Kavach - Kali Saktiyon Se - 4 books and stories free download online pdf in Hindi

कवच - काली शक्तियों से - भाग 4

पूरी कहानी जानने के लिए पिछले तीन भाग को पढ़ें

मैं तुम्हें नहीं छोडूंगा

यह कहकर चैत्रा के शरीर में प्रवेश भल्लालदेव की आत्मा चैत्रा के शरीर को खत्म करने की कोशिश करने लगा।

मैं बैग वहीं छोड़ कर उसे रोकने लगा, यह देख कर वह प्रेत मुझे मारने के लिए दौड़ा। मैं तो चैत्रा के उपर हाथ नहीं सकता था क्योंकि मैं उससे प्यार जो करता था और वह प्रेत इसी बात का फायदा उठा रहा था,,

अचानक उसने मुझे जोर से एक मुक्का मारा और मैं अपने बैग के उपर गिर गया तभी उसने मुझे फिर मारने के लिए हाथ लगाया तो उसे कंरट जैसा लगा और वह दूर गिर पड़ा,

मैं हैरान हो गया कि यह चमत्कार कैसे हुआ तब मुझे याद आया कि मैं जब बैग के ऊपर गिरा तो मां का दिया लाकेट मेरे हाथ में आ गया है जिसे मां ने मुझे हमेशा से पहनने के लिए कहा था लेकिन पहले मुझे उस लाकेट पर भरोसा नहीं था पर अब होने लगा था उस लाकेट को मैंने अपने गले में पहन लिया और कुमकुम को जेब में छुपा लिया वह प्रेत मुझे फिर मारने आया,

लेकिन मुझे छू नहीं सका तब उसने कहा- मैं तुम्हें नहीं मार सकता तो क्या हुआ मैं इस लड़की को ही मार देता हूं तभी उस प्रेत ने तलवार से चैत्रा के गर्दन पर वार करने ही वाला था कि मैंने अपने जेब में रखा कुमकुम चैत्रा के शरीर में छिड़क दिया

चैत्रा शांत हो गई, लगता है उसके शरीर से वह प्रेत चला गया चैत्रा बेहोश हो गई मैंने उस पर पानी छिड़क कर होश में लाया और उससे पूछा तुम ठीक हो।

चैत्रा - मैं ठीक हूं, चलो इस फुल को पुजारी जी तक पहुंचना है जिससे मेरी दीदी की जान बच सके। आज रात तक का ही समय है हमारे पास मेरी दीदी को बचाने का।

रोहन- तुम चिंता मत करो,हम समय पर पहुंच जाएंगे,हम बुलेट पर बैठ कर वो इलाका पार करने वाले थे कि हमने देखा सामने वह प्रेत तलवार लिए खड़ा है , हमें कुछ समझ नहीं आ रहा था तब मुझे अपने गले में पढ़े लाकेट का याद आया।

मैंने भगवान का नाम लेकर वह लाकेट उस प्रेत के गले में फेंक दिया, उस प्रेत के गले में जब वह लाकेट गिरा तो लाकेट की शक्ति से वह प्रेत समाप्त हो गया।

हम वापस आ गए चैत्रा की दीदी को हमने सही समय पर बचा लिया और फिर कुछ दिनों बाद हम दोनों ने शादी कर लिया।

आज 3 साल हो गए हम सुख पूर्वक रह रहे हैं लेकिन जब भी हम उस हादसे के बारे में सोचते हैं तो दिल दहल जाता , हमारा एक बेटा है 3 साल का

सच में उस लाकेट ने और हमारे प्यार की शक्ति ने हमारी जान बचाई वह हमारा कवच था ,जिसने हमें उन काली शक्तियों से रक्षा की।

एक दिन मैंने एक सपना देखा हम दोनों एक बस पर बैठ कर जंगल जा रहे थे हम दोनों दुखी थे मेरे हाथ में एक लेटर और वह लाकेट था जिससे मैंने उस प्रेत को खत्म किया था उस खत में लिखा था-
3 साल बाद लौट आया हूं, तुम दोनो से बदला लेने..........हा हा हा हा

तो क्या फिर से कवच.........................

®®®Ꭰɪɴᴇꜱʜ Ꭰɪᴠᴀᴋᴀʀ"Ᏼᴜɴɴʏ"