Bunch of Stories - 4 in Hindi Motivational Stories by Devaki Ďěvjěěţ Singh books and stories PDF | Bunch of Stories - 4 - क्रोध का ज्वालामुखी

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Bunch of Stories - 4 - क्रोध का ज्वालामुखी

आजकल बच्चों में ऑनलाइन गेम खेलने का पागलपन बहुत ही ज्यादा सवार हैं । ऑनलाइन गेमिंग के चक्कर मे बच्चे पैसे की शर्त भी लगाते हैं कई बार जीत भी जाते हैं तो कई बार शर्त में पैसे हार भी जाते हैं ।

ऑनलाइन गेम्स में कई बार ऐसे कार्य दिए जाते हैं जिसे बच्चे करने पर मजबूर हो जाते हैं वे यह नहीं समझ पाते हैं कि गेम्स के माध्यम से उनके दिमाग से खेला जा रहा है।

ऑनलाइन गेम्स की वज़ह से बच्चे तनाव, जिद्दीपन ,आक्रमक, गुस्सैल व्यवहार के शिकार हो जाते हैं। वे अपने में ही खोए रहते हैं परिवार और समाज से दूरी बना लेते हैं ।

बड़ों की रोक टोक उन्हें बिल्कुल भी नहीं भाता माता-पिता यदि कुछ बोलते हैं तो वो उसका उल्टा ही जबाब देते हैं या बदतमीजी से बात करते हैं ।

कुछ ऐसी ही कहानी हमारे अंजुमन की है जिसे ऑनलाइन गेम्स की आदत लगी हुई हैं । अंजुमन की उम्र 16 साल हैं l

उसके पिता की नौकरी दूसरे शहर में हैं l वो अपनी माँ के साथ अकेले रहता है l उसकी माँ घर के छोटे मोटे कामों में मदद के लिए कुछ भी बोलती तो वह बिल्कुल भी नहीं सुनता स्कूल से आने के बाद सीधे ऑनलाइन गेम में लग जाता l

जिस कारण ऑनलाइन गेम का असर उसकी पढ़ाई पर भी पड़ने लगा l उसके खराब अंकों की वज़ह से उसके स्कूल की तरफ से माँ को बार बार शिकायतें सुनने को मिल रही थी।

जिस कारण जब भी वह ऑनलाइन गेम खेलने बैठता उसकी माँ उसे डाँट देती या कभी फोन ही छीन कर रख देती l अपनी मां की इस आदत से वह अब चिढ़ने लगा और उनके प्रति उसमे क्रोध का ज्वालामुखी पनपने लगा l

उसकी माँ ने समझदारी से काम लेते हुए उसे बहुत अच्छे से समझाया, बेटा - यह मोबाइल ऑनलाइन गेम्स की लत बहुत खराब है देखो इससे तुम्हारे पढ़ाई पर असर पड़ रहा है, तुम्हारा भविष्य ख़राब हो रहा है,तुम्हारी आँखों, शरीर पर भी इसका प्रभाव पड़ रहा हैं, इस उम्र में तुम्हें घर के बाहर जाकर बच्चों के साथ खेलना कूदना चाहिए जिससे तुम्हारा शारीरिक और मानसिक विकास होगा l

ऑनलाइन हजारों दोस्त तुम्हारे किसी काम नहीं आयेंगे बल्कि आस-पास वाले दोस्त तुम्हारी हर जरूरत में तुम्हारे साथ खड़े होंगे।

माँ की यह सब बातें उसे फिजूल लगती थी उल्टा वह माँ को ही समझाने लगता माँ आजकल हम लोग मोबाइल पर ही दोस्तों के साथ पढ़ लेते हैं l यू-ट्यूब पर अपने संबंधित विषयों के वीडियो देखकर पढ़ाई करते हैं इसलिए मोबाइल बहुत जरूरी है । मोबाइल से मिनट में काम हो जाता है समय की बर्बादी नहीं होती।

