Ek tha Lekhak - 3 books and stories free download online pdf in Hindi

एक था लेखक - 3

एक था लेखक

प्रकरण ३

प्रशांत सुभाषचंद्र साळुंके

यह कहानी एक वास्तविक लेखक के जीवन से बनाई है पर कहानी को रोमांचक बनाने के लिए लेखक ने अपनी कल्पनाओ का भरपूर इस्तमाल किया है इसलिये इस कहानीको सिर्फ एक कहानी के रूप में ही पढे. इस कहानी का बहोत ही ध्यान से प्रुफ रीडिंग करने के लिए में मेरे भाई अनुपम चतुर्वेदी का तहेदील से शुक्रिया करता हुं

सुचना : इस कहानी में लिए गए सभी पात्र काल्पनिक है। इनका किसीभी जीवित या मृतुक व्यक्तिसे कोई सबंध नहीं है और अगर एसा होता है तो वो महज एक इत्तफाक है

प्रकरण : ३

वो बन्दा विली की और गन रख कर कुछ बडबडा रहा था। विली अब थोड़ा सा डर गया था। उसने अपनी बेग में से एक वाइन की बोटल निकालकर उसके सामने रखी। धाय की आवाज से उसने बोटल को उड़ा दिया। बोटल से वाइन चारो और फेल गई। कुछ कबीले के लोग उस गिरी वाइन को समेटने की नाकामयाब कोशिश करने लगे। विली का नशा उतरने लगा था। तभी मुखिया ने उस बंदे को रोका। और उसे सर पर हल्के से मारकर कुछ बोला। वो बंदा संभल गया। नाच गान फिर शुरू हुआ। विलीने चेन की साँस ली। मुखिया विली के करीब आया और उसके करीब बैठा। और देर तक कुछ बोलता रहा। विली हसते चहेरे से उसे समझ रहा है एसे जताते सुनने लगा। कुछ देर बाद मुखिया उठा और नृत्य करते उन लोगो में मिल गया। विलीने बेग में से वाइन निकाल कर थोड़ी चखी और फिर बेग में से कागज़ पेन निकाल कर अपनी बुक में लिखने लगा। उनके नृत्य के बारे में उनके संगीत और गीत के बारे में।.... उस वक्त के माहोल के बारे में रात अब सुबह के करीब थी। पर उनका जोश अभी भी रातवाला ही था। विली को नींद आ रही थी। पर और जानने की उठ्कुंठा उसे जागने पर मजबूर कर रही थी।

वो मुखिया का निरिक्षण करने लगा। मुखिया के अपने कबीले के लोगो पर प्रभाव के बारे में वो लिखने लगा।

भौमिकने अब कहा " हाइटी लोगो के बारे में जानने के लिए उनके बीच में जाना तुझे मुर्खतापूर्ण नहीं लगा?

प्रशांत : नहीं भाई। करना पड़ता है। कहानी में वास्तविकता लाने के लिए माहोल को जानना बेहद जरुरी है। खेर आगे सुन......

अचानक हो रहे आवाज ने विली का ध्यान भंग किया। उसने आवाज की और देखा तो पहले वाला ही बंदा उसके सामने फिर गन को ताके था। इस वक्त उसका चेहरा गुस्से से तंग था। आँखे लाल थी। विली कुछ समझ पाए उससे पहले ही।

धाय..... की आवाज से पूरा माहोल गूंज उठा।

भौमिक : सही में काफी डेरिंगबाज था वो लेखक विली, कहानी के लिए खुद कहानी बन गया ...

प्रशांतने कहा "पगले सुन तो सही.... विली को भी एक समय लगा की उसकी कहानी ख़त्म। पर जब उसने देखा की गोली उसे नहीं लगी तब उसने सामने देखा तो सामने वो बन्दुक वाला बंदा जमीन पर लुढका हुआ था। विलीने अचरज से आसपास देखा। गोली किसने चलाई? तभी उसका ध्यान नृत्य करते करते कमर मे बंदूक रखते हुए मुखिया पर गई। गोली चलाई थी मुखिया ने! वैसे ही नाचते हुए हाथ मे दारू का ग्लास ले झूमते हुए मुखिया विली के पास आया और उसके कंधे पर हाथ रख कर बोला "जिवानग्ला". जवाब में विली सिर्फ मुस्कुराया। सामने उस बंदे की लहू लुहान लाश पड़ी थी। और बाकी के लोग नाच गान में व्यस्त थे। मुखिया फिर से उनमे आराम से शामिल हो गया। शब पर कुछ के पैर भी गिरे। खून उनके पेरो मे सन के आसपास फेल रहा था। पर वे अपने नृत्य मे मशगूल थे। विलीने घिन्न से नजर हटाई। कुछ देर बाद उसने फिर उस और देखा, अपने नृत्य में वो शब बाधा रूप हो रहा है यह देख एक हाइटी ने उसे लात मार दूर हटाया। वो बेजान शब लुडक कर एक और गिर गया। बिल से यह सब देखा नहीं गया वो चुप चाप अपने टेंट की और बढ़ गया। अपने टेंट में उस रात पहोच कर उसने शराब के साथ कोई हिसाब बाकी नहीं रखा। वो अपने डर को भुलाना चाहता था। वैसे भी अब एक दो पेग से उसे कुछ असर नहीं होती थी। सो उसने अपनी मात्रा बढ़ा ली थी। उसके हिसाब से वो सही भी था। उम्र बढ़ते उसकी खुराक भी तो बढ़ी थी। और वो लिमिट के बाहर तो कभी जाता ही नहीं था! उसके बाद विलीने उस कबीले के साथ काफी दिन गुजारे बहोत सी लड़ाइया देखी। बहोत से झगड़े। और अंत किसी की मौत से ही होता। अपनी कहानी के लिए जब उसे पूर्ण मसाला मिल गया तब उसने शहर लौटनेका इरादा किया। गाँव के मुखिया को और गाँववालो को भेट दे वह फटाफट वहाँ से निकल गया। मन में सोचा "चल बिल निकल ले शायद किसे भेट अच्छी न लगे और वो गुस्सा हो जाए तो? फिर वह अपने शहर लौट आया। और उसने उसके इस कबीले के अनुभव से एक कहानी लिखी "मेजिक आईलेंड" जो वास्तविकता के इतने करीब थी की लोगो के दिलो दिमाग पर उसके शराब के नशे जेसी छा गई। पर विली की भूख अभी भी शांत नहीं हुई थी। उसे दुनिया को कुछ अलग देना था! कुछ अलग....

