jin ki Mohbbat - 20 books and stories free download online pdf in Hindi

जिन की मोहब्बत... - 20

ज़ीनत वहीं खड़ी देखती रही ! देखते ही देखते काले लिवास वाले आदमी ने दूसरे शक्स को ज़मीन में सर के बाल दफना दिया ।
ओर कुछ ही पल में वो काले लिवास वाला आदमी दो कदम चलते ही चलते शान के लिवास ओर सूरत में तब्दिल हो गया ।
ज़ीनत ये सब देख कर जैसे पथर बन गई ! उसके शौहर के रूप में एक जिन्नात था ? अब आगे...!

भाग 20

ज़ीनत अपने आप पे काबू करती घर आ गई l अंदर जाकर रूम में सोने का नाटक किया ।
शान के आने की आहट से ज़ीनत बहुत डर गई थी लेकिन वो खुद को संभालती हुई चुप चाप बेड पर लेटी रही ।
वो रात जैसे ज़ीनत के लिए क़यामत की रात थी ! वो ना सो सकी ना ही अपने दर्द को किसी से केह पाई ।
उसने बड़ी हिम्मत से काम लिया ! ओर रात जिस तरह गुजरी.. गुजार दी ..! सुबह फज्र की नमाज़ पढ़ते वक़्त उसने अल्लाह से दुआ की ।
"या अल्लाह मेरे शोहर जहां भी है उनकी हिफाजत करना ..!"
अल्लाह की बारगाह मे हाथ उठाकर दुवा मांगते वक्त उसकी आंखे पूरी तरह भीग गई थी ।
सुबह 8 बजे के करीब ज़ीनत के घर के कुछ दूरी पर शोर मचा हुवा था! ज़ीनत ने सुना तो वो समझ गई कि रात की घटना सब के सामने आ गई है ।
छत पर जा के देखा तो वहां बहुत लोग इकट्ठा थे ! ज़ीनत ये तो जानती थी कि वहां किसी की लाश मिली है ।
लेकिन ज़ीनत अब तक ये नहीं जानती थी की वो लाश जिसे रात उस जिन ने ज़िंदा ज़मीन में सर के बल दफनाया है
वो शक्स कौन है..?
तभी पीछे से शान आया ओर बोला l
"जान क्या हुआ ओर यहां अकेली क्यू खड़ी हो ?"
ज़ीनत सहमते हुए कहा..!
" कुछ नहीं बस उठी और आ गई थी ताजी हवा खाने..! "
ज़ीनत ने बात बनते हुए कहा ।
"वहां पर पता नहीं क्या हुआ है इतने लोग जमा हुए है आपको जा कर देखना चाहिए ।"
शान बात को घुमाते हुए बोलाl
"छोड़ो ना, हुआ होगा कोई झगड़ा किसी का ! लोग तो तमाश देखने उतावले रहते है ।
"चलो अब मुझे नाश्ता नहीं देना है ?"
आज ज़ीनत ओर शान नीचे आ गए ।
लेकिन ज़ीनत का दिल ओर दिमाग वहीं था कि वो शक्स कोन था..?
शान को नाश्ता दिया तभी किसीने आकर दरवाज़े पर दस्तक दी ।
ज़ीनत ने कहा! इस वक़्त कोन हो सकता है ?
शान- " रुको में देखता हूं ।
ज़ीनत -
"नहीं आप नाश्ता करो में देखती हूं कोन है.?
दरवाज़ा खोलते ही ज़ीनत के पड़ोसी आए ओर बोले ।
शान कहा है उसे बुलाओ शान आया ओर पड़ोसी ने कहा !
"शान तेरे दोस्त आदिल का कत्ल हो गया है !
सामने वाली खाली ज़मीन पड़ी है वहा किसी ने उसे सर के भल दफन किया है ।"
ये सुनते ही ज़ीनत के पैरो तले से जमीन खिसक गई !ओर वो सारा माजरा समझ गई ।
ज़ीनत को समझ आ गया कि आदिल मुझे सच बताना चाहता था इस लिए जिन्नात ने उसे मार दिया ।
अब ज़ीनत ओर भी ज़्यादा घबरा गई !ओर जा कर अम्मी के रूम में बैठ गई ।
आंखो से उसके आंसू निकल रहे थे ,क्यू की अब उसे शान की ओर ज़्यादा फिक्र होने लगी थी ।
शान के बारे में सोच कर उसका दिल बैठा जा रहा था ! क्यो ओर कैसे पता करे कि शान कहा है ? किस हाल में है ?
शान अपने पड़ोसी के साथ आदिल की लाश देखने चला गया ताकि ज़ीनत को ऐसा लगे जैसे उसे आदिल का सुन कर दुख हुआ है ।
अम्मी ने ज़ीनत को रोता देखा और बोली
"ज़ीनत क्यू रो रही हो ?"
ज़ीनत अम्मी से लिपट कर फुट फुट कर रोने लगी ,और बोली!
" अम्मी शान... शान नहीं है वो एक जिन है ।"
वो कब से शान की शक्ल में हमारे साथ रेह रहा है ! शान कहा है किस हाल में है में नहीं जानती ।"
ज़ीनत की सारी बाते सुन के बाद अम्मी ने कहा !
" तू फिक्र ना कर शान ठीक है ।
वो मुंबई में जॉब कर रहा है ज़ीनत !
"अम्मी आपको ये सब पता था अपने मुझे क्यू नही बताया..?
अम्मी बेटा उस जिन को पता चल गया था कि में शान के बारे में जान चुकी हूं उसने मुझे इतना डरा दिया था कि
में कुछ नहीं बोल पाई ! उसने कहा !
शान कि ज़िंदा देखना चाहती हो तो अपना मुंह मत खोलना ।
तभी से में बुत बनकर पड़ी हुई हूं !
"अम्मी अब में क्या करू ? इसे कैसे बचा जा सकता है ?

क्रमश: