Love by ️️Duty Singham - Series 3 - Part 25 books and stories free download online pdf in Hindi

Love by ️️Duty Singham - Series 3 - Part 25

नर्मदा अभी भी होश में नहीं थी, लेकिन वह नील की मौजूदगी महसूस कर पा रही थी—गाड़ी में भी और घर के अंदर ले जाते हुए भी। उसने अपनी आंखें खोली जब उसे महसूस हुआ कि उसे बेड पर लिटाया गया है।

उसने उसके चारों ओर बाहें फैलाकर उसके सीने से लग कर रोना शुरू कर दिया।

“नर्मदा, कोई बात नही। तुम यहाँ सेफ हो।” नील ने प्यार से उसकी पीठ थपथपाई।

“वोह बास्टर्ड....“ नर्मदा बोलते बोलते रुक गई जब नील ने उसे चुप कराया।

“मैं हूं ना यहाँ,” नील ने उसे आश्वस्त किया।

“नील, उस जानवर ने मुझे बहुत चोट पहुँचायी, मुझे ऐसे छुआ जैसे मैं उसकी प्रॉपर्टी हूं.... मैं तो तुम्हारी हूं, सिर्फ तुम्हारी।” नर्मदा ने उसे अपने से दूर किया और उठ कर बैठ गई। “मुझे नफरत है इस ड्रेस से....उसने मुझे इस ड्रेस के ऊपर छुआ है।”

नर्मदा अपनी ड्रेस खींचने लगी जैसे की वोह ड्रेस कांटे वाले तारों से बनी हो। नील ने उसे फिर बाहों में भरा और अपने से लगाए रखा। नील की तेज़ धड़कने नर्मदा के गालों पर उसे शांत करा रही थी, उसकी गरमाहट उसे यह एहसास दिला रही थी की वोह यहाँ सुरक्षित है, और कोई भी चीज़ और कोई भी इंसान उसे यह फीलिंग नही दे सकता था।

“क्या मैं तुम्हारे कपड़े बदल दूं?“ नील ने धीरे से पूछा।

नर्मदा ने हाँ में सिर हिला दिया, उसकी जुबान आई साथ नही दे रही थी। नील ने धीरे से ड्रेस के साइड की जिप्पर पकड़ी और नीचे कर दी। उसने धीरे से उसकी ड्रेस उसके पैरों की तरफ से पकड़ी और ऊपर ले जाते हुए उसके सिर से उतार दी।

नील ने उसकी ड्रेस ज़मीन पर फेक दी और फिर उसे देखने लगा। नर्मदा ने एक पतली सी स्पेगेटी पहनी हुई थी, और नील के दांत पीस गए जब उसे उसकी गर्दन और कंधे पर स्क्रैचेस के निशान दिखे।

नील ने अपना हाथ बढ़ाया और उसके चोटों और निशानों पर हाथ फेरने लगा।

“नील....मुझे बहुत गंदा महसूस हो रहा है। मैं नही चाहती कि तुम मुझे वहां छुओ जहां मुझे उस जानवर ने छुआ था।” नर्मदा अपना चेहरा अपने हाथों में छुपाए रोने लगी।

नील उसके और करीब हुआ और उसका हाथ उसके चेहरे से हटा दिया। “हे... लिसन टू मी। बस इसलिए क्योंकि कुछ कीचड़ की छीटें तुम पर गिर गई, तुम गंदी नही हो जाओगी। तुम्हे बस उसे धो देना है।”

नर्मदा उसकी आँखों में देखने लगी। “मैं उस हर याद को मिटाना चाहती हूं जो मुझे उस जानवर ने दिए हैं। मुझे नहाना है।”

पहले नील थोड़ा झिझका पर फिर उसके बाद उसने नर्मदा को बाहों में उठाया और बाथरूम की ओर बढ़ गया। जब नील ने उसे बाथरूम के फ्लोर पर खड़ा किया तब नर्मदा को यह एहसास हुआ की वोह किसी होटल रूम के बाथरूम में नही हैं।

“हम कहां हैं?“

“एक दोस्त का घर है। यह सेफ है, और मैं बाथरूम के बाहर ही हूं। जब हो जाए तो मुझे बुला लेना।”

नील ने एक कदम ही बाहर की ओर बढ़ाया था की नर्मदा ने उसे पीछे से पकड़ लिया। “मुझे डर लगता है, मत जाओ ना। प्लीज़।”

“मैं यहीं हूं, कोई भी कभी भी तुम्हारे इतने करीब दुबारा नही आ पाएगा। यह मेरा वादा है।” नील ने उसे बाहों में भरा और उसके माथे को शिद्दत से चूम लिया।

“नील, क्या तुम मुझे निहला दोगे?“ नर्मदा ने इल्तजा करते हुए पूछा।

नील हल्का सा हिला, अपने हाथों से उसके गालों को पकड़ा। “क्या इस से तुम्हे अच्छा महसूस होगा?“

“हाँ,” नर्मदा ने फुसफुसाते हुए कहा और अपनी आँखें बंद कर ली क्योंकि नील ने उसके माथे को फिर से प्यार से छू दिया।

नील शावर के पास गया और टैप ऑन कर दिया। वोह उसके साथ शावर के नीचे खड़ा हो गया, पूरे कपड़े पहने हुए। नील ने उसे गर्म पानी के नीचे रहने के लिए कहा और इस वजह से उसकी पतली सी स्पेगेटी उसके बदन पर चिपक गई।

नील शैम्पू लेने लगा रैक में से और जब नर्मदा की ओर देखा तो वो पानी के नीचे आँखें बंद किए खड़ी थी।

“नर्मदा,” नील ने अनजाने में उसका नाम पुकार लिया।

नर्मदा ने अपनी आँखें खोली और सीधे नील की ओर देखने लगी। नील ने आगे एक शब्द नही कहा—उसकी आँखें ही सब बयां कर रही थी। नर्मदा ने एक छोटा सा कदम बढ़ाया और नील ने उसे बाहों में भर लिया।

नील ने अपने होंठ नर्मदा के होंठों पर बहुत सख्ती से और भूखे की तरह रख दिए, और नर्मदा ने उसे मीठे एहसास की तरह लिया जैसे वोह और चाहती है। वोह कराहने लगी जब नील की जीभ उसके मुंह को बेसब्री से एक्सप्लोर करने लगी।

नर्मदा भी उसे किस करने लगी अपने पूरे मन से और उसके गले में बाहें फैला दी। नर्मदा ने अपनी गार्डन थोड़ी झुकाई और अपने पैरों को उठा कर नील के कमर पर लपेट दिए।

नील उसे ऐसे किस कर रहा था मानो उसका अपने ऊपर काबू ही न हो, और नर्मदा भी उसे उसकी ही तरह किस का जवाब दे रही थी। नील पलटा, नर्मदा को दीवार से लगाया और उसकी ओर और झुक गया।

नर्मदा फिर कराहने लगी जब नील उसके होंठो से होते हुए उसकी गर्दन पर आ गया। नर्मदा ने उसके बालों को कस कर पकड़ लिया और नील अपनी जीभ उसकी गर्दन पर फिराने लगा।

“नील, आई वांट यू.... आई वांट यू टू टेक मी,” नर्मदा ने उसके कान में कराहते हुए कहा।

एक तेज़ लहर सी उसके शरीर में दौड़ पड़ी जब नील ने उसके कॉलरबोन पर दांत से काट लिया। नील उसके चोटों पर प्यार से और धीरे से चूम रहा था।

नर्मदा ने महसूस किया की नील के हाथ उसकी कमर पर दीवार से लगे ही उसे ऊपर की ओर उठा रहें हैं जब तक की नील का चेहरा नर्मदा की ब्रेस्ट तक नही आ गया।
नर्मदा ने नील की उसकी स्पेगेटी और ब्रा की स्टेप एक साथ उतारने दी। नील ने अपने मुंह से उसके ब्रा कप नीचे किए उसके टिप पर क्लेम कर लिया।

नील की हरकतें बढ़ती गई और नर्मदा कराहती गई। नील अपने होंठों से और जीभ से उसके साथ खेलता रहा। नर्मदा ने अपने पैर और कस दिए नील की कमर पर जब उसने नील के हाथ अपने पीछे से हट कर अपने सीने पर महसूस किए।

नर्मदा ने अपना शरीर तिरछा कर लिया और नील आज उसके शरीर के हर एक इंच को चख रहा था। नर्मदा को अपेक्षा होने लगी जब नील नीचे की ओर बढ़ रहा था। नर्मदा का शरीर फिसल कर थोड़ा नीचे हो गया जब नील नीचे की ओर बढ़ रहा था।

नर्मदा के लिए यह बहुत हार्ड टाइम था, उसके शरीर में नई तरंगे उत्पन हो रही थी। आज तक कभी भी कोई भी आदमी उसके इतने करीब नही बढ़ा था। और नर्मदा अब इंतजार नही कर पा रही थी उसका होने में जिसे वोह प्यार करती थी—वोह इकलौता आदमी जिसे वोह प्यार करती थी। उसका दिल उसके सीने में जोर से धड़क रहा था जिसे वोह हैंडल नही कर पा रही थी, उसे अपने अंदर पुनर्जन्म का एहसास होने लगा था जब नील के होंठ उसके शरीर को छू रहे थे, जैसे सब उसी के लिए हो।

