The Accidental Marriage - Part 10 books and stories free download online pdf in Hindi

The Accidental Marriage - Part 10

पाखी होटल से बाहर आते ही उसके सामने उसकी कैब खड़ी थीं जिसे उसने थोड़ी देर पहले ही बुक किया था वो उसमे बैठती है और वहा से चली जाती है । पाखी के होटल से निकलते ही एक ब्लैक कॉलर की कार उसकी कैब का पीछा कर रही होती है, पाखी जो इस बात से अनजान अपना फोन यूज कर रही होती है ,,,,,
थोड़ी ही देर में कैब एक बिल्डिंग के पास आकर रुकती है पाखी उतरती है और कैब वाले को पैसे देकर बिल्डिंग के अंदर चली जाती है जहां वो काव्या के साथ उसके फ्लैट में रहती है पाखी जो इस बात से अनजान है दो आंखे उसे ही देख रही है, पाखी के अंदर जाते ही वो ब्लैक कार जिसके l अंदर अरूण बैठा था वो भी वाहा से चला जाता है।।। जी हा दोस्तो उस ब्लैक कार में अरूण ही था जो पाखी की कैब का पीछा कर रहा था आज जो कुछ भी हुआ था उसकी वजह से वो पाखी की सैफ्टी को लेकर परेशान था, इसलिए अरूण ने पाखी को घर ड्रॉप करने की बात कहीं पर जब पाखी ने अरूण को मना कर दिया तो वो उसकी कैब का पीछा करने लगा और उसके बिल्डिंग के अंदर जाते ही वो भी वाहा से चला गया।। फ्लैट पर पहुंच कर पाखी डोर बैल बजाती है, काव्या
जो पाखी के आने का वैट कर रही थीं वो इंतजार करते करते हॉल में रखे सोफे पर ही सो गई थीं। बैल की आवाज़ सुनकर काव्या अंगराई लेते हुए उठती है, वो धीमे कदमों से अपने एक हाथ से आंखो को मलते हुए डोर ओपन करती है, पाखी अंदर आती है जब काव्या की नजर पाखी पर जाती है तो वो उसे देखते ही अपनी आंखे जो अभी तक अर्धखुली थीं पाखी को देखते ही उसकी आंखे बड़ी हो जाती है, और वो उसे चौंकते हुए उससे कहती है,,, काव्या : अरे वाह यार ये साड़ी तो तुम पर बहुत अच्छी लग रही है तुम तो इसमें सचमे बहुत खुबसूरत लग रही हो,,, पाखी : हो गया तुम्हारा ? अब हम कुछ बोले?
काव्या : क्या हुआ तुम्हें? तुम इतनी परेशान क्यों लग रही हो? और तुम तो सुबह कुछ और पहनकर गई थीं फिर ये साड़ी कैसे?
पाखी : पहले तुम यहां बैठो और हमारी बात सुनो कहते हुए पाखी काव्या को अपने पास बैठाती है और उसे ऑफिस से लेकर मीटिंग में जानें तक की सभी बाते बता देती है काव्या ये सब सुनकर तेज आवाज़ से कहती है " क्या" ? काव्या : तुम ये कहना चाहती हो जो तुम्हारा बॉस है तुमने उसी से 2 साल पहले शादी की थी और अब तुम्हें एक महीने तक उसी के साथ काम करना है ?
पाखी : हां में अपना सर हिलाती है । काव्या : तुमने उसे सबक क्यों नहीं सिखाया उसकी वजह से तुम्हारे बाबा काव्या आगे कुछ कहती इससे पहले ही पाखी ने उसके मुंह पर अपना हाथ रखकर उसे आगे कहने से रोक दिया ।
पाखी : काव्या की बातो का जवाब देते हुए कहती है, जो हुआ वो बहुत गलत था पर इसके लिए हम उन्हें दोष नहीं दे सकते वो तो इन सबसे अनजान है उन्हें कुछ नहीं पता उनके जानें के बाद वहा क्या हुआ ? काव्या : तो तुमने आज उन्हें सब बताया क्यों नहीं ?
