The Seven Doors - 9 books and stories free download online pdf in Hindi The Seven Doors - 9 (17) 2.3k 6k 4 कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा रशेल और वास्को सातवें दरवाजे यानी शैतानों की दुनिया में पहुंच जाते हैं जहां सारे शैतान मिलकर अपने शैतान देवता को बुलाने के लिए बारी बारी से आग मे कूद जाते हैं, रशेल प्यास और थकान के कारण बेहोश हो जाता है और वास्को उसके लिए पानी लेने जाता है, इसी बीच शैतानों का राजा वास्को को बंदी लेता है lअब आगे.... वास्को को शैतानों ने बंदी बना लिया और शैतानों के राजा के सामने ले गए l शैतानों का राजा बहुत डरावना और शक्तिशाली था उसके सिर पे दो लंबे और मजबूत सींग, उसका सांप जैसा मुंह और हाथ जैसे मोटे पेड़ों की लाल जड़ें, वास्को ने अब तक ऐसा भयानक चेहरा नहीं देखा था l उधर रशेल की आंखें बंद होने लगी कि तभी उसको बुढ़िया की आवाज सुनाई दी, वो बोली, "बेटा, जागो, आखें बंद मत करना, अभी तुमको इन शैतानों को मारना है, उठो...मै तुम्हारी मदद कर सकती हूं, बोलो तुम्हें क्या चाहिए, बोलो बेटा " रशेल बहुत कोशिश करता आखें खोलने की पर प्यास और कमज़ोरी के कारण उसकी साँसे धीमी पड़ती जा रही थीं तभी फिर आवाज आई, "रशेल भैया उठो, देखो मैं आ गई तुम्हारे पास, चलो खेलें चल कर तुम कुछ भी कर सकते हो, उठो......, रशेल बेटा कहाँ हो तुम हमारे पास आओ, देखो मम्मी-पापा कब से तुम्हें ढूंढ रहे हैं " l रशेल को बीते समय की तरह तरह की आवाजें सुनाई दे रही थी, वो बहुत कोशिश करता पर आंख नहीं खोल पाता, उसे चारों ओर अंधेरा दिखने लगा, रशेल समझ चुका था कि अब उसके पास ज्यादा वक़्त नहीं, इसीलिए उसने आखें बंद की और ईश्वर को याद करने लगा lउधर शैतानों के राजा ने अपने लंबे लाल खून जैसे पेड़ की जड़ों से दिखने वाले हाथ वास्को की ओर बढ़ाए और उसे पकड़ कर हवा मे टांग कर बोला, "तुम नासमझ इंसान क्यूँ बेवजह चले आते हो मरने के लिए, चलो अच्छा ही है... आज कुछ तो अच्छा खाने को मिलेगा.... हाहाहा हाहाहा...., ले जाओ इस कीड़े को और इसे साफ करके, मेरे लिए रात के खाने का इन्तजाम करो,... हाहाहा.. और हाँ शैतानों, इसे अच्छी तरह से साफ करना, क्यूंकि मुझे इंसानी बदबू पसंद नहीं..... अब जाओ और तैयारी करो" l ये कहकर राजा उठकर आग के पास चला गया और बोला," मेरे मुलाजिमों, मैं तुमसे बहुत खुश हूँ, तुम लोगों की शहादत जाया नहीं जाएगी, तुम सबके बाद मैं भी शैतानों के देवता को बुलाने के लिए इस आग मे कूद जाऊंगा और शैतानों की दुनिया मे हम हमेशा के लिए अमर हो जाएंगे.... हाहाहा हाहाहा" l सारे शैतान राजा की जयजयकार करने लगते हैं और राजा वहाँ से चला जाता है lशैतान वास्को की ज़ंजीर खोलते हैं और उसे नहलाने और शुद्ध करने के लिए उसके सारे कपड़े उतारने लगते हैं, कपड़े उतारते ही उसकी त्वचा आग की गर्मी के कारण झुलसने लगती है, मौका पाकर वास्को अपनी तलवार निकाल कर शैतानों से लड़ने लगता है, कुछ देर मे वो शैतानों को मार देता है, किले मे शोर के कारण अन्य शैतान इस लड़ाई को सुन भी नहीं पाते जिस से वास्को पानी ले कर सीधा रशेल के पास आता है और देखता है, रशेल बेसुध पड़ा है, वास्को उसे जल्दी से पानी पिलाता है और तब जाकर रशेल की आंखें खुलती है, रशेल कुछ बोलता इस से पहले ही वहाँ पे शैतानों के आने की आहट होती है lवास्को और रशेल दोनों जानवरों की खाल से पूरे शरीर को ढक लेते हैं और छुप जाते हैं l वास्को ने कहा, " अगर हमे इस दुनिया से अपने घर लौटना है तो हमे जी जान से लड़ना होगा, तुम इन शैतानों को आग