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खामोश प्यार - अंतिम भाग

परिवार द्वारा रिश्ता तय हो जाने की बातों से अंजान कायरा और मानव रोज की तरह कॉलेज पहुंच गए थे। सब कुछ सामान्य था, परंतु जेनी मानव को देखकर और जॉली कायरा को देखकर काफी खुश नजर आ रहा था। वहीं श्लोक और स्नेहा भी अब अपने रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए कदम उठाने वाले थे। क्लास खत्म होने के बाद हमेशा की तरह सभी कैंटिंन में मिले थे। श्लोक मानव के साथ बैठा था और स्नेहा कायरा के साथ। श्लोक ने अपनी बात करते हुए मानव से कहा-

मानव आज मैं अपने घर पर स्नेहा को लेकर बात करने वाला हूं। कॉलेज का आखिरी साल है, उसके बाद कोई अच्छी जॉब करते हुए अगले साल हम दोनों शादी कर लेंगे। अब तू बता आगे तेरा क्या प्लान है ?

मानव ने कहा- ये तो अच्छी बात है कि तुने भविष्य के लिए इतना कुछ सोच लिया है, पर मैंने अभी इतना आगे का नहीं सोचा है।

श्लोक ने मानव पर तंज कसते हुए कहा- आगे का क्या, तुने तो अभी का भी नहीं सोचा होगा। देख मानव अब भी तेरे पास समय है और तू एक बार सिर्फ एक बार हिम्मत कर और कायरा से अपने दिल की बात कह दे।

मानव ने कहा- मैं रोज सोचता हूं कि आज अपनी बात कायरा से कह दूं पर मेरी हिम्मत ही नहीं होती है और जॉली वाली घटना ने तो मेरी हिम्मत को और भी तोड़ दिया है।

श्लोक ने गुस्से के साथ कहा- तो फिर ठीक है बैठा रह ऐसे ही। एक दिन वो किसी की हो जाएगी और फिर सोचना कि काश उस दिन मैंने थोड़ी सी हिम्मत कर ली होती। तू बस हिम्मत को लेकर हार मान और मैं चलता हूं।

इतना कहने के बाद श्लोक वहां से चला गया। दूसरी ओर स्नेहा ने कायरा से कहा- तेरे लिए एक खबर है। आज मैं अपने घर पर श्लोक के बारे में सब बता दूंगी। उम्मीद है मम्मी-पापा मेरी बात मान जाएंगे।

कायरा ने कहा- बेस्ट ऑफ लक। मैं चाहूंगी कि तुम दोनों का साथ पूरी जिंदगी ऐसे ही बना रहे।

हम तो साथ रह लेंगे कायरा पर क्या तू मानव के बिना रह लेगी ? स्नेहा ने सवाल किया।

पता नहीं। पर लाख कोशिशों के बाद भी मैं उससे बात नहीं कर पाती हूं। कायरा ने कहा।

तो कर। तुझे करना ही होगी। तू भी जानती है कि तू उसके साथ पूरी जिंदगी खुश रह सकती है। एक बार उसके पास जा और आंख बंद कर अपने दिल की बात को कह दे। स्नेहा ने कहा।

मैं नहीं कर पाउंगी स्नेहा। मैं नहीं कर पाउंगी। कायरा ने उदासी के साथ कहा। कायरा की यह बात सुन स्नेहा भी गुस्से के साथ वहां से चली गई और उससे कहा तो फिर बैठी रह अकेली।
मानव और कायरा की नजरें एक बार फिर और फिर वे दोनों भी उठकर चले गए।

ऐसे ही कुछ एक साल गुजर गया, परंतु दोनों ने कभी पहल नहीं की थी।

कॉलेज पूरा हो जाने के बाद मानव ने एक ऑफिस में नौकरी ज्वॉइन कर ली थी। वहीं कायरा भी अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए नौकरी करने लगी थी। इस पूरे समय के दौरान भी अक्सर रातों को दोनों ऑनलाइन रहते थे, परंतु इस दौरान भी दोनों ने अपने दिल की बात एक-दूसरे को नहीं बताई थी। एक शाम दोनों ही अपने ऑफिस से घर पहुंचे थे।

कायरा के पिता शरद उसके पास आए और उन्होंने कायरा से कहा- बेटा आज मैं तुझे एक सरप्राइज देने के लिए आया हूं।

कायरा ने उत्सुकता से पूछा- कैसा सरप्राइज पापा ?

हालांकि हम चाहते तो यह बात तुझे करीब एक साल पहले भी बता देते, परंतु हमने सोचा था कि जब सबकुछ तय हो जाएगा, तभी तुझे बताएंगे। शरद ने कहा।

क्या तय हो जाएगा पापा और आपने क्या तय कर लिया है ?

शरद ने खुशी जाहिर करते हुए कहा- बेटा हमने तेरी शादी तय कर दी है और अगले महीने तेरी सगाई और शादी है। बहुत अच्छा घर मिला है, वहां तू राज करेगी।

शरद की बात को सुनकर कायरा को धक्का सा लगा था। उसने कहा- पर पापा आपने मुझे बताया भी नहीं और इतना बड़ा फैसला कर लिया ?