पाखी : क्यों बताए हम उन्हें कुछ जब वो जानना ही नहीं चाहते वो तो हमारी शक्ल तक नहीं देखना चाहते ।
काव्या : तो फिर तुम ऐसी सिचुएशन में कैसे काम करोगी उनके साथ ?पाखी : हमे नही पता हमारी किस्मत हमारे साथ कैसा खेल खेल रही है, अब बस हमे उस कम्पनी में एक महीने तक काम करना है फिर हम उस कम्पनी को छोड़ देंगे।
काव्या : क्या तुम ऐसा कर पाओगी ? अगर इस एक महीने में तुम्हें उनसे प्यार हो गया तो तब क्या करोगी तुम?
पाखी : नहीं ऐसा कुछ भी नहीं होगा ? हम बस वहा काम करेंगे । और हमे किसी से कोई मतलब नहीं । काव्या : और अगर कहीं उन्हें तुमसे प्यार हो गया तो ?
पाखी : थोड़ी देर खामोश रहती है फिर दुसरी तरफ देखते हुए कहती है, हम दोनों ही इस शादी को नहीं मानते और एक दुसरे को पसंद भी नही करते तो ऐसा कुछ हो इसका चांस ही नही है, कहते हुए पाखी रूम के अंदर चली जाती है । काव्या वही खड़ी सोचते हुए कहती है 2 सालो बाद मिल हो तुम दोनों एक दुसरे से कुछ तो अलग होगा इस बार कहते हुए काव्या मुस्कुराने लगती है और फिर सोने चली जाती है ।
खुराना मेंशन :______,,,,,,
अरूण जब घर में आता है तो देखता है घर में चारो तरफ़ अंधेरा था सब सो चुके थे वो भी सिडियो से सीधा अपने कमरे में गया और चेंज करके बैड पर लेट गया। वो आज जो कुछ भी हुआ उन सबके बारे में सोच रहा था उसकी आंखो के सामने रह रह पाखी चेहरा आ रहा था। कुछ देर तक ऐसे ही सोचने के बाद वो अपने ख्यालों को झटकते हुए खुदसे ही कहता है,,,,, अगर पाखी की जगह कोई और लड़की भी होती तो ये सब मैं उसके लिए भी करता । यही सब सोचते हुए अरूण की आंख लग जाती है और गहरी नींद में सो जाता है। पाखी और काव्या दोनों ही एक साथ उठते है और
जल्दी से तैयार होकर ब्रेकफास्ट करके अपने अपने ऑफिस के लिए चले जाते है,,,
ऑफीस पहुंचते ही पाखी देखती है आज ऑफिस में सब थोड़े अलग लग रहे थे पाखी पास में खड़ी नैना से पुछती है : आज कुछ है स्पेशल है क्या ऑफिस में । नैना उसे मुस्कुराते हुए कहती है : आज वेलेंटाइन डे है पाखी इसलिए सब इतने अच्छे से रेडी होकर आए है,
आज कोन किसका क्रश है सब पता चल जाएगा। तुम्हें किसी ने प्रोपोज किया क्या?
