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बंजारन चुड़ैल - भाग 5

बंजारन चुड़ैल की पूजा करने आए उस परिवार की बात सुनकर शम्मी अपने दिल में सोचता है जिसे यह देवी समझ रहे हैं, वह अपनी मुक्ति के लिए मेरी गुलाम बन गई है फिर उस समय शम्मी कि इच्छा होती है कि इस परिवार से पता तो करूं की बंजारन चुड़ैल ने इनको कैसे इंसाफ दिलाया है तो वह परिवार बताता है कि मैंने अपने बेटे की शादी के लिए गांव के एक अमीर आदमी से दस हजार रुपए का कर्जा लिया था, उस अमीर आदमी ने हम दोनों अनपढ़ बाप बेटे के दस हजार कि जगह एक लाख के स्टांप पेपर पर अंगूठे लगवा लिए थे और उस एक लाख के कर्जे को ब्याज लगा कर पांच लाख का बना दिया था और जब हम दोनों बाप बेटे से उसका कर्ज उतारना असंभव हो गया तो हम दोनों बाप बेटे ने बंजारन न्याय कि देवी से प्रार्थना कि की वह हमें इस मुसीबत से छुटकारा दिला दे। तो कस्तूरी बंजारन ने उस अमीर आदमी के घर में आग लगाकर उसे अमीर आदमी को उसी के ही बही खातों के साथ जिंदा जलाकर राख कर दिया था।" उनकी यह बात सुनकर शम्मी गुस्से में उनसे कहता है "यह उस बंजारन चुड़ैल का न्याय नहीं था बल्कि यह उसने देवी वाला नहीं चुड़ैलों वाला काम किया था। तुम सब गांव वाले उस बंजारन चुड़ैल कि पूजा नहीं करो बल्कि उसे मुक्ति दिला कर इस गांव इस दुनिया से रवाना करने कि तैयारी करो क्योंकि कल को आपसे भी अनजाने में कोई गलती हो गई तो वह कस्तूरी बंजारन आपके साथ भी वही काम करेगी जो उसने उस अमीर आदमी के साथ किया था।"

शम्मी को तभी अपनी ननिहाल के गांव वालों कि भीड़ पान के तालाब कि तरफ आती हुई दिखाई देती है और उस भीड़ में सबसे आगे शम्मी के मामा मामी थे।

शम्मी के मामा शम्मी को देखते ही शम्मी को अपने गले लगा कर कहते हैं "बेटा तेरे और जीजा जी के हाल-चाल बाद में पूछूंगा, पहले गांव कि एक बहुत बड़ी समस्या कस्तूरी बंजारन न्याय की देवी से गांव वालों के साथ मिलकर हल करनी है।" शम्मी कि मामी शम्मी के सर पर हाथ फेर कर कहती है "बेटा रात को जमींदार भूतनाथ भूत ने गांव के सारे कुत्ते जान से मार दिए हैं तेरी ममेरी बहन कि शादी का लाल जोड़ा भी चुरा कर ले गए और हमारा पालतू देसी मुर्गा भी खा गए।"
फिर बंजारन चुड़ैल कि तरफ देखकर शम्मी कि मामी कहती है " बेटा तेरी ममेरी बहन कि शादी का जोड़ा बिल्कुल ऐसा ही था वैसे तेरे साथ यह किसकी दुल्हन खड़ी है, हमारे गांव कि तो नहीं लग रही है।"

शम्मी इससे पहले कुछ कहता गांव के सारे कुत्ता जिंदा हो जाते हैं और वह जिंदा होते ही तेज तेज भौंकने लगते हैं। शम्मी के मामा का मुर्गा इतनी तेज बांग देता है कि उसके बांग देने कि आवाज पान के तालाब के पास खड़े गांव वालों के कानों तक पहुंच जाती है।

जब शम्मी आचार्य चकित होकर बंजारन चुड़ैल कि तरफ देखता है तो वह शम्मी की तरफ देखकर मुस्कुरा देती है। शम्मी सोचता है यह बंजारन चुड़ैल तो बहुत ही शक्तिशाली चमत्कारी चुड़ैल है, मैं मामूली इंसान हूं, हे भोलेनाथ मैं किसी मुसीबत में फंस गया हूं मैं कैसे इस मुसीबत से बाहर निकालूं।