मे कूदने से रोको, मैं इस राजा को देखता हूं, मैं तुम्हारे लिए ये दो हथियार लाया हूं जो शैतानों के पास थे, ये तुम्हें लड़ने मे काम आएंगे " l यह कहकर दोनों गले लग गए और फिर दोनों लड़ने लगे, वास्को अपनी तलवार तेजी से घूमाते हुए शैतानों को मारने लगा, घूमते घूमते तलवार एक से दो बन गईं, और वास्को ने दोनों तलवारों से राजा के जड़ जैसे हाथों के टुकड़े कर डाले, गुस्से में राजा ने वास्को के कंधे पे अपना नुकीला सिंघ मार दिया, जिससे कंधे से खून बहने लगा, घंटो युद्ध चलता रहा, आग और बढ़ती जा रही थी शैतान भी अब बहुत कम बचे थे, वास्को ने देखा शैतान के हाथ से एक और हाथ निकल आया lशैतान फिर वार करने ही वाला था कि तब तक रशेल ने उसकी दोनों आंखें फोड़ डाली l शैतानों का राजा गुस्से और दर्द से पागल हो गया और इधर उधर तोड़फोड़ करने लगा उसके सारे शैतान आग मे जल चुके थे और बचे हुए अधिकतर मारे गए थे, दस हजार शैतान होने में सिर्फ पचास शैतान बचे थे इसीलिए वास्को भी शैतान राजा को छोड़कर बचे हुए कुछ शैतानों को मारने लगा, तब शैतान गुस्से से लड़खड़ाते हुए मुंह से आग निकालता हुआ आया और उन दोनों को अपने हाथों से बांध लिया और बोला, "मुझे तुम कभी नहीं मार सकते और ना ही हमारे शैतान देवता को जन्म लेने से रोक सकते हो", उसने वास्को और रशेल को दूर फेंक दिया और चिल्लाया, "मैं चाहूँ तो अभी तुम दोनों को चींटी की तरह मार दूँ, लेकिन मैं ऐसा नहीं करूंगा क्योंकि अब तुम दोनों अपनी बर्बादी का मातम देखोगे, मेरे शैतान देवता के कहर से जूझोगे, मैं पचास शैतानों के बराबर हूं और मैं अब अपने शैतान भगवान को लाकर रहूंगा हा हा हा हा हा" l वास्को और रशेल कुछ करते इससे पहले वह हंसता हुआ आग में कूद गया और तभी चारों तरफ आग फैल गई, आसमान काला हो गया, तेज़ आंधियां चलने लगीं, वो दोनों वहां से भागने लगे पर सब कुछ हिलने लगा, सारा किला जलने लगा वह दोनों समझ गए थे कि शैतानों का देवता आने वाला है दोनों भगवान से प्रार्थना करने लगे lआगे की कहानी अगले भाग में...कहानी पढ़ने के लिए आप सभी मित्रों का आभार lकृपया अपनी राय जरूर दें, आप चाहें तो मुझे मेसेज बॉक्स मे मैसेज कर सकते हैं l?धन्यवाद् ?? सर्वेश कुमार सक्सेना ‹ Previous ChapterThe Seven Doors - 8 › Next ChapterThe Seven Doors - Last Part Download Our App More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Sarvesh Saxena Follow Novel by Sarvesh Saxena in Hindi Horror Stories Total Episodes : 10 Share You May Also Like The Seven Doors - 1 by Sarvesh Saxena The Seven Doors - 2 by Sarvesh Saxena The Seven Doors - 3 by Sarvesh Saxena The Seven Doors - 4 by Sarvesh Saxena The Seven Doors - 5 by Sarvesh Saxena The Seven Doors - 6 by Sarvesh Saxena The Seven Doors - 7 by Sarvesh Saxena The Seven Doors - 8 by Sarvesh Saxena The Seven Doors - Last Part by Sarvesh Saxena NEW REALESED Mythological Stories जनमेजय Renu Poems में और मेरे अहसास - 100 Darshita Babubhai Shah Mythological Stories परीक्षित Renu Fiction Stories जिम में मुलाक़ात Nitesh Kumar Women Focused प्यार की अर्जियां - 33 Mini Classic Stories चिन्मय Dr Sunita Shrivastava Adventure Stories किस्से वीर बुन्देलों के - राज धर्म - 4 Ravi Thakur Moral Stories कंचन मृग - 8. हर व्यक्ति चुप है Dr. Suryapal Singh Love Stories पागल - भाग 17 कामिनी त्रिवेदी Fiction Stories साथिया - 69 डॉ. शैलजा श्रीवास्तव