उसे अपने अंदर अजीब सा महसूस होने लगा जब नील ने उसे गीले फर्श पर खड़ा कर दिया और उसके सामने घुटनो के बल बैठ गया। नर्मदा कराह गई जब नील उसके इनर थाई पर अपने होंठों से छू रहा था।

नील ने ऊपर की ओर देखा, उसकी आँखें गहरी और कातिलाना लग रही थी। “तुम अभी भी यह चाहती हो?“

नर्मदा ने हाँ में गर्दन हिलाई, उसे कहने के लिए शब्द ही नही मिल रहे थे। नील खड़ा हुआ और बेसब्री दिखाते हुए उसके होंठो को फिर अपने होंठो की गिरफ्त में ले लिया, और इस बार, बिना उसके होंठो को आज़ाद किए उसके हल्का सा ऊपर की ओर उठा लिया। और ऐसे ही वोह उसे बेडरूम में ले जाने लगा।

नर्मदा के कपड़े पूरी तरह गीले थे और नील के थोड़े बहुत गीले थे।

नील ने उसे बड़े ही प्यार से बैड पर बिठाया जैसे की वोह कोई काँच की गुड़िया हो, खुद उसके साइड में बैठ गया। उसने अभी भी उसके होंठो को छोड़ा नही था। नर्मदा के हाथ नीलनके सीने पर चल रहे थे जो की उसके शर्ट के बटन को टटोल रहे थे। वोह नील के ऑब्जेक्शन पर कराहने लगी जब नील ने उसकी ब्रा और स्पेगेटी को निकालने के उस से अलग हुआ।

नर्मदा उसके सामने लेटी हुई थी और उसके गीले बाल तकिए पर बिखरे हुए थे, फैले हुए मेकअप को कुछ लाइन उसके चेहरे पर बनी हुई थी, उसके होंठ उसे किस करने के लिए बेसब्र दिखाई दे रहे थे, और उसका शरीर उसके लिए तड़प रहा था की वोह उसके करीब आए, उसे छुए, उस की परवाह करे।

“तुम खूबसूरत हो, नर्मदा।” नील ने उसके शरीर के हर एक हिस्से पर किस करते हुए कहा और फाइनली वहाँ पहुँच गया जहां उसकी गीली पैंटी दोनो के बीच एक रुकावट का कारण थी जो की सिर्फ और सिर्फ उसका था।

नील उसके करीब हुआ क्योंकि नर्मदा उसे बेसब्र बना रही थी। नील ने वहाँ गहरी से सूंघा और फिर उसकी पैंटी नीचे कर दी। नील ने अपना सिर उठाया और नर्मदा की ओर देखा जहाँ नर्मदा की आँखों में वासना नज़र आ रही थी और बेसब्री और नील का इंतज़ार दिख रहा था।

नर्मदा उसका नाम पुकारने लगी जब उसने नील के होंठ और उसके बाद उसकी जीभ उसके फोल्ड्स पर महसूस की।

“बेबी....“ नील ने उसे पुकारा और नर्मदा के शरीर में सरसरी सी दौड़ गई। नर्मदा ने अपना सिर पीछे की ओर झटका जब उसे नील की जीभ उसके शरीर के हर एक हिस्से पर फिसलती महसूस हुई। पहले थ्रिल फिर सेंसेशन और अब एक गहरा sa दर्द उसके अंदर महसूस हुआ, और वोह बस यह चाहती थी की नील यह दर्द उसे प्लेजर दे कर खींच ले।

नील किसी औरत के शरीर के लिए कोई नया नही था, पर कोई भी लड़की आज तक उसे इस कदर सुख नही दे पाई थी जो नर्मदा दे रही थी, और इसी कारण से वोह डर रहा था। वोह हमेशा से ऐसा इंसान था जो अपने ऊपर काबू कर लेता था, खुद दूसरों पर हावी रहता था, बल्कि यहाँ सब कुछ नील ही कर रहा था पर फिर भी यह सब नर्मदा की मर्जी से हो रहा था।

नर्मदा सांसे फूकने लगी जब नील ने उसके फोल्डस को अपने दांतों के बीच दबोच लिया और अंधेरे में अपनी दो उंगलियां डाल दी। उसे उसकी दोनो उंगलियों की जगह पर बर्निंग सेंसेशन होने लगी, पर यह ऐसा था की उसे अभी और चाहिए था।