पाखी : हमे कोई क्यों प्रोपोज करेगा? नैना : तुम इतनी खुबसूरत हों तुम्हें तो सभी प्रोपोज करेंगे।
पाखी : नैना को स्माइल देते हुए कहती है तुम भी कुछ भी कहती हो कहते हुए अपनी कैबिन में चली जाती है अरूण के कैबिन के बराबर में पाखी का भी कैबिन था ।
अरूण जो रेडी होकर सीढ़ियों से निचे ही आ रहा था माही की आवाज़ सुन रुक जाता है, "क्या बात है भाई आज तो बहुत अच्छे से रेडी हुए हो आप डेट पर जा रहे हो"? कहते हुए पाखी मुस्कुराने लगती है ,,, माही की तरफ़ देखते हुए अरुण कहता है : मैं ऑफिस जा रहा हु और तुम इन फालतु चीजों को छोड़कर अपनी स्टडी पर फोकस करो ये कहते हुए अरुण बिना नाश्ता किए ऑफिस के लिए निकल जाता है।अरूण अपने कैबिन में जाता है तो देखता है उसके कैबिन में रेड रोज के बुके रखे थे और साथ ही कुछ गिफ्ट्स भी अरूण उन बुके और गिफ्ट्स को चुप चाप खड़े होकर देख ही रहा था के तभी पिछे से एक लड़की अरूण को हग करते हुए हैप्पी वेलेंटाइनस डे माय लव कहती है। अरूण जब पिछे पलटता है तो देखता है उसके सामने इशिता खड़ी है अरूण जो अपने दोनों हाथो को अपनी पेंट की जेबों में डाले खड़ा था इशिता उसे गले से लगाते हुए उसके गालों पर किस करती है और उसे अपनी बाहों में भरकर खड़ी रहती है,,,,,
वही अरूण के दोनों हाथ अभी भी उसकी जेब में होते है अरूण के चहरे पर कोई भी भाव नही दिख रहे थे तभी एक शख्स कैबिन का डोर ओपन करते हुए अंदर आते हुए कहता है सर ये फाईल वो शख्स इतना ही कहता है कि सामने का नजारा देख कर वो वही जम जाता है अरूण अपने सामने खड़ी पाखी को देखता है। दोनों की ही आंखे एक दुसरे को देख रही थीं तभी पाखी वाहा से जानें के लिए पिछे मुड़ती है की इशिता की आवाज़ सुन कर रुक जाती है इशिता गुस्से भरी आवाज़ में पाखी में कहती है : हे यू तुम्हारे अंदर मैनर्स नही है क्या ? इशिता की बातो का जवाब देते हुए पाखी उसकी तरफ़ देखते हुए सॉरी कहती है
जब इशिता पाखी को ऊपर से नीचे तक देखती है तो वो गुस्से से पागल हो जाती है पाखी की खुबसूरती जैसे इशिता की आंखो में चुभ सी जाती है वो अपनी लाल आंखो से पाखी को घुरे ही जा रही थीं तभी वो पाखी से पुछती है:,,,,,,,तुम हो कोन पहले तो तुम्हें कभी नही देखा ? इशिता की बातो का जवाब देते हुए अरुण कहता है : ये मेरी सेक्रेटरी है । ये सुनते ही इशिता की मुठ्ठी कस जाती है और वो नफरत भरी निगाहों से पाखी को घूरते हुए अरुण से कहती है: तुम्हारी सेक्रेटरी पर तुम्हारी सेक्रेटरी तो कनिका है न । अरूण : हां मेरी सेक्रेट्री कनिका है पर इस टाइम वो लीव पर है वन मंथ की ।
ईशिता : ओके कहती है, और पाखी की तरफ देखते हुए कहती है : तुम अपने बॉस के कैबिन में ऐसे ही बिना नॉक किए आती हो ?
पाखी इशिता की बाते सुनकर घबरा जाती है वो बिना इशिता की तरफ देखते हुए कहती है : वो सर के सिग्नेचर चाहिए थे वो एक बहुत इंपोर्टेंट फाईल पर कहते हुए पाखी अपने हाथो से अपने दुपट्टे को मसलने लगती है,,,, अरूण जो इतनी देर से वहा खड़ा उन दोनों की ही बातो को सुन रहा था पाखी से कहता है हमारे लिए दो कॉफी लेकर आओ अरूण की बाते सुनकर पाखी की आंखे बड़ी हो जाती है वो अरूण को अपनी कोल्ड आवाज़ में कहती है : ओके सर । और वहा से जाने लगती है । इशिता : रुको । पाखी इशिता की आवाज़ सुनकर रुक जाती है ।
