Chudel - Invitation of Jungle - 16 books and stories free download online pdf in Hindi

चुड़ैल -इनविटेशन ऑफ जंगल - भाग 16

कहानी का भाग 16

इस वक्त आधुनिक समय काल के कुछ मानव 1000 साल पूर्व अहंकारा साम्राज्य में पहुंच चुके थे और यहां आने का रास्ता खोला था अहंकारा जंगल में रहने वाली चुड़ैल ने,, जो 21 साल में सिर्फ 1 हफ्ते के लिए जागृत होती थी।

तांत्रिक शक्ति अब वहां एक वृक्ष के नीचे बैठ गया था और विशाल जंगल की तरफ देखने लगा था, उसके चारों सेवक भी उसके पीछे बैठ गए थे उनके बदन में डर की झुर्झुरी दौड़ रही थी।

जंगल से आती साए -साए की आवाज़ के साथ अब बीच-बीच में रूह कंपा देने वाली एक डरावनी आवाज भी इनके कानो में आ रही थी।

तांत्रिक शक्ति अब ऊंची आवाज में,,'' मैं तुम्हें इससे पहले तिलिस्मी शक्तियां प्रदान करूं तुम लोग मुझे अपना गुरु स्वीकार कर लो"",,,

सिकंदर,," हम तो हमेशा से ही आपको अपना गुरु मानते आए हैं आपने तो हमारी रक्षा की है और उस जंगल में रहने की जगह दी है, वरना अभी तक तो हम जेल में पड़े होते,""

सिकंदर ने अभी अपनी बात खत्म ही की थी, तभी एक विशाल चमगादड़ जाने कहां से उस घने जंगल से एक दम निकल कर बाहर आया था, उसके पंखों का फैलाव एक इंसान से भी बड़ा था,,,

और अब वह चमगादड़ तांत्रिक शक्ति के बनाए क्षेत्र के चारों तरफ उड़ने लगा था, पर वह क्षेत्र के ऊपर नहीं उड़ पा रहा था ,उसकी लाल दहकती आंखों से, लावा टपक रहा था।

बिल्ला, मदन जगत और सिकंदर डर के मारे एक दूसरे से सट कर खड़े हो गए थे।

चमगादड़ के गले से अब ऊंची चीखने की आवाज निकली थी ,,जैसे कि वह अपनी शक्ति से इन सब को डरा देना चाहता हो ,और फिर

"' कौन हो तुम इसलिए आए हो यहां'',,

तांत्रिक शक्ति,," मैं हूं तंत्र शक्तियों का ज्ञाता महा ज्ञानी शक्ति ,,मैं यहां अपनी तपस्या पूर्ण करने आया हूं ,अपना ज्ञान पूर्ण करने आया हूं ,,तुम कौन हो किसने भेजा है तुम्हें,,""'

चमगादड़ का शरीर अब परिवर्तन होने लगा था वह आधा इंसान और आधा चमगादड़ बन चुका था फिर उस क्षेत्र के बाहर उतर गया था

"''तुम जो कोई भी हो, यहां से चले जाओ, यह हमारा क्षेत्र है, जहां हम किसी की भी दखलअंदाजी पसंद नहीं करते हैं जाओ भाग जाओ यहां से वरना,,,,,''',,


तांत्रिक शक्ति,,"' वरना,,,, क्या,,,, तुम हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते और हां मैं अब तुमसे कहता हूं कि यहां से चले जाओ वरना मैं तुम्हें अपना गुलाम बना लूंगा,,'''

चमगादड़ उसकी यह बात सुनकर चिढ़ गया था,,"" तू हमें गुलाम बनाएगा"",,

, और फिर अपनी ऊची आवाज में बड़ी जोर से हंसने लगा था उसके गले से जो आवाज निकली थी उससे आसपास के पेड़ बड़ी जोर से हिलने लगे थे जमीन की धूल उड़ कर पूरे माहौल को बिगाड़ चुकी थी।

बिल्ला,,,""" गुरुदेव कुछ दिखाई नहीं दे रहा है इस शैतान चमगादड़ ने तो धूल का बवंडर उठा दिया है कुछ कीजिए"",,,

तांत्रिक शक्ति ,,अगले ही पल मंत्रों का उच्चारण करता है और अपने कमंडल से अपनी हथेली पर जल लेकर उसे उस चमगादड़ की तरफ उछाल देता है,,,

,, अगले ही पल पानी की तेज बौछार उस शैतान चमगादड़ को पीछे की तरफ धकेलती ले गई थी, और वह जमीन पर जा गिरा था।

