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एक था लेखक - 7

एक था लेखक

प्रकरण ७

प्रशांत सुभाषचंद्र साळुंके

मेकने कहा "खाना खाए?

विलीने कहा "अभी बनाया नहीं है! देर लगेगी तू घर जा... मेक तेरा बर्ताव अब ज्यादा हो रहा है। आदमी की कुछ व्यक्तिगत जिंदगी भी होती है।

मेकने कहा "पेकेट में क्या था? वह देखे बिना में बिलकुल नहीं जाऊँगा।

विलीने कहा "देख लेगा तो जाएगा?

विलीने अंदर कमरे में जाकर वह पेकेट ले आया। उसने उस पेकेट को मेक के सामने ही खोला

पेकेट के खुलते ही मेकने जो देखा उसे देख वह दंग रह गया। उसकी आँखे खुली की खुली रह गई।

पेकेट के अंदर था खून से लथपथ इंसानी गोश्त!!

मेकने गुस्से से विली की और देख कर कहा "विली यह क्या है? तूने सारी हदे तोड़ दी। अपनी जिद के लिए, किसी लाचार बेबस का खून कर दिया? तू खुनी है विली। पागल है!

विलीने कहा "में लेखक हुं दोस्त लेखक मेरी बात तो सुन!

मेकने गुस्से से कहा "में कुछ नहीं सुनना चाहता विली। और आज के बाद मुझे दोस्त भी मत कहना में नहीं चाहता की कोई मुझे तुझ जैसे कमीने का दोस्त कहे। मेरी तेरे साथ जो भी यादे है उसे मिटा दे। तू पिशाच हो गया है विली पिशाच।“

विलीने उसे रोकते हुए कहा "मेक रुक जा... मेरी बात तो सुन....”

मेकने उसका हाथ झटकते हुए कहा "रुक कर क्या करू? क्या करू? तुझे यह नर मांस खाते हुए देखू?

एसा बोल मेक कमरे से निकल गया। और शायद कभी वापस न आने के इरादे से!

विलीने दरवाजे पर ही घुटने के बल बैठते कहा " मेक मेरी बात तो सुन... मैने कत्ल नहीं किया। मैने तो सिर्फ इस मांस के लिए जुगाड़ किया है। सुबह से अस्पताल में बैठा रहा। वहां के कर्मचारी को खुश किया। और आज ही एक्सीडेंट में मरे एक ताजे शब् से इस इंसानी गोश्त के टुकड़े को काट के लाया। मेरी अधूरी कहानी को पूरी करने के लिए यह बेहद जरुरी था मेक बेहद जरुरी...”

दीपा ने उठते कहा "हमम फिर उसने कहानी के लिए कत्ल किया एसी अफवा उडी होगी! ठीक है न? अच्छा भौमिक भाई तुम आगे की कहानी सुनो मुझे अभी खाना बनाना है। प्रशांतने आगे कहा " विलीने उठकर अपने कपाट से वाइन निकाली और उसे पी गया। फिर बडबडाया मेक मेरी कहानी पढने के बाद तू भी मेरी तारीफ़ करेगा।

अब उसकी नजर के सामने गोश्त था। और मन में सवाल इसे खाए कैसे?

भौमिक : “फिर उसने वो खाया कैसे?”

प्रशांत : “विलीने उस गोश्त के तीन हिस्से किए। एक हिस्से को शेका दुसरे को उबाला और तीसरे को कढाई में तला। फिर एक एक टुकड़े को उसने चख कर देखा। वाइन की घुट के साथ उन टुकडो को अपने गले में उतारा। और फिर उसने 1930 में अपने इस अनुभव पर कहानी लिखी Jungle Ways जो काफी प्रसिद्ध रही साहित्यकारो के लिए यह चिंतन का विषय बनी। उसके बाद उसने बहोत सी दूसरी कहानियाँ लिखी। जो भी काफी प्रसिद्ध रही पर मेक उसके पास लौटकर नहीं आया।“

भौमिक : “इस लेखक की पत्नी का तुमने जिक्र नहीं किया। इसने शादी नहीं की क्या?”

प्रशांतने कहा : “आफ्रिका के अपने प्रवास से लौटने के बाद सन 1935 में फ़्रांस में Marjorie Muir Worthington नामक एक युवती से शादी की। पर उनकी शादीशुदा जिंदगी ज्यादा नहीं चली। उसकी विचित्र आदतों से परेशान होकर उसकी पत्नी ने 1941 में उससे तलाक ले लिया। उसी साल उसने अपने पति के विचित्र आदतों पर एक किताब भी लिखी जो 1965 में प्रसिद्ध हुई।“ भौमिकने बड़े आनंद से कहा " वाह दोस्त वाह! क्या बढ़िया लेखक की कहानी सुनाई सच में दिल खुश हो गया एसे ही नए नए विषय पर कहानी लिखा कर buddy... keep it up....”

प्रशांतने कहा " एक मिनिट दोस्त तुझे किसने कहा की कहानी ख़त्म हुई!

भौमिकने बैठते हुए कहा "अभी बाकी है?..:)"

प्रशांतने कहा : “1942 में उन्होंने आखिर में अपनी आत्मकथा लिखी और फिर 1944 के उस साल कापते हाथो से उन्होंने एक नंबर डायल किया.....”

फोन की घंटी बज रही थी। पर सामने से किसी ने फोन उठाया नहीं। विलीने फोन काट दिया। और दो चार के प्रयत्न के बाद सामने से फोन उठाया गया सामने से आवाज आई "हेल्लो"

आवाज सुन विली खुश हो गया। पुरानी यादे ताजा हो गई। ....

भौमिकने कहा "रुक क्यों गया बता न किसे फोन किया?

विलीने धीरे से कहा : मेक?

सामने से आवाज आई " हां बोल रहा हुं, आप कौन?"

विली : मुझे नहीं पहेचाना? में विली तेरा दोस्त

मेक : कौन विली? में किसी विली को नहीं जानता

विली : दोस्त एसा मत कर आज मुझे तेरी सब से ज्यादा जरुरत है दोस्त में बड़ी तकलीफ में हुं। मुझे बचा ले दोस्त मुझे बचाले। आज तक में जो भी बोलता था वो करके दिखाता था। और जो करता था वो लिखके दिखाता था। पर आज मैं ही मेरे शब्दों से हार गया हुं। मेरे बोले वाक्य ही मेरे लिए मजाक साबित हो रहे है। दुनिया के सामने में एक जोकर साबित हो रहा हुं दोस्त तू ही मुझे रास्ता दिखा।

मेकने हंस कर कहा "दोस्त जो इंसान घमंड से जीता है। आखिर एक न एक दिन उसका घमंड टूटता ही है। ज्यादा उड़ने वाले हमेशा नीचे ही गिरते है।“

विलीने बेबसी से कहा "जो बोलना है बोल मेक में इसी के लायक हुं। पर एक बार, एक बार मुझे मिलने तो आ दोस्त।“

मेकने कहा "मुझे मारके खाने का तो इरादा नहीं है न?”

विली जवाब में हंसा एक बार तू मुझे मिल तो सही।

***

मेक विली के घर पर था। विली की हालत देख मेक की आँखों में आंसू आ गए। वो अपनी उम्र से 10 साल बड़ा लग रहा था। कमज़ोर, बेबस, और लाचार

मेकने कहा "यह क्या हाल बना रखा है विली?”

विलीने कहा : मेक में जीना चाहता हुं। मुझे बचा ले वरना में मर जाउंगा, वो मेरी जान लेकर ही छोड़ेगी, मेरी इज्जत तो उसने मिट्टी में मिलादी मेक अब वो मेरी जान भी ले लेगी।“

मेक : कौन, विली कौन तेरी जान के पीछे पड़ी है? कौन है वो?

विलीने कापते हाथो से एक और इशारा किया। मेकने उस और देखा

(आगे क्या हुआ जानने के लिए पढ़े प्रकरण ८)