उस दिन वो और मेक फिर से साथ में बैठे थे। मेकने बातो बातो में कहा। विली तेरी शराब के बारे में लिमिट बढ़ गई है।

विलीने हंस कर कहा "हा पर वो लिमिट में ही है। विली कभी शराब को अपने पर हावी नहीं होने देगा। याद रख शराब पीना बुरी बात नहीं...

मेकने जाम टकराते कहा " मज़बूरन पीना पड़े वो बुरी बात है. . खेर अब क्या सोचा है?

विली की आँखे मस्ती में थी "किस बारे में?

मेक: नई कहानी ? लेखक महोदय अब नहीं लिखना?

विलीने कहा : हां उसके लिए तो में कल जा रहा हुं!

मेक : कहा ?

विलीने हल्क से शराब की बुँदे उतारते कहा : वेस्ट आफ्रिका

मेक : वहां कहा? कही तू उस जगह तो जाने की नहीं सोच रहा?

विली : हां में वही जाने की सोच रहा हुं। नरभक्षि कबीले के लोगो के बारे में जानने के लिए उनके पास

मेक: विली... विली अब तो सच में पागल हो गया है तू जानता है तू क्या बक रहा है? होश में तो है?

विली : हा नरभक्षि कबीले के लोगो के बीच में जा रहा हुं।

मेक : पगले वो तुझे भी पकड़ के खा जायेंगे? वे बेअक्ल इन्सान होते है। जानवर होते है वे जानता है। उनके लिए इंसान वो मात्र भोजन है भोजन और तू उनके पास जाना जाता है?

विली ; हा

मेक : तो फिर अपने बदन पर नमक मिर्च भी लगाके जा।

विली ; क्यों एसा बोल रहा है?

मेक : विली तो और क्या बोलू? तेरा पागलपन दिनबदिन बढ़ता जा रहा है, कोई भला आम इंसान उनके बीच जाने की सोचेगा क्या?

विलीने अपना ग्लास खत्म कर और बोटल की और हाथ बढाया। मेकने उसे रोकते कहा "पागल मत बन तेरी लिमिट हो गई है।

विलीने कहा " मेरी लिमिट क्या है वो मुझे पता है। शराब और डर मुझ पर कभी हावी नहीं हो सकता। समजा?

मेकने फिर से कहा "पागल तु क्या जानता है उनके बारे मे?"

विलीने कहा "बहोत कुछ मे उनसे बेहतर उनके बारे मे जानता हुं। मेक मेंने इसबार बड़ी गहराई से उनका स्टडी किया है।

मेक "क्या?"

विली "मेक तु जानता है यह नरभक्षि दो किस्म के होते है एक जो मेंनइटर है और दूसरे केनिबल!

मेकने आश्चर्य से पूछा "दोनो मे क्या फर्क है?

विलीने कहा : दोनो मे बहोत फर्क है।

मेक : क्या? बता न क्या?

विली : तु सुन पाएगा?

अचानक प्रशांत को सोच मे डूबा देख भौमिकने चिड कर कहा "यह तु बार बार कहानी मे रुका मत कर यार!!! अब क्या सोच रहा है?

प्रशांतने सोच समझ कर कहा "देख भौमिक अब तक की कहानी सीधे साधे मोड़ पर थी । पर इसके बाद कहानी मे आने वाले कुछ मोड़ बड़े ही घृणास्प्रद है। तु सुन पाएगा? फिर यह मत केहेना की यह क्या कहा और वो क्यो कहा! तुझे आगे कहानी बताते वक्त मे प्रयत्न करूँगा की वैसे दृश्य ज्यादा घृणास्पर्द न बने।

भौमिक गहरी सोच मे था।

प्रशांतने शब्दों से इसे टटोला "क्या करु बढ़ाउ आगे कहानी को? जवाब दो?

भौमिकने सहमति मे सर हिलाया

प्रशांतने कहानी को आगे बढ़ाया।

(आगे क्या हुआ जानने के लिए पढ़े प्रकरण ४)