उसकी माँ भी इस बात की अहमियत समझती थी इसलिए उन्होंने कहा ठीक है पर आपको रात 9 बजे के बाद मोबाइल नहीं मिलेगा l वह भी अपनी मां की बात मान जाता है लेकिन सिर्फ दिखाने के लिये l

स्कूल से आने के बाद पढ़ाई के बहाने वह अब भी चोरी छुपे गेम खेलता माँ के आने पर तुरंत स्क्रीन चेंज कर देता l

एक दिन उसकी मां ने उसे गेम खेलते पकड़ लिया और जबरदस्ती मोबाइल छीन कर अपने पास रख लिया और अंजुमन को बहुत डांटा l अंजुमन उस समय क्रोध में बोला - जब देखो तब मेरी जासूसी करती रहती हो क्या थोड़ी देर गेम भी नहीं खेल सकता , जब देखो तब लेक्चर देती रहती हो और बहस करने लगा।

रोज रात को उसकी माँ 9 बजे फोन अपने पास रख लेती थी l वह उनके सोने के बाद चुपके से उनके कमरे से मोबाइल ले लेता और गेम खेलता एक रात उसकी माँ ने उसे गेम खेलता पकड़ लिया और गुस्से मे डांटने लगी, और बोली - मैं और तुम्हारे पापा तुम्हारे लिए इतनी मेहनत कर रहे हैं और तुम हो की गेम खेलकर अपना समय और जीवन दोनों बर्बाद कर रहे हो । बोल कर गुस्से मे फोन छीनकर लेकर चलीं गयी । अंजुमन उन्हें गुस्से में घूर कर देख रहा जैसे अभी उन्हें खा जाएगा ।

ऐसी ही एक रात चोरी से गेम खेल रहा था और वह गेम में हार गया । गेम हारने की वज़ह से वह ऐसे ही दुःखी था इतने में उसकी माँ ने गेम खेलते पकड़ लिया और डांटने लगी और फोन छीनने लगी ,उस रात अंजुमन का क्रोध का ज्वालामुखी फट प़डा
और उसने क्रोध में अपनी माँ का गला दबाकर हत्या कर दी ।

अगले दिन उसके पिता का फोन आया तो माँ के बारे में उन्होंने पूछा तो उसने कह दिया बाज़ार गयी है । शाम को फोन किया तो बोला पड़ोस में गयी हैं ।
अगले दिन फिर फोन किया तो अंजुमन ने फोन उठाया, सीधे उन्होंने पूछा आज स्कूल नहीं गए तुम , माँ कहां हैं ? वो तो बिजली बिल जमा करने गयी है और फोन घर पर ही छूट गया हैं ।

अंजुमन के पिता को पता था की उसकी पत्नी 3 दिन पहले ही बिजली बिल जमा करके आई थीं।
और उन्हें अंजुमन की सारी हरकतों की खबर थी
इसलिए अब उन्हें अंजुमन पर शक हो रहा था। फिर
उन्होंने अपने पड़ोस में फोन करके पता किया तो उन्होंने बताया की उन्होंने अंजुमन की माँ को तो 2 दिन से देखा ही नहीं है ।

उसके बाद उन्होंने फिर अंजुमन को फोन किया और उससे बोले क्या किया तूने अपनी मां के साथ
अंजुमन क्रोध में चिल्लाकर बोला बहुत ज्यादा बकवास कर रही थी इसलिए जान से मार दिया।

यह सुनते ही अंजुमन के पापा के होश उड़ गये वे बोले अरे! नालायक तुझे इतना दिमाग नहीं है वो तो तेरे भले के लिए ही डांट रही थी और तूने उसकी जान ले ली। और बिलख बिलख कर रोने लगे।

उसके बाद उन्होंने पुलिस में और पड़ोस में फोन करके सारी बात बताई और खुद रोते हुए घर के लिए फ्लाइट पकडी ।

आज अंजुमन के क्रोध की ज्वालामुखी की वज़ह से एक पूरा परिवार बिखर गया और वह एक अपराधी बन गया।

✍️🌹देवकी सिंह 🌹