महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - Novels
by कैप्टन धरणीधर
in
Hindi Human Science
आपने एक खेल कभी अपने बचपन मे खेला होगा दो दल बच्चो के बनाये जाते है एक दल घोड़ी बन जाता है दूसरे दल वाले उनकी पीठ पर बैठ जाते हैं फिर एक बच्चा पूछता है "धींगा ऊपर कौन ...Read More? चढ़े हुए बच्चे बोलते हैं "धींगा" फिर घोड़ी बने हुए बोलते हैं उतरो धींगा हम चढ़े " फिर ऊपर चढ़े बच्चे घोड़ी बन जाते हैं और वे ऊपर चढ जाते हैं । यह खेल इसी क्रम मे चलता रहता है । ठीक ऐसे ही महिला पुरूषों से इसे जोड़कर देख सकते हैं । कभी महिला पुरूषों पर भारी होगी
आपने एक खेल कभी अपने बचपन मे खेला होगा दो दल बच्चो के बनाये जाते है एक दल घोड़ी बन जाता है दूसरे दल वाले उनकी पीठ पर बैठ जाते हैं फिर एक बच्चा पूछता है "धींगा ऊपर कौन ...Read More? चढ़े हुए बच्चे बोलते हैं "धींगा" फिर घोड़ी बने हुए बोलते हैं उतरो धींगा हम चढ़े " फिर ऊपर चढ़े बच्चे घोड़ी बन जाते हैं और वे ऊपर चढ जाते हैं । यह खेल इसी क्रम मे चलता रहता है । ठीक ऐसे ही महिला पुरूषों से इसे जोड़कर देख सकते हैं । कभी महिला पुरूषों पर भारी होगी
भारतीय महिलाएं पश्चिमी देशों के तौर तरीके इस लिए अपनाने लगी क्योंकि उसे अपने रहन सहन से श्रेष्ठ मानने लगी इसी तरह पुरूष भी पश्चिमी संस्कृति को श्रेष्ठ मानकर उसका अनुसरण करने लगा । मानसिकता का विभाजन -- पहली ...Read Moreभाग में वे लोग आते हैं जो कुछ हटकर नया करना चाहते हैं,अलग दिखाई देना चाहते हैं । वे अपने रहन सहन को जहां रहते है उससे अलग ही प्रस्तुत करना चाहते हैं । दूसरी श्रेणी - दूसरी श्रेणी उनकी है जो पहल तो नहीं करते किन्तु अनुसरण करने लग जाते हैं उसे आधुनिक दौर मानकर अपनाते चले जाते हैं
अध्याय 3 नारी भोग्या क्यों ?नारी तुम पुरूषों के समान ही थी तुम्हारे पास सारे अधिकार थे तुम समाज मे आदरणीया रही । क्यों तम्हारे शरीर को आकर्षण का हेतु बनाया गया । क्यों पुरातन काल में कवियों की ...Read Moreतुम पर चली क्यों तुम्हारी प्रतिभा को सौन्दर्य के प्रतिमानों से ढ़क दिया गया। कवियों ने तुम्हारे शरीर सौष्ठव को सौन्दर्य सौष्ठव मे क्यो परिणित कर दिया तुम्हारा इस तरह से वर्णन होता रहा फिर भी तुम मौन रही,और मौन समर्थन देती रही तुम्हारे इस मौन ने तुम्हे आकर्षण की वस्तु बना दिया ।हे नारी तुम्हारे लिए कवियों की कलम
