Mahila Purusho me takraav kyo ? - 77 in Hindi Human Science by Captain Dharnidhar books and stories PDF | महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 77

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 77

अभय ने जो सपना देखा था वह बड़ा भयावना था। जग जाने पर भी उसके चेहरे पर डर दिखाई दे रहा था । जहां आग लगी थी उस टेंट मे रात-भर राहत कार्य चलता रहा ।

कब सुबह हो गयी पता ही नही चला । अभय सुबह की चाय पी रहा है , उसी वक्त एक सैनिक ने आकर सैल्यूट मारकर कहा ..राम राम साहब ! आपको सीओ साहब ने याद किया है । अभय ने सैनिक से कहा ठीक है, आप जाओ मैं अभी जाकर मिल लूूंगा। अभय ने चाय की एक आखिरी घूंट मारी और कप को मेज पर रख दिया, और सीओ से उसी वक्त मिलने चल दिया । अभय को जाता देख .. पीछे से डॉक्टर ने कहा सर ! अपनी ड्रेस तो पहन लीजिए ! आप ऐसे ही सीओ से मिलने जा रहे है । अभय के कदम रूक गये ..उसने गौर से अपने कपड़ो को चेक किया । उसे भी लगा कि नाइट ड्रेस मे जाना ठीक नही है । अभय ने डॉक्टर की तरफ देखकर कहा ..सर मेरी ड्रेसेज भी टेंट मे ही थी ..
वे तो , सब जल गयी होगी । डॉक्टर ने कहा नही सर ..आग फर्स के कार्पेट मे ही लग पाई थी उसे बुझा दिया था, और टेंट को बचा लिया था .. आपका सामान पास के टेंट मे सिफ्ट कर दिया है ..आप वही चले जाओ.. अभय सहमति मे अपना सिर हिलाकर चल देता है ।
थोड़ी देर बाद वह नयी ड्रेस पहने हुए सीओ ऑफिस की तरफ तेज कदमो से जाता हुआ दिखाई देता है । कुछ दूरी पर सीओ का रेजीडेंस व ऑफिस दोनो साथ साथ ही बने थे । अभय वहां पहुंचकर गेट के बाहर से कहता है ..मे आई कम इन सर ! ..अंदर से आवाज आती है ..कम इन !
अभय अंदर जाकर सैल्यूट मारकर कहता गुड मार्निंग सर ! जबाब मे सीओ ने अपनी कमर को पीछे चेयर पर लगाते हुए कहा ..मार्निंग !
सीओ ने सबसे पहले अभय का स्वास्थ्य जानने के लिए उससे पूछा .. अब कैसा फील कर रहे हो .. अभय ने उत्तर दिया ..बेटर सर ! आगे सीओ ने कहा ..अभय ! तुम एक काबिल अफसर हो ..फिर यह गलती कैसे हुई ? इसमे तुम्हारी जान भी जा सकती थी । यह तुम्हारी पहली गलती है और आखिरी भी ..यदि फिर कोई गलती हुई तो मैं नही छोड़ूंगा । मुझे डाक्टर ने बताया कि तुमने कोई ख्वाब देखा था .. मै जान सकता हूँ ऐसा क्या देख लिया कि सपने मे ही फाइटिंग करने लगे । अभय ने कहा सर .. सपने मे मैने देखा कि मेरी वाइफ ने मरने का नाटक किया और फिर उसकी ही एक सहेली से मेरा विवाह हो गया .. सर मेरी वाइफ और उसकी सहेली आईएसआई के लिए काम कर रही थी । मेरी वाइफ की सहेली मेरी जासूसी कर रही थी , उसने मुझे बांध दिया था तब मैने छुड़ाने के लिए अपने पैर दाये बायें चलाये थे तब कही कैरोहिटर पर पांव लग गया और आग लग गयी । सीओ ने कहा रात में कैरोहिटर बंद कर सोने का आदेश था न ? मै चाहूं तो तुम्हारी चार्ज सीट बनवा सकता हूँ किन्तु मैने पहले ही तुम्हे कह दिया कि पहली गलती पर छोड़ रहा हूँ । अभय ने कृतज्ञ भाव से कहा थैंक्यू सर । आगे सीओ ने कहा आज तुम छुट्टी निकल जाओ । ओके सर कहकर अभय ने सैल्यूट मारकर रामराम सर । अभय बाहर आगया । कुछ अधिकारी अभय को ही देख रहे थे ..और जानना भी चाह रहे थे कि अंदर क्या हुआ होगा ।