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खामोश प्यार - भाग 9

स्नेहा ने आगे कहा- तुझसे कुछ नहीं होने वाला। मैं ही उससे बात करती हूं। 

कायरा ने स्नेहा को रोकते हुए कहा- नहीं तू रहने दे। अगर आज भी उसका मैसेज नहीं आया तो मैं कोशिश करूंगी कि उससे बात कर लूं।

स्नेहा ने अपने चेहरे पर मुस्कान लाते हुए कहा- ये हुई ना बात। देख कायरा अगर प्यार है तो कह देना ही बेहतर होता है। कहीं देर हो गई तो फिर तू भी हाथ मलती रह जाएगी। वो अच्छा लड़का है और तुम दोनों साथ में बहुत खुश रहोगे।

कायरा ने स्नेहा की बात पर सहमति में सिर्फ सिर हिला दिया।

फिर सभी अपने घर की ओर चल दिए। फिर रात हुई और मानव और कायरा अपने मोबाइल लेकर बैड पर लेट गए थे। दोनों एक दिन पहले की तरह ऑनलाइन थे, पर कोई मैसेज नहीं कर रहा था। ऐसे ही सात दिन बीत गए। दोनों रोज ऑललाइन होते, घंटों एक-दूसरे के मैसेज का इंतजार करते और फिर सो जाते। सात दिनों बाद एक बार फिर स्नेहा ने उसी बात को कायरा से छेड़ दिया। दोनों इस बार कॉलेज के गार्डन में बैठी हुई थी।

स्नेहा ने कहा- तो क्या रहा तुम दोनों का ?

कायरा ने कुछ उदास होते हुए कहा- वो रोज ऑनलाइन तो रहता है पर कभी मैसेज नहीं करता। मुझे तो लगता है वो ऑनलाइन रहकर किसी और से बात करता है। उसके दिल में मेरे लिए कुछ नहीं है। इसलिए मैंने भी कोई मैसेज नहीं किया।

स्नेहा ने कहा- अच्छा वो ऑनलाइन रहता है तो इसका मतलब यह है कि वो किसी और से बात करता है और तू ऑनलाइन रहती है तो इसका मतलब तो ये हुआ कि तू भी किसी और से बात करती है ?

कायरा ने कहा- यार तू समझ नहीं रही है मुझे ये नहीं पता कि वो मेरे लिए क्या सोचता है। चल मान भी लिया कि वो किसी और से बात नहीं करता तो कम से कम मुझे ये तो पता होना चाहिए है कि उसके दिल में भी मेरे लिए वहीं फिलिंग्स है जो मैं उसके लिए रखती हूं।

स्नेहा ने कहा- तो महारानी क्या भगवान तुझे आकर बताएंगे कि वो तुझे प्यार करता है तो तू उसे अपने दिल की बात बता दें। कायरा अगर तू उससे बात नहीं करेगा तो तुझे कैसे पता चलेगा कि वो तेरे बारे में क्या सोचता है ?

कायरा ने कहा- पर उसने कोई रिस्पॉंस नहीं दिया तो ?

स्नेहा ने कहा- तो तुझे ये भी पता चल गया कि वो रिस्पॉंस करेगा या नहीं ?

कायरा ने कहा- अरे यार मैं तो हर तरह से सोच कर देख रही हूं।

स्नेहा ने कहा- तू सोचना छोड़ दे और मैं जो कह रही हूं वो कर। तू एक काम कर तू उसे अभी मैसेज कर।

कायरा नेहा- नहीं अभी नहीं।

स्नेहा ने कहा- ठीक है पर रात को तू उसे मैसेज करेगी। कल जब कॉलेज आएगी तो तुझे वो मैसेज मुझे दिखाना होगा। और अगर तुने ऐसा नहीं किया तो कल मैं खुद ही उससे बात करूंगी और तेरी बात उस तक पहुंचा दूंगी।

कायरा ने स्नेहा की बात सुनकर सिर्फ हां में सिर हिला दिया। फिर कायरा अपनी क्लास के लिए रवाना हो गई और स्नेहा वहीं गार्डन में बैठी थी। तभी वहां से श्लोक गुजरा। उसे स्नेहा को वहां अकेले बैठे देखा तो वो उसके पास आ गया।

श्लोक ने आकर स्नेहा से कहा- हाय स्नेहा, कैसी हो ?