“मैं अब और इंतज़ार नही कर सकती,” नर्मदा ने रिक्वेस्ट की।

“मैं तुम्हे चोट नही पहुंचाना चाहता,” नील ने धीरे से गुनगुनाते हुए कहा।

“तुम मुझे चोट नही पहुँचाओगे, तुम पहुँचा ही नही सकते।”

नील ने अपनी दोनो उंगलियां बाहर निकाल ली और फिर से अपनी जीभ से उसे जन्नत का एहसास कराने लगा। वोह खड़ा हुआ, अपने हाथ अपनी बेल्ट तक ले गया, और अगले ही पल अपनी पैंट और बॉक्सर नीचे उतार दिया।

“जब वोह उसके होंठो पर फिर से अपनी मोहर लगाने गया तब उसने अपनी स्टील सी रोड का एहसास उसे उसके फोल्ड्स पर कराया, जिससे नर्मदा उछल पड़ी।

“हाउ मच डू यू वांट मी?“

“आई वांट ऑल ऑफ यू,” नर्मदा उसके होंठों पर ही बड़बड़ाई।

नील ने अपने होंठ उसके होंठों से अलग किया और कुछ छोटे छोटे किसिस कर अपनी हार्डनेस की टिप भी उसे महसूस करवाई।

नर्मदा से इंटेंसिटी और बर्दाश्त नहीं हुई तो उसने अपनी आँखें बंद कर ली।

“मेरी तरफ देखो।” नील के आदेश पर नर्मदा ने अपनी आँखें खोल ली। “मेरी आँखों में देखो, मैं तुम्हे देखना चाहता हूं जब तुम मुझे महसूस करोगी।”

नर्मदा करहाने लगी दर्द और प्लेजर दोनो से एक साथ जब वोह उसे इंच बाय इंच अपने अंदर महसूस करने लगी। नर्मदा ने अपना हाथ बढ़ा कर नील के बाजुओं पर रख लिया जब वोह पूरी तरह से उसके अंदर आ चुका था, एक जलन महसूस कर रही थी जो उसे धमका रही थी पर साथ ही प्लेजर उसे सातवे आसमान पर ले जा रहा था।

उसके शरीर ने फिर धनुष का आकार ले लिया, ताकि वोह उसे डीपर ले सके।

नर्मदा मुस्कुराई जब नील झुका और उसके आँखों के पास से बहते आंसुओं पर चूम लिया। “तुम ठीक हो?“

“इससे पहले कभी अच्छा महसूस नही किया,” नर्मदा फुसफुसाई।

नील भी मुस्कुराया और धीरे से निकाल लिया क्योंकि अब वोह अपने अंगूठे से उसे सहला रहा था और फिर उसे गहराई से डाल दिया।

नर्मदा का शरीर इस नई सेंसेशन को बर्दाश्त करने के लिए स्ट्रगल कर रहा था, और उसका दिमाग हर एक फीलिंग, हर एक मोमेंट को याद रखने की नाकाम कोशिश कर रहा था, पर यह सब अपने अंदर समाना बहुत मुश्किल हो रहा था। उसने फाइनली सब नील पर छोड़ दिया की वोह राज करे और उसे डोमिनेट करे इस मोमेंट के लिए। उसे गहराई से आनंद का एहसास हो रहा था, और उसके होंठो पर बार बार नील का नाम आ रहा था।

कुछ देर बाद, नील प्लेजर से कराहाया और बाहर निकाल कर उसके पेट पर ही रिलीज कर दिया। नर्मदा को अपने पेट पर उसकी गर्म रिलीज महसूस हो रही थी और फिर से उत्तेजित होने लगी थी।

नील थक कर उसी पर गिर गया—हॉट, वैट एंड, हैवी— इस मैस के बाद उनके पास और कोई जगह नही थी। यह गरमाहट भरा माहौल और वोह किलर जिस आदमी ने उसका दिल चुराया था बस यह सब वोह चाहती थी। वोह फाइनली घर जैसा महसूस कर रही थी, और जो आखरी चीज़ उसे याद थी की इसका भारी वजन जो उसे कुचलने को तैयार था।

कुछ देर बाद, नर्मदा की आँख खुली जब उसे अपने शरीर पर कुछ गरम सा महसूस हुआ। उसने देखा की नील के गर्म टॉवल से उसके शरीर को पोछ रहा है।

“आई लव यू, नील,” नर्मदा धीरे से फुसफुसाई।

नील ने कोई जवाब नही दिया पर वोह उसके पास उसके बगल में लेट गया, उसे बाहों में भरा और नींद में ही किस कर लिया।











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कहानी अगले भाग में अभी जारी रहेगी...
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