तभी अचानक शम्मी को ऐसा महसूस होता है कि उसके सर पर किसी ने हथौड़े से वार कर दिया है और वह जैसे ही पीछे मुड़कर देखता है तो उसके पीछे बंजारन चुड़ैल खड़े होकर मुस्करा रही थी शम्मी उसके चेहरे को देखकर समझ जाता है कि इसने ही मेरे सर पर किसी भारी चीज से वार किया है, क्योंकि इस डर होगा कि मैं गांव वालों के सामने इससे छुटकारा पाने के लिए इसकी सारी सच्चाई ना उगल दूं और बंजारन चुड़ैल से सर पर तेज मार खाने के बाद शम्मी कस्तूरी बंजारन चुड़ैल को गुस्से में देखते हुए बेहोश होकर जमीन पर गिर जाता है।

और रात के डेढ़ बजे जब शम्मी को होश आता है तो उसके सिरहाने बंजारन चुड़ैल बैठी हुई थी, शम्मी अंधेरे कमरे में दीपक कि नाम मात्र की रोशनी में बंजारन चुड़ैल को बंद कमरे में अपने साथ देखकर घबरा जाता है कि ना जाने अब यह मेरे साथ क्या करने वाली है, इसलिए शम्मी पलंग से उठकर जल्दी से कमरे का दरवाजा खोलकर बाहर भागने लगता है, तभी शम्मी के पलंग पर बैठी बंजारन चुड़ैल पलंग से गायब होकर कमरे के दरवाजे को रोकर खड़ी हो जाती है और पत्नी जैसे शम्मी से कहती है "अभी आप कहीं नहीं जाओगे आपने कल रात से कुछ भी नहीं खाया है और आप दोपहर 12:00 से बेहोश पड़े हुए हो।" "चुड़ैल मुझे किस अंधेरी कोठरी में अपने साथ लेकर पड़ी हुई है मुझे माफ कर दे मैंने तेरा क्या बिगाड़ा है।" शम्मी गुस्से में कहता है
"आप चिंता मत करो आप अपने मामा जी के घर पर ही हो और मैंने आपकी अपनी शादी कि झूठी कहानी पूरे गांव के सामने आपके मामा मामी जी को सुना दी है आपकी मेरी शादी की कहानी सुनने के बाद मामा मामी ने आपके पिता जी यानी मेरे ससुर जी को फोन करके समझा दिया है कि किन हालातो में हमारी शादी हुई थी। बंजारन चुड़ैल बताती है
शम्मी बंजारन चुड़ैल कि पूरी बात सुनकर कमरे का दरवाजा खोल कर देखता है कि बंजारन चुड़ैल सच बोल रही है या झूठ कि मैं मामा जी के घर पर ही हूं या किसी वीराने में मुझे यह लेकर आ गई है, था तो मामा का ही घर लेकिन बंजारन चुड़ैल के साथ वह मकान के जिस कमरे था वह कमरा गाय भैंस भेड़ बकरियों के घेर के पास था, पूरे गांव में अंधेरा सन्नाटा था, इक्का-दुक्का कुत्तों के भौंकने कि आवाजें आ रही थी और पलंग पर बंजारन चुड़ैल बैठकर शम्मी को एक टक देख रही थी। शम्मी कि जगह कोई कमजोर दिल का मनुष्य होता तो उसे दिल का दौरा पड़ जाता।

फिर बंजारन चुड़ैल कहती है "दीया बुझा दे मेरे मदारी।"
"पहले ही पूरे गांव कि बिजली गुल है, ऊपर से तू चूड़ैल दीपक भी बुझाने कि कह रही है।" शम्मी गुस्से में कहता है
"मुझे अंधेरा और वीराना पसंद है इसलिए मैंने पूरे गांव कि बिजली गुल कर दी है और जब तक मैं तेरे साथ इस गांव में रहूंगी इस गांव में अंधेरा ही रहेगा तेरी ममेरी बहन की शादी में भी अंधेरा ही रहेगा।" बंजारन चुड़ैल चुड़ैल वाला रूप दिखाते हुए शम्मी से कहती है