लेखन तिथि 28/4/2022 कहानी 1 पात्र - 01 केतकी - आधुनिक लड़की (फैशन डिजाइनर)02 अभय सिंह- केतकी का पति (सेना मे नायक)03 विजय - केतकी का पिता एक (व्यवसायी) 04 संतोष - केतकी की माता (गृहणी)05 पूरण सिंह - ...Read Moreका ससुर (पत्रकार)06 कस्तुरी - केतकी की सासु (गृहणी)नारी कोमल भी है और कठोर भी है, नारी चंचल भी है और स्थिर भी है, नारी सृजन भी है और प्रलय भी है, नारी संस्कार भी है और संस्कृति भी है ।नारी करूणा है दया है श्रद्धा है विश्वास है, लज्जा है शील है नम्रता है,भोग है योग है, नारी रमणी
लेखन तिथि - 01 मई 2022 सभी का ध्यान अभय के मित्र पर .. सीएच एम बोला .. अभय को बताना वह.. नायकी केडर में पास हो गया है ...10 मई से फ़ायरिंग का इंटर कंपटीशन है ..अभय का ...Read Moreमें नाम है तो बता देना बची हुई छुट्टी बाद में कटवा देंगे ..टाइम से रिपोर्ट कर देगा .. हां तुम्हारा नाम नहीं है तुम अपने टाइम से आ जाना ..ठीक है सर ..रामराम सर ! सभी चुप थे..मित्र ने मोबाइल अपने कान से हटाया ..फोन काटते हुए बोला ..अभय मेरे दोस्त मुबारक हो तुम नायक बनने वाले हो ..भाभी
केतकी मन में सोच रही थी.. खुशी की बात हो और खुशी न हो.. यह कैसे हो सकता है ..क्या अभय का नेचर ही ऐसा है ..या शादी की थकान है..सास ने केतकी से कहा ..बहु ये पडौस की ...Read Moreअभी तुम्हारे पास आयेंगी बातें करेंगी ..इनको प्रणाम करना ..हमारे यहां पांव दबाये जाते हैं..जानती है या समझाऊं..नही नही मम्मी मैं जानती हूँ ..आप तो बता दीजिएगा किस किस के पांव लगना है ..ठीक है मेरी नणद है उसको भेज देती हूँ वह समझा देगी .. नणद आ गयी बोली ..केतकी मै बुआ हूँ ..केतकी झट से खड़ी होकर पांव
सबसे पहले.. घर के सबसे बड़े ससुर ..आकर खड़े हो गये..बुआजी बोले ..बहु इनके पांव पकड़ लो ..केतकी ने वैसा ही किया ..बड़े ससुर नीचे झुका तो केतकी को लगा अब ये भी घूंघट में झांकेंगे ..पर ऐसा नही ...Read Moreबड़े ससुर ने 500 रूपये दिये और पीछे हट गये .. अब ससुर पूरणसिंह आये ..केतकी ने उनके भी पांव पकड़े ..ससुर बोला ..ले बेटा ..ससुर नीचे बैठ गया ओर लाल रंग की थैली खोल दी जिसमें रूपये सिक्के भरे थे ..ससुर बोला अपने दोनों हाथों से जितना ले सकती हो निकाल लो ..केतकी सोचने लगी कम निकालूं या ज्यादा..
केतकी का पिता समझ नही पा रहा था आखिर ऐसा क्या हुआ जो मेरी फूल सी बेटी सिसक सिसक कर रो रही है । केतकी की मा बोली ..मुझे दो फोन ..मै बात करती हूँ ..शायद..मुझे बता दे क्या ...Read Moreहै ? हैलो.. बेटा ! केतकी ! क्या हुआ बेटा मुझे बता .. मेरा दिल बैठा जा रहा है ..मा ..मा..उनका एक्सीडेंट हो गया ..सब हॉस्पिटल गये हैं ..बेटा किसका एक्सीडेंट..? अभय का ..सिसकने की आवाज ..मा ..मा..मै क्या करू मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा ..केतकी फफक फफक कर रोने लगी ..मा एकदम चुप ..चेहरा भय से आशंकित..
