Khamosh Pyar - Part 2 books and stories free download online pdf in Hindi

खामोश प्यार- भाग 2

तीन महीने के समय में भी दोनों की बात होने के बाद भी दोनों ही एक-दूसरे के लिए अपने दिल में एक सॉफ्ट कॉर्नर रखते थे। मानव जहां कायरा को मन ही मन चाहने लगा था, वहीं कायरा भी मानव को पसंद करने लगी थी। हालांकि यह बात इन दोनों ही एक-दूसरे को नहीं बताई थी और ना ही इस बारे में उनका कोई दोस्त ही जानता था। मानव जब भी अकेला होता तो वो कायरा के बारे में सोचने लगता था। वहीं कायरा भी मानव के बारे में सोचने लग जाती थी। पर दोनों जब भी आमने-सामने होते तो एक-दूसरे से बात करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे।

सेमेस्टर एग्जाम खत्म होने के बाद कॉलेज के दोस्तों ने एक ट्रीप प्लान की। सभी दोस्तों ने मानव और कायरा को भी उस ट्रीप में शामिल होने के लिए मना लिया था। शहर से बहुत अधिक दूर नहीं जाने के कारण दोनों इस ट्रीप जाने के लिए राजी हो गए थे। फिर वो दिन भी आ गया जब कॉलेज के दोस्तों का पूरा ग्रुप उस ट्रीप के लिए रवाना हो गया। सभी ट्रीप की पूरी तैयार करके आए थे। यह ट्रीप एक जंगल सफारी सी थी, जहां दोस्तों का पूरा ग्रुप दो रात रूकने भी वाला था। ऐसे में कुछ को जंगल में रात बिताने का डर भी था, परंतु सभी दोस्तों के एक साथ होने के कारण वे रोमांचित भी थे। करीब 8 घंटे का सफर करने के बाद दोस्तों का पूरा ग्रुप उस जंगल में पहुंच गया था। वो जंगल क्या पूरा प्राकृतिक स्थल था। जहां घने पेड़ों के साथ एक झरना, छोटी खाई और प्राकृतिक वातावरण बना हुआ था। ग्रुप के सभी लोगों ने मिलकर अपने टेंट तैयार कर लिए थे।

टेंट तैयार हो जाने के बाद कुछ लोग आसपास घूमने के लिए निकल गए थे। कुछ लोग ग्रुप में तो कुछ अकेले ही घूम रहे थे। वहीं कुछ ऐसे भी थे जो टेंट में आराम कर रहे थे। अकेले घूमने वालों में कायरा और मानव भी थे। कायरा झरने की आवाज की ओर चल पड़ी थी। कुछ ही देर में मानव भी उस ओर चल दिया था। कायरा को नहीं पता था कि मानव उसके पीछे आ रहा है और ना ही मानव को यह पता था कि कायरा भी उसी ओर गई है, जिस ओर वो जा रहा है। कायरा और मानव के बीच बहुत अधिक फासला नहीं था।

कायरा एक गीत गुनगुनाते हुए लगतार एक रास्ते की ओर बढ़ रही थी। वो जंगल के नजारों के साथ ही प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर रोमांचित हो रही थी। वो पहली बार ऐसी किसी जगह पर आई थी और उसे बहुत अच्छा लग रहा था। उसके हाथ में उसका मोबाइल था और वो कभी पेड़ों की टहनियों को पकड़ती थी, तो कभी जंगली फूलों को निहारने लग जाती थी। कभी उसे कोई तितली नजर आती तो वो उसे पकड़ने के दौड़ पड़ती थी। कभी जंगल में उसे किसी चिड़िया की आवाज आती तो वो उसकी नकल करने लग जाती थी। कायरा इस माहौल में काफी खुश नजर आ रही थी।

दूसरी ओर मानव भी इस माहौल में खुद को काफी खुश महसूस कर रहा था। वो अपने साथ एक कैमरा भी लेकर आया था। अपने कैमरे में जंगल के दृश्यों को कैद करता जा रहा था। वो किसी भी एक चीज का कई एंगल से फोटो ले रहा था। इससे पता चल रहा था कि मानव को फोटोग्राफी का भी शौक है। इस तरह से मानव भी लगातार आगे बढ़ता जा रहा था। कायरा अपने मस्ती में खुश थी और मानव अपनी मस्ती। इस बीच दोनों के बीच का फांसला कम हो गया था। कायरा एक जंगली फूल को देखकर खुश हो रही थी, तभी मानव की नजर कायरा पर पड़ गई थी। अब उसने इधर-उधर देखा तो उसके कॉलेज का कोई भी बंदा उसे आसपास नजर नहीं आया। उसने एक बार फिर कायरा की ओर नजर की। कायरा अब भी फूल को देखकर खुश हो रही थी। वो कभी उसे अपने गालों पर लगा रही थी तो कभी उसे छूकर उसके रंगों को महसूस करने की कोशिश कर रही थी।

मानव को यह सब देखकर बहुत अच्छा लग रहा था। उसने अपने कैमरे का एंगल अब कायरा की ओर कर दिया था। अब मानव जंगल और प्राकृतिक नजारों को छोड़कर कायरा और उसकी अठखेलियों को अपने कैमरे में कैद करने लगा था। वो लगातार कायरा की पीछे चल रहा था और उसकी हर हरकत को कैमरे में कैद कर रहा था। कायरा अब भी इस बात से अंजान थी कि मानव उसकी तस्वीरे खींच रहा है। चलते-चलते कायरा एक झरने के पास पहुंच गई थी। वो झरने को देखकर भी काफी खुश हो रही थी। झरने के गिरने के कारण हवा से आने वाली पानी की बौछारों को कायरा अपने चेहरे पर समेटने का प्रयास कर रही थी। इन तस्वीरों को भी मानव दूर से कैमरे में कैद कर रहा था। वो कायरा को देख कर काफी खुश हो रहा था।

कायरा झरने के और करीब जाने की कोशिश करने लगी। तभी उसने झरने के साथ सेल्फी लेने के लिए अपना मोबाइल निकाला और झरने के साथ अपनी तस्वीर को कैद करने लगी। इस बीच पानी के कारण पत्थर गिला था और सेल्फी लेने में कायरा का बेलेंस बिगड़ा और वह फिसल गई। उसके मुंह से चीख निकली और उसके हाथ से मोबाइल गिर कर खाई में जा गिरा, जहां झरने का पानी गिर रहा था। मोबाइल को पकड़ने की कोशिश में कायरा का पैर भी फिसल गया और वो भी गिर गई। हालांकि इसी दौरान एक पेड़ की बड़ी सी टहनी उसके हाथ में आ गई, जिसे उसने जोर से पकड़ लिया था।

मानव ने जैसे ही यह दृश्य देखा वो दौड़ते हुए कायरा के पास जा पहुंचा। कायरा अभी डरी हुई थी। कायरा ने हालांकि अब तक मानव को नहीं देखा था। कायरा को इस हालत में देखकर मानव बहुत परेशान हो गया था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करें। आसपास मदद के लिए भी कोई नहीं था। उसने खुद आगे बढ़कर कायरा का हाथ थामने की कोशिश की। अब कायरा ने भी मानव को देख लिया था, अब उसे कुछ हिम्मत आ गई थी। बहुत कोशिशों के बाद मानव कायरा वो फिर से खींच लेता है। कायरा इस हादसे से इतना डर गई थी वो पत्थर पर आने के बाद वो मानव के सीने में अपना चेहरा छिपाए हुई थी। मानव बस खामोश था।