उसकी यह बात सुनकर शम्मी समझ जाता है कि अपनी ताकत से तो मैं इससे कोई काम नहीं करवा सकता हूं, इसलिए शांत दिमाग से ही काम लेना पड़ेगा और वही काम करना पड़ेगा जो इस कस्तूरी बंजारन चुड़ैल को पसंद है।

इसलिए शम्मी कहता है "मुझे भी सन्नाटा अंधेरा पसंद है और बता तुझे क्या-क्या पसंद है।"
"मुझे सिंगर करना पान चबाना मुर्गी बकरे कि बली युवाओं का लहू पीना और सबसे ज्यादा मदारी का खेल पसंद है।" बंजारन चुड़ैल बताती है "बाकी सब तो ठीक है, लेकिन मदारी का खेल मैं समझ नहीं पाया क्या तू पहले मदरण थी।" शम्मी पूछता है? "नहीं मेरे जिंदा पति मुझे बेवफा भूतनाथ मदारी से 18 वर्ष कि आयु में प्रेम हो गया था यह भूतनाथ मदारी हमारे कबीले में भालू बंदर बंदरिया का खेल दिखाने के लिए आता था मुझे इसका भालू बंदर बंदरिया का नाच नाचने वाला खेल देखना इतना अच्छा लगता था कि मैंने भी अपने मन में सोच लिया था कि मैं भी मदरण बनूंगी इसलिए मैं भूतनाथ मदारी से भालू बंदर बंदरिया को नाचना सीखने लगी थी।

"और इस चालक भूतनाथ मदारी ने मुझे अपने झूठे प्रेम जाल में फसाना शुरू कर दिया था और जब मैं इसके प्रेम में पूरी तरह पागल दीवानी हो गई तो मैंने कबीले के सरदार अपनी विधवा मां से जींद पकड़ ली थी कि मैं शादी करूंगी तो सिर्फ भूतनाथ मदारी से ही करूंगी और कबीले के बुजुर्ग सरदार ने मेरी जिद के आगे मजबूर होकर भूतनाथ मदारी को हमारे बंजारों के कबीले में शामिल कर के उस से मेरी शादी कर दी थी और नीछ भूतनाथ ने जमींदार को मुझे बेचकर मेरे साथ धोखा किया भूतनाथ यह नहीं समझ पाया कि मैं उसके प्यार में अपनी जान भी दे सकती थी।" बंजारन चुड़ैल बताती है

तभी कमरे कि खिड़की के बाहर से किसी के रोने कि आवाज़ आने लगती हैं। शम्मी डर जाता है कि बंजारन चुड़ैल के कदम रखते ही कहीं मामा मामी के घर में कोई अशुभ घटना तो नहीं घट गई है लेकिन जब शम्मी कमरे कि खिड़की खोलकर देखाता है तो भूतनाथ भूत को वहां खड़े होकर रोता देखकर और भयभीत हो जाता है, क्योंकि खिड़की के पास खड़े होकर भूतनाथ भूत भूत के भयानक रूप में खड़ा होकर रो-रो कर कह रहा था कि "काश में मूर्ख यह बात जब समझ जाता जब मैं और मेरी पत्नी कस्तूरी जीवित थी कि बंजारन चुड़ैल मुझे बेइंतहा प्यार करती है।"
"बंजारन चुड़ैल भूतनाथ भूत कि यह बात सुनकर उससे गुस्से में कहती है "गांव कि सीमा में घुसने में तेरी मदद किसने की जल्दी उसका नाम बता मैं उसका और उसके पूरे परिवार का भी विनाश करुंगी।"
"मेरी मदद मेरी पत्नी कस्तूरी बंजारन ने कि है।" भूतनाथ भूत कहता है "अपनी गंदी जवान से मेरा नाम मत ले और यह बता मैंने तेरी मदद कैसे की है।" बंजारन चुड़ैल पूछती है "कस्तूरी मेरी जान तूने मुझे दिल से याद किया और कोई शक्ति मुझे पीपल के पेड़ से यहां उठा कर तेरे पास खींच कर ले आए, जमींदार भूत वही पीपल के पेड़ पर लटका हुआ है।" भूतनाथ भूत बताता है