इशिता : मेरे लिए कैपचिनो और अरूण के लिए ब्लैक कॉफी । पाखी हां में अपना सर हिलाते हुए वहा से चली जाती है।
अरूण पाखी को देख रहा था वो उसे देखते ही समझ जाता है वो इस वक्त काफी गुस्से में है और उसे ऐसे देख कर अरूण के होठों पर स्माइल आ जाती है,,,,,,। इशिता जो बड़े ध्यान से अरूण को देख रही थीं उसने अरूण के चहरे के बदलते हुए भावो को देखा। जब अरूण ने स्माइल की थी ये देखते ही इशिता गुस्से से पागल हुए जा रही थीं वो पाखी को अभी सबक सिखाना चाहती थीं पर उसे इस बात की भी चिंता थीं अगर उसने अभी कोई एक्शन लिया तो बाद में उसे ही पछताना होगा। वो नहीं चाहती थीं अरूण उसकी बेड साइड देखें वो हमेशा अरूण के सामने एक अच्छी लड़की बनकर रही है और अच्छा बनने का नाटक भी तो वो अरूण से शादी करने के लिए ही तो कर रही थीं इसलिए उसने पाखी को अभी सबक सिखाने का आइडिया ड्रॉप कर दीया। वो एक सर्कास्टिक स्माइल के साथ सोचती हुई खुदसे ही कहती है तुम्हें तो मैं बाद में देख लूंगी दो कोड़ी की लड़की।।।।। पाखी जो अरूण इशिता के लिए कॉफी बना रही थीं बड़बड़ाते हुए कहती है समझते क्या है ये खुदको हमसे कॉफी बनवाएंगे वो भी उस नकचड़ी लड़की के लिए। फिर वो उन पलों को याद करते हुए कहती है जब इशिता अरूण के गले लगी थीं। अगर यही सब करना था तो कैबिन का डोर लॉक कर लेते फिर कोई डिस्टर्ब नहीं करता इन्हें कहते हुए पाखी मुंह बनाती है उस वक्त जब पाखी ने दोनो को ऐसे देखा था तो उसे अपने दिल में एक चुभन सी महसूस हुई थीं फिर भी पाखी ने अपने चेहरे पर कोई भाव नहीं आने दीया। पाखी अपने इन सभी ख्यालों को झटकते हुए कहती है: कॉफी पीनी है न इन्हे पिलाते है इन्हें कॉफी फिर कभी ये हमे कॉफी बनाने के लिए नहीं कहेंगे। ऐसी कॉफी पिलाएंगे इन्हे। कहते हुए पाखी मुस्कुराने लगती है वो कॉफी के दो मग रेडी करती है जिसमें से वो एक में नमक डाल देती है पाखी ट्रे लेकर अरूण के कैबिन में वो इस बार नॉक करके जाती है अरूण और इशिता दोनों वही रखे सोफे पर बेठे बाते कर रहे थे पाखी कॉफी की ट्रे टेबल पर रखते हुए एक मग इशिता को और दुसरा मग जिसमें नमक था वो अरूण की तरफ बढ़ा देती है।।। अरूण पाखी से कॉफी लेते ही उसकी एक शिप लेता है वो जैसे ही कॉफी की शिप लेता है वो खांसने लगता है जिसे देख पाखी के चेहरे पर स्माइल आ जाती है अरूण पाखी की तरफ़ देखता उसकी स्माइल देख कर समझ जाता है पाखी ने ये जानबूझकर किया है तभी इशिता अरूण से पुछती है,,,,,,आर यू ओके ? अरूण हां में अपना सर हिलाता और पाखी को देखते हुए अपनी कॉफी पीने लगता है, जिसे देख पाखी की आंखे बड़ी हो जाती है और वो बिना कुछ बोले वाहा से चली जाती है अरूण कॉफी पीते हुए कहता है तुमने मुझे ये नमक वाली कॉफी पिलाई है न अब तुम्हारी बारी है मिस राजधानी एक्सप्रेस बी रेडी फॉर माई टर्न कहते हुए मुस्कुराने लगता है।।।।। इशिता को समझ नही आता अरूण ऐसे क्यों स्माइल कर रहा है, वो उससे पुछती है पर अरूण नथिंग कहकर टाल देता है । इशिता अरूण को बाय बोलकर चली जाती वो अरूण के कैबिन से निकल कर पाखी के कैबिन में जाती है जैसे ही पाखी की नजर इशिता पर जाती है वो अपनी चेयर से उठ कर खड़ी हो जाती है इशिता पाखी के करीब आकर उसके चारों तरफ़ चक्कर लगाते हुए कहती है खुबसूरत हो अट्रेक्टिव भी हो कहते हुए वो पाखी के सामने बैठ जाती है पाखी जो अभी भी खड़ी थीं इशिता को अजीब नजरो से देखें ही जा रही थीं । इशिता : अरे तुम खड़ी क्यों हो बैठो तुम्हें एक कहानी सुनानी है पाखी जो अभी भी इशिता को देखें ही जा रही थीं इशिता की बाते पाखी को समझ नही आ रही थीं फिर भी वो उसकी बात मानकर बैठ जाती है ।
इशिता : अपने एक पैर को दुसरे पैर पर रखते हुए कहती है,,,,,,। फ्लैशबैक:_______,,,,,,
4 साल पहले एक लड़का और एक लड़की दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ते थे वो दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे पर लड़की को उस लड़के से प्यार हो गया था वो लड़की उससे इतना प्यार करती थीं उसके प्यार में उसने सारी हदें पार कर दी थीं एक दिन वो लड़का और लड़की कॉलेज की कैंटीन में बैठ कर लंच कर रहे थे तभी वहा एक लड़की जो उन दोनों की ही क्लासमेट थी आती है,,, उस लड़की ने लड़के के कंधो पर हाथ रखते हुए कहा : क्या तुम मेरी असाइनमेंट बनाने हेल्प कर दोगे ? लड़के ने उसकी लड़की की तरफ बिना देखे ही हां कह दीया । लेकिन ये बात उस लड़की को अच्छी नहीं लगी जो उस लड़के की दोस्त थी और उसे बहुत गुस्सा आया वो उस लडकी को अपनी लाल आंखो से देख ही जा रही थीं वो लड़की उस लड़के के कभी बालो को छूती तो कभी उसके हाथ को वो उस लड़के को प्यारी भरी नजरो से देख रही थीं उस लड़की को पता भी नही था कोई उसकी इन हरकतों को देख रहा है तभी वो लड़की उस लड़के को बाय बोलकर चली जाती है उसके जानें के बाद वो लड़की जो उस लड़के की दोस्त थी वो भी उठ कर उस लड़की के पिछे जाने लगती है वो लड़का जो लंच कर रहा था साथ अपना फ़ोन भी यूज कर रहा था उसे पता नहीं चला कब उसकी दोस्त भी वहा से चली गईं। वो लड़की जो उस लड़की का पीछा कर रही थीं वो उसके पिछे पिछे वॉशरूम में चली गई थीं जब उसने देखा वॉशरूम के अंदर उन दोनों के अलावा कोई नहीं है तो उसने अंदर से वॉशरूम का डोर लॉक कर दीया ।।। और आगे बढ़ी वो लड़की जो अपने ही धुन में थी मिरर के सामने खड़ी होकर अपना मेकअप ठिक कर रही थीं उसे बिलकुल भी अंदाजा नहीं था उसके साथ क्या होने वाला है तभी वो लड़की जो उसका पीछा करते हुए वॉशरूम के अंदर तक आ गई थीं उसके बालों को पिछे से पकड़कर उसके सर को सामने शीशे पर मार देती है जहां वो थोड़ी देर पहले शीशे में देख कर अपना मेकअप ठिक कर रही थी वो लड़की जख्मी होने के बाद फर्श पर गिर जाती है उसके सर से बहुत खून बह रहा था उसका चेहरा खून से पुरा लाल हो गया था । शीशे के कुछ छोटे छोटे टुकड़े उसके माथे पर गढ़ गए थे उसके सर से खून पानी की तरह बह रहा था डर की वजह से उसकी आवाज उसके गले में