Chudel - Invitation of Jungle - 7 books and stories free download online pdf in Hindi

चुड़ैल -इनविटेशन ऑफ जंगल - भाग 7

कहानी का भाग 7

शंकर और विष्णु जो शहर से काफी दूर इंटरव्यू देने गए थे और अब वापस लौटते वक्त इनकी गाड़ी में चार अपराधी आ चढ़े थे।


चारों अपराधी जो सेहत से काफी मजबूत नजर आ रहे थे आते ही उन्होंने उस छोटी बस के ऊपर अपना कब्जा जमा लिया था।


इसी वक्त बाहर से पुलिस वाले भी भागते हुए आ पहुंचे थे और उन्होंने भी बस को चारों तरफ से घेर लिया था।


बस के अंदर भगदड़ मचती उससे पहले ही उन चारों गुंडों की आवाज बस के अंदर गूंजने लगी थी ,उन्होंने ड्राइवर और कंडक्टर को भी बंधक बना लिया था।


एक गुंडा ,,""ड्राइवर गाड़ी चला और सीधा ले चल, गाड़ी की स्पीड घीमी नहीं होनी चाहिए चल जल्दी कर'',



इंस्पेक्टर ,,""ड्राइवर गाड़ी मत चलाना जैसी खड़ी है बस वैसे ही खड़ी रहने देना"",,


गुंडा अपनी रिवाल्वर उसके सिर पर रख देता है,," मैं सिर्फ 3 तक गिनुगा, वरना तुझे मारने के बाद बस मैं खुद यहां से लेकर जाऊंगा"", और फिर खिड़की से बाहर ऊंची आवाज में चिल्लाते हुए मेरे रास्ते से हट जा इंस्पेक्टर सावंत वरना बस के अंदर बैठे एक एक मुसाफिर को मैं मौत की नींद सुला दूंगा"",,



इंस्पेक्टर सावंत ,,""देखो सिकंदर अपने आप को पुलिस के हवाले कर दो वरना हमारी गोली कभी भी तुम्हारे भेजें को उड़ा सकती हैं",,


गुंडा जिसका नाम सिकंदर था हंसते हुए ,"यह तेरी भूल है इंस्पेक्टर हम तेरे इस इलाके से बाहर निकल कर जाएंगे और तू हाथ मलता रह जाएगा "",और फिर उसने ड्राइवर को बड़ी जोर से अपना एक हाथ रसीद कर दिया था।


दूसरा गुंडा उसने एक तरफ बैठे छोटे बच्चे को उठा लिया था और ,,""इंस्पेक्टर अपने पुलिस वालों को दूर कर दे वरना इस बच्चे की मौत का जिम्मेवार तू होगा"",,


सिकंदर ,,"वाह बिल्ला बहुत बढ़िया ,,चल हट इस्पेक्टर अब देर मत कर, वरना तुझे तो पता ही होगा कि हम चारों कितने हरामी हैं इससे पहले कि हम इन सारी सवारी को अपना हरामीपन दिखाने लगे, तू आगे से हट जा",,



इंस्पेक्टर सावंत समझ चुका था कि ये चारों गुंडे कुछ भी कर सकते हैं इसलिए अब उसने अपने सिपाहियों को एक तरफ हटा दिया था।


सिकंदर ,,""चल ड्राइवर बस को ले चल और जब तक हम ना कहे बस को रोकने की जरूरत नहीं है"",,


ड्राइवर मजबूर हो गया था और उसने अब बस तेजी से आगे बढ़ा दी थी।


पुलिस वाले अब पीछे छूट गए थे पर अब वर अपनी गाड़ियों में इस बस का पीछा करने लगे थे।


इंस्पेक्टर सावंत गुस्से से ,,""मैं इनका पीछा जहन्नुम तक नहीं छोडूंगा देखता हूं कहां तक जाते हैं"",


हवलदार बाबूराम ,,""सर इस तरह पीछा करना कहीं खतरनाक ना हो जाए यह चारों यात्रियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं,"""


इंस्पेक्टर सावंत,," इन लोगों ने बस में डीजल नहीं डलवाया है मुझे लगता है जल्द ही इनकी गाड़ी का डीजल खत्म होगा उस वक्त हम मौके का फायदा उठा सकते हैं,""',


शंकर और विष्णु जो अपनी सीट पर दुबके हुए बैठे थे उनकी भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था ,वह तो बस उन गुंडों को देख रहे थे जिनमें से एक गुंडा उनके बिल्कुल पास में खड़ा था।



शंकर धीरे से ,,""अब क्या होगा विष्णु भाई उन्होंने तो पूरी बस को हाईजैक कर लिया है”,