सिकंदर,,,""' गुरुदेव आपने तो कमाल कर दिया,, मैं तो कहता हूं इसे पालतू कुत्ता बना कर यही बांध लीजिए, इसे यहां बंधा देखकर इसके साथी भी हम से डर कर रहेगे,,""

तांत्रिक शक्ति ,,'बात तो तुम्हारी ठीक है मैं ऐसा ही करता हूं"',,

, और फिर उसने दोबारा मंत्र का उच्चारण किया था ,हवा में ही अग्नि के समान चमकती हुई एक रस्सी प्रकट हो गई थी और वह तेजी से उस चमगादड़ की तरफ बढ़ी थी।

शैतान चमगादड़ समझ चुका था कि क्या होने वाला है, अगले ही पल उसके घुटने मुड़े थे और उसने एक ऊंची छलांग ली थी,,, देखते ही देखते वह सैकड़ों फीट ऊंचाई पर पहुंच गया था और वहां से तेजी से निकल भागा था।

तांत्रिक शक्ति की वह तिलिस्मी रस्सी ने भी उसका पीछा नहीं छोड़ा था और वह भी तेजी से उसके पीछे निकल गईं थी।

सिकंदर और उसके तीनों साथी आकाश में देखने लगे थे जहां अब कुछ भी नजर नहीं आ रहा था।

तांत्रिक शक्ति ,,,""कहां तक भागेगा, मेरी यह शक्ति उसे कहीं से भी पकड़ कर ले आएगी अब वह बच कर नहीं जा सकता है"",,,

बिल्ला,," गुरुदेव आप क्या हमें भी ऐसी ही शक्तियां देने वाले हैं ,,अगर ऐसा है तब तो मजा आ जाएगा,"""

तांत्रिक शक्ति,," चलो अब मेरे आस पास बैठ जाओ मैं तुम्हें शक्तियां प्रदान कर रहा हूं,,"",

अब यह चारों तांत्रिक शक्ति के पास बैठ गए थे,,,


जगत,,, गुरुदेव वैसे यह सब हो क्या रहा है, पहले इस बारे में कुछ बता दीजिए ,,मुझे तो अभी भी बहुत डर लग रहा है,, दिल कर रहा है कि मैं अपनी दुनिया में वापस लौट जाऊं,,'''

तांत्रिक शक्ति, उसे घूरते हुए,,"" मैं जानता हूं तुम्हारी एक प्रेमिका है जिसके लिए तुम्हारा दिल तड़प रहा है पर अब तुम उसे भूल जाओ ,,आ गई बात समझ में,, अब से तुम वही काम करोगे जो मैं कहूंगा,,,'',

जगत कुछ नहीं बोला था और अपना सिर झुका कर रह गया था।

मदन के मन में भी सवाल उठने लगा था,,"'' गुरुदेव हम कभी इस दुनिया से बाहर नहीं जा पाएंगे,, मुझे तो ऐसा लग रहा है हम किसी शैतानी दुनिया में आ गए हैं कौन सी है यह दुनिया,,, कुछ तो बताइए"",,,

बिल्ला ,,""हां गुरुदेव इस बारे में तो आपको हमें बताना ही होगा"",,

सिकंदर,,, पर मैं जानता हूं गुरुदेव आप जो कर रहे हैं उचित ही कर रहे होंगे,,, मैं आपसे कुछ नहीं पुछुगा बस आप तो अब मुझे अपना प्रिय शिष्य बना लीजिए ,,मैं इसी में खुश हूं",,, और फिर आगे बढ़ कर तांत्रिक शक्ति के चरण पकड़ लेता है।

तांत्रिक शक्ति खुश होते हुए ,,,""वाह,, मुझे तुम्हारे जैसे ही शिष्य की जरूरत है,, जो पूरी निष्ठा के साथ गुरु भक्ति कर सके"",,,

अभी तांत्रिक शक्ति ने अपनी बात पूरी ही की थी,, तभी तांत्रिक शक्ति द्वारा भेजी गई वह तिलिस्मी रस्सी जो खुद की तरह जल रही थी ,,अब वह तेजी से वापस वहां आ पहुंची थी और एक धमाके के साथ उसके टुकड़े टुकड़े हो गए थे।

तांत्रिक शक्ति यह देखकर आंखों में हैरानी ले आया था ।

सिकंदर,,,"" यह क्या हुआ गुरुदेव ,,आपकी शक्ति नष्ट हो गई,,,,''

तांत्रिक शक्ति,,, लगता है बहुत जल्द हमारा सामना अद्भुत शक्तियों की स्वामी चुड़ैल से होने वाला है"",,,

क्रमशः

क्या है यह अहंकारा साम्राज्य ,,इसलिए आए हैं तांत्रिक शक्ति अपने समय से यहां,, जानने के लिए बने रहे इस हॉरर के साथ