और भूतनाथ भूत कि यह बात सुनकर बंजारन चुड़ैल भूतनाथ भूत को खिड़की कि तंग सलाखों के बीच से खींचकर कमरे के अंदर लाकर शम्मी के साथ खड़ा कर देती हैं।

भूतनाथ भूत शम्मी को अपनी लाल लाल आंखों से ऐसे देखता है जैसे शम्मी उसकी पत्नी कस्तूरी बंजारन चुड़ैल को उससे छीनने कि कोशिश कर रहा है और भूतनाथ भूत जैसे ही अपने भयानक भूत के रूप में आकर शम्मी कि जान लेने के लिए शम्मी पर हमला करता है तो शम्मी अपनी जान बचाने के लिए कमरे का दरवाजा खोलकर भागने लगता है।

तभी तुरंत बंजारन चुड़ैल अपने दोनों हाथों को कई फुट लंबा करके एक हाथ से शम्मी का पीछे से कुर्ता पकड़ लेती है और दूसरे हाथ से भूतनाथ कि गर्दन और देखते ही देखते कस्तूरी बंजारन चुड़ैल अपने चुड़ैल के भयानक रूप में आ जाती है फटी हुई बड़ी-बड़ी सफेद आंखें मुंह से लहू बहता हुआ दांतों में मुर्गे बकरे इंसानों का गोश्त फंसा हुआ बाल सुखी लकड़ी जैसे शरीर ऐसा जैसे तालाब में पड़े पड़े लाश पानी से गल सड़ कर फूल गई हो।

और मधुर वाणी कि जगह डरावनी भयानक आवाज में कहती है "मेरे नकली पति मेरे असली पति अगर मेरी मुक्ति में जरा सी भी अरचन आई तो सोच लो मैं तुम दोनों पतियों का क्या हाल करूंगी।" बंजारन चुड़ैल का क्रोधित रूप देखकर भूतनाथ भूत जब कमरे कि बंद खिड़की से भागने में नाकामयाब होता है, तो वह कमरे के दरवाजे और चौखट के बीच के छोटे से छेद से निकलकर आंगन में लगे पानी के बरमे के अंदर घुसकर छिप जाता है।

और जब शम्मी बंजारन चुड़ैल का भयानक रूप देखकर भी डर से बेहोश नहीं होता तो बंजारन चुड़ैल अपने कस्तूरी बंजारन के सुंदर रूप में आ जाती है और शम्मी के पैरों में गिरकर रोते हुए कहती है "सच में आप आम इंसानों से अलग हो कोई और साधारण मनुष्य होता तो मेरे चुड़ैल के भयानक रूप को देखते ही बेहोश हो जाता मुझे यह देखकर पक्का यकीन हो गया है कि आपके हाथों से ही मेरी मुक्ति लिखी है।"

"बहुत अच्छा सच्चा मनुष्य में नहीं हूं, वह तो अस्पताल में मुर्दाघर में नौकरी करते वक्त तेरे चुड़ैल के भयानक रूप से भी ज्यादा मैंने डरावनी भयानक लाशे देखी हैं बस फर्क इतना है कि वह बेचारे बदनसीब मर चुके होते हैं और तू चलती फिरती लाश है।" शम्मी कहता है
"यह बात मुझे पतिदेव आपकी अच्छी तरह समझ आ रही है, लेकिन मुझे किसी शक्ति ने पान के तालाब के पास आकर बताया था कि एक युवक कहीं दूर से आएगा और उसके कारण तेरी मुक्ति होगी और जो लक्षण गुण बताए थे वह सब तेरे से मेल खाते हैं। जैसे आपकी छाती पर जो जन्म का त्रिशूल जैसा चिन्ह है उसे देखकर तो मुझे पक्का यकीन हो गया है कि आप ही मेरी मेरे पालनहार हो।"बंजारन चुड़ैल बोली