विष्णु ,,"हां यार अगर यह अकेला होता तो मैं अभी इसकी चटनी बना देता ,,पर यह चार हैं और बस मैं हर तरफ खड़े हैं एक को पकड़ लेने से भी कुछ नहीं होगा,,"''


गुंडा अब इन दोनों की तरफ देखते हुए ,,"क्या बोल रहे हो तुम दोनों, हमारी चटनी बनाओगे ,"""


विष्णु एकदम से,," नहीं नहीं हम ऐसा नहीं कह रहे"",,


शंकर बात बदलते हुए ,,"मुझे बड़ी जोर से बाथरूम लगी है गाड़ी रोक दो मुझे बाथरूम जाना है"",,


गुंडा हंसते हुए ,,,"'चुप कर बे और बैठा रह अपनी सीट पर अब जब तक हम सुरक्षित जगह पर नहीं पहुंच जाते यह बस नहीं रुकेगी,,"""


अब शहर से बाहर आते ही सिकंदर ने ड्राइवर को बस रोकने के लिए कहा था और फिर उसे लात मारकर बस के दरवाजे से बाहर फेंक दिया था।


कंडक्टर ,,""मुझे भी नीचे उतार दो""


सिकंदर ,,""हां तू भी भाग यहां से ,,चल अब बस को आगे हम ले जायेंगे,,”"


यात्री अब शोर मचाने लगे थे कि हमें भी यही उतार दो, पर गुंडों ने यात्रियों की नहीं सुनी थी और उन पर अपनी रिवाल्वर ताने रखी थी।



बिल्ला ,,""भाई पीछे पुलिस की गाड़ी आ रही है"",,



सिकंदर हंसते हुए ,,"हां मैं जानता था पर फिक्र मत करो बस थोड़ी देर बाद जंगल के अंदर जाने वाला रास्ता आ जाएगा,, एक बार हमारी बस जंगल के अंदर चली गई फिर पुलिस का बाप भी हमें नहीं पकड़ सकता,""'


जगन ,,"ठीक कहा सिकंदर भाई बस 5 मिनट का रास्ता और है"",,



मदन ,,"सिकंदर भाई सामने देखो पुलिस की गाड़ी आ रही है ,,लगता है हमें यही पर इन्होंने रोकने का प्लान बनाया है,'',


सिकंदर ,,"टेंशन मत लो"",, और फिर उसने बेहद तेजी से गाड़ी को एकदम से अब जंगल के कच्चे रास्ते पर उतार दिया था और गाड़ी बेहद तेज हिचकोले खाती हुई आगे बढ़ गई थी।



एक यात्री ,,""यह क्या कर रहे हो इस जंगल में तो चुड़ैल जागी हुई है वह हम सब को मौत के घाट उतार देगी,""''


अब यह बात जैसे ही सब यात्रियों को समझ में आई थी, बस के अंदर बवाल मच गया था ,और सब यात्री मौत को सामने देखकर जबरदस्ती गाड़ी से उतरने की कोशिश करने लगे थे,, उन्होंने गुंडों को भी एक तरफ धक्का दे दिया था।


सिकंदर अपने आदमियों को ,,,""देख क्या रहे हो इन सभी यात्रियों को नीचे फेंक दो, मैं बस नहीं रोक सकता हूं,, पीछे आने वाली पुलिस की गाड़ियां इन लोगों को उठाने के लिए रुक जाएंगी और हमारे पास समय होगा निकल जाने का"',,,,,


बिल्ला जगन और मदन ने अब गाड़ी में बैठे सभी यात्रियों को चलती बस से ही नीचे धक्का देना शुरू कर दिया था।



विष्णु और शंकर भी अब उठ कर आगे की तरफ बढ़े थे, पर जगन ने उन दोनों को दोबारा से पीछे की तरफ धक्का दे दिया था।



विष्णु सहमी आवाज में ,,""क्या कर रहे हो हमें भी बाहर धक्का दे दो"",,



जगन हंसते हुए ,,"चुप करो सालो, ,,सिकंदर भाई यह हमारी चटनी बनाने की बात कर रहे थे मैं सोच रहा हूं इन्हें अपने साथ ले चलते हैं और फिर इनकी चटनी बनाएंगे"",,,,


अब यह बात सुनकर वे चारों गुंडे बड़ी जोर से हंसने लगे थे,,,

विष्णु और शंकर के चेहरे एकदम लाल पड़ गए थे जिस पर हद से ज्यादा डर नजर आने लगा था।


क्रमशः


क्या यह दोनों दोस्त अपने आपको बचा पाएंगे इन चारों गुंडों से ,जानने के लिए बने रहे इस हॉरर के साथ,