फोन पर पूरण सिंह केतकी का ससुर बात कर रहा था ..सभी का ध्यान पूरणसिंह पर था..पूरणसिंह के चेहरे पर आने वाले भावों को देख सभी हैरान थे । पूरणसिंह ने फोन पर कहा सर ! आज शाम तक ...Read Moreमिल लेता हूँ ।फोन कट करते हुए पूरणसिंह बोला ..थाने से फोन था ..बोल रहा था एफ आई आर दर्ज हुई है अभय के खिलाफ.. सब अवाक थे ..कस्तुरी केतकी सास रुआँसी होकर बोली ..अब यह क्या मुसीबत आगयी ..आजतक थाना कचहरी हमारे खानदान में नहीं हुई ..अभय बोला ..माॅ..आप शांत हो जाओ..क्या बात है पापा ..किसने करवाई है एफ
केतकी ठिठक कर रूक गयी ..पीछे मुड़कर देखने लगी ..केतकी समझ नही पा रही थी ..यह क्या हो रहा है ? फिर से अभय बोला अंदर कौन है ? केतकी बोली मेरा भाई और उसका दोस्त है, दोपहर को ...Read Moreथे । सभी मुस्कुरा दिये .. केतकी का ससुर बोला ..हां हां ब्याई जी ने बताया था ..मेरे दिमाग से ही निकल गयी मैं उन्हें बताना भूल गया कि अभय अभी एक महिने बाद जायेगा । खैर कोई बात नहीं उनको भी बाहर लिवा लाओ साथ में बैठते हैं । केतकी की सास आगे बढ़ी ..अंदर गयी कमरे के अंदर
सभी चौक में बैठे बैठे बात कर रहे थे, एकाएक दो औरतें आकर नाचने लगी, पांव उछाल उछाल कर कमर मटका रही थी । सब उन्हें देखने, घर के आंगन में इकट्ठे हो गये, दरवाजे पर, ओर दो महिलाएं ...Read Moreमंजीरे लिए थी , तभी अंदर से केतकी व उसकी सास भी बाहर आंगन में आ गयी । केतकी की सास ने अपना दाहिना हाथ.. उपर कर ..उन्हें रूकने को कहा । लेकिन वे महिलाएं अब.. केतकी की सास के चारों ओर घूम घूमकर नाचने लगी .. महिलाएं कस्तुरी (केतकी की सास) को बधाई दिये जा रही थी । कस्तुरी
बुआ केतकी के कुम्हाये चेहरे को देख मुस्कुराई..केतकी ने फोन कट दिया और बुआजी से बोली ..बुआजी अभय की चाय रहने दीजिए वे अभी सो रहे हैं ..बुआ जी ठीक है ..तुम तैयार हो जाओ .. केतकी ने हां ...Read Moreसिर हिलाया .. तुम्हारे भैया को भी उठाकर आ गयी हूँ ..आज हम सभी सालासर बालाजी के दर्शन करने चलेंगे ..केतकी बोली ..बुआजी मैने नाम सुना है पर देखा नहीं ..क्या हम खाटू श्याम जी भी चलेंगे ? बुआजी बोली ..देखो केतकी मैने जितना भाभी से सुना था, वह बता दिया ..ठीक है..केतकी ने कहा बुआजी ! कितने बजे जायेंगे
केतकी अपने ससुराल वालों के साथ सालासर जा रही है , केतकी की सास कनखियों से केतकी व अभय को रह रहकर देख रही है । गाड़ी में भजन बज रहा है , ड्राईवर गाड़ी चला रहा है ..ड्राईवर ...Read Moreएकाएक ब्रेक लगाया.. ओह ..सभी आगे देखने लगे ..केतकी की सास का ध्यान टूटा ..हड़बड़ाहट से बोली क्या हुआ ..कुछ नही एक बिल्ली थी ..गाड़ी के नीचे ..आ गयी ..अभय गाड़ी से उतरकर देखने लगा ..बिल्ली गाड़ी के पीछे ..सड़क पर चित्त पड़ी थी ..ड्राईवर भी नीचे उतरकर आगया ..अभय ने ड्राईवर को कहा..पानी लाओ ..ड्राईवर ने गाड़ी से पानी