मैं अब तक यह समझ रहा था कि मेरी पेंट कमीज उतार कर मुझे कुर्ता पजामा बेहोशी की हालत में किसी मर्द ने पहनाया था, लेकिन छाती पर त्रिशूल जैसे जन्म का चिन्ह कि बात सुनकर मुझे अब समझ में आया कि मेरे कपड़े तूने बदले हैं।" शम्मी कहता है
"मैंने कपड़े ही नहीं बदले बल्कि आपके अक्स को अपने शरीर में धारण कर लिया है, मैं मुक्ति मिलने से पहले आपको हम दोनों की संतान देकर जाऊंगी।" बंजारन चुड़ैल बताती है
"यह क्या बकवास कर रही है, चुड़ैल मुझे भूत का बाप बनाएगी इसका मतलब तो अब मुझे भूत के पैदा होने से पहले ही तुझे मुक्ति देनी पड़ेगी।" शम्मी कहता है
"नहीं स्वामी ऐसा जुर्म मेरे ऊपर मत करना।" बंजारन चुड़ैल कहती है
"मैं ऐसा ही करूंगा और मैं तेरा स्वामी वामी नहीं हूं तुझे चुड़ैल मेरे कपड़े बदलते वक्त अपनी चुटिया लेकर यहां से भागने मौका मिला था तो तू भागी।" शम्मी कहता है
"अगर मैं चुटिया लेकर भाग जाती तो जमींदार भूतनाथ भूत तुम्हारी जान ले लेते और मुझे मुक्ति भी नहीं मिलती इतनी बड़ी गलती मैं कैसे कर सकती थी तू ही जवाब दे।" बंजारन चुड़ैल कहती
"चल कल से ही तेरी मुक्ति की पूजा कि तैयारी शुरू करता हूं, अब रात बहुत हो गई है मैं बाहर सोने जा रहा हूं, मैं इंसान हूं चुड़ैल के साथ मुझे नींद नहीं आएगी अब जल्दी से दरवाजा खोल यह दरवाजा भी तो तेरी इजाजत के बिना नहीं खुल रहा है। शम्मी कहता है
"क्या बार-बार समझाना पड़ेगा कि जब तक मेरी चुटिया तेरे पास है, मैं तेरे से ही चिपटी रहूंगी।" बंजारन चुड़ैल कहती है
शम्मी अपने मन में सोचता है हे "भोलेनाथ मैं किस झमेले में फस गया हूं मैं अपनी ननिहाल आया ही क्यों था।"

और सुबह शम्मी कि मामी शोर मचा मचा कर अपने परिवार वालों और गांव वालों को इकट्ठा कर लेती है, क्योंकि जब शम्मी कि मामी ने चाय पकाने के लिए बरमे से पतीले में पानी भरा तो बरमें के छोटे से मुंह के अंदर से पानी के साथ भूतनाथ का भूत भी पतीले में गिरकर भाग था।

शम्मी कि मामी का शोर सुनते ही बंजारन चुड़ैल शम्मी को गहरी नींद से जगाती है शम्मी गहरी नींद से जागते ही बंजारन चुड़ैल का सुबह-सुबह चेहरा देखकर उसकी छाती में दम लगाकर जबरदस्त लात मारता है।
शम्मी के जोरदार प्रहार के बाद बंजारन चुड़ैल पलंग से जमीन पर गिरते हुए कहती है "मैं तो आपको इसलिए गहरी नींद से जगा रही थी, क्योंकि आपकी मामी भूतनाथ भूत को देखकर डर गई है।"
तभी कमरे के अंदर आंगन का शोर शराबे कि बहुत तेज तेज आवाज़ें आने लगते हैं।
शम्मी जल्दी से कमरे से निकाल कर बाहर देखता है तो बंजारन चुड़ैल कमरे से गायब होकर शम्मी कि मामी को हिम्मत दे रही थी।
उसी समय गांव का सबसे वृद्ध व्यक्ति बंजारन चुड़ैल का चेहरा देखकर कहता है "यह किसकी बहू है।" उस समय जमींदार का बेटा करण सिंह भी वहीं खड़ा हुआ था जमींदार का बेटा अपने पिता जमीदार कि मौत का बदला लेने के लिए कस्तूरी बंजारन से बरसों से इंतजार कर रहा था।
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