009 SUPER AGENT DHRUVA - 11 in Hindi Adventure Stories by anirudh Singh books and stories PDF | 009 सुपर एजेंट ध्रुव (ऑपरेशन वुहान) - भाग 11

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009 सुपर एजेंट ध्रुव (ऑपरेशन वुहान) - भाग 11

रात भर ध्रुव और जेनिफर की आंखों से नींद कोसो दूर थी,जहाँ एक ओर ध्रुव के सामने बारूद के ढेर पर खड़े उसके देश को सुरक्षित कर पाने की चुनौती थी,तो वही जेनीफर अब इंडिया के साथ साथ उसकी अपनी कर्मभूमि इंग्लैण्ड के लिये भी मानवीय आधार पर इस मिशन को सफल बनाने की अग्निपरीक्षा में खरी उतरना चाहती थी।

पति और पत्नी अगर दोनों ही देश के डिफेन्स सिस्टम से जुड़े हो,तो उनकी जिंदगी आम कपल्स से काफी अलग हो जाती है, रोमांस का स्थान रोमांच ले लेता है....और फैमिली प्लानिंग की जगह ले लेती है उनके किसी मिशन को सक्सेसफुल मिशन में बदलने की प्लानिंग......तो फिलहाल ध्रुव और जेनीफर के तेज तर्रार दिमाग इसी प्रकार की प्लानिंग में जुटे हुए थे।

और सुबह होने से पहले वह एक जबरदस्त योजना भी बना चुके थे, जिस पर अमल करना शेष था.....

अगले दिन दोपहर....आई टी मीट्स का दूसरा दिन......ध्रुव भी आज इस मीट्स में शामिल थे......एक बड़े से हॉल में आज आईटी सेक्टर से जुड़े हुए देश विदेश के विभिन्न लोगो का एक दूसरे से मिलने मिलाने का दौर जारी था,इस विशाल हॉल में जबरदस्त चहल पहल थी, चारो ओर चीन के राष्ट्रीय चिन्ह 'ड्रैगन' आधारित थीम पर सजावट की गई थी....हॉल में जगह जगह रखी हुई लग्जरी टेबल्स और शेयर्स पर विभिन्न आईटी कम्पनियों के प्रतिनिधि अपने क्लाइंट्स इत्यादि से मेलमिलाप में व्यस्त थे..किसी बड़े रेस्तरां की तर्ज पर यहां पर भी ढेर सारे वेटर हाथों में तमाम प्रकार की ड्रिंक्स वगैरह लेकर यहां वहां घूम रहे थे.…........इसी हॉल की एक टेबल पर सूट बूट पहन कर फुल्ली आईटी प्रोफेशनल बन कर बैठा हुआ ध्रुव किसी का इंतजार कर रहा था ....थोड़ी ही देर में वहां जेनीफर आती है,उसके साथ एक पांच फीट का चाइनीज शख्स भी मौजूद था......जेनिफर ने ध्रुव से उस शख्स को इंट्रोड्यूस कराया....
"मिस्टर काय ची...मीट्स माय बॉस,मिस्टर पी. कुमारास्वामी....सीईओ ऑफ टेक्नो अल्फा.......एंड सर दिस इज मिस्टर काय ची, ऑनर ऑफ 'रीयल फेस टेक्नोलॉजी"

ध्रुव ने भी गर्मजोशी के साथ मिस्टर कायची का अभिवादन करते हुए बैठने का इशारा किया.....और फिर तीनो बैठ कर किसी खास मुद्दे पट डिस्कस करने लगें।

दरअसल मिस्टर कायची की कम्पनी कुछ खास किस्म के गैजेट्स जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, कस्टमाइज खिलौने, ऑनलाइन गेम्स इत्यादि का निर्माण करने के लिए जानी जाती थी, वायरस प्रकोप के इस दौर में उसने अपना नया प्रोडक्ट 3 डी फेस मास्क लांच किया था, इन फेस मास्क की खासियत यह थी कि कोई भी इंसान आर्डर दे कर हूबहू अपने चेहरे जैसा मास्क कम्पनी से तैयार करा सकता था.....कम्पनी उस व्यक्ति की अलग अलग एंगल से ली गयी थ्री डी फोटोज को रियल एपीयू टेक्नोलॉजी से फिल्टर करके जो रियल स्किन के जैसे मास्क तैयार करती है,उसकी वास्तविक चेहरे की बनावट से मैचिंग एक्यूरेसी 99.9% तक होती है, सिर्फ इतना ही नही आंखों की रेटिना तक को इन मास्क में सेम टू सेम कॉपी किया जाता है.....हालांकि सिक्योरिटी इश्यूज को ध्यान में रखते हुए कम्पनी किसी भी व्यक्ति को सिर्फ उसी के चेहरे वाला फेस मास्क जारी करती है.......

