rajkumari shivnya - 10 books and stories free download online pdf in Hindi

राजकुमारी शिवन्या - भाग 10

भाग १०

अब तक आपने देखा की कई वर्ष बीत जाते है , राजकुमारी शिवन्या की उम्र १० से २१ साल हो जाती है वह एक राजकुमारी थी फिर भी उनमें इस बात का कोई अभिमान नहीं था वह सब के साथ प्रेम से ओर नम्रता से बात करती थी अब आगे की कहानी देखते है।

शिवन्या की २१ साल की उम्र होने के बावजूद भी उनमें वह छोटी शिवन्या की शरारते उनके अंदर थी आज भी वह पहले जितनी ही मस्तीखोर थी, उनके खुले रेशम से बाल , तितली जेसी नैन , गुलाबी होठ , ओर नीले रंग के लिबास में वह बहुत खूबसूरत लग रही थी वह भले दिखने में कोमल और नाजुक थी पर उनके हाथ ऐसे की किसी को भी युद्ध में हरादे उनके पैर घोड़े से भी तेज गति में भागते थे दुश्मन उन तक कभी भाग कर नही पहुंच सकता था।

पर अभी तो वह पूरे महल में भाग रही थी क्युकी वह दासी के साथ खेल रही थी , ओर रानी निलंबा उनके पीछे भाग रही थी ओर उन्हों ने बोला ..... शिवन्या ये क्या कर रही हो आप?? अब आप १० साल की बच्ची नहीं रही है, आपका यह भागना खेलना कूदना कब बंध होगा उनके पीछे भाग कर राजकुमारी पकड़ में ना आने की वजह से रानी निलंबा उनसे नाराज हो कर बैठ गई क्योंकि उनको पता था वह उनको नाराज नहीं देख सकती ओर तभी वह रुकेंगी, उनको नाराज देख शिवन्या ने अपने पैर को विराम लगाया वह दौड़ कर रानी के पास गई और उनके चरणों में बैठ गई और बोली मेरी प्यारी माता आप इतने में ही नाराज हो गई। रानी निलंबा ने प्यार से राजकुमारी के ऊपर हाथ घुमाया।

उन्हों ने कहा पुत्री जब आप छोटी थी तब ऐसे खेलना कूदना अच्छा लगता था पर अब तो आप बड़ी हो गई है कब तक ऐसे खेलती रहेंगी आप अब तो मुझे आपको दुल्हन के रूप में देखना है आपका कन्या दान होते देखना है , तब शिवन्या ने कहा माता में भले ही बूढी क्यों न हो जाऊ पर आपके लिए तो बच्ची ही रहूंगी ना ओर मुझे अभी कोई विवाह नहीं करना ऐसे बोल कर राजकुमारी शिवन्या हस्ते हुए भाग गई।

रानी निलंबा उनको चिल्लाते हुए रोका पर वह नहीं रुकी तब वहा राजा विलम अपनी सभा समाप्त करके आ गए , निलंबा को परेशान देख राजा ने पूछा अरे नीलंबे क्या हुआ राजकुमारी की कोई शरारत से फिर परेशान है क्या?? तब रानी ने कहा महाराज शिवन्या की शरारत करने की उम्र अब खत्म हो गई है अब तो विवाह की उम्र है ओर आपने ही उनको बिगड़ा है अब वह बच्ची नहीं रही है महाराज।

तब महाराज विलम ने कहा, में जानता हु राजकुमारी शिवन्या बड़ी हो गई है पर आप चिंता मत कीजिए जेसे ही मुझे कोई शूरवीर राजकुमार मिलेगा जो हमारी पुत्री को खुश रखेगा उनका ध्यान रखेगा अगर ऐसा कोई राजकुमार मिला तो हम उनका विवाह करवा देंगे उनकी थोड़ी ना उम्र निकली जा रही है अभी तो २० के ऊपर बस एक साल हुआ है , रानी निलंबा ने कहा जी पर ऐसा राजकुमार जल्दी खोजिए , ऐसा नहीं है की हमे उनके शादी की जल्दी है पर अब २० के ऊपर हो गया है इस लिए हमे उनकी चिंता हो रही है ।

तब राजा कहते है जेसी आपकी इच्छा रानी निलंबे ऐसा बोल कर वह दोनो सोने चले जाते है , वही दूसरी ओर राजकुमारी शिवन्या सोने को कोशिश कर रही थी परंतु निंद्रा ना आने के कारण वह अपनी करवट बार बार बदल रही थी , वह सोच रही थी माता मेरे विवाह के लिए चिंतित है, वह मेरे भले के लिए ही सोच रही होंगी मुझे उनकी बात सुन लेनी चाहिए थी भागना नहीं चाहिए था परंतु कोई बात नही कल सवेरे सबसे पहले उनसे ही भेट करूंगी, ऐसा सोचते ही थोड़ी क्षण में उन्हे निंद्रा आ जाती है।

फिर सुबह होती है राजकुमारी शिवन्या की आंखे खुलती है, वह उठते ही अपने जरूखे में जाति है, बाहर का दृश्य अदभुत था उन्हे फिर याद आया माता से भेट करनी थी वह स्नान करके तैयार हो के अपनी माता के पास जाती है, रानी निलंबा भी तैयार हो चुकी थी वह चूड़ियां पहन रही थी तभी शिवन्या ने अचानक से पीछे से उन्हे जकड़ लिया।रानी समझ चुकी थी यह शिवन्या ही है तब उन्हों ने बोला पुत्री आ गई आप कल तो मेरी बात सुने बगैर ही भाग गई थी।

राजकुमारी ने कहा माता आप मेरे विवाह के लिए परेशान है ना , रानी ने कहा ओर नहीं तो क्या पुत्री बस तुम्हारे लिए एक बार अच्छा सा शूरवीर राजकुमार मिल जाए फिर आपको जब विवाह करना हो आप कीजिए बस विवाह के लिए मान जाए, राजकुमारी कहती है जेसी आपकी इच्छा माता मुझे कोई आपत्ति नहीं है आप जो भी सोचेंगी उसमे मेरा भला ही होगा, यह शिवन्या के मुख से अचनाक सुन के रानी निलंबा खुश हो गई उनका चेहरा खिल गया रानी ओर कुछ बोलती शिवन्या ने कहा माता अब में जा रही हु मुझे तलवार बाजी का अभ्यास करना है ऐसे बोल कर वह भाग गई वहा से। रानी हस्ते हुए सोचती है ये कभी नहीं सुधरेगी।

इस कहानी को यही तक रखते है दोस्तो , कहानी का अगला भाग जल्द ही आयेगा। 😊