हेल्थकेयर का पढाने लगे। उसमे अजु को २२,०००₹, २५,०००₹, ३०,०००₹ ३५,०००₹, और १ जनवरी २०२२ मे अजु की सैलरी ४०,०००₹ हुई।
अजु ने २०१८ मे अपनी खुदकी होम केर प्राइवेट लिमिटेड पटना मे खोली। और उसकी ब्रांच पुणे और गुड़गाव मे सिर्फ की। उनका जॉब रोल होम हेल्थकेयर का है।
"ज़िन्दगी मे ये पता हो की, कब, क्या, और कैसे करना है, जैसी चाहोगे वैसी ज़िन्दगी बना पाओगे।"
"DEPENDED YOU....!"

अजु ने अपना नया घर बनाया, पापा को गाड़ी और स्कुटी खरीद के दी। अपने भाई को बाइक खरीद के दी। अपने पापा और भाई की हर जरूरत को पूरा करते है। कभी किसी चिज की कमी नही होने देते। अजु ने सिर्फ 5 साल मे ये सब किया है और अभी महेनत कर रहे है। अपना हॉस्पिटल बनाने का सपना पुरा करने के लिए। जिस तरह अजु ने अपनी लाइफ को सक्सेस बनाया है। शायद ही कोई कर सकता है। ऐसा मेरा मानना है।
I AM PROUD OF YOUR SUCCESSFUL LIFE.

ऐसा नही था की अजु ने सिर्फ काम किया है बल्कि अपनी लाइफ को एन्जॉय भी किया है। घूमना, फोटो खिचना, और विडीओ बनाना। ये सब अजु के शोख़ है। और इंडिया मे बहोत जगह पर घूमे है। पटना, कोलकाता, बेंग्लोर, हैदराबाद, जयपुर, उतराखंड, वाराणसी, और जुनागढ, ये सब जगह गए है। जॉब भी करते और फ्री टाईम ने धुम ने चले जाते। उसे हिंदी और इंग्लिश के अलावा और भाषाए बोलनी आती है।
अजु की सबसे खास बात ये है। उसमे ईगो बिल्कुल नही है। सब को एक जैसे रखता है। बहोत फ्री माइंड है। कोई कुछ भी बोले उन लोगो से कोई मतलब नही रखता। बस अपने काम से काम रखते है। कभी गुस्सा आने नही देते, कहते हे की अगर गुस्सा आया तो वो मुजसे कंट्रोल नही होता। कभी किसी के बारे मे बुरा नही बोलते है। बहोत अच्छे और साफ दिल के है।

"जैसे है वेसे ही रहते है। न दुनिया की फिकर, न लोगो की फिकर बस अपने जीवन मे मस्त रहते है।"

हम सब ये बात जानते है की, ज्यादा अच्छा बनकर रहना भारी पड़ता है। इनको को पडा, मगर अपने लिए कुछ किया नही, बस कहते की भगवानजी सब देखते है। कभी किसीको गलत जज नही करते। फिर भी कही लोगो ने इनको गलत समजा। (कुछ लोगो ने कहीबार इनके बारे मे बोला की इनपे भरोसा मत करना) मगर इनको रिश्तो की समझ है और अपनी मर्यादा अच्छी तरह जानते है। बस अपने आपको कभी सही साबित नही कर पाए।

"कहते है की लोगो का काम है बाते करना, उन बातो को एक कान से सुनो और दूसरे कान से निकाल दो"