Khooni Friday - 5 books and stories free download online pdf in Hindi

Khooni Friday - 5 - भूतिया घर

एक भूतिया हवेली की कहानी, (haunted stories in hindi) आपको जरूर पसंद आएगी यह कहानी एक हवेली के ऊपर बताई गयी है जिसको बाद में छोड़ दिया जाता है.



Haunted stories in hindi, वह उस पुरानी “हवेली” को छोड़कर चले गए थे क्योकि वह उस जगह पर नहीं रहना चाहते थे, उन्होंने ने उस पुरानी “हवेली” से कुछ दूर एक नयी हवेली बनाई थी उस जगह पर रहने वाले लोग यह बात जानते थे की उस पुरानी “हवेली” में कुछ जरूर है जिसके कारण उन्हें वह छोड़नी पड़ी थी मगर क्या है वह कोई भी नहीं जानता था, यह बात भी लगभग बीस साल पुरानी होगी, उस परिवार के लोग त्यौहार की तयारी कर रहे थे,


वह सभी उस समय पुरानी “हवेली” में ही रहते थे, रात का समय था और गांव में बिजली नहीं थी अँधेरा भी बहुत था इस करना कुछ भी साफ़ नज़र नहीं आ रहा था सभी लोग यही सोच रहे थे की जल्द ही बिजली आ जायेगी, मगर बिजली नहीं आयी थी, “हवेली” में रौशनी करने के लिए कुछ दीपक जलाये हुए थे, मगर एक हवा का झोका सभी को बंद कर गया था यह कैसे हुआ यही सब हवा को ही जिम्मेदार ठहरा रहे थे, मगर सच क्या यह कोई भी नहीं जानता था


सभी लोग बहार ही घूम रहे थे, कुछ नौकर “हवेली” के ऊपर ही फिर से दीपक को जला रहे थे, मगर वह जब भी जलाते थे तुरंत ही वह बंद हो जाते थे वह बहुत कोशिश कर रहे थे मगर वह सफल नहीं हो रहे थे, नीचे से आवाज आयी की यह क्या कर रहे हो चारो और अँधेरा है और तुमसे एक भी दीपक नहीं जल रहा है क्या हो रहा है ऊपर, वह कहते हुए ऊपर की और गए और उनका पैर फिसल गया था जिसके कारण वह ऊपर नहीं जा सके थे,


उसके बाद सभी लोग वहा पर दौड़ कर आये और पूछा की यहां पर क्या हो रहा है और आप नीचे कैसे गिर गए थे उन्होंने ने बताया की मुझे ऐसा लगा की किसी ने बहुत तेजी से आवाज लगाई और पीछे जैसे ही देखा गिर गया था मगर कोई भी नहीं देखा था ऊपर वह दीपक को नहीं जला पा रहे थे, उन्हें देखने ही गया था तभी ऊपर से एक नौकर आया और बोला की जब भी दीपक जलाये जाते है तो अचानक ही बंद हो जाते है


कुछ भी समझ नहीं आ रहा था इसलिए हमे ऐसा लगता है की यहां पर कोई है जो हमे ऐसा करने से रोक रहा था क्योकि अंदर कोई भी हवा का झोका नहीं था फिर भी ऐसा हो रहा था सबके मन में कुछ तो बात चल रही थी की ऐसा कैसे हो सकता था पता लगाने के लिए बहुत प्रयास करे मगर कुछ पता नहीं चला था रात बीत गयी थी सुबह हो गयी थी, और उसी दिन से सब कुछ बदल गया था


कुछ चीजों की जगह अपने आप बदल चुकी थी, लोगो को कभी-कभी यह भरम हो जाता था की वह चीजे वहा तो हमने नहीं रखी थी, मगर फिर भी वह लोग यही सोचते थे की हो सकता है की यहां पर पहले से रखी हुई हो, मगर एक दिन तो ऐसा हुआ था जिसके बाद उन्हें वह जगह छोड़नी पड़ी थी उन्होंने ने अपनी कार जिस जगह पर पार्क थी वह कार उनकी उलटी दिशा में खड़ी थी जबकि किसी ने भी उस कार को हाथ नहीं लगाया था यह घटना बहुत अजीब थी,


सबसे पहले तो वह एक दूसरे पर शक करने लगे थे क्योकि ऐसा नहीं हो सकता था मगर जब सब कुछ पता किया गया था तो ऐसा करना मुश्किल था क्योकि चाबी तो बड़े भाई के पास रहती थी जोकि लेना समंभव नहीं था इसलिए उन्हें लगा की कुछ तो है जो हमे पता नहीं चल रहा था उसके बाद रात के समय अचानक ही कमरों की बिजली अपने आप ही बंद हो रही थी और अपने आप ही चालू हो रही थी, एक कमरे में कोई बोल रहा था मगर उसकी भाषा किसी को भी समझ नहीं आ रही थी


