Ek Yogi ki Aatmkatha books and stories free download online pdf in Hindi

एक योगी की आत्मकथा

योगी कथामृत का विश्व व्यापक अभिनन्दन

हजारों पुस्तकें जो हर वर्ष प्रकाशित होती हैं उनमें से कुछ मनोरंजक होती हैं, कुछ शिक्षा प्रदान करती हैं, कुछ ज्ञानवर्धक होती हैं। एक पाठक अपने को भाग्यशाली समझ सकता है यदि उसे ऐसी पुस्तक मिले जो यह तीनों काम कर दे। योगी कथामृत इन सबसे और भी अनपम है - यह एक ऐसी पुस्तक है जो मन और आत्मा के द्वार खोल देंती है। — इण्डिया जर्नल

“एक अद्वितीय वृत्तान्त।” — न्यू यॉर्क टाइम्स

“इसके पृष्ठ अद्वितीय शक्ति एवं स्पष्टता के साथ, एक विमोहक जीवन को प्रदर्शित करते हैं। एक ऐसे व्यक्तित्व को जिसकी महानता की कोई मिसाल न हो, जिससे पाठक प्रारम्भ से अन्त तक अवाक् रह जाता है.... इन पृष्ठों में अखण्डनीय प्रमाण है कि मनुष्य की मानसिक एवं आध्यात्मिक उपलब्धियों का ही केवल स्थायी महत्व है, और वह सभी सांसारिक बाधाओं पर आंतरिक शक्ति से विजय प्राप्त कर सकता है.... इस महत्वपूर्ण आत्मकथा को हमें अवश्य ही एक आध्यात्मिक क्रान्ति ला सकने की शक्ति का श्रेय देना चाहिये।” — श्लेसविग होस्टीनीशे टाजेस्पोस्ट, जर्मनी

“एक स्मारकीय कार्य।”— शेफील्ड टेलीग्राफ, इंग्लैंड

“नितान्त दैवी ज्ञान... गहरा मानवीय वृत्तान्त.... मानवजाति को अपने को और अधिक समझने में सहायता प्रदान करेगी.... अपने श्रेष्ठतम रूप में यह आत्मकथा....अत्यन्त प्रभावशाली है.... यह पुस्तक उपयुक्त समय पर आई है.... एक आनन्ददायी विनोद एवं प्रेरणात्मक यथार्थता से वर्णित.... किसी उपन्यास की तरह रोचक। — न्यूज सेन्टिनल, इण्डियाना, यू.एस.ए.

“इस पुस्तक के प्रसंग असाधारण हैं.... इसकी दार्शनिक पंक्तियाँ अत्यन्त रोचक हैं। योगानन्दजी साम्प्रदायिक मतभेदों से ऊपर आध्यात्मिक स्तर पर हैं। — चाइना वीकली रिव्यू, शंघाई

“अत्यन्त पठनीय शैली... योगानन्दजी योग के लिये एक ठोस प्रकरण प्रस्तुत करते हैं, और वे जो ‘उपहास’ करने आए थे वे ‘प्रार्थना’ करने के लिये रुक सकते हैं।” — सैन फ्रैन्सिस्को क्रानिकल

एक दिलचस्प एवं स्पष्ट व्याख्यापूर्ण अध्ययन। — न्यूजवीक इस शताब्दी के सबसे गहरे और महत्वपूर्ण संदेशों में से एक।” — नेवे टेल्टा जेइटून्ग, ऑस्ट्रिया

“अत्यन्त मोहक सादगी से पूर्ण और आत्मोद्घाटन करने वाली जीवनियों में से एक.... ज्ञान का एक वास्तविक भण्डार.... जिन महान् विभूतियों से इन पृष्ठों में भेंट होती है.... वे यादो में मित्रों की भांति लौटते हैं, गहन आध्यात्मिक ज्ञान से समृद्ध, और इन सभी महान्तम विभूतियों में से एक हैं, ईश्वरोन्मत्त, स्वयं लेखक.... अपूर्व.... एक महान् आत्मा की सुन्दर झलक।”
— डॉ. एना वॉन हेल्महोल्ट्ज-फेलन, मिनेसोटा युनिवर्सिटी, यू. एस. ए.

“चाहे योगानन्दजी अमर संतों और चमत्कारी उपचारों के बारे में बताएँ या फिर भारतीय ज्ञान और योग विज्ञान के बारे में, पाठक मंत्रमुग्ध ही रहता है। — डी वेल्टवोशे, ज़्यूरिख, स्विटज़रलैण्ड

यह वह पुस्तक है जिसके द्वारा पाठक.... पाएगा कि उसके विचारों का क्षितिज अनन्त में विस्तारित हो गया है, और यह भी समझेगा कि उसका हृदय सभी मानवों के लिये धड़कने में समर्थ है, चाहे वह किसी भी वर्ण या जाति का क्यों न हो। यह वह पुस्तक है जिसे प्रेरित कहा जा सकता है। — एलेफधीरिया, ग्रीस

(योगानन्दजी की) सुप्रसिद्ध योगी कथामृत में, वह “विश्व चैतन्य” का, जो कि यौगिक अभ्यासों के उच्च स्तरों में प्राप्त होता है, एवं यौगिक और वेदान्तिक दृष्टि से अनेक दिलचस्प मानवी पहलूओं का आश्चर्यजनक विवरण देते हैं। — रॉबर्ट एस. एलवूड, पी.एच.डी., स्कूल ऑफ़ रलिजन यूनिवर्सिटी ऑफ़ सदर्न कैलिफ़ोर्निया

यौगिक क्षेत्र से एक नवीन सम्पर्क, भौतिक तत्त्व पर इसकी मानसिक श्रेष्ठता एवं आध्यात्मिक अनुशासन, मेरे लिये बहुत शिक्षाप्रद था, इस विमोहक संसार में कुछ अन्तर्दृष्टि प्रदान करने के लिये मैं आपका आभारी हूँ। — थामस मैन्न, नोबेल पुरस्कार विजेता

परमहंस योगानन्द एक.... ऐसे व्यक्ति हैं जिनकी प्रेरणा विश्व के सभी कोनों में बड़ी श्रद्धापूर्वक ग्रहण की गई हैं। — राइडर्स रिव्यू, लंदन

परमहंस योगानन्द से मिलने का अनुभव मेरे जीवन के उन अविस्मरणीय अनुभवों में से एक है जिसकी छाप मेरी स्मृति पर पड़ी हुई है.... उन्हें देखने का असर अपरिमेय था.... जैसे ही मैंने उनके चेहरे को देखा मेरी आँखें एक प्रकाश से लगभग चौंधिया गई—आध्यात्मिकता की नी जो वास्तव में उनसे प्रस्फुटित हो रही थी। उनकी अनन्त शालीनता, की उदार सौम्यता ने मुझे गर्माहट देने वाली सूरज की रोशनी की भांति वेष्टित कर लिया.....मैं देख सकता था कि उनकी समझ और अन्तर्दृष्टि कर सांसारिक समस्याओं तक पहुँची थी, यद्यपि वह एक दिव्य व्यक्ति थे। मैंने उनमें भारत के वास्तविक राजदूत को पाया, जो भारत के प्राचीन ज्ञान के सार को लेकर विश्व में प्रसारित कर रहे थे। — डॉ. विनय आर. सेन, यू.एस.ए. में भारत के भूतपूर्व राजदूत