स्नेहा ने श्लोक की बात का जवाब देते हुए कहा- ओह श्लोक मैं तो ठीक हूं, तुम बताओ, तुम्हारा क्या चल रहा है?

श्लोक ने कहा- कुछ नहीं मैं हमेशा की तरह मगन।

स्नेहा ने कहा- तुम्हारा सही है, तुम्हें तो फूलों की कोई कमी नहीं है और एक मेरी दोस्त है कि फूल खिल चुका है और वो उसे देख भी नहीं रही।

श्लोक ने कहा- किसकी बात कर रही हो तुम ?

स्नेहा ने जवाब दिया- कायरा की।

श्लोक ने कहा- मतलब ?

स्नेहा ने कहा- मतलब ये श्लोक कि कायरा मेडम तुम्हारे दोस्त मानव को पसंद करती है, पर ना तो उसे कहती है ना ही मुझे कुछ कहने देती है।

श्लोक ने कहा- क्या कायरा सच में मानव को पसंद करती है ?

स्नेहा ने कहा- हां यार। पर वो उससे कुछ बोलती ही नहीं है।

श्लोक ने कहा- यही बात मैं मानव को समझाता हूं। तो वो भाई भी अलग टशन में है। साहब कहते हैं कि अगर उसे बुरा लग गया तो। मेरी तो हिम्मत ही नहीं होती है। जनाब तो एक मैसेज भी नहीं कर पा रहे हैं।

स्नेहा ने श्लोक की बात सुनने हुए कहा- ओह तो मतलब दोनों तरफ है आग बराबर लगी हुई।

श्लोक ने कहा- अब तुम्हारी बातों से तो यही लग रहा है।

स्नेहा ने कहा- पर दोनों में से कोई शुरूआत तो करें तभी तो उस आग का मजा आएगा। दोनों ही पता नहीं क्या सोच रहे हैं। यार पहल तो करो तभी तो कुछ होगा।

श्लोक ने कहा- सच कहू मैं तो मानव को समझा-समझा कर खुद परेशान हो गया हूं। पहले तो मैंने सोचा था कि मैं ही कायरा से बात कर लूं पर साहब हर बार बना कर देते हैं।

स्नेहा ने कहा- यही हाल मेरा कायरा के साथ हो रहा है। मैं भी उसे कहती हूं कि तू ही मैसेज कर दे, रोज कहती है कि आज करूंगी, अगले दिन कहती है कि मैसेज कर ही नहीं पाई।

श्लोक ने कहा- तो फिर एक काम करते हैं मैं मानव को जाकर बताता हूं कि कायरा उसे पसंद करती है और तुम कायरा को बताना कि मानव उसे पसंद करता है, फिर तो दोनों एक-दूसरे को मैसेज करेंगे या फिर बात करेंगे।

स्नेहा ने कहा- हां ये सही है। कायरा कहती है कि उसे तो पता भी नहीं है कि मानव उसके बारे में क्या सोचता है।

श्लोक ने कहा- यही बात मानव कहता है। जब दोनों को एक-दूसरे की बात पता चल जाएगी तो तब तो बात करना ही होगी ना।

स्नेहा ने श्लोक की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा- हां फिर तो बात करना ही होगी।

श्लोक ने स्नेहा से कहा- तो ठीक है मैं अभी मानव को लेकर कैटिंन में जाता हूं और उसे पूरी बात बताता हूं। तुम भी हो सके तो कायरा को कैटिंन लेकर आ जाओ। हो सकता है दोनों एक-दूसरे के दिल की बात जानने के बाद वहीं एक-दूसरे से बात कर लें।

स्नेहा ने श्लोक की बात पर सहमति जताते हुए कहा- हां ये सही रहेगा।

श्लोक ने उठते हुए कहा- तो चल कैटिंन में मिलते हैं थोड़ी ही देर में।

स्नेहा ने भी उठते हुए श्लोक से कहा- हां ठीक है, मिलते हैं।

फिर दोनों क्लास के लिए रवाना हो गए, जहां मानव और कायरा थे।