बेटा हमने बहुत सोच समझ कर यह रिश्ता तय किया है। शरद ने कहा। इसके साथ ही उन्होंने शादी का कार्ड भी कायरा के हाथ में रख दिया। इसके बाद वे उसके सिर पर हाथ फिराते हुए वहां से चले गए थे।

कायरा सोच में पड़ गई थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि उसे कैसे रिएक्ट करना चाहिए। दूसरी ओर ऐसा ही सबकुछ मानव के साथ उसके पिता ने किया था। मानव और कायरा अब दोनों ही सोच में डूबे थे। हालांकि वे दोनों एक बार फिर आमने-सामने होने वाले थे। तीन दिन बाद श्लोक और स्नेहा की शादी थी, जिसमें उन दोनों को भी बुलाया गया था। दोनों शादी में शामिल भी हुए और एक-दूसरे से सामान्य बातचीत भी की। इसके बाद वे घर चले गए। शादी के करीब एक सप्ताह बाद कायरा स्नेहा से मिलने उसके घर गई और मानव श्लोक से मिलने के लिए उसके ऑफिस गया था।

मानव ने श्लोक को बताया- मेरे माता-पिता ने मेरी शादी तय कर दी है।

श्लोक को कुछ हैरानी हुई और उसने पूछा- किसके साथ, कौन है वो लड़की ? और तुने शादी के लिए हां की दिया ? तुने एक बार भी कायरा के बारे में नहीं सोचा। चार साल हो गए हैं मानव तू कायरा से कितना प्यार करता है ये मैं भी जानता हूं। फिर तू उस रिश्ते के लिए हां कैसे कह सकता है ?

मैंने कुछ नहीं कहा। उन्होंने यह रिश्ता करीब एक साल पहले ही तय कर दिया था। मानव ने कहा।

वो लड़की कौन है ? श्लोक ने फिर सवाल किया।

जेनी। मानव ने कहा।

श्लोक के पास अब कोई शब्द ही नहीं थे। फिर भी उसने कहा- और कायरा का क्या ?

मानव ने कहा- वो तो शायद ये भी नहीं जानती कि मैं उससे प्यार करता हूं।

हां, वो नहीं जानती क्योंकि तुमने आज तक उसे बताया नहीं है।

दूसरी ओर कायरा ने स्नेहा को बताया कि उसके माता-पिता ने उसकी शादी जॉली से तय कर दी है और वह अब अपने माता-पिता की इच्छा के विरूद्ध नहीं जा सकती है।
स्नेहा ने कायरा से कहा- पर, तू तो मानव से प्यार करती है ना ?

हां, मैं मानव से प्यार करती हूं, पर मैं ये बात ना तो मानव को बता सकती हूं और ना ही अपने घर पर, क्योंकि मुझे नहीं पता कि वो भी मुझसे प्यार करता है या नहीं।

जो बात तुझे आज से तीन साल पहले बता देना चाहिए थी, उसके बारे में तू आज सोच नहीं है। तुने भी उससे प्यार किया था, तू खुद उसे अपने दिल की बात कह सकती थी, मैंने तुझसे कितनी ही बार कहा था कि उससे बात कर ले, उसे मैसेज कर दे। अगर तुने ऐसा किया होता तो शायद आज ये दिन नहीं आया होता। तुम दोनों की खामोशी और खामोश प्यार के कारण ही यह दिन आया है।

कायरा वहां से रोती हुई चली गई थी। दूसरी ओर श्लोक ने मानव से कहा- देख मानव अब भी देर नहीं हुई है, अपनी खामोशी को तोड़ दे और उसे अपने दिल की बात बता दें, हो सकता है कि तेरे माता-पिता कायरा को और तेरे प्यार को देखकर अपना डिसीजन बदल दें। कम से कम एक बार कायरा को मैसेज कर दें। इतना कहने के बाद श्लोक वहां से चला गया। कुछ देर बाद मानव भी चला गया। वो अपने घर पहुंच चुका था।

स्नेहा और श्लोक अपने घर पर मिले तो स्नेहा ने श्लोक को कायरा की शादी तय होने और श्लोक ने स्नेहा को मानव की शादी तय होने की बात बताई। दोनों इस बात पर अफसोस कर रहे थे कि काश समय रहते दोनों ने अपने दिल की बात एक-दूसरे से कह दी होती तो वो दोनों आज साथ होते।

रात हो गई थी और मानव अपने बेड पर कायरा अपने बेड पर मोबाइल हाथों में लिए लेटी हुई थी। दोनों एक-दूसरे के बारे में ही सोच रहे थे। मानव और कायरा के दिमाग में स्नेहा और श्लोक की बातें ही घूम रही थी। एक ओर मानव ने तो दूसरी ओर कायरा ने मैसेज टाइप करना शुरू किया था। आज दोनों एक-दूसरे को मैसेज करने वाले थे।

जल्द ही मानव के मोबाइल पर कायरा का मैसेज आया था और कायरा के मोबाइल पर मानव का मैसेज आया था। दोनों एक-दूसरे का मैसेज देखकर बहुत खुश भी हो रहे थे। जैसे ही उन्होंने मैसेज ओपन कर पड़ा तो दोनों के हाथों से मोबाइल छूटकर नीचे गिर गया था।

कायरा ने जहां अपनी शादी का कार्ड मानव को भेजा था, वहीं मानव ने भी जेनी के साथ उसकी शादी तय होने की सूचना कायरा को दी थी। अब दोनों के मन में सिर्फ एक ही बात थी कि काश....

करीब होने के बाद भी कितनी दूरियां ले आया उनका ये खामोश प्यार.....!!! उनकी खामोशी ने उन्हें हमेशा के लिए एक-दूसरे से दूर कर दिया था। वे चाहकर भी अब कुछ बोल बोल नहीं पा रहे थे। कायरा की बंद आंखों से आंसू बह रहे थे और मानव की नजरें कायरा के उस फोटो पर टिकी थी, जो उसने अलमारी में लगा रखा था। आज दोनों को ही बहुत दर्द दे रहा था, बहुत चुभ रहा था उनका खामोश प्यार...।