ही दब गई थीं उसके आंखो से आंसु बह जा रहे थे वो कुछ बोलने की कोशिश कर रही थी पर आवाज उसका साथ ही नहीं दे रही थी वो देखने की कोशिश करती है उसके साथ ये सब किसने किया पर खून जो उसके सर से बह रहा था वो उसकी आंखो से होते हुए उसके पुरे चेहरे को लाल कर चुका था जिसकी वजह से वो साफ साफ नहीं देख पा रही थी लेकीन उसे जो धुंधला सा अपने सामने खड़ा अक्श दिख रहा था वो किसी लड़की का था वो ये समझ गई थी तभी उसकी आंखे धीरे धीरे बंद हो जाती है,,,,,,,,, ये देख कर वो लड़की जिसने अभी उस लड़की को मारा था जो फ्लोर पर बेहोश पड़ी थी उसे बेहोश देख कर शातिर तरीके से मुस्कुराते हुए कहती है, " ही इज ऑनली माइन " वह सिर्फ मेरा है उसे छूने का हक सिर्फ मेरा है तेरी हिम्मत भी कैसे हुई उसे छूने की अगर दुबारा उसके आस पास भी नजर आईं तो तेरी इससे भी बुरी हालत होगी । ये कहकर वो हसने लगती है और अपने सामने टूटे हुए मिरर में खुद को देखती है और अपने बालो को ठिक करके वहा से चली जाती है।।। फ्लैशबैक एण्ड_________,,,,,,,,,,
पाखी जो अपने कैबिन में बैठी ये सब सुन रही थी उसकी आंखें बड़ी हो गई थी वो पसीने से पुरी भीग चुकी थी तभी वो अपने सामने बैठी इशिता को देखती है और सोचती है : तो इसका मतलब वो लड़की ये है और वो लड़का अरूण सर है,,,,,,,,,,,,,पाखी इशिता को देखते हुए वो अपना एक हाथ आगे बढाकर पानी का ग्लास उठाती है पाखी के हाथ बहुत कांप रहे थे फिर भी वो हिम्मत करके थोड़ा पानी पीती है। इशिता पाखी के चहरे पर डर और पसीना देख कर स्माइल करते हुए खुदसे ही कहती है इसके साथ तो कुछ करने की जरूरत ही नही पड़ेगी। इसकी हालत तो सुनकर ही खराब हो गई, चलो अच्छा है बातो से ही समझ गई। तभी इशिता अपने चेयर से उठकर पाखी के पास आते हुए कहती है : अरे पाखी तुम तो पसीने से पुरी भीग चुकी हो पाखी जो घबराई हुई नजरो से इशिता को देखें ही जा रही थी वो जल्दी से उठती है और इशिता से दूर हट कर खड़ी हो जाती है,,,,,,,। इशिता जो पाखी को ऐसे देख कर मन ही मन खुश हो रही थी पाखी के पास जाते हुए कहती है : अरे वो तो बस एक स्टोरी थी जो मेने तुम्हें सुनाई कही तुम उसे सच तो नही समझ रही हो? पाखी कुछ बोले बीना बस इशिता को देखें ही जा रही थी।
इशिता : देखो पाखी वो तो बस एक स्टोरी थी और उसमे जो वो लड़की थी वो दो प्यार करने वालो के बीच में आ रही थी इसलिए उसके साथ ऐसा हुआ। तुम घबराओ मत तुम यहां बैठो इशिता पाखी को चेयर पर बैठाते हुए आगे कहती है : तुम तो बहुत समझदार हो न तुम थोड़ी ना ऐसा कुछ करोगी? तुम अच्छी लड़की हो, अब तुम आराम से बैठ कर अपना काम करो अब मैं चलती हूं मुझे देर हो रही है कहते हुए इशिता पाखी के कैबिन से मुस्कुराते हुए निकल जाती है।।।। पाखी जो उसे जाते हुए देख रही थी अभी भी शॉक में थी पाखी सोचती है "कोई ऐसा कैसे कर सकता किसीके साथ ये सचमें ये एक साइको है" पाखी अभी ये सब सोच ही रही थी की उसके कैबिन में रखा टेलीफोन बजा पाखी खुद को नॉर्मल करते हुए कॉल रिसीव करती है फ़ोन के दुसरी तरफ से अरूण की आवाज़ आती है: मेरे कैबिन में आओ "राईट नाउ" कहने के बाद वो कॉल कट कर देता है। पाखी जो उसे जाते हुए देख रही थी अभी भी शॉक में थी पाखी सोचती है "कोई ऐसा कैसे कर सकता किसीके साथ ये सचमें ये एक साइको है" पाखी अभी ये सब सोच ही रही थी की उसके कैबिन में रखा टेलीफोन बजा पाखी खुद को नॉर्मल करते हुए कॉल रिसीव करती है फ़ोन के दुसरी तरफ से अरूण की आवाज़ आती है: मेरे कैबिन में आओ "राईट नाउ" कहने के बाद वो कॉल कट कर देता है।