इस प्रकार के मास्क की कॉस्ट अधिक होने के बावजूद लोगो के इंट्रेस्टेड होने के कारण इस अनूठे प्रोडक्ट ने कम्पनी को मोटी कमाई कराई.....कम्पनी के शेयर अचानक से बढ़ गए.......पर तभी किसी ने इस कम्पनी से दुर्भावना के चलते कम्पनी की सभी वेब साइट्स और बैंक अकॉउंटस में एक हैकिंग ग्रुप के माध्यम से सेंध मारी कर दी......जिसमें बहुत से कस्टमर्स का महत्वपूर्ण डेटा क्रैश कर दिया गया,और अकाउंट्स से करोड़ो रूपये का ट्रांजेक्शन करके क्रिप्टो करेंसी खरीद ली गयी।

इस साइबर अटैक ने मिस्टर कयाची की कम्पनी 'रियल फेस टेक्नोलॉजी' को काफी नुकसान पहुंचाया था.....हालांकि इस कम्पनी ने खुद को सम्भालते हुए एक बार पुनः खुद को स्थापित करने का प्रयास जारी रखा...पर इस बार यह कम्पनी किसी भी प्रकार के सायबर अटैक से स्वयं को सुरक्षित रखना चाहती थी.......हालांकि चाइना में साइबर एक्सपर्ट्स की कोई कमी नही थी.....पर कम्पनी का ऑनर 'कयाची' चाहता था कि उसे सायबर सिक्योरिटी चाइना से बाहर की कोई कम्पनी प्रदान करें।

आईटी मीट्स में कयाची की कम्पनी ने 'एज अ कस्टमर' रजिस्ट्रेशन कर रखा था,और अन्य बेहतरीन सायबर सिक्योरिटी प्रोवाइडर्स के साथ साथ उसने 'टेक्नो अल्फा' से भी इस सर्विस के सम्बंध में मेल किया था...जिसके प्रतिउत्तर में आज सुबह ही जेनीफर ने उसको रिप्लाई करते हुए कम्पनी के सीइओ पी कुमारास्वमी अर्थात ध्रुव के साथ एक छोटी सी मीटिंग अरेंज करवाई थी।

"टेक्नो अल्फा ने कुछ स्पेशल सॉफ्टवेयर्स डिजाइन किये है,यह एन्टी वायरस,एंटी हैकिंग का कॉम्बो है.....जो आपके डाटा को 100% सायबर सिक्योरिटी प्रदान करते हैं......अच्छी बात ये है कि इनका यूज अभी तक और किसी ने नही किया है,तो किसी भी हैकर द्वारा इनकी 10 लेयर सिक्योरिटी को भेदना नामुमकिन है.......कोई आपके सिस्टम को हैक करने की जरा सी कोशिश भी करेगा तो यह सॉफ्टवेयर ऑटोमैटिकली उस हैकर की पहचान चंद सेकेंड्स में एक अलर्ट के माध्यम से उजागर भी कर देगा।"

ध्रुव ने चाइनीज़ भाषा में ही किसी विशुद्ध आईटी प्रोफेशनल की ही जुबां में कयाची को अपने सॉफ्टवेयर की खूबियां समझाते हुए कहा..........

"काफी तारीफ सुनी है आपकी कम्पनी पर ,मुझे पूरा भरोसा है, आपका सॉफ्टवेयर हमारे लिए काफी कारगर सिध्द होगा..इसका डेमो और सारे फीचर्स हम ऑलरेडी आपकी वेब साइट पर चेक कर चुके है....हम चाहते है कि आपके इस सॉफ्टवेयर का पेटेंट भी हमारे पास हो, क्या कीमत लेंगे आप इसकी पेटेंट सहित...."

विशेष नोट-यह सारा वार्तालाप चाइनीज भाषा मे ही किया जा रहा है,परन्तु पाठकों का कहानी से जुड़ाव बना रहे इसलिए उसका हिंदी रूपांतरण ही यहां प्रस्तुत किया जा रहा है। ●

रॉ ने कुछ टैलेंटेड इंडियन्स आईटी प्रोफेशनल्स के माध्यम से 'टेक्नो अल्फा' कम्पनी को जो प्रसिद्धि दिलाई थी वो काबिले तारीफ थी......सच में अगर हम इंडियन्स को पर्याप्त संसाधन एवं प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जाए तो हम प्रतिभा के मामले में किसी भी क्षेत्र में किसी से पीछे नही,इसी बात का जीता जागता सबूत है कि चाइना जैसे एडवांस टेक्नोलॉजी बेस्ड कंट्री की एक कम्पनी इंडियंस द्वारा बनाया गया एन्टी हैकिंग सॉफ्टवेयर खरीदने के लिए इस प्रकार उत्सुक हो रही थी

ध्रुव ने थोड़ी देर सोचते रहने के बाद वेटर द्वारा अभी अभी टेबल पर रखी गयी कॉफी का मग कयाची को ऑफर करते हुए कहा.....
"मिस्टर कयाची,हमें इस सॉफ्टवेयर की कोई कीमत नही चाहिए, इसे आप हमारा मित्रता प्रपोजल समझिए....."

एक बिजिनेस डील के दौरान ध्रुव का इस प्रकार का जबाब कयाची के लिए अप्रत्याशित था,उसने भी बदले में कुछ देने की इच्छा जताते हुए कहा---

"और यदि मैं भी आपको अपनी ओर से मित्रता प्रपोजल के रूप में कुछ देना चाहूं....तो?"

ध्रुव थोड़ी देर मुस्कुराया.....हाथ मे लिए हुए कॉफी के मग को टेबल पर रखा......और फिर कयाची से आई कॉन्टेक्ट करते हुए बोला...

"जल्दी ही जरूरत पड़ेगी उसकी भी......उम्मीद है कि आपकी कम्पनी की सर्विसेज विशेष रूप से आपके इस नए दोस्त के लिए उपलब्ध रहेंगी......"

और इसी के साथ दो कम्पनियों के बीच यह छोटी सी मीटिंग समाप्त हुई।

कहानी जारी रहेगी.....