Teri Chahat Main - 50 books and stories free download online pdf in Hindi

तेरी चाहत मैं - 50

"पापा आई मिस यू ए लॉट, अपने हमको वहां से फोन भी नहीं किया।" रिया मुकेश रॉय के घर आने पर उनके गले लगते हुए बोली।

"हां बेटा, आई एम रियली सॉरी, काम में बिजी हो गया था। लेकिन देखो हम बिलकुल तुम्हारे बर्थडे पे आ गए, जेसे हमने वादा किया था।” मुकेश रॉय ने कहा।
"तो बताओ, आज तुमको क्या चाहिए?" मुकेश रॉय बोले
"आप मुझे जिंदगी का सबसे अच्छा तोहफा पहले ही दे चुके हैं, अब हमको कुछ नहीं चाहिए।" रिया ने शर्माते हुए कहा तो मुकेश रॉय बोले "क्या कहना चाहती हैं बेटा, हम कुछ समझे नहीं।

“पापा, अजय को मेरे लिए चुन कर आपने पहले ही हमको बहुत बड़ा तोहफा दिया है। अजय को करीब से जानने के बाद हमको पता चला की वो कितना अच्छा इंसान है।" रिया ने कहा तो मुकेश रॉय बहुत खुश हुए और बोले "मैं कहता था ना की एक मौका दो, अब देखना तुम दोनो की शादी मैं कितनी धूम धाम से करता हूं।"

अगले दिन शाम को रिया के सालगिराह के मौके पे मुकेश रॉय महमानों से मुखातिब होते हुए बोले "आज मेरे लिए दोहरी खुशी का दिन है, पहला आज मेरी बेटी पूरे 25 साल की हो गई है। दुसरी खुशी कुछ ज्यादा एहमियत रखती है किसी भी बाप के लिए। अगर उसकी औलाद को बेहतर हमसफर मिल जाए। कुछ ऐसा ही मेरे साथ भी हुआ है। रिया के लिए जैसे लड़कों की मुझे तलाश थी वो मुझे मिल गया है और आज मैं इनके रिश्ते को पहले मुकाम पर पहंचने जा रहा हूं। आज मैं अपनी बेटी रिया के लिए अजय को चुन रहा हूं। अजय हमारी जिंदगी मैं 5 साल पहले दखिल हुआ और उसे अपना पुरजोर शख्सशियत से हम सब के दिल में जगह बना ली। हमको खुशी है की हमको अपनी बेटी के लिए ऐसा लडका मिला है। अब आपका जायदा वक्त ना लेते हुए मैं दोनो को बुला रहा हूं। दोनो को आने वाले भविष्य के लिए दुआ दिजिये मेरी यह गुजरिश है आप सभी से।”

मुकेश रॉय ने अजय और रिया को स्टेज पे बुलाया और दोनो के हाथ मैं अंगूठी दे दी। अजय ने आगे बढ़ कर रिया को अंगूठी पहना दी। रिया ने मुस्कुराते हुए अजय को अंगूठी पहना दी। सब लोग खुशी से तालियां बजा रहे थे और मुबारकबाद दे रहे थे। महौल मैं खुशी और मोहब्बत की लहर साफ महसूस हो रही थी।

जिंदगी अपने मामूल पे चल रही थी, रिया और अजय मैं वक्त के साथ नजदीकिया और बढ़ रही थी। आज सिमरन की मेहंदी थी। मेजर शेखर के घर की रौनक देखते ही बन रही थी। चारो तारफ खुशी का महौल था। सभी लोग रसमों मैं हिसा ले रहे थे। अजय ने रिया से कहा "कितना खुश है ना राज, और सिमरन को देखो, आज कितनी खूबसूरत लग रहे है।"
“हां राज और सिमरन की जोड़ी कितनी अच्छी लग रही है। एक बात बातें, सिमरन और राज मिले कैसे थे। जहां तक ​​मैं जानती हूं, सिमरन हमारे कॉलेज मे नहीं थी।" रिया ने अजय से पुछा।

“दोनो की मुलाक़ात तो ऑफ़िस मैं ही हुई थी में। जहां हम लोगों ने शुरू किया था काम करना। पहली नज़र का प्यार है दोनो का।” अजय रिया को दोनो के बारे में बताया।
"अछा तो उन में किसने पहले इज़हार किया था।" रिया ने पुछा तो अजय ने कहा की "ये भी एक अजीब दास्तान थी, राज ने लव लेटर लिखा था, लव लेटर क्या एप्लीकेशन कहो।" फिर अजय हंसता हुआ बताता चला गया रिया को सब कुछ।

“हम्म, तो ये बात है, कितनी खुश नसीब है सिमरन, जो उसे एक ऐसा शक्स प्यार करता है जिसे इज़हार तो किया। यहाँ तो हम से अभी तक तुमने मोहब्बत का इज़हार भी नहीं किया।” पता नहीं आगे क्या होगा। रिया ने शिकायत की तो अजय बोला "ये कोई जरूरी थोड़े है, और मेरे दिल में तुम हो, इजहार नहीं करने से कोई असर थोड़े पडेगा मेरी मोहब्बत मैं।"

“फिर भी, अच्छा लगता है लड़कियों को जब कोई उनसे अपनी मोहब्बत का इज़हार करे। खैर मेरी ऐसी किस्मत कहां।'' ये कह कर रिया ने अपनी नराजगी जाहीर करी और वहां से चली गई। फिर पूरे फंक्शन मैं दोनो ने बात नहीं की। अजय ने पुछा भी पर उसने कहा कोई बात नहीं वो उससे नराज नहीं है, पर उसके चेहरे से साफ लग रहा था की वो थोड़ा दुखी है। रात मैं अलविना ने कहा की "यार अब कुछ धमाल करते हैं"। सना बोली को "हां चलो अंताक्षरी खेलते हैं।" हीना बोली "लड़कियां बनाम लड़के हो जाये!"
बस फिर क्या था, राज और सिमरन के नाम पे दो टीम बन गई, सारे लड़कों राज की तरफ और सारी लड़कियों सिमरन की तरफ। फिर शुरू हुआ एक मजेदार दौर।
सबसे पहले रोहित ने गया
"मुझे नींद ना आये,नींद ना आए,नींद ना आए,
मुझे चेन ना आए, चेन ना आए, चेन ना आए
मुझे चैन ना आए, मुझे चैन ना आए
कोई जाए जरा ढूंडके लाए
ना जाने कहां दिल खो गया ना जाने कहां दिल खो गया

जवाब मैं सिमरन ने गया
"ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इंतज़ार"
सुन सदायें दे रही हैं मंजिल प्यार की”

क्या बार मेजर शेखर और मुकेश रॉय ने सुर मिलाया
"इमली का बूटा बेरी का पेड़, इमली खट्टी मीठे बेर"
इस जंगल मैं हम दो शेर, चल घर जल्दी हो गई देर

जवाब आया अलविना की तरफ से
"रूप तेरा मस्ताना प्यार मेरा दीवाना"
रूप तेरा मस्ताना प्यार मेरा दीवाना
भूल कोई हमसे ना हो जाये"

खेल शुद्ध शबाब पर था पर रिया कहीं और थी। कुछ उदास सी, अजय भी उसे देख कर उदासी था।
तभी साहिल ने गाया
"चल प्यार करेगी, हां जी हां जी,
मेरे साथ चलेगी, ना जी ना जी
अरे तू हां कर या ना कर तेरी मर्जी सोनिये
हम तुझे उठा कर ले जाएंगे
डोली में बिठा कर ले जाएंगे"
सब गा रहे थे मजे ले रहे थे पर रिया और अजय एक दुसरे को देख रहे थे और अजय रिया को माने की कोशिश में लगा था, तभी रिया ने अजय को देखते हुए गाया

“मुझको इरादे दे, कसमें दे, वादे दे
मेरी दुआओं के इशारों को सहारे दे
दिल को ठिकाने दे, नए बहाने दे
ख़्वाबों की बारी को मौसम के पैमाने दे
अपने करम की कर अदाएं
करदे ईधर भी तू निगाहें
सुन रहा है ना तू, रो रही हूं मैं
सुन रहा है ना तू क्यूं रो रही हूं मैं।"

इस गाने ने अजय को इशारा दिया की रिया सच मैं उदासी ही है। अब वो मौका देख रहा था की कैसे वो रिया को खुश करे, और मौका उसे जल्दी ही मिला जब उसे 'ए' से गाने का मौका मिला।

"आते जाते, हंसते गाते, सोचा था मैंने मन मैं कई बार"
वो पहली नज़र, हल्का सा असर, करता है क्यूं इस दिल को बेकरार
रुक के चलना, चलते रुकना, ना जाने तुम्हें है किसका इंतजार
तेरा वो यकिन कहीं मैं तो नहीं, लगता है ये क्यों मुझे बार बार
ये सच है, शायद मैंने प्यार किया। हां - हां मैंने तुमसे प्यार किया!"

ये गाना गा के अजय चुप हो कर बैठा गया। रिया के चेहरे पर मुस्कुराहट वापस आ गई थी। पर अजय उदासी था। रिया ने इशारे से पुछा पर उसे जवाब नहीं दिया और उसे इग्नोर करने लगा। रिया समझ गई की अब उसकी बारी है, अजय ने तो इज़हार कर दिया, अब उसे करना होगा। और कुछ देर बाद उसे मौका मिल गया

"काटे नहीं कटे ये दिन ये रात"
कहने थी तुमसे जो दिल की बात

"काटे नहीं कटे ये दिन ये रात"
कहने थी तुमसे जो दिल की बात


" लो आज मैं कहती हूं आई लव यू……..

आई लव यू………आई लव यू……….



रिया के इस गाने ने आखिर कर अजय के चेहरे पर भी मुस्कान बिखेर ही दी, और वो भी कब तक नराज रहता रिया से। मोहब्बत इन्ही छोटे - छोटे एहसास और पलो का ही तो नाम है जिसमे दो लोग एक दुसरे से तकरार करते हैं और फिर सब भूल इकरार भी करते हैं


To be continued
in 51th Part