Khooni Friday - 7 books and stories free download online pdf in Hindi

Khooni Friday - 7 - पीपल भूतिया कहानी

यह कहानी पीपल वाले भूत की है. जो की आज हम आपको बताने जा रहे है. बात उन दिनों की है जब हर गाँव, बाग बगीचों में भूत प्रेतों का साम्राज्य था. गाँवों के अगल बगल में पेड़ पौधों की बहुलता हुआ करती थी . एक गाँव से दूसरे गाँव में जाने के लिए पग डंडियों से होकर जाना पड़ता था. कमजोर लोग खरखर दुपहरिया या दिन डूबने के बाद भूत प्रेत के डर से गाँव के बाहर जाने में घबराते थे या जाते भी थे तो हिम्मती आदमी दल का नेतृत्व करता था और बार बार अपने सहगमन साथियों को चेताया करता था कि मुड़कर पीछे मत देखो.


हमारे गाँव के एक शर्मा पेट का दर्द से परेशान थे . उनकी पेट का दर्द इतनी बड़ गई कि उनके जान की बन गई. बहुत सारी दवाई कराई गई, मन्नतें माँगी गई पर पेट का दर्द टस से मस नहीं हुई. उसी समय हमारे गाँव में कोई महात्मा पधारे थे और उन्होनें सलाह दी कि अगर शर्मा को सौ साल पुराना सिरका पिला दिया जाए तो पेट का दर्द छू मंतर हो जाएगी. अब क्या था, शर्मा के घरवाले सब लोग सौ साल पुराने सिरके की तलाश में जुट गए. तभी कहीं से पता चला कि पास के गाँव सिधावें में किसी के वहाँ 100 साल पुराना सिरका है.


अब सिरका लाने का बीड़ा शर्मा के ही एक लँगोटिया यार वर्मा ने उठा लिया . साम के समय वर्मा सिरका लाने के लिए सिधावें गाँव में गए. वर्मा सिरका लेकर जिस रास्ते से चले उसी रास्ते में एक बहुत पुराना पीपल का पेड़ था और उस पर एक नामी भूत रहता था. उसका खौफ इतना था कि वहाँ बराबर लोग चढ़ावा चढ़ाया करते थे ताकि वह उनका अहित न कर दे. अरे यहाँ तक कि वहाँ से गुजरने वाला कोई भी व्यक्ति यदि अंजाने में कुछ भी गलत कर देता था तो वह भूत ताली की आवाज को ललकार समझ बैठता था और आकर उस व्यक्ति को पटक देता था.


अभी वर्मा उस पीपल के पेड़ से थोड़ी दूर ही थे तब तक सिरके की गंध सेवह भूत बेचैन हो गया और सिरके को पाने के लिए वर्मा के पीछे पड़ गया. वर्मा भी बहुत ही निडर और बहादुर आदमी थे, उन्होंने भूत को सिरका देने की अपेक्षा पंगा लेना ही उचित समझा. दोनों में धरा धरउअल, पटका पटकी शुरु हो गई. भूत कहता था कि थोड़ा सा ही दो but दो. पर वर्मा कहते थे कि एक बूँद नहीं दूँगा,


तूझे जो करना है कर ले. अब भूत अपने असली रूप में आ गया और लगा उठा उठाकर वर्मा को पटकने पर वर्मा ने भी ठान ली थी कि सिरका नहीं देना है तो नहीं देना है. पटका पटकी करते हुए वर्मा गाँव के पास आ गए पर भूत ने उनका पीछा नहीं छोड़ा और वहीं एक छोटे से गढ़हे में ले जाकर गिराना चाहता था, अब उस भूत का साथ देने के लिए एक बुढ़ुआ जो वहीं पास की पोखरी में रहता था आ गया था.


अब तो वर्मा कमजोर पड़ने लगे. तभी क्या हुआ कि गाँव के कुछ लोग वर्मा की तलाश में उधर ही आ गए तब जाकर वर्मा की जान बची. 2-3 बार सिरका पीने से शर्मा की पेट का दर्द तो एक दो दिन में छू मंतर हो गई पर वर्मा को वह पीपल का भूत बकसा नहीं उस भूत को यह भी वचन दिया कि साल में दो बार चढ़ावा भी चढ़ाएँगे पर तुम मेरे लँगोटिया यार वर्मा को बकस दो.


पीपल वाले भूत ने वर्मा को तो बकस दिया पर जब तक शर्मा थे तब तक वे साल में दो बार उस पीपल के पेड़ के नीचे चढ़ावा जरूर चढ़ाया करते थे. उस पीपल के पेड़ को गिरे लगभग 25-30 साल हो गए हैं और वहीं से होकर एक पक्की सड़क भी जाती है


पर अब वह भूत और वह पीपल केवल उन लोगों के जेहन में है जिनका पाला उस भूत से पड़ा. सिरका चाहें आम का हो या कटहल का या किसी अन्य फल का पर यह वास्तव में पेट के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है और जितना पुराना होगा उतना ही बढ़िया .


पीपल के भूत के बारे में लोगो ने सुना था, उनका यही कहना था की उस पीपल के पेड़ के पास कोई नहीं जाता है Because उस जगह पर एक भूत रहता है, यह सुनकर सभी को लगता था की वह भूत किसी को भी नुकसान पहुंचा सकता है इसलिए कोई भी उस जगह पर नहीं जाता था एक दिन की बात है दूसरे गांव का एक लड़का अपनी बहन को मिलने आ रहा था Because उसकी बहन की शादी उस गांव में हुई थी,




उसे नहीं पता था की इस गांव में यह बात चल रही है, की पीपल का भूत है उस पीपल के पेड़ के पास पानी का नल था उसे बहुत प्यास लग रही थी इसलिए वह उस नल से पानी लेने गया था, जब वह पानी निकल रहा था तभी उसे आवाज आती है, की तुम कौन हो जो यहां पर आये हो, वह देखता है की कोई नज़र नहीं आ रहा है but यह आवाज किसकी है, वह लड़का कहता है की आप कौन हो जो मुझे बुला रहे हो, वह कहता है की में यही पर रहता हु but सामने नहीं आता हु, Because में इस पीपल पर रहता हु,


वह लड़का सोच रहा था की कही यह पीपल का कोई भूत तो नहीं है वह लड़का डर जाता है उस जगह से भाग जाता है वह अपनी बहन के पास जाता है कहता है की मेने उस भूत की आवाज सुनी थी, तभी उसकी बहन कहती है की यह बात पुरे गांव में है की पीपल का भूत वही पर रहता है उस दिन कोई भी उस पीपल के पास नहीं जा सकता था, उन्होंने उस पीपल के पेड़ के पास का रास्ता भी बंद कर दिया था कुछ कहानी ऐसी भी होती है जिन पर विश्वाश नहीं होता है,