जब सभी लोग उस कमरे में आये तो कोई भी नहीं था मगर आवाज किसकी थी यह कोई भी नहीं जानता था कौन हो सकता है कोई भी नहीं जानता था कोई वह कमरा चारो और से बंद था उसमे एक दरवाजा था जिससे बहार और अंदर जाया जा सकता है, वह रात का समय था सभी के मन में अनेक बाते चल रही थी कोई भी नतीजे पर नहीं पहुंच रहा था मगर सबके मन में अनेक सवाल थे मगर जवाब किसी के भी पास नहीं था,


अगली सुबह अभी नहीं हुई थी की एक नौकर को बहुत पीटा गया था जब उसने यह बात सभी को बताई तो किसी को भी यकीन नहीं हो रहा था उसने कहा की यहां पर कुछ ऐसा है जो हमे दिख तो नहीं रहा है मगर हमे तकलीफ दे रहा है अब में यहां पर कोई भी काम नहीं कर सकता हु में यहां से जा रहा हु अगर आप भी अच्छे से रहना चाहते है तो आप यहां से चले जाए, उसकी बाते समझ से बहार थी मगर कुछ तो था जो अच्छा नहीं था


उस दिन के बाद वह लोग भी उस जगह से चले गए थे, क्योकि वहा पर कुछ भी हो सकत है इसलिए कोई भी उस जगह पर रहना नहीं चाहता था, उन्होंने ने कुछ दिन बाद ही दूसरी जगह पर अपने नयी “हवेली” बना ली थी और वही पर रहने चले गए थे, ऐसा बताया जाता है की जब भी कोई उस “हवेली” के पास जाता है तो एक कमरे में कोई घूमता हुआ नज़र आता है मगर वह कौन है यह कोई नहीं जानता है और कोई उसे जानना भी नहीं चाहता है, यह डर है या कोई एहसास है कोई नहीं जानता है


मगर एक बात तो है की कोई तो है जो हमे महसूस नहीं होता है लेकिन वह है इस बात को वह बताना चाहता है मगर कोई भी सुनने के लिए त्यार नहीं है कुछ दिन बाद उनके लड़के शहर से वापिस आते है जोकि अपनी पढ़ाई के लिए बहार ही रहते थे, उन्हें इस बारे में कुछ भी नहीं पता होता है, एक भूतिया हवेली की कहानी (haunted stories in hindi) अगर आपको पसंद आयी है तो आप इसे शेयर कर सकते है और कमेंट भी कर सकते है,


राजा ने अपनी “हवेली” को छोड़ दिया था मगर यह बात कोई नहीं जानता था की उस “हवेली” में अब कोई भूत भी रहता है, राजा अब उस हेवली में नहीं रहते थे, मगर गांव वाले इस बात को मानते थे की उस हेवली के पास नहीं जाना चाहिए, वह “हवेली” ठीक नहीं है उसमे भूत कैसे आया था यह बात तो कोई नहीं जानता था मगर वह वीरान पड़ी है, बहुत समय से हो सकता है, यह एक कारण हो, मगर क्या कह सकते है, इस बारे में कोई सफर बात नहीं करता था


इस बात का शक कैसे हुआ था, की उस “हवेली” में भूत है, एक दिन की बात है, एक आदमी अपने घर वापिस आ रहा था वह गांव में रहता है मगर जब वह रात के समय में वापिस आया था तो उसे कुछ नज़र आता है “हवेली” की खिड़की के पास रौशनी है, जब ऐसा लग रहा है, कोई उजाला है, उस जगह पर कोई भी नहीं रहता है मगर फिर भी यह रौशनी क्यों है, वह आदमी उस “हवेली” के पास नहीं जाना चाहता था शायद उसे लगता है, यह ठीक नहीं है, वह सोचता है, मुझे पता करना चाहिए यह रौशनी क्यों आ रही है,


वह उस “हवेली” के पास जाता है, उसे कुछ आवाज आ रही थी, जबकि “हवेली” के अंदर जाने का रास्ता तो पहले से ही बंद है सभी जगह पर घास पेड़ पौधे उग आये है वह हवेली का दरवाजा आज भी बंद है, वह अंदर नहीं जा सकता था, लेकिन खिड़की के पास खड़ा हो जाता है, उसे समझ नहीं आता है की यह “हवेली” में रौशनी क्यों है, वह डर भी रहा था, सोच भी रहा था, कुछ समय बाद रौशनी बंद हो जाती है, अब कुछ समझ नहीं आया था अब शांति हो गयी थी, कोई आवाज भी नहीं थी,


वह आदमी अब उस “हवेली” से जाने वाला था की सामने अचानक कोई आ गया था, उसे देखकर वह डर गया था, वह फिर से गायब हो गया था, उस दिन के बाद वह आदमी कभी भी उस तरफ नहीं गया था, उसने यह बात सभी को बात दी थी, उन्हें भी अब लग रहा था, वह “हवेली” ठीक नहीं है, कोई भी उस तरफ नहीं जाता है लेकिन बताया जाता है की अब भी कभी कभी रौशनी आती है, शायद यही वजह है की राजा की “हवेली” में कोई भूत है, जिसकी वजह से राजा उसे छोड़ चुके है, बहुत बाते ऐसी भी होती है, जिन पर यकीन नहीं होता है,

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