पाखी अपनी चेयर से उठती है और अरूण के कैबिन की तरफ जानें लगती है, कैबिन के पास पहुंचकर पाखी नॉक करती है अरूण की आवाज सुनकर वो अंदर जाती है पाखी अरूण को देखती है,,,,
अरूण बहुत गुस्से में लग रहा था वो मन में ही कहती है अब इस लंगूर को क्या हुआ पहले तो वो साइको लड़की और अब ये लंगूर दोनों ही एक जैसे है पागल सही जोड़ी है इनकी। पाखी ये सब खुद से कह ही जा रही थी की उसके कानो में अरूण की गुस्से वाली आवाज पड़ती है तुमने जानबूझकर किया था न वो ये सुनते ही पाखी सहम जाती है,,,,,,,,, पाखी : "हमने क्या किया" अनजान बनते हुए कहती है।
अरूण : अपनी एक आईब्रो को ऊपर करते हुए कहता है "अच्छा तो तुम्हें याद नहीं तुमने क्या किया ? पाखी : जब हमने कुछ किया ही नहीं है तो याद कैसे होगा। पाखी मासूम सा चेहरा बनाते हुए कहती है ।
अरूण : कोई बात नही मैं याद करवा देता हू कहते हुए वो खड़ा हो जाता है और पाखी की तरफ अपने कदम बढ़ा देता है । पाखी अरूण को अपने पास आते देख पिछे हटने लगती है अरूण जो पाखी की आंखो में देखता हुआ आगे बढ़ता ही जा रहा था वो पाखी के नजदिक जाकर रुक जाता है,,,
पाखी जो अभी धीरे धीरे पिछे हो रही थी वही रखे सोफे के कॉर्नर से टकरा कर गिरने ही वाली होती है की अरूण जल्दी से अपना एक हाथ बढ़ाकर पाखी को कमर से पकड़ लेता है, पाखी जो गिरने के डर से घबराकर अपनी आंखे को कस कर बंद कर लिया था अरूण उसे ऐसे देख कर मुस्कुरा रहा था,,,,,,,🥰 पाखी धीरे धीरे अपनी आंखे खोलती है तो उसकी आंखे अरूण की आंखो से मिलती है दोनों ही एक दुसरे की आंखो में देख रहे थे।
पाखी जो अरूण के हाथो के बल पर आधी लटकी हुई थी तो वही अरूण पाखी को बस देखें ही जा रहा था जो गुस्सा उसके चहरे पर पहले दिख रहा था अब जैसे गायब हो गया था अरूण पाखी की आंखो में देखते हुए कहीं खो सा गया था। पाखी भी अरूण की आंखो में कहीं खो गई थी। थोड़ी ही देर पहले इशिता की दी हुई वार्निंग भी वो भूल गई थी अरूण की आंखो में देखते हुए,,,,,,,। कैबिन में उस वक्त इतनी शांति थी की दोनों को ही एक दूसरे की सांसे भी सुनाई दे रही थी तभी अरूण की पॉकेट में रखा फ़ोन रिंग होता है अचानक हुई आवाज से दोनों का ध्यान टुटता है और खुद को एक दुसरे के इतने करीब देख कर घबरा जाते है और डिसबैलेंस होने की वजह से दोनों सोफे पर ही गिर जाते है।।। मुझे लगता है कि मैं कुछ दिनों से आप सभी को disappoint कर रहा हूं , 😔 लेकिन आज का पार्ट केसा लगा आपको 😋. आगे जानने के लिए बने रहीए The Accidental Merriage की इस journey में 👉🏻.......
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